Last updated on दिसम्बर 19th, 2024
दक्षिण भारतीय खाने की खासियत, डोसा, एक स्वादिष्ट और बहुमुखी पैनकेक है जिसको उबले हुए चावल और दाल के घोल से बनाया जाता है। इसे अक्सर चटनी और सांभर के साथ परोसा जाता है। भारत के दक्षिणी क्षेत्रों, विशेष रूप से तमिलनाडु और कर्नाटक से उत्पन्न होकर, डोसा ने अपनी कुरकुरी बनावट और स्वादिष्ट स्वाद के लिए बड़े पैमाने पर लोकप्रियता हासिल की है।
हाल के कुछ सालों में, डोसा को मधुमेह को नियंत्रित करने में इसके संभावित लाभों के लिए पहचाना जाने लगा है। हालांकि, यह अभी भी शोध का विषय है कि यह ब्लड शुगर के स्तर को कैसे प्रभावित करता है, लेकिन डोसा के मुख्य तत्व, “चावल और दाल” आमतौर पर अन्य अनाज की तुलना में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स रखते हैं, जिससे यह डायबिटीज से प्रभावित लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प बन सकता है। उबालने की प्रक्रिया जो डोसा बनाने में कि जाती है वह इसके पोषण तत्वों को और बढ़ा सकती है।
भले ही डोसा पारंपरिक भारतीय खाने से जुड़ा है, लेकिन अब ये दुनिया भर में इसके स्वाद और पोषण के लिए खाया जाता है। इस ब्लॉग में, हम जानेंगे कि क्या डोसा शुगर के लिए अच्छा है और इसके अन्य और भी स्वास्थ्य लाभ क्या हैं।
क्या शुगर में डोसा खा सकते हैं? – Sugar me Dosa Kha Sakte hai
हां, डोसा को डायबिटीज से जुड़ी डाइट में शामिल किया जा सकता है, लेकिन मात्रा का ध्यान रखना होगा इसके साथ हम यह भी जानेंगे की क्या डोसा शुगर के लिए अच्छा हो सकता है। डोसा बनाने के मुख्य तत्व, चावल और दाल, अन्य अनाजों की तुलना में ब्लड शुगर को कंट्रोल में मदद कर सकता है। पर, डोसा का सही मात्रा में खाना और उस के ऊपर क्या डालना है, इस पर भी ध्यान देना ज़रूरी है। अमेरिका के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, सही तरह का डोसा खाने से खून में शुगर को कंट्रोल में रखने में मदद मिल सकती है। अगर आपको डायबिटीज है, तो अपने डॉक्टर या किसी डायटीशियन से सलाह लें, ताकि वो आपको आपके लिए आपका डाइट प्लान बना सकते है।
डोसा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स
डोसा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 50 से 90 के बीच हो सकता है, ये इस बात पर निर्भर करता है कि इसे कैसे बनाया गया है और किन चीजों से बनाया गया है। आमतौर पर, डोसा बनाने के मुख्य तत्व, चावल और दाल, मध्यम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले होते हैं. साबुत अनाज का इस्तेमाल करने या आहार में रेशे से भरपूर चीजें शामिल करने से ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ने से बचाया जा सकता है।
डोसा खाने के फायदे – Dosa Khane ke Fayde
पोषक तत्वों का भंडार:
डोसा का सबसे बड़ा फायदा है कि ये पोषक तत्वों से भरपूर है। इसमें चावल और दाल का मिश्रण होता है, जो प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। ये पोषक तत्व शरीर को स्वस्थ रखने और संतुलित आहार बनाए रखने में मदद करते हैं।
डोसा का ग्लाइकेमिक इंडेक्स (जीआई) कई चीजों के आधार पर बदलता है, जैसे इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री और बनाने का तरीका। अच्छी बात ये है कि जीआई को कम रखा जा सकता है, इसलिए डायबिटीज के लिहाज से डोसा फायदेमंद हो सकता है। रिसर्च बताती हैं कि चावल और दाल के कॉम्बिनेशन से बना डोसा में जीआई की मात्रा न ही ज्यादा कम होती है और न ही प्रयुक्त मात्रा से अधिक होती है, जो ब्लड शुगर कंट्रोल में मदद कर सकती है। खासकर, अगर इसे कम मात्रा में खाया जाए और ऊपर से सब्जियां या चटनी जैसी फाइबर से भरपूर चीजें डाली जाएं।
एक रिसर्च में पाया गया कि डायबिटीज से प्रभावित लोगों के लिए दाल को खाने में शामिल करना उनके कोलेस्ट्रॉल को बेहतर कर सकता है। यह रिसर्च हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित हुआ था।
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सरल शब्दों में:
- डोसा में शुगर कितनी जल्दी घुलती है, ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपने क्या-क्या डाला और उसे कैसे बनाया।
- अच्छी बात ये है कि आप चीज़ों का ध्यान रखकर इसे कम शुगर वाला बना सकते हैं।
- चावल और दाल से बना डोसा का शुगर लेवल मध्यम होता है, जो ब्लड शुगर कंट्रोल में मदद करता है। खासकर अगर कम खाया जाए और ऊपर से सब्जियां या चटनी जैसी फाइबर वाली चीज़ें डाली जाएं।
- एक रिसर्च बताती है कि दाल खाने से टाइप-2 डायबिटीज़ वालों का कोलेस्ट्रॉल भी कम हो सकता है।
यहाँ डोसा खाने का एक और फायदा है – आपका पेट आसानी से खाना पचा लेगा! डोसा बनाने में जो खमीर (Fermentation) होता है, वो उसे पचाने में मदद करता है और साथ ही साथ आपके पेट में अच्छे बैक्टीरिया को भी बढ़ाता है। ये खमीर (Fermentation) वाले खाने शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों को भी आसानी से पचाने में मदद करते हैं।
वजन नियंत्रण:
डोसा के फायदों में वजन पर नियंत्रण भी शामिल है। डोसा में कम कैलोरी होती है और इसमें मौजूद प्रोटीन और फाइबर आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराते हैं, इसलिए यह वजन संभालने के लिए संतुलित आहार का हिस्सा हो सकता है। टोरंटो विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक रिसर्च में पाया गया है कि दाल को खाने में शामिल करने से वजन कम करने और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है।
डोसा की खासियत:
डोसा के कई तरह से बनने की खासियत इसे बेहद खास बनाती है। डोसा में आप अपनी पसंद की कोई भी फिलिंग या टॉपिंग डाल सकते हैं। इससे कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर चीज़ें खाने में शामिल हो जाती हैं, जो डोसे को और भी ज्यादा सेहतमंद बना देती हैं।
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शुगर के लिए कौन सा डोसा अच्छा है? – Sugar me Dosa Recipe in Hindi
डोसा स्वास्थ्य के लिए तब तक अच्छा है जब तक इसे सही सामग्री से बनाया जाए और सीमित मात्रा में खाया जाए। यहां कुछ प्रकार के डोसे हैं जो डायबिटीज से प्रभावित लोगों के लिए अच्छे माने जाते हैं:
पूरे आटे का डोसा:
यह डोसा शुगर के लिए अच्छा होता है। इसे साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, गेहूं या ज्वार के मिश्रण से बनाया जाता है। ये आटे फाइबर से भरपूर होते हैं, जो पचने और शरीर में घुलने में धीमा समय लेते हैं, जिससे ब्लड शुगर धीरे-धीरे बढ़ता है। डायबिटीज यूके के अनुसार, साबुत अनाज ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। यह डोसा सफेद चावल के डोसा से तुलना में स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है क्योंकि यह ब्लड शुगर को बेहतर तरीके से नियंत्रित करता है।
जई का डोसा:
जई का डोसा शुगर के लिए अच्छा है और साथ में यह स्वास्थ के लिए भी अच्छा होता है क्योंकि इसमें जई का इस्तेमाल किया जाता है, जो बहुत पौष्टिक होता है। जई में बहुत फाइबर होता है और इसमें बीटा-ग्लुकन नाम का घुलनशील फाइबर भी पाया जाता है, जो आपके ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) द्वारा प्रकाशित अध्ययनों से पता चला है कि जई ग्लाइसेमिक नियंत्रण में सुधार कर सकता है और टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम कर सकता है।
मूंग दाल डोसा:
मूंग दाल, जो कि छोटी हरी दाल होती है, प्रोटीन, फाइबर और धीमी पचने वाले कार्बोहाइड्रेट का एक अच्छा स्रोत है। यह डोसा सेहत के लिए अच्छा है क्योंकि इसमें कई पोषक तत्वों का संतुलित मिश्रण होता है। रिसर्च बताती हैं कि मूंग दल जैसी दालों को आहार में शामिल करने से इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार और भोजन के बाद रक्त शुगर के स्तर को कम करके रक्त शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
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क्विनोआ डोसा:
क्विनोआ ग्लूटेन-मुक्त साबूत अनाज है जो प्रोटीन, फाइबर और जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह डोसा वजन घटाने और डायबिटीज के लिए अच्छा है, क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम और प्रोटीन ज्यादा होता है, जो ब्लड शुगर को स्थिर रखने और भूख कम करने में मदद करता है।
रागी डोसा:
रागी, जिसे फिंगर मिलेट के नाम से भी जाना जाता है, फाइबर, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर पौष्टिक साबूत अनाज है। रागी डोसा भी वजन घटाने के लिए अच्छा है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और बेहतर ब्लड शुगर नियंत्रण में मदद करने वाले जरूरी अमीनो एसिड की मौजूदगी के कारण रागी डोसा डायबिटीज प्रबंधन के लिए भी उपयुक्त विकल्प है।
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पालक डोसा:
पालक डोसा एक पौष्टिक विकल्प है जिसमें पालक शामिल है, जो फाइबर, विटामिन और आयरन और कैल्शियम जैसे मिनरल्स से भरपूर हरी पत्तेदार सब्जी है। पालक डालने से डोसा का पोषण और बढ़ जाता है, पलक में एंटी-ऑक्सीडेंट मिलते हैं जो सम्पूर्ण स्वास्थ्य को सपोर्ट करते हैं और ब्लड शुगर को काबू करने में भी आप की मदद कर सकते हैं।
ज्वार डोसा:
इसे ज्वार या चरी भी कहते हैं, अंग्रेजी में इसे सोर्घुम (sorghum) ये ग्लूटेन-मुक्त साबुत अनाज है, जो फाइबर, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। खासकर डायबिटीज से प्रभावित व्यक्तियों के लिए ज्वार का डोसा बहुत अच्छा विकल्प है। इसकी कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ज्यादा फाइबर की वजह से ये खून में शुगर को धीरे-धीरे बढ़ने देता है और पेट भरा रखता है, जिससे शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।
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सारांश
दक्षिण भारतीय खाने की जान, डोसा, डायबिटीज वालों के लिए कई फायदे लेकर आता है। चावल और दाल का ये मिश्रण जरूरी पोषक तत्व तो देता ही है, साथ ही मैदे से बनी चीज़ों के मुकाबले कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने की वजह से शुगर लेवल को भी नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है। ऊपर से, डोसा को बनाने में होने वाली खमीर(fermentation) प्रक्रिया से उसका पाचन आसान हो जाता है और शरीर पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से पचा लेता है। जब डोसा को साबुत अनाज (पूरी गेहूं, जई), दाल (मूंग, चना) और पालक जैसी हरी सब्जियों जैसे पोषक तत्वों से भरपूर सामग्री के साथ बनाया जाता है, तो यह शुगर से प्रभावित लोगों के लिए और भी फायदेमंद हो सकता है। इससे स्वाद और स्वास्थ्य दोनों का लाभ मिलता है। ज़रूरत से ज़्यादा न खाकर और अपनी डाइट को संतुलित रखकर जिन व्यक्तियों को शुगर की समस्या है उनके लिए डोसा एक अच्छा आहार बन सकता है। इससे उनका स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती पूरी तरह से ठीक रहती है। अलग-अलग तरह के डोसे खाकर आप अपने खून में शुगर को नियंत्रित रख सकते हैं, पाचन को दुरुस्त रख सकते हैं, वजन को सही मात्रा में रख सकते हैं और शरीर को ज़रूरी पोषण भी दे सकते हैं। ये सब स्वादिष्ट तरीके से किया जा सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
हाँ, उड़द दाल से बना डोसा डायबिटीज के लिए एक अच्छा विकल्प है। इसमें पारंपरिक चावल के डोसे की तुलना में अधिक प्रोटीन और फाइबर होता है। इसे कम मात्रा में खाने से और फाइबर युक्त टॉपिंग के साथ ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।
हाँ, साबुत गेहूं के आटे से बना डोसा, रिफाइंड अनाज से बने डोसे से बेहतर विकल्प है। इसमें अधिक फाइबर और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो संतुलित आहार के हिस्से के रूप में कम मात्रा में खाने पर ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
आम तौर पर, डोसे बनाने में अतिरिक्त चीनी नहीं डाली जाती है। लेकिन, चावल और दाल से बने डोसे के बैटर में प्राकृतिक रूप से मौजूद कार्बोहाइड्रेट ब्लड शुगर को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए, डायबिटीज रोगियों को डोसे का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए और फाइबर युक्त टॉपिंग जैसे सब्जियां या दही के साथ खाना चाहिए।
हाँ, बाजरा (रागी) से बना डोसा डायबिटीज के नियंत्रण के लिए एक अच्छा विकल्प है। यह पारंपरिक चावल के डोसे की तुलना में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और अधिक फाइबर होने के कारण फायदेमंद होता है। इसे कम मात्रा में खाने से ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।
मसाला डोसा में आलू की स्टफिंग होती है, जिससे इसमें कार्बोहाइड्रेट ज़्यादा होते हैं। इसलिए, डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए यह सबसे अच्छा विकल्प नहीं है। लेकिन, कम मात्रा में खाया जाए और ऊपर से फाइबर से भरपूर चीज़ें डाली जाएँ, तो ब्लड शुगर को काबू में रखने में मदद मिल सकती है।
डोसा खाने से ब्लड शुगर पर असर कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे कि इसमें क्या सामग्री इस्तेमाल हुई है और आप कितना खाते हैं। डोसे में कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो ब्लड शुगर बढ़ा सकते हैं। लेकिन, साबुत अनाज से बने डोसा खाने और कम मात्रा में खाने से ब्लड शुगर को काबू में रखा जा सकता है।
रवा डोसा, सूजी और चावल के आटे से बना एक लोकप्रिय दक्षिण भारतीय व्यंजन है। हालांकि सूजी में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होते हैं और ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी साबुत अनाज से ज्यादा होता है, लेकिन रवा डोसा को डायबिटीज से बचाव वाली डाइट में शामिल किया जा सकता है। बस इस बात का ध्यान रखें कि आप कितना खाते हैं और इसे रेशे से भरपूर साथी जैसे चटनी या सब्जियों के साथ खाएं।
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