शुगर बढ़ने से क्या परेशानी होती है? – Sugar se Kya Pareshani Hoti Hai

Medically Reviewed By: DR. U.V RAO General Physician with 21 years of overall experience मार्च 19, 2024

डायबिटीज को मैनेज करने के लिए ब्लड में शुगर लेवल को समझना सबसे जरूरी है। शरीर पर असर, परेशानियां और खतरे को जानने के साथ-साथ शुगर लेवल को कंट्रोल करने के उपाय भी सीखने चाहिए। इस ब्लॉग में हम देखेंगे कि ब्लड में शुगर बढ़ने से क्या परेशानी होती है, डायबिटिक कीटोअसिडोसिस, दिल की बीमारी, नसों में खराबी जैसी चीजों के बारे में भी जानेंगे। साथ ही जानेंगे कि शुगर लेवल को कंट्रोल कैसे किया जाता है ताकि डायबिटीज के मरीज अपनी बीमारी को खुद मैनेज कर सकें।

हाई ब्लड शुगर क्या होता है?

हाइपरग्लाइसीमिया तब होता है, जब ब्लड में ग्लूकोज (शूगर) की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। कई बार ऐसा इंसुलिन रेजिस्टेंस, शरीर में इंसुलिन कम बनने या खानपान और जीवनशैली की वजह से हो सकता है। भले ही खाने के बाद थोड़े समय के लिए ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है, लेकिन लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर रहना कई तरह की परेशानियों और खतरों को जन्म दे सकता है।

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ब्लड में शुगर बढ़ने से शरीर पर क्या असर होता है?

ब्लड में शुगर बढ़ने से शरीर पर क्या असर होता है?

ब्लड में ज्यादा शुगर शरीर पर कई तरीकों से असर डाल सकता है, खासकर शुगर या इंसुलिन रेजिस्टेंस वालों के लिए तो ये और भी खतरनाक हो सकता है। आइए जानें शुगर बढ़ने से क्या परेशानी होती है-

  • ब्लड शुगर का बढ़ना: हाइपरग्लाइसीमिया तब होता है जब ब्लड में शुगर (ग्लूकोज) की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। ये इंसुलिन रेजिस्टेंस, कम इंसुलिन बनने या बहुत ज्यादा मीठा खाने की वजह से हो सकता है।
  • इंसुलिन रेजिस्टेंस: कुछ लोगों में शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील हो जाती हैं। इंसुलिन वो हॉर्मोन है जो ब्लड में शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। अगर कोशिकाएं इंसुलिन पर ध्यान नहीं देतीं तो शुगर ब्लड में ही रह जाता है और लेवल बढ़ जाता है।
  • कोशिकाओं को नुकसान: लंबे समय तक ब्लड में ज्यादा शुगर रहने से शरीर की कोशिकाओं और ऊतकों को नुकसान पहुंच सकता है। इसमें ब्लड की नलियां, नसें, कई अंग (जैसे कि किडनी, आंखें और दिल) और रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है।
  • ब्लड वेसल्स में दिक्कत: ज्यादा शुगर ब्लड की नलियों को कमजोर कर सकता है। इससे धमनियों में सख्ती आ सकती है और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।
  • ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस: ज्यादा शुगर शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ा सकता है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस तब होता है जब शरीर में फ्री रेडिकल्स नाम के तत्व ज्यादा हो जाते हैं और शरीर उन्हें खत्म नहीं कर पाता। इससे कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है और सूजन हो सकती है।
  • शरीर में सूजन: लंबे समय तक शुगर ज्यादा रहने से शरीर में सूजन आ सकती है। ये सूजन कई बीमारियों जैसे कि दिल की बीमारी, गठिया और शुगर से होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना: ज्यादा शुगर से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है। इससे संक्रमण का खतरा ज्यादा हो जाता है और घाव भरने में भी देरी हो सकती है।
  • किडनी खराब होना: लंबे समय तक शुगर ज्यादा रहने से किडनी खराब हो सकती है। इसे डायबिटिक नेफ्रोपैथी कहते हैं। इसमें किडनी कमजोर हो जाती है और पेशाब में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है। इससे किडनी फेल होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
  • नर्वस सिस्टम पर असर: हाइपरग्लाइसीमिया नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित कर सकता है। इससे हाथ-पैरों में झुनझुनाहट, सुन्न होना, दर्द और छूने का अहसास कम होना जैसे लक्षण हो सकते हैं।
  • आंखों को नुकसान: ज्यादा शुगर आंखों में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। इसे डायबिटिक रेटिनोपैथी कहते हैं। ये शुगर रोगियों में आंखों की रोशनी कम होने और अंधेपन का एक मुख्य कारण है।
  • शरीर में पानी की कमी: ज्यादा शुगर शरीर में पानी की कमी पैदा कर सकता है और इलेक्ट्रोलाइट्स के असंतुलन का कारण बन सकता है। कुछ गंभीर मामलों में इससे डायबिटिक कीटोअएसिडोसिस (DKA) या हाइपरऑस्मोलर हाइपरग्लाइसेमिक स्टेट (HHS) जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

ब्लड में ज्यादा शुगर रहने से शरीर के अलग-अलग अंगों पर काफी बुरा असर पड़ता है। इन असरों को समझना खासकर शुगर को काबू में रखने, परेशानियों से बचने और पूरी तरह से स्वस्थ रहने के लिए बहुत जरूरी है। हेल्दी आदतें अपनाकर, दवाइयां सही से लेकर, शुगर लेवल की नियमित जांच करवाकर और डॉक्टर की सलाह मानकर ब्लड शुगर लेवल को सही मात्रा में रखना बहुत ज़रूरी है। इससे हाई ब्लड शुगर के नुकसान से बचा जा सकता है।

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ब्लड में शुगर बढ़ने से क्या परेशानी होती है? – Diabetes se Kya Kya Pareshani Hoti Hai

ब्लड में शुगर बढ़ने से क्या परेशानी होती है? - Diabetes se Kya Kya Pareshani Hoti Hai

ब्लड में ज्यादा शुगर रहने से शरीर में कई बीमारियों का खतरा होता है। कुछ बड़े खतरों को अच्छे से समझते हैं-

1. डायबिटिक कीटोअसिडोसिस (DKA)

ये डायबिटीज़ से जुड़ी एक गंभीर परेशानी है जो खासकर टाइप 1 या खराब कंट्रोल वाले टाइप 2 डायबिटीज़ वालों को हो सकती है। इंसुलिन की कमी की वजह से शरीर ऊर्जा के लिए फैट को जलाना शुरू कर देता है, जिससे कीटोन नाम का तेज़ाबी पदार्थ बनता है। इसके लक्षण हैं, बहुत ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, जी मिचलाना, उल्टी होना, पेट दर्द, सांस लेने में तकलीफ और बेहोशी जैसा महसूस होना। अगर इसका इलाज ना कराया जाए तो ये जानलेवा भी हो सकता है। इसमें शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जरूरी मिनरल्स का बैलेंस बिगड़ जाता है और कोमा जैसी स्थिति भी बन सकती है। इसलिए अगर ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना बहुत जरूरी है।

2. हाइपरऑस्मोलर हाइपरग्लाइसेमिक स्टेट (HHS)

ये भी डायबिटीज़ से जुड़ी एक गंभीर परेशानी है जो खासकर टाइप 2 डायबिटीज़ वालों को हो सकती है। ब्लड में शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसके लक्षणों में बहुत ज्यादा प्यास लगना, मुंह सूखना, कमज़ोरी, बेहोशी जैसा महसूस होना और दौरे पड़ना आम हैं। अगर इसका इलाज ना कराया जाए तो शरीर में पानी की कमी गंभीर हो सकती है, मिनरल्स का बैलेंस बिगड़ सकता है, किडनी खराब हो सकती है और दिमाग संबंधी परेशानियां या दिल से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं। इसलिए अगर ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना बहुत जरूरी है।

3. दिल की बीमारी

ब्लड में लंबे समय तक शुगर ज्यादा रहने से दिल की बीमारी, हार्ट अटैक, स्ट्रोक और पैरों की धमनियों में रुकावट जैसी परेशानियां होने का खतरा बढ़ जाता है। ज्यादा शुगर शरीर में नसों को नुकसान पहुंचाता है और ब्लड के थक्के जमने का खतरा भी बढ़ा देता है। डायबिटीज़ वालों में ब्लड में ज्यादा शुगर रहने की वजह से दिल की बीमारी होने का खतरा ज्यादा रहता है। दिल की बीमारी डायबिटीज़ से होने वाली मौतों का एक मुख्य कारण है।

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4. किडनी खराब होना (नेफ्रोपैथी)

ब्लड में लंबे समय तक शुगर ज्यादा रहने से किडनी खराब हो सकती है। इसे डायबिटिक नेफ्रोपैथी कहते हैं। इसमें किडनी कमज़ोर हो जाती है और पेशाब में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है। अगर इसका सही इलाज ना कराया जाए तो किडनी पूरी तरह से खराब भी हो सकती है। डायबिटीज़ वालों में मौत का एक बड़ा कारण किडनी खराब होना भी है। ऐसे में डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत भी पड़ सकती है।

5. नसों को नुकसान (न्यूरोपैथी)

अगर ब्लड में बहुत ज्यादा शुगर रहता है तो शरीर की नसों को नुकसान पहुंच सकता है। इसे डायबिटीज न्यूरोपैथी कहते हैं। इससे शरीर में झुनझुनाहट, सुन्न होना, जलन, कमज़ोरी, छूने का अहसास न होना, पेट की समस्याएं और सेक्स से जुड़ी दिक्कतें भी हो सकती हैं। ज्यादा गंभीर न्यूरोपैथी से चलने-फिरने और संतुलन बनाने में भी परेशानी हो सकती है, जिससे ज़िंदगी जीना मुश्किल हो जाता है।

6. आंखों की समस्याएं (रेटिनोपैथी)

ब्लड में ज्यादा शुगर रहने से आंखों की पतली रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है। इसे डायबिटिक रेटिनोपैथी कहते हैं। यही वजह है कि शुगर वाले लोगों में अंधापन होने का खतरा ज्यादा होता है। अगर इसका जल्दी पता लगाकर इलाज न किया जाए तो यह स्थिति और खराब हो सकती है। आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है या पूरी तरह से जा भी सकती है।

7. पैरों की समस्याएं

ब्लड में लगातार शुगर ज्यादा रहने से पैरों की समस्याएं हो सकती हैं। इनमें घाव, इंफेक्शन और घाव भरने में देरी जैसी समस्याएं शामिल हैं। इन सब की वजह से पैरों में गंभीर इंफेक्शन, पैरों का टेढ़ा होना, घाव, गैंगरीन और पैर कटवाने जैसी नौबत भी आ सकती है। इसलिए जरूरी है कि पैरों की अच्छी देखभाल करें, उनका नियमित जांच करवाएं और अगर कोई समस्या हो तो जल्दी डॉक्टर को दिखाएं।

8. इंफेक्शन का ज्यादा खतरा

ब्लड में लगातार शुगर ज्यादा रहने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। इसका मतलब है कि शरीर को किसी भी तरह का इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा रहता है। साथ ही घाव भरने में भी देरी होती है। ज्यादा शुगर शरीर में बैक्टीरिया और फंगस को पनपने का अच्छा माहौल बना देता है। इसलिए शरीर में कहीं भी इंफेक्शन हो सकता है, जैसे कि त्वचा का इंफेक्शन, पेशाब का इंफेक्शन, सांस का इंफेक्शन वगैरह। डायबिटीज में ब्लड शुगर को काबू में रखना, साफ-सफाई का ध्यान रखना और डॉक्टरी सलाह लेना बहुत जरूरी है ताकि इंफेक्शन से बचा जा सके।

ब्लड में ज्यादा शुगर रहना शुगर के मरीजों के लिए काफी खतरनाक है। इसलिए शुगर को सही मात्रा में रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए नियमित जांच करवाना, डॉक्टर की सलाह मानना, सही खानपान और जीवनशैली अपनाना और परेशानी होने पर जल्दी इलाज करवाना बहुत ज़रूरी है।

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शुगर बढ़ने पर क्या करें? – Sugar Badhne Par Kya Karen

ब्लड में शुगर का लेवल (शुगर लेवल हाई) ज्यादा हो जाने पर उसे जल्दी से जल्दी सही मात्रा में लाना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं शुगर लेवल ज्यादा होने पर क्या करना चाहिए:

  • दवाइयां ठीक से लें: अगर आप शुगर की दवाएं खाते हैं, तो डॉक्टर की बताई हुई मात्रा में ही दवा लें। जरूरत के हिसाब से डॉक्टर की सलाह पर दवा की मात्रा कम या ज्यादा भी कर सकते हैं।
  • हल्का व्यायाम करें: अगर डॉक्टर ने कहा है तो हल्का व्यायाम जरूर करें। व्यायाम करने से शरीर में इंसुलिन ठीक से काम करता है और शुगर का लेवल कम हो जाता है।
  • खाने का ध्यान रखें: ऐसी चीजें खाएं जिनमें मिलावटी कार्बोहाइड्रेट कम हों, प्रोटीन, हेल्दी फैट और फाइबर ज्यादा हों। मीठी चीजें और प्रोसेस्ड फूड खाने से बचें, नहीं तो शुगर लेवल और बढ़ जाएगा।
  • इंसुलिन लें (अगर डॉक्टर ने कहा है): अगर आप इंसुलिन लेते हैं, तो ठीक उसी तरह लें जैसा डॉक्टर ने बताया है। जरूरत के हिसाब से खाने और शुगर लेवल के हिसाब से डॉक्टर की सलाह पर इंसुलिन की मात्रा को कम या ज्यादा किया जा सकता है।
  • तनाव कम करें: गहरी सांस लेने, ध्यान लगाने, योग करने या मनपसंद चीजें करने जैसी चीजों से तनाव को कम करें। तनाव से भी शुगर लेवल बढ़ सकता है।
  • डॉक्टर को दिखाएं: अगर शुगर लेवल कम नहीं हो रहा है या फिर आपको डायबिटिक कीटोअसिडोसिस (DKA) के लक्षण दिख रहे हैं, जैसे अत्यधिक प्यास, बार-बार पेशाब आना, जी मिचलाना, उल्टी होना, पेट में दर्द, सांसों में फलों जैसी गंध, तेजी से सांस लेना और उलझन, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

अपने डॉक्टर के साथ मिलकर खास आपके लिए बनाई गई योजना पर चलें। इस योजना में आपकी जरूरतों, बीमारी के इतिहास और शुगर को कंट्रोल करने के लक्ष्यों को ध्यान में रखा जाएगा। शुगर लेवल को सही रखने के लिए लगातार जांच, हेल्दी आदतें, दवाइयां ठीक से लेना और डॉक्टर से नियमित रूप से मिलना बहुत जरूरी है।

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निष्कर्ष

शुगर लेवल को समझने और उसे कंट्रोल करने से शुगर की वजह से होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है। शुगर लेवल ज्यादा होने पर जल्दी इलाज और हेल्दी आदतें अपनाना बहुत जरूरी है। जानकारी हासिल करना, डॉक्टर की सलाह मानना, दवाइयां सही से लेना, खाने-पीने का ध्यान रखना और व्यायाम करना, यह सब मिलकर शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। शुगर के साथ भी स्वस्थ रहना मुमकिन है। आइए मिलकर एक-दूसरे का सहयोग करें ताकि हम सब मिलकर शुगर लेवल को सही मात्रा में रख सकें और शुगर की चुनौतियों के बावजूद पूरी तरह से ज़िंदगी जी सकें।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

शुगर लेवल को कितनी बार जांचना चाहिए?

शुगर लेवल जांचने की मात्रा हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपको कौनसा डायबिटीज है, आप कौन सी दवा ले रहे हैं, क्या खाते हैं, कितना व्यायाम करते हैं और आपकी पूरी सेहत कैसी है। इस बारे में अपने डॉक्टर से जरूर पूछें। डॉक्टर आपको बताएंगे कि आपको रोजाना शुगर जांचना चाहिए या कुछ समय के बाद।

क्या व्यायाम से शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद मिलती है?

हां, नियमित व्यायाम ब्लड में शुगर लेवल को कंट्रोल करने में फायदेमंद होता है। व्यायाम करने से शरीर इंसुलिन का बेहतर इस्तेमाल कर पाता है, मांसपेशियां शुगर को एनर्जी के रूप में इस्तेमाल करती हैं, और शरीर का मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है। डॉक्टर आमतौर पर हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट मध्यम तीव्रता वाला व्यायाम करने की सलाह देते हैं।

खाने में क्या ध्यान रखना चाहिए?

मीठी चीजें और मीठे पेय पदार्थ कम मात्रा में लें। साबुत अनाज, फल, सब्जियां, कम चर्बी वाला मांस और हेल्दी फैट वाली चीजें ज्यादा खाएं। कार्बोहाइड्रेट का ध्यान रखें और जटिल कार्बोहाइड्रेट का सेवन करें, शुगर वाले पदार्थों से बचें। खाने की मात्रा का ध्यान रखें और पूरे दिन में थोड़ा-थोड़ा करके खाएं।

ब्लड में शुगर ज्यादा होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं?

अगर आपका ब्लड में शुगर का लेवल ज्यादा हो गया है तो आपको ये लक्षण महसूस हो सकते हैं- बहुत ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, आंखों से धुंधला दिखना, थकावट महसूस होना, घाव भरने में देरी होना, मुंह सूखना, सिरदर्द होना, बिना किसी कारण वजन कम होना। इन लक्षणों में शुगर लेवल जल्दी कम करने के लिए खूब पानी पिएं ताकि शरीर में पानी की कमी ना रहे। हल्का व्यायाम करें, जैसे तेज चलना। इससे शरीर शुगर को एनर्जी के रूप में इस्तेमाल कर सकता है जिससे शुगर लेवल कम हो सकता है। (लेकिन अगर आप पहले से बीमार हैं या शुगर बहुत ज्यादा बढ़ गया है तो डॉक्टर से सलाह लें) अगर आप शुगर की दवा लेते हैं तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा कम या ज्यादा कर सकते हैं। खुद से दवाओं का सेवन ना बदलें। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला खाना खाएं, उदाहरण के लिए हरी सब्जियां, कम चर्बी वाला मांस और साबुत अनाज।

ब्लड में शुगर कितना ज्यादा होना परेशानी वाली बात है?

ब्लड में शुगर का लेवल कई चीजों के आधार पर अलग-अलग नॉर्मल रेंज में होता है, जैसे आपकी उम्र, किस तरह का डायबिटीज है, दिन का कौनसा समय है, और आपने हाल ही में क्या खाया है। आम तौर पर, खाने के बाद 180 mg\dL से ज्यादा या सुबह खाली पेट 130 mg\dL से ज्यादा शुगर होना चिंता की बात हो सकती है।

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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