शुगर के मरीजों के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण अपने डाइट का चयन करना होता है। इसमें सबसे ज्यादा चर्चा का विषय होता है चावल, अब सवाल यह उठता है कि क्या शुगर के मरीज चावल खा सकते हैं या नहीं। चावल की कई किस्मों और खाना पकाने के तरीकों के साथ शुगर के मरीजों के लिए सबसे बढ़िया चावल ढूंढना एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है। ऐसे अध्ययन जो सुझाव देते हैं कि सफेद चावल(व्हाइट राइस) खाने से सामान्य व्यक्तियों में शुगर होने की संभावना 1.5 गुना बढ़ सकती है। लेकिन चावल की सभी किस्मों से शुगर होने की संभावना नहीं होती है। यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि आप चावल कैसे खा रहे हैं। चावल की कुछ शुगर-फ्रैंडली किस्में भी हैं। इस ब्लॉग में हम शुगर के मरीजों के लिए सबसे अच्छे चावलों में से कुछ का पता लगाएंगे। ब्लड शुगर पर उनके प्रभाव के बारे में जानेंगे। यह भी पता करेंगें कि शुगर के मरीजों के लिए कौन सी किस्में सबसे उपयुक्त हो सकती हैं। आप किस प्रकार के चावल का सेवन कर सकते हैं। तो चलिए शुरू करते हैं।
शुगर के मरीजों के लिए चावल की अलग-अलग किस्में
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दुनिया भर में 40,000 से ज्यादा प्रकार के चावल उगाए जाते हैं। भारत में ही उत्तरी और दक्षिणी राज्यों में चावल की असंख्य किस्मों का उत्पादन होता है। चावल की कुछ किस्में शुगर-फ्रैंडली होती हैं जो विशेष स्वाद, अनाज के आकार और बनावट के लिए जानी जाती हैं। यहां मधुमेह के मरीजों के लिए कुछ लोकप्रिय और स्वास्थ्यप्रद चावल दिए गए हैं-
- काला चावल(ब्लैक राइस)
- बासमती चावल
- ब्राउन राइस
- जैसमिन राइस
- मटका चावल
- उबला चावल
- चिपचिपा या मीठा चावल
- जंगली चावल
- टूटा चावल
भारत में अन्य लोकप्रिय किस्मों में मसूरी और सोना मसूरी शामिल हैं। ये चावल की पॉलिश की हुई किस्में हैं। इनकी बिना पॉलिश की हुई किस्में भी आती हैं जो बाजार में उपलब्ध है।
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क्या शुगर के मरीजों का चावल खाना ठीक है?
चावल अपनी हाई-ग्लाइसेमिक प्रोफ़ाइल और कार्ब सामग्री के कारण कई लोगों द्वारा पूरी तरह से परहेज करने योग्य माना जाता है। इंटरनेट पर ऐसे ब्लॉग भी हैं जो कहते हैं कि चावल शुगर होने का कारण बन सकता है। लेकिन हकीकत थोड़ी अलग है। चावल नरम और डाईजेशन में आसान भोजन है। शुगर के मरीज चावल खा सकते हैं, लेकिन केवल शुगर डाइट प्लान में बताए जाने के हिसाब से। चावल में कैलोरी और कार्ब्स अधिक मात्रा में होते हैं इसलिए इसका सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए। साथ ही चावल का ग्लाइसेमिक प्रोफाइल ज्यादा होता है, इसलिए इसका सेवन करते समय इसे दाल और सब्जियों के साथ अच्छी तरह मिलाएं। हाई-जीआई खाद्य पदार्थों को लो-जीआई खाद्य पदार्थों के साथ मिलाने से ब्लड शुगर पर उनका प्रभाव कम हो जाता है। आइए अब टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए चावल की ओवरऑल न्यूट्रिशन प्रोफ़ाइल देखें-
चावल का न्यूट्रिशन प्रोफ़ाइल
- सौ ग्राम चावल में लगभग 130 किलो कैलोरी होती है।
- चावल में कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है।
- चावल कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस और पोटैशियम से भरपूर होता है। चावल में विभिन्न विटामिन और खनिज(मिनरल्स)होते हैं।
- चावल में सोडियम नहीं होता।
- चावल में एंटीऑक्सीडेंट और फ्लेवोनोइड्स मौजूद होते हैं।
- चावल में राइबोफ्लेविन, नियासिन और थायमिन होते हैं। जो कैंसर और हार्ट डिजीज को रोकने में मदद करते हैं।
इन सभी पोषण(न्यूट्रिशन) से जुड़े लाभों के बावजूद बाजार में अधिकांश चावल ऐसे हैं जिनमें इन सबका अभाव है। ऐसा उन्हें पॉलिश करने के कारण होता है। जब धान की फसल पॉलिश के लिए चावल मिलों में जाती है। तो चावल की ज्यादातर फाइबर सामग्री नष्ट हो जाती है। चावल की ऊपरी परत भी नष्ट हो जाती है।
सफेद चावल(व्हाइट राइस) का ग्लाइसेमिक प्रोफाइल लगभग 73 के आसपास होता है। साधारण सफेद चावल(व्हाइट राइस) को काफी मात्रा में खाने से आपका शुगर लेवल बढ़ जाएगा। इसीलिए सफेद चावल शुगर के लिए ठीक नहीं होते। मधुमेह के मरीज सफेद चावल(व्हाइट राइस) अपने डायबिटीज डाइट प्लान के हिसाब से खा सकते हैं।
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मधुमेह रोगियों के लिए शुगर फ्री चावल
चावल का प्राथमिक घटक कार्बोहाइड्रेट है। इसलिए तकनीकी रूप से शुगर के मरीजों के लिए कोई शुगर फ्री चावल नहीं है। लेकिन अब हम मधुमेह के मरीजों के लिए कुछ स्वास्थ्यप्रद लो-जीआई वाले चावल के बारे में बताएंगे। जो आपके ब्लड शुगर पर काफी हल्का प्रभाव डालते हैं। तो यहां मधुमेह के मरीजों के लिए चावल की सूची दी गई है-
ब्राउन राइस
जब मधुमेह के मरीजों के लिए सबसे अच्छे चावल पर बात की जाती है, तो ब्राउन राइस शुगर के मरीजों की पहली पसंद है। सफेद चावल(व्हाइट राइस) में चोकर और रोगाणु(जर्म) नहीं होते जबकि ब्राउन राइस में ये दोनों होते हैं। ब्राउन राइस में फाइबर की मात्रा भी अधिक होती है। प्रति 100 ग्राम ब्राउन राइस में 1.6 ग्राम फाइबर होती है। शुगर के मरीजों के लिए ब्राउन राइस की न्यूट्रिशन संरचना(कंपोजिशन) निम्नलिखित है-
100 ग्राम पके हुए ब्राउन राइस में पोषक तत्व(न्यूट्रिशन) | ||||
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पोषक तत्व | मात्रा | |||
कैलोरी |
122 कैलोरी |
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कार्बोहाइड्रेट |
26 ग्रा |
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प्रोटीन |
3 ग्राम |
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मैंगनीज |
आरडीवी का 40% |
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जस्ता(जिंक) |
आरडीवी का 7% |
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नियासिन (बी3) |
आरडीवी का 15% |
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थियामिन (बी1) |
आरडीवी का 15% |
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मैगनीशियम |
आरडीवी का 10% |
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फास्फोरस |
आरडीवी का 10% |
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पैंटोथेनिक एसिड (बी5) |
आरडीवी का 8% |
ब्राउन राइस शुगर के मरीजों के लिए किस तरह से अच्छा है?
शुगर के मरीजों के लिए ब्राउन राइस अपनी एंटीऑक्सीडेंट सामग्री की वजह से काफी फायदेमंद है। इसकी एंटीऑक्सीडेंट सामग्री शरीर में फ्री कणों(रैडिकल्स) से लड़ने में मदद करटी है। मधुमेह में ब्राउन राइस भोजन के बाद ब्लड शुगर को कम करने में भी मदद करता है। इसका हाई फाइबर शुगर के मरीजों को लंबे समय तक भूख लगने का एहसास नहीं होने देता। शुगर के मरीजों को अपने डाइट प्लान में ब्राउन राइस को शामिल करना चाहिए। ब्राउन राइस में मैग्नीशियम भी होता है,जो टाइप 2 शुगर होने की संभावना को कम करता है।
लाल चावल(रेड राइस)
इस सूची में मधुमेह के मरीजों के लिए एक और लो-ग्लाइसेमिक चावल रेड राइस है। लाल चावल(रेड राइस) का दूसरा नाम नवारा चावल है। रेड राइस में एंथोसायनिन नामक एक मजबूत एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, यह एंटीऑक्सीडेंट एंथोक्यान से प्राप्त होता है। जो इस चावल को लाल रंग देता है, शुगर के मरीजों में शुगर लेवल को कम करने में एंथोसायनिन मदद करता है। कुछ फल जैसे की अंगूर और जामुन में भी एंथोक्यान पाया जाता है । इससे इन फलों को लाल, बैंगनी और नीला रंग मिलता है।
लाल चावल(रेड राइस) में पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड्स जैसे यौगिक सूजन (इन्फ्लेमेशन) को कम करते हैं, जो शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंद है। शुगर के मरीजों के लिए यह चावल अपने कैंसर रोधी गुणों के कारण और हार्ट के लिए भी लाभकारी है। ज्यादा वजन वाले शुगर पीड़ित शुगर प्रबंधन(मैनेजमेंट) के लिए लाल उबले चावल का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है।
ब्लैक राइस(काला चावल)
शुगर कंट्रोल करने वाले चावल की इस सूची में अगला नाम ब्लैक राइस का है। काले चावल की उत्पत्ति प्राचीन चीन से होती है। केवल शाही परिवार के सदस्यों को ही इसे खाने की अनुमति थी। शुगर के मरीजों के लिए काला चावल(ब्लैक राइस) चावल की सभी किस्मों में सबसे अधिक प्रोटीन प्रदान करता है। लाल चावल(रेड राइस) की तरह काले चावल को अपना रंग एंथोसायनिन से मिलता है। इस चावल के फायदे हैं-
- कैंसर रोधी गुण।
- हार्ट हेल्थ में सुधार।
- इसमें 23 अलग प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट और कैरोटीनॉयड होते हैं।
- ग्लूटेन फ्री।
- विजन और रेटिनल नर्व सेल में सुधार करता है।
जंगली चावल(वाइल्ड राइस)
शुगर के मरीजों के लिए एक और शुगर फ्री चावल है वाइल्ड राइस। जंगली चावल अलग तरह की जलीय घास से मिलता है। यह चावल भारत के तटीय इलाकों के रसोईघर में बहुत आसानी से मिल जाता है। इस शुगर फ्री चावल में मैंगनीज पाया जाता है। जो।माइटोकॉन्ड्रिया को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है। जिससे आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म ठीक रहता है।
इस लो-ग्लाइसेमिक सफेद चावल(व्हाइट राइस) में ए.एल.ए(अल्फा लिपोइक एसिड) भी अच्छी मात्रा में होता है। यह एसिड शुगर के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है। क्योंकि यह इंसुलिन उत्पादन(प्रोडक्शन) में सुधार करता है,और डायबिटीज न्यूरोपैथी के लक्षणों को दूर करता है।
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लो-ग्लाइसेमिक चावल के प्रकार
शुगर के मरीजों के लिए लो-ग्लाइसेमिक चावल की तालिका(टेबल)। उनका जीआई सफेद चावल(व्हाइट राइस) से कम होगा और डाईजेशन भी धीमा होगा। यह ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखता है।
लो-ग्लाइसेमिक चावल की तालिका(टेबल) | ||||
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चावल के प्रकार | ग्लाइसेमिक इंडेक्स (सूचकांक) | |||
ब्राउन राइस |
50-55 |
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साबुत अनाज बासमती चावल |
50-52 |
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ब्राउन राइस (उबला हुआ) |
50 (लगभग) |
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ब्लैक राइस |
42-45 |
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जंगली चावल(वाइल्ड राइस) |
45 |
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लाल चावल(रेड राइस)(रेड राइस) |
55 (लगभग) |
शुगर के मरीजों के लिए बासमती चावल कैसा है?
अपने लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) के कारण चावल की कुछ अन्य किस्मों की तुलना में बासमती चावल को शुगर के मरीजों के लिए बेहतर विकल्प माना जाता है। शुगर के मरीजों के लिए साबुत अनाज बासमती चावल में फाइबर, तांबा और मैग्नीशियम अधिक मात्रा में होते हैं। इसमें एक प्रकार का स्टार्च भी होता है जिसे रेजिस्टेंस स्टार्च कहा जाता है। जो सामान्य स्टार्च की तुलना में धीमी गति से डाईजेस्ट(पाचन) होता है।
बासमती चावल का जीआई लो(कम) है लेकिन ज्यादा सेवन मना है। बड़ी मात्रा में सेवन ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकता है। बासमती चावल और शुगर प्रबंधन(मैनेजमेंट) तभी संभव है जब आप इसका सेवन नियंत्रण(कंट्रोल) में रहकर करेंगे। सामान्य कंडीशन में लगभग 1/3 से 1/2 कप पका हुआ बासमती चावल होना चाहिए। जब आप इन सबका पालन करते हैं तब बासमती चावल और शुगर प्रबंधन(मैनेजमेंट) संभव है।
सफेद चावल(व्हाइट राइस) का शुगर कनेक्शन
इन सब चावल की किस्मों के अलावा आप अपने शुगर डाइट में सफेद चावल(व्हाइट राइस) भी शामिल कर सकते हैं। ब्लड शुगर को ध्यान में रखते हुए शुगर फ्री चावल को फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के साथ मिलाया जा सकता है। हाई-फाइबर वाले खाद्य पदार्थों में सब्जियाँ, फलियाँ, या लो-फैट वाले प्रोटीन शामिल हैं। चावल खाते समय आप निम्नलिखित तरीके अपना सकते हैं-
- प्रेशर कुकर का उपयोग न करें, बल्कि एक कंटेनर का उपयोग करें और चावल पक जाने पर अतिरिक्त(एक्स्ट्रा) पानी निकाल दें।
चावल को धीमी आंच पर पकाएं। - इसे अन्य खाद्य पदार्थों के साथ मिलाएं।
- भाग नियंत्रण(पोर्शन कंट्रोल) का अभ्यास करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
नियंत्रित(कंट्रोल) शुगर लेवल को लेकर अलग-अलग रिपोर्टें हैं, कोई भी व्यक्ति अपने डाइट में लगभग 30 से 40 ग्राम चावल (कच्चा) शामिल कर सकता है। लेकिन हाई-शुगर लेवल वाले मधुमेह के मरीजों के लिए चावल खाना ही मना है। उन्हें इसे तभी खाना चाहिए जब उनकी शुगर कंट्रोल में हो।
कोलम चावल दक्षिणी भारत में उगाया जाता है और पोंगल त्योहार में काफी लोकप्रिय है। इसमें मीठी सुगंध और स्पंजी बनावट है। शुगर के लिए कोलम चावल अच्छा है क्योंकि इसका जीआई स्कोर 51 है और इसे कम मात्रा में खाया जा सकता है।
प्रेशर कुकर में पकाए गए सादे सफेद चावल(व्हाइट राइस) शुगर के मरीजों के लिए अच्छे नहीं होते हैं। इस चावल में कैलोरी और कार्ब की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। ये चावल ब्लड शुगर बढ़ाता है। सफेद चावल(व्हाइट राइस) मधुमेह के मरीजों के लिए अच्छा होता है जब इसे कम मात्रा में और अन्य खाद्य पदार्थों के साथ मिलाकर खाया जाता है।
अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि मधुमेह के मरीजों के लिए ब्राउन राइस भोजन के बाद शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है। ब्राउन राइस में भरपूर फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। जो शुगर प्रबंधन(मैनेजमेंट) में मदद करते हैं।
हां, शुगर के मरीजों के लिए चावल की बिना पॉलिश और फाइबर वाली किस्में मौजूद हैं। चावल की किस्मों जैसे ब्राउन राइस, जंगली चावल आदि का सेवन आपके शुगर डाइट प्लान में किया जा सकता है। चावल खाते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसे फाइबर और प्रोटीन से भरपूर अन्य खाद्य पदार्थों के साथ ही खाएं।
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