पोषण संबंधी कमियां: लंबे समय तक फास्टिंग के चलते शरीर में विटामिन और अन्य पोषक तत्वों की कमी होने का जोखिम बना रहता है। इसलिए डाइट प्लान बनाने की सलाह दी जाती है।
ज्यादा खाने का रिस्क: इफ्तार के समय तेज भूख होने के चलते ज्यादा खाने का रिस्क बना रहता है। जिससे शुगर में अचानक बदलाव होने लगता है इसलिए संयम से रोजा खोलने की सलाह दी जाती है।
दवा पर प्रभाव: शुगर के मरीजों को निश्चित समय पर दवा लेना होता है, पर रोजा रखने के दौरान इस पर असर पड़ता है। इसलिए डॉक्टर से सलाह लेकर शेड्यूल बनाना चाहिए।