डायबिटीज तेजी से फैल रही है। इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है, हालांकि इसे कट्रोल किया जा सकता है। डायबिटीज मैनेज करने के लिए ब्लड में शुगर का लेवल और भूख का आपस में क्या रिश्ता है, यह समझना बहुत जरूरी है। डायबिटीज से जुड़ी परेशानियों में अक्सर लोगों को ज्यादा भूख लगने की समस्या होती है। इससे कई सवाल उठते हैं, जैसे डायबिटीज में भूख क्यों ज्यादा लगती है, ये भूख शुगर लेवल को कैसे प्रभावित करती है, और भूख को कम करने के लिए क्या किया जा सकता है। आज के ब्ल़़ॉग में इसी पर बात करेंगे। हम जानेंगे कि शुगर में भूख क्यों लगती है, इंसुलिन रेजिस्टेंस और हार्मोन्स का इसमें क्या रोल होता है, और भूख को कंट्रोल करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं, जिनसे दवाओं पर निर्भरता कम हो।
डायबिटीज या शुगर क्या है?
डायबिटीज या मधुमेह या शुगर एक ऐसी लंबी चलने वाली बीमारी है, जिसमें शरीर या तो पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता या फिर बनाया हुआ इंसुलिन ठीक से काम नहीं करता। इंसुलिन एक हार्मोन है जो शरीर में शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। डायबिटीज होने पर शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे कई सारी परेशानियां हो सकती हैं।
डायबिटीज कई तरह का होता है, जिनमें मुख्य हैं:
- टाइप 1 डायबिटीज: इसमे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता गलती से इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देती है। नतीजतन, शरीर कम या बिल्कुल भी इंसुलिन नहीं बना पाता, जिससे ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है।
- टाइप 2 डायबिटीज: शरीर इंसुलिन के प्रतिरोधक बन जाता है या फिर जरूरत के हिसाब से पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता। यह अक्सर मोटापा, कम शारीरिक गतिविधि और अस्वस्थ खानपान की आदतों जैसी जीवनशैली से जुड़ा होता है।
- गर्भावस्था के दौरान मधुमेह (जेस्टेशनल डायबिटीज): यह गर्भावस्था के दौरान होता है और अगर इसे नियंत्रित न किया जाए तो इससे माँ और बच्चे दोनों को खतरा हो सकता है।
- प्री-डायबिटीज: इस स्थिति में ब्लड में शुगर का लेवल सामान्य से ज्यादा होता है, लेकिन इतना ज्यादा नहीं होता कि उसे टाइप 2 डायबिटीज माना जा सके। अगर इसका इलाज न कराया जाए तो यह आगे चलकर टाइप 2 डायबिटीज में बदल सकता है।
और पढ़े: शुगर में कीवी खा सकते हैं?
शुगर में भूख क्यों लगती है?
डायबिटीज क्या है ये जानने के बाद अब समझते बैं शुगर और भूख का कनेक्शन क्या होता है। डायबिटीज के सबसे आम लक्षणों में से एक है ज्यादा भूख लगना, जिसे मेडिकल भाषा में पॉलीफैगिया कहते हैं। ये लक्षण उनमें ज्यादा दिखता है, जिनका शुगर लेवल ठीक से कंट्रोल में नहीं है। इसके कई कारण हो सकते हैं:
इंसुलिन रेजिस्टेंस:
टाइप 2 डायबिटीज में, इंसुलिन रेजिस्टेंस भूख बढ़ाने का एक मुख्य कारण होता है। जब शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के असर को रोक लेती हैं, तो शरीर शुगर को ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाता। इससे ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। इसका जवाब में, शरीर ज्यादा इंसुलिन बनाने लगता है, जो भूख बढ़ा सकता है और खाने की मात्रा बढ़ा सकता है।
शुगर कंट्रोल न होना:
ब्लड में शुगर लेवल का ऊपर-नीचे होना सीधे भूख को कंट्रोल करने वाले संकेतों को प्रभावित करता है। जब शुगर लेवल ज्यादा होता है, जैसा कि अक्सर अनियंत्रित डायबिटीज में होता है, तो भूख लगने के संकेत तेज हो सकते हैं, जिससे ज्यादा खाना पड़ सकता है।
हार्मोन्स का बेलेंस न होना:
डायबिटीज भूख को कंट्रोल करने वाले हार्मोन्स, जैसे लेप्टिन और घ्रेलिन, के संतुलन को बिगाड़ सकता है। लेप्टिन, जो फैट सेल्स से बनता है, शरीर में ऊर्जा के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है और भूख को कम करता है। मोटापे से जुड़े इंसुलिन रेजिस्टेंस वाले लोगों में, लेप्टिन रेजिस्टेंस हो सकता है, जिससे ज्यादा भूख लगती है। घ्रेलिन, जिसे अक्सर “भूख का हार्मोन” कहा जाता है, भूख बढ़ाता है और अनियंत्रित डायबिटीज वाले लोगों में इसका लेवल ज्यादा होता है।
दवाओं के साइड इफेक्ट्स:
कुछ डायबिटीज की दवाएं, जैसे कुछ खास तरह की इंसुलिन या सल्फोनील्यूरिया दवाएं, साइड इफेक्ट के रूप में भूख बढ़ा सकती हैं। अगर आपकी भूख में कोई बदलाव होता है, तो अपने डॉक्टर से जरूर बात करें। इससे पता चल सकेगा कि दवाओं में बदलाव की ज़रूरत है या नहीं।
अब डायबिटीज और भूख का सीधा संबंध हमने समझ लिया। लेकिन ये जानना जरूरी है कि भूख को कंट्रोल कंट्रोल में रखकर कैसे खुद को स्वस्थ्य रखा जाए।
डायबिटीज में भूख को कंट्रोल करने के लिए क्या करें?
डायबिटीज में भूख को कंट्रोल करने के लिए कई चीजों का ध्यान रखना ज़रूरी है। इनमें वो वजह भी शामिल हैं जिनकी वजह से ज्यादा भूख लगती है और ब्लड में शुगर लेवल भी ऊपर-नीचे होता रहता है। भूख को कम करने के लिए कुछ कारगर तरीके हैं:
1) शुगर लेवल को कंट्रोल में रखें:
दवाइयां लेना, नियमित रूप से शुगर चेक करना और खानपान-पहचाव में बदलाव करके ब्लड में शुगर लेवल को सही सीमा में रखना बहुत ज़रूरी है। इससे भूख को कंट्रोल करने में मदद मिलती है और मीठे खाने की इच्छा कम होती है।
2) संतुलित आहार लें:
ऐसी चीजें खाने पर ध्यान दें जिनमें पोषण भरपूर हो, जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, कम फैट वाला प्रोटीन और हेल्दी फैट। लो ग्लाइसेमिक फूड्स को चुने, इससे ब्लड में शुगर का लेवल अचानक से तेजी से बढ़ने और घटने से बचा जा सकता है।
3) समय-समय पर खाएं:
खाने का समय तय करना भूख कंट्रोल करने वाले हार्मोन्स को सही रखने में मदद करता है और ज्यादा खाने से बचाता है। कोशिश करें कि दिन में तीन बार संतुलित खाना खाएं और बीच-बीच में हेल्दी स्नैक्स लें। इससे एनर्जी लेवल बना रहता है और शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है।
और पढ़े: अजवाइन के 15 चौंका देने वाले फ़ायदे
4) खाने की मात्रा का ध्यान रखें:
कितना खा रहे हैं, इस पर ध्यान दें। खासकर ज्यादा कैलोरी या कार्बोहाइड्रेट वाली चीजें ज्यादा न खाएं। इससे शुगर लेवल अचानक बढ़ सकता है। खाने को मापने वाले कप, फूड स्केल या किसी और चीज की मदद से आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आप कम खा रहे हैं।
5) पानी पीते रहें:
दिनभर में भरपूर पानी पीने से शरीर हाइड्रेट रहता है और प्यास को भूख नहीं समझ लिया जाता है। मीठी चीजें पीने से बचें और पानी, हर्बल टी या स्पार्कलिंग वाटर पिएं।
6) व्यायाम करें:
रोजाना व्यायाम करने से इंसुलिन ठीक से काम करता है, शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है और भूख कम लगती है। हफ्ते में कम से कम 150 मिनट मध्यम गतिविधि वाला व्यायाम करें, जैसे तेज चलना, साइकिल चलाना या तैराकी।
और पढ़े: क्या शुगर में मटर खा सकते हैं?
7) तनाव को कम करें:
ज्यादा तनाव रहने से मीठा खाने की इच्छा होने लगती है और भूख कंट्रोल करने वाले हार्मोन्स गड़बड़ा जाते हैं। तनाव कम करने के लिए गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज, ध्यान, योग या अपने मनपसंद शौक अपनाएं।
8) डॉक्टर से सलाह लें:
अगर आप डायबिटीज को कंट्रोल करने की कोशिशों के बाद भी ज्यादा भूख महसूस कर रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें। वो इसकी वजहों का पता लगा सकते हैं और इलाज के सही तरीके बता सकते हैं। वो दवाओं में बदलाव, खाने के बारे में सलाह या भूख कम करने और शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद के लिए किसी और स्पेशलिस्ट के पास भेज सकते हैं।
और पढ़े: क्या शुगर में पोहा खा सकते हैं?
डायबिटीज में भूख कंट्रोल करने के लिए क्या न करें?
डायबिटीज में भूख को कंट्रोल करने के लिए स्वस्थ आदतें अपनानी चाहिए और खाने और जीवनशैली के बारे में सोच-समझकर फैसले लेने चाहिए। यहां कुछ चीजें बताई गई हैं जिनसे डायबिटीज में भूख कंट्रोल करते समय बचना चाहिए:
1) खाना छोड़ना:
खाना छोड़ना, खासकर नाश्ता, बाद में ज्यादा भूख लगने और ज्यादा खाने का कारण बन सकता है। इससे ब्लड में शुगर लेवल भी ऊपर-नीचे होता रहता है, जिससे भूख और मीठा खाने की इच्छा को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है।
2) मीठी चीजें खाना:
मिठाई, पेस्ट्री, मीठे पेय और डेसर्ट जैसी चीजों में बहुत ज्यादा शुगर होता है। इससे ब्लड में शुगर का लेवल अचानक बढ़ता और घटता है, जिससे भूख ज्यादा लगती है और मीठा खाने की इच्छा भी बढ़ जाती है।
3) ज्यादा कार्बोहाइड्रेट खाना:
भले ही कार्बोहाइड्रेट शरीर को एनर्जी देने के लिए जरूरी होते हैं, लेकिन ज्यादा मात्रा में कार्बोहाइड्रेट वाली चीजें, खासकर वो जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है, खाने से ब्लड में शुगर का लेवल तेजी से बढ़ सकता है, जिससे बाद में भूख लग सकती है।
और पढ़े: क्या शुगर में सीताफल खा सकते हैं?
4) खाने की मात्रा का ध्यान ना रखना:
ज्यादा खाना मोटापे का कारण बन सकता है, जिससे इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ सकता है और भूख और शुगर लेवल को कंट्रोल करना और मुश्किल हो सकता है।
5) ज्यादा शराब पीना:
शराब से भूख बढ़ सकती है और ब्लड शुगर लेवल बिगड़ सकता है, जिससे ज्यादा खाने और मीठी या ज्यादा कैलोरी वाली चीजें खाने की इच्छा हो सकती है। शराब कम मात्रा में ही पीनी चाहिए और यह ध्यान रखना चाहिए कि इससे भूख और शुगर लेवल पर क्या असर होता है।
6) पैकेटबंद या फास्ट फूड खाना:
पैकेटबंद और फास्ट फूड में अक्सर ज्यादा मात्रा में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट, अस्वस्थ फैट, सोडियम और कैलोरी होते हैं, और पोषण कम होता है। इन्हें नियमित रूप से खाने से वजन बढ़ सकता है, इंसुलिन रेजिस्टेंस हो सकता है और भूख को कंट्रोल करना मुश्किल हो सकता है।
और पढ़े: शुगर में सूजी खा सकते हैं?
7) तनाव में ज्यादा खाना:
तनाव कम करने के लिए बार-बार खाना इमोशनल ईटिंग कहलाता है। इससे ज्यादा खाना पड़ सकता है, खासकर मीठी या ज्यादा कैलोरी वाली चीजें। तनाव कम करने के लिए गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज, ध्यान या मनपसंद काम करने चाहिए।
8) पानी कम पीना:
कभी-कभी प्यास को भूख समझ लिया जाता है। दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर हाइड्रेट रहता है और भोजन के बीच भूख कम लगती है।
9) भूख के संकेतों को नजरअंदाज करना:
भूख लगने पर भी न खाना बाद में ज्यादा खाने या अस्वस्थ चीजें खाने का कारण बन सकता है। अपने शरीर के भूख के संकेतों को समझें और नियमित रूप से संतुलित भोजन और स्नैक्स खाएं ताकि शुगर लेवल कंट्रोल में रहे।
10) व्यायाम ना करना:
नियमित एक्सरसाइज करने से भूख कम लगती है, इंसुलिन ठीक से काम करता है और शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। व्यायाम ना करना या शारीरिक रूप से सक्रिय ना रहना मोटापे, इंसुलिन रेजिस्टेंस और ज्यादा भूख लगने का कारण बन सकता है।
इन गलत आदतों से बचकर, स्वस्थ खाने की आदतें अपनाकर, नियमित व्यायाम करके, तनाव को सही तरीके से कम करके और ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर की मदद लेकर, डायबिटीज वाले लोग भूख को बेहतर तरीके से कंट्रोल कर सकते हैं, ब्लड शुगर लेवल सही रख सकते हैं और अपनी पूरी सेहत बेहतर बना सकते हैं।
और पढ़े: लौंग खाने के फायदे और खाने का तरीका
निष्कर्ष
डायबिटीज में भूख लगना एक आम समस्या है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे इंसुलिन रेजिस्टेंस, खून में शुगर का ऊपर-नीचे होना, हार्मोन्स का असंतुलन, दवाओं के साइड इफेक्ट्स या खानपान-पहचाव की आदतें। डायबिटीज में भूख को कंट्रोल करने के लिए कई चीजों का ध्यान रखना ज़रूरी है। इनमें शामिल हैं, खून में शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना, संतुलित डाइट लेना, नियमित व्यायाम करना, तनाव को कम करना, दवाओं का सही सेवन करना। इन तरीकों को अपनाकर और डॉक्टर की सलाह से चलकर, डायबिटीज वाले लोग भूख को कम कर सकते हैं, कम इंसुलिन लेने की ज़रूरत हो सकती है और उनकी जीवनशैली बेहतर बन सकती है। हर व्यक्ति की ज़रूरतें अलग होती हैं, इसलिए अपने डॉक्टर के साथ मिलकर ही डायबिटीज मैनेजमेंट प्लान बनाना ज़रूरी है।
और पढ़े: क्या शुगर में स्ट्रॉबेरी खानी चाहिए?
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
खून में शुगर का लेवल कभी बहुत ज्यादा (हाइपरग्लाइसीमिया) होना और फिर अचानक से बहुत कम (हाइपोग्लाइसीमिया) होना, दोनों ही भूख बढ़ा सकते हैं और मीठी चीजें खाने की इच्छा पैदा कर सकते हैं। ये ऊपर-नीचे होने से शरीर में भूख को कंट्रोल करने वाले हार्मोन्स गड़बड़ा जाते हैं, जिससे भूख ज्यादा लगती है। कुछ डायबिटीज की दवाओं, जैसे कुछ खास तरह की इंसुलिन या सल्फोनील्यूरिया, के साइड इफेक्ट्स से भूख ज्यादा लग सकती है। अगर आपकी भूख बदल जाती है, तो डॉक्टर से बात करें। वो दवाओं में बदलाव कर सकते हैं।
अगर आप डायबिटीज को कंट्रोल करने की कोशिशों के बाद भी बहुत भूख लगती है। अगर भूख के साथ वजन कम होना, बहुत ज्यादा प्यास लगना या आंखों में बदलाव जैसे कोई और लक्षण भी हैं। तो ऐसे केस में डॉक्टर ले मिलना जरूरी है। भले ही डायबिटीज में भूख को पूरी तरह से खत्म करना मुश्किल है, लेकिन ऊपर बताए तरीकों को अपनाकर भूख को कंट्रोल किया जा सकता है और जीवनशैली बेहतर बनाई जा सकती है।
ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, कम फैट वाला प्रोटीन और हेल्दी फैट वाली चीजें खाने से खून में शुगर का लेवल कंट्रोल रहता है और भूख भी कम लगती है। चॉकलेट, मिठाई, मीठे पेय पदार्थ जैसी शुगर वाली चीजें खाने से बचें। चिप्स, बिस्कुट जैसे पैकेटबंद स्नैक्स में अक्सर ज्यादा फैट, नमक और चीनी होती है। इन्हें कम खाएं या ना खाएं ही बेहतर। ज्यादा शराब पीने से भूख बढ़ सकती है।
असली भूख शरीर को एनर्जी की जरूरत होने पर लगती है। वहीं, डायबिटीज वाली भूख मीठी चीज खाने की इच्छा या हार्मोन्स के असंतुलन से भी हो सकती है। अपने शरीर के संकेतों को समझें और संतुलित भोजन खाएं ताकि भूख मिटे और शुगर लेवल कंट्रोल में रहे।
कई कारणों से डायबिटीज में ज्यादा भूख लग सकती है, खासकर जब इसे ठीक से कंट्रोल न किया जा सके। शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील हो जाती हैं। इससे भूख लग सकती है और ज्यादा खाना पड़ सकता है।कभी बहुत ज्यादा शुगर और फिर अचानक से बहुत कम शुगर होने से भी भूख लग सकती है और मीठी चीजें खाने की इच्छा हो सकती है।कई हार्मोन्स भूख को कंट्रोल करते हैं। इंसुलिन शुगर कम करता है और भूख कम करता है। लेप्टिन नाम का हार्मोन शरीर को बताता है कि पेट भर चुका है, जिससे भूख कम लगती है। कुछ डायबिटीज की दवाओं के साइड इफेक्ट्स से भी भूख ज्यादा लग सकती है। अगर आपकी भूख बदल जाती है, तो डॉक्टर से बात करें।
Disclaimer
This site provides educational content; however, it is not a substitute for professional medical guidance. Readers should consult their healthcare professional for personalised guidance. We work hard to provide accurate and helpful information. Your well-being is important to us, and we value your feedback. To learn more, visit our editorial policy page for details on our content guidelines and the content creation process.