Last updated on नवम्बर 10th, 2023
योग एक प्राचीन तरीका है जो युवाओं सहित सभी पीढ़ियों के बीच लोकप्रियता हासिल कर रही है साथ ही विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। उनमें से एक है डायबिटीज जैसी समस्या है योग डायबिटीज से छुटकारा पाने यानी रिवर्स करने के लिए काफी फायदेमंद है और इसका पॉजिटिव रिजल्ट भी मिल रहा है।
डायबिटीज के लिए योग अगर सही तरीके से किया जाए, तो आपके ब्लड शुगर के लेवल को नैचुरल तरीके से कम करने में मददगार साबित हो सकता है। यह फिजिकल, इमोशनल और मेंटल हेल्थ को बढ़ावा देने के लिए सभी हेल्थ पैरामीटर को बेहतर बनाने में मदद करता है।
डायबिटीज के लिए योग संभावित जटिल समस्याओं के खतरे को कम करने में भी मदद करता है। स्थिति के शुरुआती लेवल में डायबिटीज के लिए योग, शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है और आपकी दूसरी हेल्थ प्रॉब्लम से भी लड़ने में मदद करता है।
डायबिटीज से पीड़ित कई लोग अब अपने ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए योग की ओर रुख कर रहे हैं। लेकिन क्यों?
खैर जब ब्लड शुगर और Hba1c के लेवल को मैनेज करने की बात आती है, तो योग करने से असाधारण परिणाम मिलता है। यहां एक अध्ययन के द्वारा इस बात का प्रूफ भी दिया गया है :
“इंडियन जर्नल ऑफ एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म द्वारा किए गए एक एंडोक्रिनोलॉजी कंट्रोल टेस्ट से पता चला है कि 12 सप्ताह तक नियमित योग अभ्यास से टाइप 2 डायबिटीज वाले व्यक्तियों में Hba1c लेवल (लंबे समय तक ब्लड शुगर कंट्रोल को मापने का तरीका) में औसतन 0.5% की कमी आई है। ”
यह अध्ययन दर्शाता है कि डायबिटीज के लिए योग कैसे ब्लड शुगर के लेवल को प्रभावी ढंग से मैनेज कर सकता है और ग्लाइसेमिक कंट्रोल में सुधार कर सकता है।
अपने डेली डाइट में आसान योगाभ्यास को शामिल करना डायबिटीज से निपटने का एक बेहतरीन तरीका है। आपको अपने स्वास्थ्य पर योग से बेस्ट परिणाम पाने के लिए निरंतरता और नियमितता बनाए रखनी चाहिए।
योग: शारीरिक रूप से सक्रिय रहने का एक बेहतर तरीका
डायबिटीज से स्वस्थ रहने के लिए शारीरिक गतिविधियां महत्वपूर्ण हैं। खुद को शारीरिक रूप से सक्रिय रखने के लिए नियमित एक्सरसाइज करें। यदि आप ऐसे एक्सरसाइज के विकल्प की तलाश में हैं, जो आपके जोड़ों के लिए लाभकारी हो, तो योग सबसे अच्छा विकल्प है। साथ ही यह एरोबिक्स की तरह आपकी मांसपेशियों में दर्द नहीं होने देता। इसके बजाय यह आपको आराम भी देता है (कुछ ऐसी चीज जिसकी आपको डायबिटीज में सबसे अधिक आवश्यकता होती है)।
शुगर के मरीजों के लिए योग में सांस लेने की तकनीक के साथ शरीर की गतिविधियों का समन्वय शामिल है। परिणामस्वरूप यह आपकी नसों को आराम देता है और कोशिकाओं के भीतर रासायनिक बदलाव करता है। यह आपके ब्लड शुगर को संतुलित करने के लिए आपके आंतरिक अंगों को सक्रिय (एक्टिव) करता है।
आप ब्रीथ वेल-बीइंग के साथ, डायबिटीज के लिए योग करने के लिए क्या करें और क्या न करें के बारे में अधिक जान सकते हैं। हमारे योग एक्सपर्ट और हेल्थ कोच एक जरूरी योग स्ट्रेटजी बनाएंगे जो आपके शरीर के लिए बेहतर काम करेगी और आपकी डायबिटीज संबंधी सभी चिंताओं को दूर करके समाधान भी देगी।
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डायबिटीज में योग चिकित्सा की भूमिका
जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड डायग्नोस्टिक रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि डायबिटीज के लिए नियमित योग करने से टाइप 2 डायबिटीज वाले व्यक्तियों में ग्लाइसेमिक कंट्रोल में काफी सुधार हो सकता है।
इस अध्ययन में टाइप 2 डायबिटीज वाले 100 प्रतिभागियों को शामिल किया गया जिन्होंने 3 महीने तक योग का अभ्यास किया। अध्ययन के अंत में प्रतिभागियों ने अपने फास्टिंग ब्लड शुगर के लेवल में 30 मिलीग्राम/डीएल (औसत) की जबरदस्त कमी देखी।
यह साक्ष्य इंगित करता है कि डायबिटीज के लिए योग, कुछ मामलों में डायबिटीज को मैनेज करने और यहां तक कि संभावित रूप से रिवर्स यानी छुटकारा पाने के लिए एक प्रभावी बेहतरीन थेरेपी हो सकता है।
(स्रोत: रवीन्द्रन, ए.वी., देशपांडे, ए., और जोशी, एस.आर. [2018]। टाइप 2 डायबिटीज में योग चिकित्सा की भूमिका। जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड डायग्नोस्टिक रिसर्च, 12(4), सीसी01-सीसी04।)
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टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को 3 गुना बढ़ाने वाले प्रमुख कारक हैं:
- अनहेल्दी डाइट पैटर्न
- शारीरिक एक्सरसाइज का अभाव
- मनोवैज्ञानिक तनाव
ये कारक हृदय-धमनी रोग (Coronary heart disease) और डायबिटीज के जोखिम या गंभीरता का भी खतरा पैदा करते हैं। इसलिए बेहतर हेल्थ मैनेजमेंट के लिए दवाओं का संतुलन (यदि आवश्यक हो), शारीरिक एक्सरसाइज और डायबिटीज डाइट प्लान होना आवश्यक है। योग गतिविधियों का एक समूह है, जो आपके तनाव और भावनाओं को कंट्रोल करने में मदद करता है और शरीर को बेस्ट शेप में लाने यानी फिट रखने में मदद करता है।
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डायबिटीज(Blood Sugar) कंट्रोल करने के लिए योग के लाभ
डायबिटीज के लिए योग एक्सरसाइज शुरू करना उन लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जो शारीरिक रूप से बिल्कुल भी एक्टिव नहीं होते हैं। हालांकि यह स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और ताकत बनाने का एक आसान और बेहतरीन तरीका है। यह आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मदद करता है:
- अपने तनाव के लेवल को कम रखें: तनाव उन कारकों में से एक है जो ब्लड शुगर के लेवल में असंतुलन का कारण बनता है। तनाव के परिणामस्वरूप हाइपर टेंशन, हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है और इंसुलिन प्रतिरोध होता है। योग का अभ्यास चिकित्सीय प्रभाव डालता है और स्ट्रेस यानी तनाव के लेवल को प्रभावी ढंग से कम करता है। जिससे डायबिटीज को कंट्रोल करने में काफी मदद मिलती है।
- आपके हार्ट के स्वास्थ्य की रक्षा करना: योग हृदय संबंधी समस्याओं जैसे कोलेस्ट्रॉल लेवल, बॉडी मास इंडेक्स और ब्लड प्रेशर के जोखिम के कारक को कम करने में मदद करता है। नियमित रूप से योग करने से हृदय संबंधी समस्याओं के लिए जिम्मेदार रक्त वाहिकाओं में होने वाले बदलावों में कमी आती है। यही कारण है कि योग से डायबिटीज से जुड़े हृदय से जुड़ी बीमारियों का खतरा एकदम कम सा हो जाता है।
- डायबिटीज न्यूरोपैथी के जोखिम को रोकना: न्यूरोपैथी एक या अधिक तंत्रिकाओं को होने वाली क्षति है। यह डायबिटीज की सबसे आम जटिल समस्याओं में से एक है। इसकी शुरुआत हाथों और पैरों में झुनझुनी से होती है और इसके परिणामस्वरूप आंतरिक अंगों की कार्यप्रणाली में बदलाव आ सकता है। डायबिटीज के लिए प्रतिदिन लगभग 20-30 मिनट तक योग का अभ्यास करने से तंत्रिका संचालन में सुधार होता है। यह मेटाबॉलिज्म और हार्मोन को बढ़ावा देता है, और ग्लूकोज के लेवल को कंट्रोल करता है।
- ताकत और संतुलन बढ़ाना: कई योग के आसन आपके शरीर की ताकत, संतुलन और लचीलेपन में सुधार करते हैं। शरीर की ताकत और संतुलन लीवर के फैट को कम करता है। यह मोटापे और डायबिटीज टाइप-2 वाले लोगों में ब्लड शुगर के लेवल में भी सुधार करता है।
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सारांश
डायबिटीज से पीड़ित लोगों में कई स्वास्थ्य जटिलता समस्याएं होने का खतरा होता है। इसलिए, डायबिटीज के मरीजों को अपने ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल में रखने की आवश्यकता होती है। दवाओं और इंसुलिन थेरेपी के अलावा, योग आपके ब्लड शुगर के लेवल को नॉर्मल बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका है। योग आपके तनाव के लेवल को भी कम रखता है, हृदय संबंधी बीमारियों से बचाता है, डायबिटीज न्यूरोपैथी को रोकता है, और ओवरऑल हेल्थ को बढ़ावा देने के लिए शक्ति और संतुलन को बढ़ाता है।
डायबिटीज (शुगर) के लिए विभिन्न योग आसनों का तुलनात्मक चार्ट (Sugar ke Liye Yoga)
उर्ध्व मुख संवासनशरीर की मुद्रा (Posture) में सुधार करता है, पेट के अंगों को उत्तेजित करता है, मोटापे को कंट्रोल करता है और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है।मध्यम1-3 मिनटयदि आपकी कलाई में मोच, कंधे या पीठ में चोट है, तो इस आसन को करने से बचने पर विचार करें।उर्ध्व मुख संवासनशरीर की मुद्रा (Posture) में सुधार करता है, पेट के अंगों को उत्तेजित करता है, मोटापे को कंट्रोल करता है और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है।मध्यम1-3 मिनटयदि आपकी कलाई में मोच, कंधे या पीठ में चोट है, तो इस आसन को करने से बचने पर विचार करें।उर्ध्व मुख संवासनशरीर की मुद्रा (Posture) में सुधार करता है, पेट के अंगों को उत्तेजित करता है, मोटापे को कंट्रोल करता है और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है।मध्यम1-3 मिनटयदि आपकी कलाई में मोच, कंधे या पीठ में चोट है, तो इस आसन को करने से बचने पर विचार करें।उर्ध्व मुख संवासनशरीर की मुद्रा (Posture) में सुधार करता है, पेट के अंगों को उत्तेजित करता है, मोटापे को कंट्रोल करता है और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है।मध्यम1-3 मिनटयदि आपकी कलाई में मोच, कंधे या पीठ में चोट है, तो इस आसन को करने से बचने पर विचार करें।उर्ध्व मुख संवासनशरीर की मुद्रा (Posture) में सुधार करता है, पेट के अंगों को उत्तेजित करता है, मोटापे को कंट्रोल करता है और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है।मध्यम1-3 मिनटयदि आपकी कलाई में मोच, कंधे या पीठ में चोट है, तो इस आसन को करने से बचने पर विचार करें।
आसन | फायदे | कठिनाई | अवधि | बचाव |
---|---|---|---|---|
सूर्य नमस्कार | ब्लड सर्कुलेशन में सुधार, तनाव कम करने और ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। | आसान | 5-10 मिनट | कुछ नहीं |
त्रिकोणासन | फ्लेक्सिबिलिटी में सुधार करता है, रीढ़ को मजबूत करता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करने में मदद करता है। | मध्यमयदि | 3-5 मिनट | आपको गर्दन या कंधे की कोई समस्या है, तो सावधानी बरतें और इसे ज्यादा न करें। |
ताड़ासन | शरीर की मुद्रा (Posture) में सुधार करता है, पैरों को मजबूत बनाता है और ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। | आसान | 1-2 मिनट | यदि आपको घुटने या टखने में कोई समस्या है, तो सावधानी बरतें और अपने पैरों पर बहुत अधिक वजन न डालें। |
सर्वांगासन | तनाव दूर करने में मदद करता है, थायरॉइड और पेट की ग्रंथियों को उत्तेजित करता है और अनिद्रा से राहत देता है। | कठिन | 1-2 मिनट | पिरियड्स, प्रेग्नेंसी, कंधे या गर्दन की चोट के मामले में इससे बचें। शुरुआत में कंबल या अन्य सहारे का उपयोग करें। |
उर्ध्व मुख संवासन | शरीर की मुद्रा (Posture) में सुधार करता है, पेट के अंगों को उत्तेजित करता है, मोटापे को कंट्रोल करता है और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। | मध्यम | 1-3 मिनट | यदि आपकी कलाई में मोच, कंधे या पीठ में चोट है, तो इस आसन को करने से बचने पर विचार करें। |
सुप्त मत्स्येन्द्रासन |
पाचन अंगों में रक्त के प्रवाह में सुधार करता है, ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। पीठ और कूल्हे के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। | आसान | 3-5 मिनट | (दोनों तरफ)इस आसन को करते समय दर्द नहीं होना चाहिए। यदि आपको ऐसा लगता है तो धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में लौटें। |
पश्चिमोत्तानासन | लचीलेपन में सुधार करता है, हैमस्ट्रिंग को स्ट्रेच करता है और इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में मदद करता है। | कठिन | 1-2 मिनट | यदि आपको पीठ या हैमस्ट्रिंग की कोई समस्या है, तो सावधानी बरतें और अधिक खिंचाव न करें। |
अर्ध मत्स्येन्द्रासन | पाचन में सुधार के साथ-साथ तनाव कम करता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करने में मदद करता है। | कठिन | 1-2 मिनट | यदि आपको गर्दन या पीठ की कोई समस्या है, तो सावधानी बरतें और अधिक नहीं मुड़ें। |
उत्तानासन | तनाव कम करता है, ब्लड शुगर को स्टेबल करने के लिए पाचन को बढ़ावा देता है और वजन मैनेज करने में सहायता करता है। | आसान | 2-3 मिनट | यदि आपको पीठ के निचले हिस्से में समस्या है, मोतियाबिंद है, या हाल ही में दांत की हड्डी का ग्राफ्ट हुआ है तो इसको करने से बचें। |
भुजंगासन | रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है, लचीलेपन में सुधार करता है और ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद करता है। | आसान | 3-5 मिनट | यदि आपको गर्दन या पीठ की कोई समस्या है, तो इसे करने से सावधानी बरतें और अपनी पीठ को अधिक न मोड़ें। |
वज्रासन | एकाग्रता, फोकस और याददाश्त में सुधार होता है। | आसान | 1-2 मिनट | यदि आपको घुटने या टखने में कोई समस्या है, तो सावधानी बरतें और बहुत गहराई तक न बैठें। |
धनुरासन | लचीलेपन में सुधार करता है, पीठ को मजबूत बनाता है और ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद करता है। | कठिन | 1-2 मिनट | यदि आपको पीठ या कंधे की कोई समस्या है, तो इसे करने से सावधानी बरतें और अपनी पीठ को अधिक न मोड़ें। |
शवासन | मन और शरीर को आराम देता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करने में मदद करता है। | आसान | 5-10 मिनट | कुछ नहीं |
बालासन | तनाव को कम करने में मदद करता है, पाचन में सहायता करता है और ग्लाइसेमिक कंट्रोल में सुधार करने में मदद करता है। | मध्यम | 2-5 मिनट | यदि आपके घुटने या कंधे में चोट है तो इससे बचें। |
विपरीत करणी | अग्न्याशय को उत्तेजित करता है और रक्त परिसंचरण में सुधार करता है। रक्तचाप और शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। | आसान | 5-10 मिनट | यदि आपको पीरियड है, प्रेग्नेंट हैं या ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं तो इसे करने से बचें। |
मंडूकासन | इंसुलिन रिलीज, पाचन और अन्य ग्रंथियों के कार्य को बेहतर बनाने के लिए अग्न्याशय को स्ट्रेच करने में मदद करता है। | मध्यम | 1-2 मिनट | गंभीर पीठ दर्द, गर्भावस्था, टखने की चोट या माइग्रेन के मामले में इससे बचें। इसे खाली पेट न करें |
चक्रासन | आराम प्रदान करता है, तनाव कम करने में मदद करता है, इंसुलिन रिलीज को बढ़ावा देता है, और किडनी और लीवर के स्वास्थ्य में सुधार करता है। | कठिन | 1-3 मिनट | पूर्णगर्भावस्था, हृदय संबंधी समस्याओं, सिरदर्द, दस्त, कार्पल टनल और हर्निया के दौरान चक्रासन करने से बचें। |
हलासन | पेट की चर्बी कम करने में मदद करता है, मधुमेह की जटिल समस्याओं को रोकता है, इंसुलिन स्राव को बढ़ावा देता है और मधुमेह टाइप-2 के खतरे को कम करता है। | कठिन | 1-2 मिनट | पेट की चोट/हर्निया, गर्दन की चोट, हाई बल्ड प्रेशर, प्रेग्नेंसी या पीरियड के मामले में इसे करने से बचें। |
पश्चिमोत्तानासन | ब्लड प्रेशर, फैट, सिरदर्द और एंजाइटी को कम करने में मदद करता है। पेट और पेल्विक अंगों को टोन करता है। | कठिन | 1-3 मिनट | पीठ, बांह, टखने या कूल्हे की चोट या प्रेग्नेंसी के मामलों में इसे करने से बचें। |
सुप्त बद्ध कोणासन | ब्लड शुगर पर कंट्रोल को बढ़ावा देता है, तंत्रिका तंत्र को शांत करता है। किडनी और हृदय जैसे अंगों को उत्तेजित करता है। | मध्यम | 2-5 मिनट | घुटने की चोट, कमर की चोट, या पीठ के निचले हिस्से और/या कूल्हे में किसी भी दर्द के मामले में इसे करने से बचें। |
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चित्रों के साथ डायबिटीज के लिए सरल योग आसन के बारे में जानें
नियमित रूप से योग का अभ्यास डायबिटीज के कारण होने वाली जटिल समस्याओं के सभी जोखिम को कम करने में मदद करता है। आप ब्लड सर्कुलेशन, अपने डायबिटीज के हेल्थ में सुधार और अपने जीवन की सभी गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सरल योग आसन सीख सकते हैं। यह आपके जीवन में एक महत्वपूर्ण बदलाव भी लाता है। डायबिटीज के लिए सबसे बेस्ट योग आसन हैं:
डायबिटीज के लिए योग आसन: धनुरासन (धनुष मुद्रा)
डायबिटीज के लिए इस प्रकार का योग ओवरऑल हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करता है। धनुरासन से लाभ मिलते हैं:
- इंसुलिन उत्पादन में सुधार के लिए अग्न्याशय को मजबूत और कंट्रोल करता है।
- पाचन को बढ़ावा देने और पेट की ऐंठन को रोकने के लिए पेट की मांसपेशियों को लक्षित करता है।
- अग्न्याशय सहित विभिन्न अंगों के पूरे आगे के भाग को फैलाता है।
- व्यापक योग दिनचर्या और संतुलित डाइट के साथ नियमित रूप से धनुरासन का अभ्यास करने से वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
धनुरासन करने के स्टेप्स:
- अपने पेट के बल लेट जाएं और अपने पैरों को थोड़ा अलग रखें। अपनी भुजाओं को अपने शरीर के किनारों पर रखें।
- अपने घुटनों को मोड़ें और अपने टखने को पकड़ें।
- गहरी सांस लेते हुए अपनी छाती को जमीन से ऊपर उठाएं। इसके साथ ही अपने पैरों को ऊपर और पीछे खींचें। अपनी बाहों और जांघों पर खिंचाव महसूस करें।
- अपने चेहरे पर मुस्कान के साथ सीधे सामने देखें। कम से कम 15 सेकंड के लिए इस मुद्रा में बने रहें।
- जैसे ही आप सांस छोड़ें, धीरे-धीरे अपनी छाती को जमीन पर लाएं। अपने पैरों को जमीन की ओर लाने के लिए अपने टखने को छोड़ दें।
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डायबिटीज के लिए योग आसन: बालासन (बाल मुद्रा)
बालासन योग मुद्रा में हैमस्ट्रिंग, रोटेटर मांसपेशियां और स्पाइनल एक्सटेंसर शामिल होते हैं। बालासन से लाभ मिलते हैं:
- तनाव और थकान दूर करने में मदद करता है।
- पीठ और गर्दन की ताकत में सुधार करता है।
- विश्राम मिलता है, जो इंसुलिन-उत्पादक बीटा सेल उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है।
बालासन करने के स्टेप्स:
- घुटने टेकने की स्थिति में बैठें और सुनिश्चित करें कि आपके घुटने आपके कूल्हों के बराबर चौड़ाई में फैले हों।
- थोड़ा पीछे की ओर जाएं और अपनी एड़ियों को अपने कूल्हों से छूने की कोशिश करें।
- अपने माथे से जमीन को छूने के लिए आगे की ओर झुकें।
- अपनी बाहों को आगे की ओर फैलाएं और अपनी पीठ पर दबाव महसूस करें।
- लगभग 5 मिनट तक इसी मुद्रा में रहें। अब आराम करें और अपने आप को वापस बैठने की स्थिति में उठा लें।
डायबिटीज के लिए योग आसन: भुजंगासन (कोबरा मुद्रा)
भुजंगासन योग मुद्रा में आपकी स्पाइनल एक्सटेंसर, ट्राइसेप्स ब्राची और क्वाड्रिसेप्स मांसपेशियां एक साथ काम करती हैं। भुजंगासन से लाभ मिलते हैं:
- मांसपेशियों में अधिकतम गति पैदा करके लचीलापन बढ़ाता है।
- अग्न्याशय तक रक्त परिसंचरण में सुधार के लिए सीने के आसपास के एरिया को लाभ पहुंचाता है।
- ब्लड शुगर के लेवल को कम करने के लिए तनाव कम करता है और रिलैक्स करता है।
- पाचन में सुधार करता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है।
भुजंगासन करने के स्टेप्स:
- अपने पेट के बल लेट जाएं और अपने पैरों को सीधा रखें।
- अपने आगे के हाथ को फर्श पर सीधा रखें। अपने हाथों को आखिरी पसलियों के पास फर्श पर ले जाएं।
- अपने शरीर को ऊपर उठाने के लिए अपने बाहों को दबाएं।
- अपने शरीर को अपने पैरों पर न रखें। इसके बजाय अपने पैरों पर दबाव बनाएं और अपने कूल्हे की मांसपेशियों को मजबूत करें।
- सीधे या थोड़ा ऊपर की ओर देखें। सामान्य रूप से सांस लें, बैठने और आराम करने से पहले इस स्थिति में कम से कम 15 सेकंड तक रहें।
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डायबिटीज के लिए योग आसन: शवासन (शव मुद्रा)
शवासन रेस्ट यानी पूरे तरीक से विश्राम करने की मुद्रा है। आसानी के साथ-साथ शवासन करने के कुछ और लाभ भी मिलते हैं:
- आपके शरीर को ठंडा होने और ध्यान की अवस्था में प्रवेश करने की अनुमति देता है।
- शवासन मुद्रा न केवल आपके शरीर को आराम देती है बल्कि आपके दिमाग को भी शांत करती है।
- आपके मस्तिष्क को कसरत की प्रक्रिया करने और उसके लाभ प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
करने का तरीका:
- अपनी पीठ के बल सीधे लेट जाएं और अपनी आंखें बंद कर लें
- अपने मन और शरीर को आराम दें। अपने आस-पास हल्का महसूस करने के लिए अपना समय लें।
- कुछ मत सोचें, तनाव छोड़ें और पूरी तरह आराम करें।
- अपनी सांस रोके बिना सामान्य रूप से सांस लें।
- इस स्थिति में 15-20 मिनट तक रहें।
- अब खड़े हो जाएं और अपने तनाव मुक्त शरीर को महसूस करें।
डायबिटीज के लिए योग आसन: विपरीत करणी (दीवार के सहारे पैर ऊपर)
विपरीत करणी सामान्य स्वास्थ्य और डायबिटीज मैनेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विपरीत करणी से लाभ भी मिलते हैं:
- अग्न्याशय जैसे आपके आंतरिक अंगों को एक्टिव रखता है।
- रक्त परिसंचरण और ऊर्जा के स्तर में सुधार करके आपके शरीर को आराम देता है।
- ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने और ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद करता है।
विपरीत करणी करने के स्टेप्स:
- दीवार के किनारे लेट जाएं। सहारे के लिए अपने सिर के नीचे एक मुड़े हुए तौलिये का इस्तेमाल करें।
- दीवार से 90 डिग्री का कोण बनाते हुए अपने पैरों को दीवार से ऊपर रखें।
- अपने सिर, गर्दन, ठुड्डी और गले को आराम दें।
- अपनी भुजाओं को अपने शरीर के पास रखते हुए फैलाएं।
- इस मुद्रा में 5-10 मिनट या उससे अधिक समय तक रहें। बाद में अपने पैरों को धीरे-धीरे जमीन की ओर सरकाएं।
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डायबिटीज के लिए योग आसन: ताड़ासन (पर्वत मुद्रा)
ताड़ासन योग करने में सरल होता है लेकिन आपके शरीर और दिमाग को बदलने के लिए सही तकनीक की आवश्यकता होती है। ताड़ासन से कुछ इस तरह के लाभ मिलते हैं:
- एकाग्रता में सुधार लाने में मदद करता है.
- आपके घुटनों की ताकत को बढ़ाता है और आपकी रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बढ़ावा देता है।
- ताड़ासन योग शरीर के भीतर अधिक जगह बनाता है और आंतरिक अंगों को कुशलता से काम करने में मदद करता है।
- रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद करता है और ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ावा देता है।
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डायबिटीज के लिए योग आसन: मंडूकासन (मेंढक मुद्रा)
डायबिटीज के लिए मंडूकासन का अभ्यास करने के कई कारण हैं। मंडूकासन से कुछ इस प्रकार के लाभ मिलते हैं:
- इंसुलिन को रिलीज करने में बढ़ावा देने के लिए अग्न्याशय को स्ट्रेच करने में मदद करता है।
- बेहतर पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
- अन्य ग्रंथियों के कार्य में सुधार लाता है।
मंडूकासन करने के स्टेप्स:
- अपने घुटनों को पीछे की ओर मोड़ें और घुटनों के बल जमीन पर बैठ जाएं।
- मुट्ठी बांधें और अपना हाथ अपने पेट पर रखें। अपनी मुट्ठी इस प्रकार रखें कि आपकी मुट्ठियों का जोड़ नाभि पर आ जाए।
- अपनी मुट्ठी मजबूती से रखें और अपने पेट को दबाएं।
- इस स्थिति में आगे की ओर झुकें और अपने माथे से जमीन को छूने का प्रयास करें।
- इस स्थिति में 15-20 सेकंड तक रहें, फिर सांस छोड़ें और आराम करें।
नोट: यदि आपको पीठ दर्द, टखने की चोट, हाइपर टेंशन, माइग्रेन या अनिद्रा है तो आपको इस आसन से बचना चाहिए।
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डायबिटीज के लिए योग आसन: चक्रासन (व्हील पोज़)
यह डायबिटीज के लिए एक और प्रभावी योग आसन है। इस मुद्रा में आपको पीछे की ओर झुकना है और अपनी हथेली से जमीन को छूना है। चक्रासन के से लाभ मिलते हैं:
- पूर्ण आराम के लिए आपकी रीढ़ की हड्डी को फैलने में मदद करता है।
- तनाव को कम करने और आपके दिमाग को शांत करने में मदद करता है।
- अग्न्याशय को मजबूत करता है और ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन रिलीज को बढ़ावा देता है।
- किडनी और लीवर के स्वास्थ्य में सुधार करता है।
चक्रासन करने के स्टेप्स:
- अपनी पीठ के बल लेट जाएं, अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को अपने कूल्हों के पास लाएं।
- अपनी हथेली को अपने कंधे के नीचे इस तरह लाएं कि आपकी उंगलियां आपके कंधों की ओर रहें। अपनी कोहनियों को कंधे की चौड़ाई से अलग रखें।
- अपनी हथेली को जमीन पर मजबूती से दबाएं और अपने कंधों, कोहनियों और कूल्हों को ऊपर उठाते हुए सांस लें।
- अपनी बाहों और पैरों को सीधा करें ताकि आपके कूल्हों और कंधों को ऊपर की ओर दबाव महसूस हो।
- कुछ सेकंड के लिए इस मुद्रा में रहें, फिर अपने सिर को नीचे लाने के लिए पहले अपनी कोहनियों और कंधों को मोड़ें। उसके बाद अपने घुटनों को मोड़कर अपने कूल्हों और रीढ़ को जमीन पर टिका दें।
डायबिटीज के लिए योग आसन: हलासन (हल मुद्रा)
डायबिटीज से पीड़ित लोग जिनकी लाइफस्टाइल ठीक नहीं होती है, उन्हें डायबिटीज के लिए इस प्रकार के योग का अभ्यास करना चाहिए। हलासन के कुछ लाभ नीचे दिए गए हैं:
- डायबिटीज से होने वाले प्रतिकूल प्रभावों को कंट्रोल करने में मदद करता है।
- पेट की चर्बी कम करने में मदद के लिए पेट के एरिया को लाभ पहुंचाता है।
- इंसुलिन के स्राव को बढ़ावा देता है।
- ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है।
- डायबिटीज टाइप-2 के जोखिम को कम करता है।
हलासन करने के स्टेप्स:
- जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं। अपने हाथों को अपने शरीर के किनारों पर सीधा रखें, हथेलियां जमीन की ओर हों।
- धीरे-धीरे सांस लें और अपने पैरों को 90 डिग्री तक उठाएं।
- धीरे-धीरे सांस छोड़ें और पैरों को सीधा रखें। धीरे-धीरे अपने पैरों को ऊपर से सिर के पीछे तक ले जाएं। अपने पैरों के पंजों से जमीन को छूने की कोशिश करें।
- आप अपने पैर की उंगलियों से जमीन को छूने के लिए अपनी कमर को ऊपर की ओर धकेलने के लिए अपने हाथ का सहारा ले सकते हैं।
- अब अपने हाथों को जमीन पर सीधा रखें। कुछ देर इसी मुद्रा में रहें और प्रारंभिक स्थिति में लौटते हुए अपनी सांसों को सामान्य कर लें।
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डायबिटीज के लिए योग आसन: अर्ध मत्स्येन्द्रासन (हाफ लॉर्ड ऑफ द फिश पोज)
अर्ध मत्स्येन्द्रासन का अभ्यास करने से कई लाभ मिलते हैं, जैसे:
- आंतरिक अंगों की कार्यप्रणाली में सुधार लाता है।
- लीवर और अग्न्याशय के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
- इसमें अर्ध-रीढ़ की हड्डी में मोड़ शामिल है, जो ऊर्जा के लेवल को बेहतर बनाने में मदद करता है और इंसुलिन के रिलीज को बढ़ावा देता है।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन करने के स्टेप्स:
- अपने पैरों को सामने की ओर फैलाकर जमीन पर बैठ जाएं।
- अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को जमीन पर रखें। फिर अपने बाएं पैर को दाहिने पैर के नीचे सरकाएं।
- अपने दाहिने पैर को बाएं पैर के ऊपर रखें और उसे फर्श पर खड़ा कर लें।
- अब अपने दाहिने हाथ को फर्श पर और अपने कूल्हों के पीछे रखें। अपने हाथ को अपने दाहिने घुटने के बाईं ओर रखें। दाहिने घुटने को छत यानी ऊपर की ओर रखें।
- इस मुद्रा में करीब आधे मिनट तक बैठें और फिर आराम करें।
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डायबिटीज के लिए योग आसन: पश्चिमोत्तानासन (बैठकर आगे की ओर झुकना)
डायबिटीज के लिए पश्चिमोत्तानासन एक चिकित्सीय फॉरवर्ड बेंड योग मुद्रा है जिसके कई फायदे हैं। पश्चिमोत्तानासन से कुछ इस तरह के लाभ मिलते हैं:
- लोअर ब्लड प्रेशर।
- शरीर से अतिरिक्त चर्बी हटाना।
- सिरदर्द, चिंता और थकान कम करना।
- दिमाग को आराम, तनाव और मामूली डिप्रेशन से राहत दिलाना।
- पेट और पेल्विक अंगों को टोन करना।
पश्चिमोत्तानासन करने के स्टेप्स:
- फर्श पर बैठ जाएं और अपने पैरों को अपने सामने सीधा फैला लें।
- सांस लें, दोनों हाथों को अपने सिर के ऊपर उठाएं और ऊपर की ओर तानें।
- सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और पंजों को अपने हाथों से पकड़ें।
- आपका माथा मुड़ी हुई स्थिति में घुटने के जोड़ को छूना चाहिए। अपनी आंखें बंद करें और सांस लें (2-3 बार करें)।
- अपने सिर को ऊपर उठाते हुए और हाथों को छोड़ते हुए सांस लें।
- सांस छोड़ें और बांहों को नीचे कर लें।
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डायबिटीज के लिए योग आसन: सुप्त बद्ध कोणासन (रिक्लाइनिंग बाउंड एंगल पोज़)
यह क्लासिक रीस्टोरेटिव योग है। सुप्त बद्ध कोणासन से कई लाभ मिलते हैं:
- स्ट्रेस का लेवल कम होता है।
- ब्लड शुगर और बल्ड प्रेशर के लेवल को कंट्रोल करता है।
- तंत्रिका तंत्र को शांत करता है।
- पेट के अंगों, किडनी और हृदय को उत्तेजित करता है।
सुप्त बद्ध कोणासन करने के स्टेप्स:
- अपने पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठें।
- अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को अपने धड़ के करीब खींचें, अपने पैरों के तलवों को एक साथ लाएं।
- जमीन पर झुकने के लिए अपनी कोहनियों को अपने पीछे फर्श पर रखें।
- अपनी भुजाओं को बगल की ओर फैलाएं और प्राकृतिक रूप से सांस लें (2 मिनट के लिए करें)।
- अपने शरीर को ऊपर उठाने के लिए अपनी कोहनियों का प्रयोग करें।
- अपने पैरों को सीधा करें और आराम करें।
डायबिटीज के लिए योग आसन: सर्वांगासन (सपोर्टेड शोल्डर स्टैंड)
यह एक उल्टा योग मुद्रा है। सर्वांगासन से मिलने वाले लाभों में शामिल हैं:
- मस्तिष्क को शांत करना और तनाव दूर करना।
- थायरॉयड और पेट की ग्रंथियों को उत्तेजित करना।
- थकान कम करना और अनिद्रा को दूर करना।
- परिसंचरण में सुधार करना।
सर्वांगासन करने के स्टेप्स:
- चित्त स्थिति में लेट जाएं।
- सांस छोड़ें और दोनों पैरों को ऊपर की दिशा में उठाएं।
- अपने पैरों को धीरे-धीरे अपने सिर की ओर मोड़ें। सपोर्ट के लिए अपने हाथों को पीठ के निचले हिस्से तक ले जाएं।
- सांस लें और पंजों को छत की ओर रखें, फिर रिलैक्स करें।
- अपने पैरों को वापस जमीन पर लाकर उसी मुद्रा में छोड़ दें।
डायबिटीज के लिए योग आसन: उर्ध्व मुख संवासन (अपवर्ड-फेसिंग डॉग)
इस शक्तिशाली पीठ-झुकने वाले आसन के लिए अत्यधिक मांसपेशियों की ताकत की आवश्यकता होती है और यह सूर्य नमस्कार का एक हिस्सा है। उर्ध्व मुख संवासन की प्रैक्टिंस करने से कई लाभ मिलते हैं:
- शरीर की मुद्रा में सुधार और पेट के अंगों को उत्तेजित करता है।
- थकान, साइटिका और मामूल डिप्रेशन से राहत देता है।
- मोटापे पर कंट्रोल और परिसंचरण को बढ़ावा देता है।
- ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में बनाए रखता है।
उर्ध्वमुख श्वान (Upward Facing Dog) आसन कैसे करें? (स्टेप बाय स्टेप)
- अपने पैरों को अपने पीछे फैलाकर अपने पेट के बल लेटें।
- अपनी कोहनियों को सीधा करें और अपनी छाती को तब तक ऊपर उठाएं जब तक कि आपका कंधा सीधे आपकी कलाइयों पर न आ जाए।
- कूल्हों को नीचे करें और अपने पैरों के शीर्ष को फर्श पर दबाएं।
- अपनी निगाहें सामने सीधी रखें और इस मुद्रा में 30 सेकंड तक रहें।
- वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं।
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डायबिटीज के लिए योग आसन: सुप्त मत्स्येन्द्रासन (सुपाइन स्पाइनल ट्विस्ट)
यह पीठ के बल लेटकर किया जाने वाला एक रीस्टोरेटिव योग है। सुप्त मत्स्येन्द्रासन से कई लाभ मिलते हैं:
- पाचन अंगों में रक्त के प्रवाह में सुधार होता है।
- पेट के अंगों को उत्तेजित करता है।
- ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करता है।
- दर्द और जकड़न से राहत के लिए रीढ़, पीठ और कूल्हों की मालिश करता है।
सुप्त मत्स्येन्द्रासन के करने के स्टेप्स:
- अपनी बाहों को कंधे के लेवल पर फैलाकर अपनी पीठ के बल लेटें।
- अपने घुटनों को छाती की ओर मोड़ें और अपने घुटनों को एक साथ बाईं ओर ले जाएं।
- मुड़े हुए घुटनों पर हल्का दबाव डालने के लिए अपने बाएं हाथ का उपयोग करें।
- आराम करें और 30 सेकंड के लिए सांस लें।
- धीरे-धीरे अपने पैरों को फैलाएं। अब इसे शरीर के दूसरी तरफ भी दोहराएं।
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डायबिटीज के लिए योग आसन: उत्तानासन (आगे झुककर खड़े होना)
उत्तानासन मजबूती प्रदान करता है। उत्तानासन योग मुद्रा आगे की ओर झुकते समय शरीर के पिछले हिस्से को खींचने पर केंद्रित है। उत्तानासन से मिलने वाले लाभों में शामिल हैं:
- तनाव और चिंता (Anxiety) को कम करने में मदद करता है, जो ब्लड ग्लुकोज के लेवल को प्रभावति करने के लिए जाना जाता है।
- भोजन के बाद अधिक स्थिर ब्लड शुगर के लेवल के लिए बेहतर पाचन को बढ़ावा देता है।
- वजन को कंट्रोल करता है, जो डायबिटीज वाले व्यक्तियों के लिए और फायदेमंद होता है।
- पेट के अंगों जैसे अग्न्याशय, लीवर और किडनी को स्ट्रेच करता है, जिससे ब्लड शुगर रेगुलेशन में सुधार होता है।
उत्तानासन करने के स्टेप्स:
- अपने पैरों को कूल्हे की चौड़ाई पर फैलाकर और हाथों को साथ-साथ रखते हुए खड़े रहें। अपनी रीढ़ की हड्डी सीधी रखें और कंधा ढीला रखें।
- अपनी रीढ़ को लंबा करते हुए गहरी सांस लें। महसूस करें कि आपका माथा ऊपर की ओर पहुंच रहा है।
- सांस छोड़ते हुए, अपने कूल्हों पर झुकें और अपनी पीठ को सपाट बनाए रखें और आगे की ओर मोड़ें। इसके बाद अपने हाथों को फर्श की ओर बढ़ाएं या उन्हें अपनी पिंडलियों या जांघों पर रखें।
- अपने ऊपरी शरीर को ढीला लटकने दें और अपने घुटनों को ढीला करें। अपनी गर्दन को आराम दें और अपने पैरों की ओर देखें।
- सांस लेते हुए धीरे-धीरे वापस खड़े होने की स्थिति में आ जाएं। सांस छोड़ें और अपनी भुजाओं को नॉर्मल स्थिति में ले आएं।
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डायबिटीज के लिए योग आसन: त्रिकोणासन (त्रिकोण मुद्रा)
त्रिकोणासन योग आसन (मुद्रा) का उद्देश्य पैरों, कूल्हों और रीढ़ को फैलाना (Stretch) और मजबूत करना होता है। त्रिकोणासन से मिलने वाले लाभों में शामिल हैं:
- इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करने में मदद करता है, (कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति अधिक प्रतिक्रियाशील हो जाती हैं)।
- बेहतर ग्लाइसेमिक कंट्रोल के लिए तनाव कम करने और बॉडी को रिलैक्स करने में मदद करता है।
- पूरे शरीर में रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाने में मदद करता है
- अग्न्याशय सहित पेट के अंगों को मजबूत करता है और इंसुलिन के उत्पादन और रेगुलेशन में मदद करता है।
त्रिकोणासन करने के स्टेप्स:
- अपने पैरों को लगभग 3-4 फीट अलग करके खड़े हो जाएं, एक पैर 90 डिग्री के कोण पर बाहर की ओर और दूसरा पैर थोड़ा अंदर की ओर मुड़ा हुआ हो।
- दोनों भुजाओं को जमीन के समानांतर रखते हुए कंधे के लेवल तक उठाएं। आपकी हथेलियां नीचे की ओर होनी चाहिए।
- धीरे-धीरे बाहर की ओर निकले पैर के तलवे की ओर बगल में झुकें। अपने हाथ को पैर, टखने या पिंडली की ओर ले जाएं और दूसरे हाथ को ऊपर की ओर रखें।
- ऊपर उठे हुए हाथ की ओर देखने के लिए अपना सिर घुमाएं और अपनी गर्दन को रीढ़ की सीध में रखें।
- कुछ देर तक सांस लेने तक इस मुद्रा में बने रहें। फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में वापस आएं, अपने पैरों की स्थिति बदलें और दूसरी तरफ यही प्रक्रिया दोहराएं।
डायबिटीज के लिए योग आसन: अपानासन (घुटनों से छाती तक)
अपानासन का उद्देश्य शरीर में विश्राम को बढ़ावा देना, गैस से राहत देना और पाचन में सहायता करना होता है। अपानासन करने से मिलने वाले लाभों में शामिल हैं:
- फंसी हुई गैस को बाहर निकालने और सूजन को कम करने में मदद करता है। यह ओवरऑल हेल्थ को मेंटेन बनाए रखने और संभावित रूप से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायता करता है।
- अपानासन कोशिकाओं और अंगों तक पोषक तत्वों की बेहतर डिलीवरी के लिए रक्त परिसंचरण के स्टेप्स में सुधार करने में मदद करता है।
- ब्लड शुगर के लेवल पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए शरीर और दिमाग को शांत रखता है।
- पेट के अंगों की धीरे-धीरे मालिश होती है, जिससे कुशल पोषक तत्व अवशोषण और ग्लूकोज रेगुलेशन के लिए पाचन तंत्र को उत्तेजित करने में मदद करता है।
अपानासन करने के स्टेप्स:
- योग करने वाले मैट या आरामदायक सतह पर अपनी पीठ के बल सीधे लेट जाएं।
- दोनों घुटनों को अपनी छाती की ओर खींचें और उन्हें एक साथ पास रखें।
- अपनी बाहों को अपने घुटनों के चारों ओर लपेटें और अपने हाथों को पकड़ें, फिर अपने घुटनों को धीरे से पकड़ें।
- अपने कंधों और गर्दन को आराम दें और स्थिति को बनाए रखते हुए गहरी सांस अंदर और बाहर लें।
- कुछ सांसों के लिए या जब तक आरामदायक महसूस हो तब तक इस मुद्रा में बने रहें। इस मुद्रा को छोड़ने के लिए धीरे से अपने घुटनों को छोड़ें और अपने पैरों को वापस प्रारंभिक स्थिति में फैलाएं।
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डायबिटीज के लिए योग आसन: अधो मुख संवासन (डाउनवर्ड फेसिंग डॉग)
अधो मुख श्वानासन योग की विभिन्न शैलियों में किया जाने वाला एक पॉपुलर योग आसन है। इसके असंख्य लाभों के कारण इसे अक्सर गतिशील और स्थिर दोनों क्रमों में शामिल किया जाता है। अधो मुख संवासन करने से मिलने वाले लाभ हैं:
- इंसुलिन उत्पादन के लिए जिम्मेदार विभिन्न कोशिकाओं और ऊतकों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाने में मदद करने के लिए बेहतर रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देता है।
- तनाव और चिंता के लेवल को कम करके, यह बेहतर ग्लाइसेमिक कंट्रोल में मदद कर सकता है।
- इंसुलिन प्रतिरोध को कम करता है और कोशिकाओं को ऊर्जा के लिए पर्याप्त इंसुलिन प्रदान करता है।
- बाहों, कंधों, कोर और पैरों को संलग्न करता है। इन मांसपेशी समूहों को मजबूत करने से समग्र शारीरिक स्वास्थ्य में मदद मिल सकती है, जो डायबिटीज के लिए फायदेमंद है।
- पाचन अंगों की मालिश और टोन करने में मदद करता है। बेहतर पाचन बेहतर पोषक तत्व अवशोषण और ग्लूकोज विनियमन में योगदान कर सकता है।
अधो मुख संवासन करने के स्टेप्स:
- अपनी उंगलियों को फैलाएं और अपनी हथेलियों से मजबूती से दबाएं। अपने पैर की उंगलियों को नीचे दबाएं और अपने घुटनों को फर्श से ऊपर उठाएं।
- जैसे ही आप अपने घुटनों को ऊपर उठाते हैं, अपने पैरों को सीधा करें, अपने कूल्हों को ऊपर और पीछे की ओर धकेलें। ध्यान रहे आपका शरीर उल्टा “V” आकार में बनना चाहिए।
- अपनी एड़ियों को फर्श की ओर लाने का प्रयास करें। अगर शुरुआत में वो जमीन को नहीं छूते हैं, तो भी ठीक है।
- अपनी रीढ़ को लंबा करें और अपने सिर को अपनी भुजाओं के बीच स्वतंत्र रूप से लटकने दें, अपनी निगाहें अपने पैरों या नाभि की ओर रखें।
- आपके रिलैक्स और प्रैक्टिस के लेवल के आधार पर, इस मुद्रा को कुछ देर तक सांस लेने तक या अधिक समय तक बनाए रखें।
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डायबिटीज के लिए योग आसन: फलकासन (प्लैंक पोज)
फलकासन एक कोर-मजबूत करने वाला आसन है जो कई मांसपेशी समूहों को शामिल करता है और इसे अक्सर योग क्रमों में शामिल किया जाता है। फलकासन से मिलने वाले फायदों में शामिल हैं:
- इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने के लिए कोर, हाथ और पैर सहित विभिन्न मांसपेशी समूहों को स्वस्थ रखता है।
- रक्तप्रवाह में अत्यधिक शुगर को कम करके, मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
- कई मांसपेशी समूहों को सक्रिय करता है, बेहतर रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देता है।
- स्ट्रेस हार्मोन को कम करने में मदद करता है, जिससे ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने की क्षमता बढ़ जाती है।
- ऊर्जा खर्च करने में योगदान देता है, जिससे तेजी से वजन कम करने में मदद मिलती है।
फलकासन करने के स्टेप्स:
- पुश-अप करने के साथ इसकी शुरुआत करें, अपनी हथेलियों को सीधे अपने कंधों के नीचे चटाई पर मजबूती से रखें। ध्यान रहे आपके शरीर को एक सीधी रेखा बनानी चाहिए।
- सुनिश्चित करें कि आपकी कलाइयां चटाई यानी मैट के सामने के किनारे के समानांतर हों और आपकी उंगलियां फैली हुई हों।
- अपनी नाभि को अपनी रीढ़ की ओर खींचें और अपनी एड़ियों को पीछे की ओर धकेलते हुए अपने पैरों को सक्रिय और सीधा रखें।
- अपने कंधों को अपने कानों से दूर रखें, अपने सिर को अपनी रीढ़ की हड्डी के साथ एक रेखा में बराबर रखने के लिए थोड़ा आगे या नीचे देखें।
- गहरी सांस लें और पूरे आसन में एक रेखा में बराबर और जुड़ाव को बनाए रखने का प्रयास करें।
हाई शुगर वाले लोगों के लिए अन्य प्रभावी योग आसन
हाई ब्लड शुगर के लिए ऊपर दिए गए योगासन के साथ, कुछ अन्य आसन डायबिटीज के इलाज में या डायबिटीज टाइप-2 के बढ़ने के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं। इस योग आसन में शामिल है:
डायबिटीज के लिए सूर्य नमस्कार (सूर्य नमस्कार)
यह शक्तिशाली योग मुद्राओं का एक क्रम है जो आपके दिमाग और शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। डायबिटीज के लिए सूर्य नमस्कार का अभ्यास सुबह-सुबह करें जब आप खाली पेट हों। इसमें दो सेट हैं और प्रत्येक सेट में बारह पोज हैं।
यह बेहतर स्वास्थ्य प्राप्त करने का एक बेहतरीन योग आसन है। सूर्य नमस्कार करने से कई स्वास्थ्य से जुड़े कई फायदे मिलते हैं, जैसे- बेहतर हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है, तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है, वजन कंट्रोल या मैनेज करने में मदद करने के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है।
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डायबिटीज के लिए कपालभाति (प्राणायाम)
कपालभाति प्राणायाम एक सांस लेने की एक्सरसाइज है, जो अग्न्याशय में सुधार करने में मदद करता है। यह ब्लड शुगर के लेवल को बनाए रखने के लिए आपके शरीर में इंसुलिन स्राव को बढ़ावा देता है।
डायबिटीज के लिए कपालभाति प्राणायाम करने के लिए आरामदायक स्थिति में बैठें। अपने हाथों को अपने घुटनों पर रखें। अपनी नाक से गहरी सांस लें और अपने पेट को हवा से भरें। फिर अपना हाथ अपने पेट पर रखें और पेट की दीवार को रीढ़ की ओर धकेलते हुए सांस छोड़ें।
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सारांश
गैर-डायबिटीज मरीजों और डायबिटीज से पीड़ित लोग अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए योग आसन कर सकते हैं। आपको अपनी मुद्राओं और मांसपेशियों के स्वास्थ्य पर गलत परिणामों से बचने के लिए इन मुद्राओं का सही ढंग से अभ्यास करना होगा। प्रत्येक मुद्रा के अपने फायदे हैं। इसलिए हर दिन कुछ मिनटों के लिए इन आसनों का अभ्यास करें।
डायबिटीज के लिए योग में बरतने वाली सावधानियां
योग के लिए एक्सपर्ट की आवश्यकता होती है और इसलिए इसका अभ्यास योग्य योग प्रोफेशनल के मार्गदर्शन में किया जाना चाहिए। योग की कुछ शैलियां केवल कुछ लोगों के लिए ही उपयुक्त हो सकती हैं। और योग करने के दौरान पालन की जाने वाली सामान्य सावधानियां कुछ इस प्रकार हैं:
- किसी योग एक्सपर्ट के गाइडेंस में योग का अभ्यास करना चाहिए (ब्रीद वेल-बीइंग के पास कुछ जाने-माने बेस्ट योग प्रोफेशनल और एक्सपर्ट हैं)।
- अधिक तापमान की स्थिति में ज्यादा एक्सरसाइज और तेज गति वाला योग किया जाता है। डायबिटीज और हृदय रोग के मरीजों के लिए यह करने का सुझाव नहीं दिया जाता है।
- योग में शुरुआती लोगों, जिन्होंने पहले योग नहीं किया हो, उनको जटिल यानी कठिन योग करने से बचना चाहिए।
- डायबिटीज के मरीजों को हर फिजिकल एक्टिविटी के बाद नियमित रूप से अपने शरीर की प्रतिक्रियाओं की निगरानी करनी चाहिए।
- यदि आपको डायबिटीज है तो दर्द के किसी भी संकेत या लक्षण को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
- कभी भी अपनी क्षमता से अधिक योग न करें।
- आमतौर पर योग के लिए खाली पेट रहना पड़ता है, लेकिन डायबिटीज के रोगियों को हाइपोग्लाइसीमिया से बचने के लिए हल्का नाश्ता करना चाहिए।
- चक्कर आना, सिरदर्द आदि के किसी भी लक्षण के बारे में तुरंत योग प्रैक्टिस कराने वाले प्रोफेशनल को सूचित करना चाहिए।
किसी योग प्रोफेशनल के उचित गाइडेंस के बिना, डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए योग से शरीर में गैर-जरूरी बदलाव, अत्यधिक मेहनत और ब्लड शुगर के लेवल में उतार-चढ़ाव जैसे संभावित जोखिम हो सकते हैं। व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियों और आवश्यकताओं को पूरा करने वाले सुरक्षित और लाभकारी योग अभ्यास को सुनिश्चित करने के लिए योग एक्सपर्ट की तलाश करना या उनके गाइडेंस में योग करना जरूरी होता है।
ब्रीद वेल-बीइंग (Breathe Well-being) आपको योग प्रशिक्षकों और हेल्थ कोचों का एक नेटवर्क प्रदान करता है, जो डायबिटीज के लिए योग करने के सही तरीके को पर्सनल गाइडेंस देते हैं। इतना ही नहीं ब्रीद वेल-बीइंग प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी योग प्रैक्टिस भी सुनिश्चित करता है।
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सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न – Frequently Asked Questions
डायबिटीज के लिए सबसे अच्छा योग आसन कौन सा है?
डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत सारे योग आसन हैं, जो उनके ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद करते हैं। हालांकि डायबिटीज के लिए सबसे अच्छा योग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होता है। आप कोई भी चार आसन चुन सकते हैं और अपने स्वास्थ्य पर प्रभाव देखने के लिए उनका नियमित अभ्यास कर सकते हैं।
आमतौर पर अधिकांश लोगों के अनुसार, सबसे अच्छा योग मुद्रा सूर्य नमस्कार (सूर्य नमस्कार) है। इसमें योग मुद्राओं का एक समूह शामिल है, जिनका आपको एक के बाद एक अभ्यास करने की आवश्यकता होती है। यदि आप सूर्य नमस्कार के लगभग 10-12 चक्र का अभ्यास करते हैं, तो आप धीरे-धीरे अपने डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं।
क्या योग से डायबिटीज स्थायी रूप से ठीक हो सकता है?
डायबिटीज एक लाइलाज स्थिति है, लेकिन आप अपने ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं और डायबिटीज को रिवर्स कर सकते हैं (टाइप-2 डायबिटीज के मामले में)। योग आपके डायबिटीज को मैनेज करने के सबसे हेल्दी तरीकों में से एक है। ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने के लिए आपको कपालभाति और प्राणायाम जैसे योग आसन का अभ्यास करना चाहिए। हाई डायबिटीज वाले लोगों को प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तक डायबिटीज के लिए योग आसन का अभ्यास करना चाहिए।
डायबिटीज के लिए योग शुरू करने के लिए किन तैयारियों की आवश्यकता होती है?
वैसे डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए योग का अभ्यास करने के लिए विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं होती है। आप दिन के किसी भी समय योग आसन का अभ्यास कर सकते हैं। फिर भी यदि आप सुबह खाली पेट योग आसन का अभ्यास करते हैं तो आपको ज्यादा बेहतर परिणाम मिलते हैं। जो लोग डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन या कुछ दवाएं ले रहे हैं, उन्हें शुरू करने से पहले अपने डॉक्टरों से बातचीत करनी चाहिए। लो ब्लड शुगर से बचने के लिए आपको योग से पहले कुछ खाने की आवश्यकता हो सकती है।
क्या ऐसे कोई योग आसन हैं, जिन्हें डायबिटीज होने पर करने से बचना चाहिए?
ऐसे किसी भी योग के आसन को करने से बचें जिसमें घुमाव और भारी एक्सरसाइज की आवश्यकता हो। डायबिटीज के लिए योग बहुत हाई लेवल का नहीं होना चाहिए, इसलिए यदि आप डायबिटीज से पीड़ित हैं तो तेज गति वाले योग से बचें, जो हाई टेंपरेचर पर किया जाता है।
मैं डायबिटीज का मरीज हूं और मैंने योग के बारे में सुना है। क्या मैं अपने घर पर प्रतिदिन योगाभ्यास कर सकता हूँ?
हां, योग आपके लिए फायदेमंद होगा लेकिन घर पर योग करने से पहले किसी योग प्रशिक्षक से संपर्क करें और उनसे उचित सलाह और ट्रेंनिंग लें।
मैं डायबिटीज के लिए योग क्लासेज कहां ले सकता हूं?
आप ब्रीथ वेल-बीइंग में एक्सपर्ट के गाइडेंस में डायबिटीज से बचाव या कम करने के लिए योग क्लासेस ले सकते हैं। हमारा प्लेटफॉर्म बेस्ट योग एक्सपर्ट और हेल्थ कोचों का एक नेटवर्क प्रदान करता है, जो ऑनलाइन क्लासेस प्रदान करते हैं। योग के अलावा हम डायबिटीज को दूर करने और मैनेज करने के साथ-साथ, आपके ओवरऑल हेल्थ और एक हेल्दी लाइफ स्टाइल को बढ़ावा देने के लिए कई प्राकृतिक तरीकों का ऑफर देते हैं।
योग से हाई ब्लड शुगर को कैसे कंट्रोल करें?
डायबिटीज के लिए ऊपर बताए गए सभी योगा के आसन हाई ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। उनमें से प्रत्येक अलग-अलग तरीकों से डायबिटीज के लिए कुछ लाभ प्रदान करते हैं। हालांकि, पश्चिमोत्तानासन (बैठकर आगे की ओर झुकना) और धनुरासन (धनुष मुद्रा) जैसे आसन अग्न्याशय को उत्तेजित करने और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में सबसे अधिक मदद कर सकते हैं। मेडिटेशन और रेगुलर योग करने से वजन को मैनेज और ओवरऑल ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं।
डायबिटीज के लिए मुझे कितने समय तक योगाभ्यास करने की आवश्यकता होती है?
डायबिटीज के लिए योग कितना अच्छा है या आपको कितनी देर तक योग की प्रैक्टिस करनी चाहिए, इसके लिए कोई निर्धारित दिशानिर्देश नहीं हैं। योग आपके पूरे स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और इसमें ज्यादा खर्च भी नहीं होता है। इस प्रकार आप आजीवन योग जारी रख सकते हैं। यदि आपको दर्द या असुविधा महसूस होती है, तो सही ढंग से अभ्यास करने के लिए योग मुद्राओं के बारे में ध्यान से पढ़ें। आप अपने नजदीकी एक्सपर्ट योग प्रशिक्षक के उचित गाइडेंस के लिए उनकी योग क्लासेज को जॉइन कर सकते हैं। या आप डायबिटीज के लिए योग के पर्सनल गाइडेंस के लिए ब्रीथ वेल-बीइंग (Breathe Well-being) में अपने हेल्थ कोच से संपर्क कर सकते हैं, जिससे आपको प्रभावी लाभ मिलेंगे।
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