अगर फिजिकल एक्टिविटी यानी एक्सरसाइज ना किया जाए, तो शरीर में कई तरह की बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं।
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, वर्कआउट के बाद आपका ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है और लगभग 24 घंटों तक इसमें कोई भी बदलाव नहीं होता है। वर्कआउट करने से आपके शरीर को इंसुलिन के प्रति तुरंत संवेदनशील बनने में मदद मिलती है।
इसलिए यदि आप फिट और स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो अपने व्यस्त रूटीन से समय निकालें और एक्सरसाइज करें। रेगुलर एक्सरसाइज करने से आप कई बीमारियों से दूर रह सकते हैं, और जब आपको डायबिटीज हो तो एक्सरसाइज अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। एक्सरसाइज आपके शरीर के वजन, ब्लडप्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के लेवल के अलावा आपके ब्लड शुगर को मैनेज करने में काफी मददगार साबित होता है। टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए बेस्ट एक्सरसाइज के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को पूरा पढ़ें।
एक्सरसाइज इंसुलिन हेल्थ को विभिन्न तरीकों से लाभ पहुंचाता है
सारांश
एक्सरसाइज करने से एक्स्ट्रा कैलोरी बर्न होती है और आपके शरीर का वजन संतुलित रहता है। एक्सरसाइज बेहतर स्वास्थ्य के लिए आपके शरीर के मेटाबॉलिज़म को भी बढ़ावा देता है और आपके ब्लड शुगर के लेवल को बनाए रखता है। जब आप एक्सरसाइज करते हैं, तो काम करने वाली मांसपेशियां ब्लड ग्लूकोज का उपयोग करती हैं और इसे एनर्जी में परिवर्तित करती हैं, जिसके चलते आपके ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद मिलती है।
डॉक्टर अक्सर डायबिटीज और प्री-डायबिटीज के मरीजों को उनके ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं। एक्सरसाइज शुगर के मरीजों के ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है और इन तरीकों से इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करता है:
शरीर में मौजूद अतिरिक्त ग्लूकोज का इस्तेमाल:
टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए एक्सरसाइज अक्सर हाई ब्लड शुगर के लेवल को तुरंत कम करने में मदद करता है। जब आप एक्सरसाइज करते हैं, तो आपका शरीर आपके शरीर से अतिरिक्त ग्लूकोज लेता है। यह ग्लूकोज एनर्जी के माध्यम से आपके शरीर की काम कर रही मांसपेशियों और अंगों तक पहुंचता है। इसलिए जब हाई ब्लड शुगर वाले लोग भोजन के बाद एक्सरसाइज करते हैं या टहलने जाते हैं, तो उनके ब्लड शुगर का लेवल कम हो जाता है।
आंत के फैट को कम करने में मददगार:
डायबिटीज.को.यूके के अनुसार, पेट या आंत का फैट डायबिटीज और प्री-डायबिटीज के होने के मुख्य कारकों में से एक है। आंत की फैटी कोशिकाएं अधिक एनर्जी एकत्रित करती हैं और कुछ केमिकल्स और हार्मोन का उत्पादन करती हैं जो आपके शरीर को इंसुलिन-रजिस्टेंट बनाती हैं। इस प्रकार पेट के आसपास एक्स्ट्रा फैट वाले लोगों को अक्सर डायबिटीज होने का खतरा होता है। ऐसी स्थिति में ब्लड शुगर के लेवल को बनाए रखने और इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करने के लिए रजिस्टेंस ट्रेंनिंग सबसे ज्यादा लाभकारी साबित होता है।
शरीर का वजन हेल्दी बनाए रखना:
यह सच है कि अपना लगभग 5-10 प्रतिशत वजन कम करने से आपके A1C लेवल को कम करने में मदद मिलती है। एक्सरसाइज आपके शरीर के अतिरिक्त फैट को कम करने में मदद करता है और हेल्दी वजन बनाए रखता है। जिससे आपके ब्लड शुगर के लेवल और इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार होता है। इसलिए डायबिटीज और प्री-डायबिटीज वाले लोगों को शरीर का वजन हेल्दी बनाए रखने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करना चाहिए।
एक्सरसाइज से डायबिटीज से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं को रोकें
सारांश
एक्सरसाइज ओवरऑल हेल्थ में सुधार लाने में मदद करने के साथ-साथ, आपको लाइफ टाइम बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करता है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों को न केवल अपने ब्लड शुगर के लेवल को बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज करने की जरूरत होती है, बल्कि डायबिटीज से जुड़ी जटिल समस्याओं से भी बचाव होता है।
ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने और आपके शरीर में इंसुलिन के लेवल को बनाए रखने के अलावा, एक्सरसाइज आपको कई और तरीकों से बचाव करता है। यह डायबिटीज संबंधी जटिल समस्याओं को होने से रोकता है। यह डायबिटीज टाइप-2 के कारण होने वाली लंबे समय तक होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को धीमा करने, रोकने या रिवर्स करने में भी मदद करता है। यहां कुछ तरीके बताए गए हैं जिनसे एक्सरसाइज डायबिटीज संबंधी जटिल समस्याओं से लड़ता है:
नर्व फंक्शन को रिस्टोर करना
तंत्रिका डैमेज यानी नसों का डैमेज हाई ब्लड शुगर के लेवल और कुछ डायबिटीज दवाओं का एक साइड इफेक्ट है। एक्सरसाइज नसों के कार्य को बहाल करने में मदद करता है और उसमें होने वाले दर्द को कम करता है। एक्सरसाइज आपकी नसों में बेहतर ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देता है जिससे असुविधा और दर्द कम होता है और तंत्रिका स्वास्थ्य में सुधार होता है।
कोलेस्ट्रॉल के लेवल में सुधार
एक्सरसाइज आपके शरीर के वजन को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है। जिससे आपके कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद मिलती है। जब आपका वजन अधिक होता है, तो आपके ब्लड में कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) की मात्रा बढ़ जाती है। जिसके चलते हृदय से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा अधिक हो जाता है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों में हृदय संबंधी समस्याएं होने का खतरा भी अधिक होता है। इसलिए कोलेस्ट्रॉल के लेवल में सुधार के लिए एक्सरसाइज करना जरूरी होता है।
इन्फ्लेमेशन कम करने में मददगार
पैदल चलने या अन्य कम प्रभाव वाले एक्सरसाइज का 20 मिनट का सेशन आपके शरीर में सूजन को कम करता है। एक्सरसाइज आपके शरीर में सेलुलर रिस्पॉन्स और इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करता है जो सूजन को कम करने में मदद करता है। आसान स्ट्रेचिंग वाली एक्सरसाइज भी आपके इन्फ्लेमेशन यानी सूजन को कम करने में मददगार होते हैं।
जोड़ों के स्वास्थ्य में सुधार
एक्सरसाइज से डायबिटीज के कारण होने वाली जोड़ों में स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। डायबिटीज के मरीजों में जोड़ों की समस्या नर्व डैमेज, मोटापा या धमनी रोग के कारण हो सकती है। हालांकि एक्सरसाइज सभी समस्याओं का इलाज करने में सक्षम होता है और आपके ओवरऑल हेल्थ में सुधार करता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए जोड़ों के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए, एक्सरसाइज शुरू करने से पहले किसी फिटनेस ट्रेनर से जरूर बात करनी चाहिए।
संवहनी स्वास्थ्य में सुधार
एक्सरसाइज के दौरान आपकी मांसपेशियां कई कंपाउंड्स को छोड़ती हैं। जो संवहनी और संचार संबंधी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। इसका मतलब है कि एक्सरसाइज के दौरान आपके शरीर में बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन और पोषक तत्व प्रसारित होते हैं। जिससे डायबिटीज से जुड़ी बीमारी न्यूरोपैथी, हृदय की समस्या और आंखों की रोशनी कम होने के जोखिम को कम करता है।
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टाइप 2 डायबिटीज में एक्सरसाइज शुरू करने के टिप्स
सारांश
आपके शरीर के अनुकूल सही एक्सरसाइज या वर्कआउट की शुरुआत करने पर आपको अपने हेल्थ और शरीर के लिए इसका अधिकतम लाभ मिलेगा। टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए सबसे अच्छा वर्कआउट पाने के लिए किसी अच्छे फिटनेस ट्रेनर से सलाह लें और कम स्पीड वाले वर्कआउट से शुरुआत करें। इनके साथ-साथ आपको अपने शरीर को भी एक्टिव रखना चाहिए। शारीरिक रूप से एक्टिव रहने के लिए डांस करें, आउटडोर गेम खेलें, घरेलू काम करें या अपने पालतू जानवरों को बाहर टहलाएं। टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए ये घर पर करने वाली बेस्ट एक्सरसाइज हैं।
जब लोगों नियमित रूप से एक्सरसाइज करने की आदत नहीं होती है, तो इसे शुरू करना कठिन होता है। यहां ऐसे लोगों के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज शुरू करने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं:
बेस्ट वर्कआउट प्रोग्राम की तलाश करें
टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत सारे वर्कआउट ऑनलाइन उपलब्ध हैं। हालांकि सभी वर्कआउट प्लान हर किसी के लिए नहीं होते हैं। वर्कआउट शुरू करने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लेना अच्छा होता है। डॉक्टर या फिटनेस एक्सपर्ट आपके स्वास्थ्य के अनुसार बेस्ट एक्सरसाइज का सुझाव देते हैं।
धीरे-धीरे टहलना शुरू करें
टाइप 2 डायबिटीज में हाई स्पीड वाले एक्सरसाइज शुरू करने के बजाय, धीमी स्पीड वाले एक्सरसाइज करें। जिससे आपको एक्सरसाइज के बाद होने वाले जोड़ों के दर्द नहीं होंगे। आपके डॉक्टर भी कम प्रभाव वाले वर्कआउट से शुरुआत करने की सलाह देंगे, खासकर यदि आप नर्व डैमेज या डायबिटीज न्यूरोपैथी से पीड़ित होते हैं।
एक्सरसाइज रूटीन प्लान सावधानीपूर्वक बनाएं
फिजिकल एक्टिविटी और टाइप 2 डायबिटीज को सावधानीपूर्वक कंट्रोल करने की आवश्यकता होती है। एक हेल्दी डाइट प्लान के साथ एक्सरसाइज करने से आपको ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सकता है। भोजन के सेवन के साथ एक्सरसाइज रूटीन का प्लान बनाने से हाइपरग्लेसेमिया या हाइपोग्लाइसीमिया से बचाव होता है। साथ ही आपको वर्कआउट करने से पहले और बाद में ब्लड शुगर के लेवल की मॉनिटरिंग करना चाहिए।
अपनी फिजिकल एक्टिविटी में सुधार करें
फिजिकल एक्टिविटी और टाइप 2 डायबिटीज का सीधा संबंध है, इसलिए आपको पूरे फोकस के साथ एक्सरसाइज करने की जरूरत है। हालांकि बेहतर होगा कि आप अपनी रोजमर्रा की फिजिकल एक्टिविटी में सुधार करें। आप कुछ घरेलू काम करते हुए या शारीरिक मनोरंजन के माध्यम से अपनी फिजिकल एक्टिविटी को बनाए रख सकते हैं। आप काम-काज करते हुए, घर की सफाई करते हुए, कूड़ा-कचरा बाहर निकालते हुए, बागवानी करते हुए, अपने कुत्ते को टहलाने के लिए बाहर ले जाते हुए और भी बहुत कुछ करते हुए टहल सकते हैं। जिससे आपको अधिक से अधिक स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।
मसल्स को ध्यान रखते हुए एक्सरसाइज करें
टाइप 2 डायबिटीज से निदान के लिए लार्ज मसल्स वर्कआउट पर ध्यान दें। स्क्वैट्स और चेस्ट प्रेस जैसे मल्टी-जॉइंट एक्सरसाइज ब्लड शुगर को मैनेज करने में मददगार होते हैं । हालांकि आपको गलतियों और चोटों से बचने के लिए टाइप 2 डायबिटीज वर्कआउट प्लान के तहत एक्सरसाइज करना चाहिए। जब आप कोई एक्सरसाइज शुरू करें तो अपने शरीर की सुनें। यह आपको एक्सरसाइज के दौरान लगने वाली चोटों बचाएगा और ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।
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टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए बेस्ट 10 एक्सरसाइज
सारांश
शारीरिक तौर पर एक्टिव न होने से डायबिटीज जैसी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो जाती हैं। डायबिटीज एक खराब लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है जो कई जटिल समस्याओं को जन्म दे सकता है और आपको जीवन भर के लिए अयोग्य बना सकता है। हेल्दी लाइफ जीने के लिए अपने टाइप 2 डायबिटीज वर्कआउट में सुधार करें। एक्सरसाइज शारीरिक रूप से एक्टिव रहने और अपने डायबिटीज को मैनेज करने का सबसे अच्छा तरीका है। अपने आपको हेल्दी रखने के लिए इन एक्सरसाइज को अपनाएं।
डायबिटीज टाइप-2 वाले लोगों को नियमित रूप से एक्सरसाइज करने की आदत डालनी चाहिए। फिजिकल एक्टिविटी टाइप 2 डायबिटीज उन्हें अपने डायबिटीज को अधिक प्रभावी ढंग से मैनेज करने में मदद करती है। इसके साथ ही यह उन्हें हर दिन फिट रखता है। टॉप 10 एक्सरसाइज जो टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद हैं, वे हैं:
1. तेज चलना
अध्ययनों के अनुसार, सप्ताह में पांच दिन कम से कम 30 मिनट तेज चलने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है। यह आपकी फिजिकल एक्टिविटी टाइप 2 डायबिटीज को बेहतर बनाने का एक और शानदार तरीका है। जब आप भोजन के बाद टहलने जाते हैं, तो आपका शरीर आपके शरीर से अतिरिक्त ग्लूकोज लेता है और इसे एनर्जी के लिए उपयोग करता है। टाइप 2 डायबिटीज के लिए तेज चलने को भी सबसे अच्छे प्री वर्कआउट में से एक माना जाता है।
2. योग
योग एक्सरसाइज का एक पारंपरिक रूप है और इसे अक्सर टाइप 2 डायबिटीज के लिए सबसे अच्छा कसरत माना जाता है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, योग जैसी माइंड-बॉडी प्रैक्टिस आपके ब्लड शुगर के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।
योग करने का उद्देश्य शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य में सुधार करना होता है। योग शरीर में तरल पदार्थों की गतिविधियों को बढ़ावा देता है जिससे लचीलेपन, संतुलन और ताकत में सुधार होता है। ऐसे कई योग आसन हैं जो ब्लड शुगर के लेवल को कम करने और हार्ट के हेल्थ को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
इसलिए यह एक्सरसाइज डायबिटीज 2 डायबिटीज से जुड़ी हार्ट समस्या और अन्य जटिल समस्याओं की संभावना को कम करने में मदद करता है। डायबिटीज के लिए बेस्ट योगासन सीखने के लिए आप इससे जुड़े वीडियो देख सकते हैं।
3. तैराकी करना
डायबिटीज के मरीजों के लिए तैराकी एक और बेस्ट एक्सरसाइज है। यह एक लो-मीडियम प्रभाव वाला एक्सरसाइज है जिसमें आपके शरीर की अधिकांश मांसपेशियां शामिल होती हैं। तैरना आपके जोड़ों पर दबाव डाले बिना आपकी मांसपेशियों को आराम देता है। डायबिटीज वाले लोगों को तैराकी करनी चाहिए। यह डायबिटीज 2 एक्सरसाइज उन्हें कैलोरी बर्न करने, स्ट्रेस के लेवल को कम करने, कोलेस्ट्रॉल में सुधार करने, ब्लड शुगर के लेवल को कम करने और डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद करता है।
4. साइकिल चलाना
साइकिल चलाना डायबिटीज के मरीजों लिए एक और अच्छी एक्सरसाइज है। साइकिल चलाना कम प्रभाव वाले एरोबिक एक्सरसाइज का एक रूप है, जो टाइप 2 डायबिटीज के लिए सबसे अच्छे वर्कआउट में से एक है। इसे डायबिटीज या प्री-डायबिटीज वाले लोगों के लिए बेस्ट माना जाता है।
यह कैलोरी बर्न करने, हार्ट को हेल्दी बनाए रखने और आपके फेफड़ों को बेहतर कार्य करने में मदद करता है। आप बाहर साइकिल चलाने जा सकते हैं और इसका आनंद उठा सकते हैं। ऐसी स्टेबल साइकिल मशीनें भी हैं, जिसे आप घर बैठे आराम से पैडल मारते हुए चला सकते हैं।
शुगर के लेवल को कम करने के लिए एक्सपर्ट तरीके से साइकिल चलाने की जरूरत नहीं होती है। रोजाना लगभग 30 मिनट तक सामान्य साइकिल चलाना आपके टाइप 2 डायबिटीज पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए पर्याप्त है।
5. डांस करना
टाइप 2 डायबिटीज के लिए एक और अच्छी एक्सरसाइज डांस है। यदि आप घर पर बेस्ट डायबिटीज एक्सरसाइज की तलाश में हैं, तो डांस सबसे अच्छा ऑप्शन है। यह आपके शरीर को एक्टिव रखता है और आपके दिमाग को काम पर लगाता है। डांस आपको मेंटल स्ट्रेस से मुक्त करता है, लचीलेपन को बढ़ावा देता है और आपके शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करता है। अगर आप अच्छे डांसर नहीं हैं तो आप ऑनलाइन डांस सीख सकते हैं या अपने तरीके से डांस कर सकते हैं। नृत्य के विभिन्न रूप हैं जैसे साल्सा, शास्त्रीय, जैज़, हिप-हॉप, आदि डांस के रूप हैं। इसलिए आप किसी भी डांस के रूप को फॉलो कर सकते हैं और रोजाना कुछ मिनटों के लिए डांस कर सकते हैं।
6. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग वाली एक्सरसाइज
डायबिटीज मैनेज के लिए सबसे अच्छे एक्सरसाइजों में से एक स्ट्रेंथ ट्रेनिंग है। एक्सरसाइज के इस रूप को रजिस्टेंस ट्रेनिंग के रूप में भी जाना जाता है। मांसपेशियां ब्लड शुगर के लेवल के रेगुलेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह शरीर में ब्लड ग्लूकोज के स्टोरेज और उपयोग में मदद करता है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग आपके शरीर को इंसुलिन के प्रति संवेदनशील बनाता है और ब्लड शुगर के लेवल को कम करता है। इसलिए कई चिकित्सक या फिटनेस एक्सपर्ट शुगर के मरीजों के लिए एक्सरसाइज प्लान में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की सलाह देते हैं।
7. ताई ची
ताई ची जिसे सबसे कम आंका जाने वाला एक्सरसाइज माना जाता है, लेकिन आपके टाइप 2 डायबिटीज वर्कआउट प्लान में जोड़ने के लिए यह एक शानदार ऑप्शन है। यह एक प्राचीन चीनी कला रूप है, जिसमें कंट्रोल होकर सांस लेना और धीरे-धीरे देखना शामिल है। यह स्ट्रेंथ बढ़ाने, लचीलेपन, एक्टिविटी और संतुलन में सुधार करने में मदद करता है। ताई ची एक कम प्रभाव वाला आसान एक्सरसाइज है, जो तनाव के लेवल को कम करता है और ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करता है। यह आपके पैरों में तंत्रिका क्षति को भी रोकता है, जो डायबिटीज के लिए कुछ दवाओं का एक सामान्य दुष्प्रभाव है।
8. वेटलिफ्टिंग
वेटलिफ्टिंग डायबिटीज 2 और एक्सरसाइज का एक अभिन्न अंग है। इस एक्सरसाइज में आपकी सभी मांसपेशियां शामिल होती हैं। आपकी मांसपेशियां ग्लाइकोजन एकत्रित करती हैं। वेटलिफ्टिंग के दौरान आपके शरीर की मांसपेशियां ग्लाइकोजन को ईंधन के रूप में उपयोग करती हैं। एक बार जब यह ग्लाइकोजन खत्म हो जाता है, तो शरीर लिवर और ब्लड से अतिरिक्त ग्लाइकोजन जुटाना शुरू कर देता है। यानी यह सीधे आपके ब्लड शुगर के लेवल को कम करना शुरू कर देता है। वेटलिफ्टिंग से आपके शरीर का वजन भी कम होता है, जिससे यह आपके A1C लेवल को कम करता है।
9. पिलेट्स
आपके टाइप 2 डायबिटीज वर्कआउट प्लान में एक और अच्छी एक्सरसाइज पिलेट्स हो सकती है। यह एक फिटनेस प्रोग्राम है जिसे मुख्य रूप से स्ट्रेंथ, संतुलन और समन्वय में सुधार के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को भी बढ़ावा देता है। शुरुआती लोगों के लिए सप्ताह में कम से कम तीन बार 20 मिनट का पिलेट्स सेशन आपके ब्लड शुगर को मैनेज में रखने का सबसे अच्छा तरीका है। इसमें कम स्पीड वाला वर्कआउट शामिल है जो डायबिटीज मैनेजमेंट और पॉवर रजिस्टेंस में सुधार करने में मदद करता है।
10. कैलिस्थेनिक्स
जब डायबिटीज 2 और एक्सरसाइज के बारे में बात की जाती है, तो लोग कैलिस्थेनिक्स पर विचार कर सकते हैं। यह एक लय से और कम से कम डिवाइसों के साथ किया जाता है। डायबिटीज मेलेटस के लिए यह एक्सरसाइज कुछ हद तक जिमनास्टिक के समान है। कैलिस्थेनिक्स में आप अपनी मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए अपने शरीर के वजन का उपयोग करते हैं। कैलिस्थेनिक्स प्रैक्टिस में पुशअप्स, क्रंचेज, प्लैंक, स्क्वैट्स और लंजेस शामिल हैं। यह आसन को बेहतर बनाने और शरीर के फैट को कम करने में मदद करता है। जब आप अपने शरीर का वजन बनाए रखते हैं, तो आपके ब्लड शुगर का लेवल आसानी से कंट्रोल में रह सकता है।
11. हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT)
डायबिटीज टाइप 2 के लिए सबसे अच्छे एक्सरसाइज की सूची में एक और एक्सरसाइज HIIT है। एडीए के अनुसार, HIIT डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए एक बेस्ट एक्सरसाइज है। इसमें तेज गति की एक्टिविटी को थोड़े-थोड़े अंतराल पर किया जाता है और फिर आराम किया जाता है। उदाहरण के लिए, 30 सेकंड की तेज़ दौड़ और उसके बाद 1 मिनट तक टहलने का प्रयास करें। इस प्रक्रिया से इंसुलिन सेंसिटिविटी में काफी सुधार होता है और ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती। छोटे अंतराल से शुरुआत करें और जैसे-जैसे आपकी फिटनेस में सुधार हो, धीरे-धीरे अपने एक्सरसाइज करने की स्पीड बढ़ाएं।
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मधुमेह में घर पर किए जाने वाले बेस्ट एक्सरसाइज
टाइप 2 डायबिटीज और एक्सरसाइज आपस में जुड़े हुए हैं, और एक्सरसाइज के बिना स्वास्थ में कोई सुधार होना संभव नहीं है। डायबिटीज के मैनेजमेंट में एक्सरसाइज एक पॉवरफुल तरीका है, और इसे शुरू करने के लिए आपको जिम के मेंबरशिप की आवश्यकता नहीं होती है। नीचे डायबिटीज के मरीजों के लिए घर पर करने वाले कुछ बेस्ट एक्सरसाइज के बारे में बताया गया है, जो आपको इंसुलिन सेंसिटिविटी और ब्लड शुगर मैनेज में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।
1. रस्सी कूदना (स्किपिंग):
डायबिटीज के मरीजों के लिए घर पर सबसे अच्छे एक्सरसाइज की लिस्ट में पहला एक्सरसाइज रस्सी कूदना है। डायबिटीज को मैनेज करने के लिए रस्सी कूदना एक शानदार घरेलू एक्सरसाइज है। यह एक हाई स्पीड वाला कार्डियो वर्कआउट है जिसके लिए अधिक जगह की आवश्यकता नहीं होती है। 10 से 15 मिनट तक रस्सी कूदने से हार्ट के हेल्थ में काफी सुधार हो सकता है, इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ सकती है और ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है। अपने कंफर्ट जोन में एक्सरसाइज करने की शुरूआत करें और समय के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ने के साथ स्पीड बढ़ाएं।
2. बॉडीवेट स्क्वैट्स:
घर पर एक और बेहतरीन डायबिटीज एक्सरसाइज है बॉडीवेट स्क्वैट्स। जब डायबिटीज 2 की बात आती है तो लोग स्क्वैट्स एक्सरसाइज करते हैं क्योंकि वे इंसुलिन फ़ंक्शन को कंट्रोल करते हैं। इसके अलावा जर्नल ऑफ नोवेल फिजियोथेरपीज़ के एक अध्ययन के अनुसार बॉडीवेट स्क्वैट्स एचबीए1सी के लेवल को कम करने में मददगार साबित हुआ है।
बॉडीवेट स्क्वैट्स आपके पैर की मांसपेशियों को टारगेट करते हैं, जिससे ग्लूकोज लेने को बढ़ावा मिलता है। 10 स्क्वैट्स के 3 सेट से शुरुआत करें, जैसे-जैसे आपकी ताकत में सुधार होता है, धीरे-धीरे स्पीड बढ़ती जाती है। घर पर यह एक्सरसाइज मांसपेशियों के निर्माण और इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार के लिए बेस्ट मानी जाती है।
3. जंपिंग जैक:
घर पर डायबिटीज के मरीजों के लिए एक्सरसाइज की लिस्ट में एक और एक्सरसाइज जंपिंग जैक है। जंपिंग जैक एक एरोबिक टाइप 2 डायबिटीज एक्सरसाइज है, जो आपके हार्ट रेट को बढ़ाता है और ग्लूकोज के उपयोग में मदद करता है। हेल्दी हार्ट और इंसुलिन रेगुलेशन में सुधार करने के लिए अपनी डेली रूटीन में 15-20 जंपिंग जैक के 2-3 सेट शामिल करें।
4. पुश-अप्स:
पुश-अप्स डायबिटीज के मरीजों के लिए घर पर किए जाने वाले एक्सरसाइजों में से एक है जो आपके ऊपरी शरीर को मजबूत कर सकता है, जो ओवरऑल फिटनेस के लिए महत्वपूर्ण है। यदि आप एक्सरसाइज करने में नए हैं, तो घुटने की मदद से पुश-अप करें और ताकत बढ़ने पर फुल पुश-अप की ओर बढ़ें। इस टाइप 2 डायबिटीज एक्सरसाइज को रेगुलर करने से मांसपेशियों और इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करने में मदद मिलती है।
5. प्लैंक:
घर पर डायबिटीज के लिए प्लैंक एक शानदार कोर-स्ट्रेंथ एक्सरसाइज है। 30 सेकंड के लिए प्लैंक पोजिशन में रहकर शुरुआत करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं क्योंकि आपकी मुख्य ताकत में सुधार होता है। यह टाइप 2 डायबिटीज एक्सरसाइज आपके कोर को मजबूत बनाता है जो न केवल आपकी रीढ़ को सहारा देता है बल्कि ग्लूकोज रेगुलेशन में भी सहायता करता ह
6. योग:
एक्सरसाइज और डायबिटीज की प्लानिंग साथ-साथ चलती है, और व्यक्ति को अपनी लाइफस्टाइल में योग को शामिल करना चाहिए। योग घर पर डायबिटीज के लिए बेस्ट एक्सरसाइजों में से एक है। योग का अभ्यास न केवल लचीलेपन को बढ़ाता है बल्कि स्ट्रेस को मैनेज करने में भी सहायता करता है, जो डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए महत्वपूर्ण है। रेगुलर योग सेशन फिजिकल और मेंटल दोनों तरह के हेल्थ में सुधार कर सकता है। जिसके चलते योग डायबिटीज से निदान पाने के लिए बेस्ट माना जाता है।
7. रजिस्टेंस बैंड:
मांसपेशियों के निर्माण और इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाने के लिए हाथ और पैर के एक्सरसाइज के लिए रजिस्टेंस बैंड का उपयोग करें। डायबिटीज के लिए घर पर यह एक्सरसाइज वेरिएबल रजिस्टेंस प्रदान करता है, जो इसे सभी फिटनेस लेवलों के लिए बेस्ट बनाता है। रजिस्टेंस बैंड से घर पर की जाने वाली एक्सरसाइज से स्ट्रेंथ और ग्लूकोज रेगूलेशन में सुधार होता है।
8. सीढ़ियां चढ़ें:
डायबिटीज के मरीजों के लिए सबसे आसान घरेलू एक्सरसाइजों में से एक है सीढ़ियां चढ़ना, यदि आपके घर में सीढ़ियां हैं, तो बेहतरीन कार्डियोवस्कुलर वर्कआउट के लिए उनका इस्तेमाल करें। 10-15 मिनट तक सीढ़ियां चढ़ने-उतरने से आपकी हृदय गति बढ़ जाती है। घर पर टाइप 2 डायबिटीज के लिए यह एक्सरसाइज बेहतर ग्लूकोज मैनेज और ओवरऑल फिटनेस में मदद करता है।
टाइप 2 डायबिटीज के इन एक्सरसाइजों को अपनी डेली रूटीन में शामिल करने से आप घर पर आराम से डायबिटीज को मैनेज कर सकते हैं। चाहे आप हाई स्पीड के साथ रस्सी कूदें या ध्यानपूर्वक योग करें, इनमें से हर एक्सरसाइज आपके ओवरऑल हेल्थ के लिए गेम चेंजर के रूप में लाभ प्रदान करता है।
याद रखें किसी भी चीज का लाभ पाने के लिए स्थिरता महत्वपूर्ण है, और अपनी लाइफस्टाइल में एक नई फिजिकल एक्टिविटी को शुरू करने से पहले हेल्थकेयर एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें। अगर आप उनके बताए गए सुझावों को फॉलो करते हैं, तो आप बेहतर इंसुलिन सेंसिटिविटी और बेहतर ब्लड शुगर मैनेज के लिए सही रास्ते पर हैं। जरूरी नहीं है कि आप एक ही दिन में वर्कआउट के सभी स्टेप सीख जाएंगे, नियमित रूप से एक्सरसाइज करके आप अपने डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
फिजिकल एक्टिविटी डायबिटीज टाइप 2 के लिए सबसे अच्छा समय दिन का कोई भी समय होता है। इसके अलावा अपने सुविधाजनक समय पर एक्सरसाइज करना अच्छा होता है। हालांकि टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए एक्सरसाइज शुरू करने से पहले सुनिश्चित करें कि आपके पास कम से कम कुछ कार्ब्स खाने के लिए हों। यह आपको वर्कआउट के दौरान ब्लड शुगर के लेवल में अचानक गिरावट के जोखिम से बचाएगा। अपने फिटनेस ट्रेनर से सलाह लें कि आपके ब्लड शुगर के लेवल के अनुसार वर्कआउट से पहले आपको कितने कार्ब्स लेने चाहिए।
हाई स्पीड वाले वर्कआउट या एक दिन में अधिक समय तक एक्सरसाइज करने से एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन जारी होते हैं। एड्रेनालाईन लिवर से ग्लूकोज के रिलीज होने को उत्तेजित करता है और, कोर्टिसोल आपके शरीर को इंसुलिन रजिस्टेंस बनाता है। तेज एक्टिविटी वाले वर्कआउट ऐसे अधिक हार्मोन जारी करते हैं जो आपके ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ाते हैं। यही कारण है कि कम स्पीड वाला वर्कआउट डायबिटीज वाले लोगों के लिए फायदेमंद होता है। साथ ही यह उन्हें डायबिटीज के कारण होने वाले नर्व डैमेज के जोखिम से भी बचाता है।
खैर डायबिटीज एक लाइफस्टाइल से जुड़ी हुई बीमारी है। इसलिए किसी को एक्सरसाइज करने पर विचार करना चाहिए क्योंकि यह डायबिटीज पर काबू पाने का एक प्राकृतिक तरीका है। डायबिटीज तब होता है जब आपका शरीर इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने के लिए इसका उपयोग नहीं करता है। ब्लड शुगर के लेवल को मैनेज करने के लिए दवाएं आपको लाभ पहुंचा सकती हैं लेकिन आप अस्वस्थ महसूस करते रहेंगे। एक्सरसाइज आपको फिट और शारीरिक रूप से एक्टिव रखता है। यह स्वाभाविक रूप से आपके ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है और डायबिटीज से जुड़ी बीमारियों को रोकता है।
सभी प्रकार के एक्सरसाइज डायबिटीज के मरीजों के लिए नहीं होते हैं। इसलिए बेस्ट वर्कआउट प्लान या शुगर मैनेज एक्सरसाइज के लिए किसी एक्सपर्ट फिटनेस ट्रेनर या डॉक्टर की मदद लें। आपको उनके सुझाव के अनुसार ही वर्कआउट करना चाहिए और वर्कआउट से पहले, और वर्कआउट के बाद अपने ब्लड शुगर की मॉनिटरिंग करनी चाहिए। इससे आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि आपका शरीर एक्सरसाइज या वर्कआउट प्लान पर कैसी प्रतिक्रिया दे रहा है। आप अपने ब्लड शुगर के लेवल को रिकॉर्ड करने के लिए एक डायरी रख सकते हैं और फिर उतार-चढ़ाव के मामले में इसे अपने फिटनेस ट्रेनर या डॉक्टर को दिखा सकते हैं। जिससे आपको डायबिटीज में स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी।
जब आप एक्सरसाइज करते हैं, तो आपका हार्ट तेज गति से धड़कता है, और आप थोड़ी जोर से सांस लेते हैं। यह आपकी मांसपेशियों को एनर्जी देने के लिए अधिक काम करने में सक्षम बनाता है। शरीर की मांसपेशियां शरीर को अधिक ईंधन प्राप्त करने के लिए ब्लड ग्लूकोज का उपयोग करती हैं। इसलिए आपके ब्लड शुगर का लेवल कम हो जाता है। इसके अलावा एक्सरसाइज डायबिटीज टाइप-2 रोगियों के हार्ट हेल्थ में सुधार करने में मदद करता है। जिससे यह डायबिटीज के कारण होने वाली हार्ट से जुड़ी जटिल समस्याओं को कम करता है।
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