Sugar Free Tablets Side Effects in Hindi | शुगर फ्री टेबलेट के साइड इफेक्ट्स

Medically Reviewed By DR. SOUJANYA MANTHRIPRAGADA, MBBS, DNB(Family medicine) दिसम्बर 12, 2023

डायबिटीज से बचाव के लिए लोग कई तरह के नुस्खों का इस्तेमाल करते हैं। कभी डाइट में बदलाव करते हैं, तो कभी एक्सरसाइज के अलग-अलग तरीकों को अपनाते हैं। वहीं जब शुगर होने पर बात चीनी खाने की आती है, तो लोग मार्केट में उपलब्ध शुगर फ्री टेबलेट की ओर रूख करते हैं। जिसे चीनी की जगह स्वस्थ्य विकल्प के रूप में पेश किया जाता है। आपको बता दें, शुगर फ्री टैबलेट को डायबिटीज कंट्रोल में सहायक के रूप में प्रचारित किया जाता है। स्थिति यह है कि अनगिनत लोगों के घरों में शुगर फ्री टैबलेट का खूब इस्तेमाल होता है। हालांकि बिना कैलोरी वाली स्वीटनर्स के पीछे कई साइड इफेक्ट भी छिपे हुए हैं। जिनके सेवन से आपके स्वास्थ्य और डायबिटीज मैनेजमेंट पर असर पड़ सकता है। आइए इस ब्लॉग में शुगर फ्री टैबलेट के सेवन से होने वाले साइड इफेक्ट्स के बारे में जानें।

शुगर फ्री टेबलेट क्या है? (What is Sugar Free Tablet)

शुगर-फ्री टैबलेट्स को अक्सर आर्टिफिशियल स्वीटनर्स या चीनी के विकल्प के रूप में जाना जाता है। जो एक तरह के केमिकल कंपाउंड हैं, जिसे शुगर के बचाव के लिए चीनी के ऑप्शन के रूप में स्वीटनर्स के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

इन टैबलेट्स के उपयोग का मुख्य लाभ यह है कि इनमें बहुत कम कैलोरी होती है। फिर भी काफी स्वीटनर्स प्रदान करते हैं। उदाहरण के रूप में देखा जाय तो सैकरीन, एस्पार्टेम, सुक्रालोज और स्टीवियोल ग्लाइकोसाइड शामिल हैं।

इन शुगर फ्री टैबलेट्स के विकल्पों का उपयोग अक्सर उन व्यक्तियों द्वारा किया जाता है, जो अपनी डाइट में कैलोरी और चीनी के सेवन को कम करना चाहते हैं, विशेष रूप से वे लोग जिन्हें डायबिटीज है या जो अपना वजन कंट्रोल करना चाहते हैं।

हालांकि आमतौर पर रेगुलेटरी बॉडीज द्वारा इसे सुरक्षित माना जाता है, हालांकि लोगों को संभावित साइड इफेक्ट्स के बारे में जागरूक होना और इन विकल्पों का संयमित मात्रा में उपभोग करना जरूरी होता है।

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शुगर फ्री टेबलेट कितने प्रकार के होते हैं? (Types of Sugar Free Tablets)

शुगर फ्री टेबलेट कितने प्रकार के होते हैं?

ऐसे कुछ स्वीटनर्स हैं जिन्हें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) द्वारा अनुमति दी गई है। वे कुछ इस प्रकार हैं:

  • सुक्रालोज
  • स्टेविया
  • नियोटेम
  • एस्पार्टेम-एसीसल्फेम नमक
  • एडवांटम
  • नियोहेस्परिडिन
  • साकारीन
  • एसेसल्फेम पोटैशियम
  • एस्पार्टेम

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शुगर फ्री टेबलेट के क्या साइड इफेक्ट्स हैं? (Sugar Free Side Effects in Hindi)

शुगर फ्री टैबलेट के साइड इफेक्ट्स की बात करें तो यह शरीर के वजन के अनुसार अलग-अलग होती है। एफडीए ने कई स्वीटनर्स पर अलग-अलग डेली डोज की सीमाएं निर्धारित की हैं।

उदाहरण के लिए देखा जाए तो एस्पार्टेम के खुराक की डेली लिमिट शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम वजन पर 50 मिलीग्राम है। इसके अलावा स्टीविया के खुराक की डेली लिमिट शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम 12 मिलीग्राम है। इसी तरह की माप अन्य स्वीटनर्स के लिए भी होती है।

अगर आप इन लिमिट्स को फॉलो नहीं करते हैं और सुंतलित मात्रा में स्वीटनर्स का सेवन नहीं करते हैं, तो इसके कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। कुछ शुगर फ्री टैबलेट्स के साइड इफेक्ट्स इस प्रकार हैं:

सिरदर्द और डिप्रेशन

कुछ व्यक्तियों में आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के साइड इफेक्ट्स के कुछ लक्षणों में सिरदर्द और डिप्रेशन जैसी समस्या होती है। यह दोनों समस्याएं अलग-अलग लोगों में हो सकती है।

हालांकि, स्वीटनर्स के सेवन और सिरदर्द के बीच कोई स्थापित संबंध नहीं है। यह व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करता है, कुछ व्यक्ति सभी या कुछ स्वीटनर्स के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।

शुगर फ्री टैबलेट्स के नुकसानों की सूची में अगला नंबर है डिप्रेशन का, लंबे समय तक आर्टिफिशियल स्वीटनर्स, विशेषकर एस्पार्टेम का सेवन करने पर कुछ लोगों में डिप्रेशन और स्ट्रेस जैसी समस्या की शिकायत होती है। हालांकि यह स्थिति सबमें नहीं होती है, बल्कि कुछ विशेष लोग में ही इसके लक्षण दिखाई देते हैं।

किडनी से जुड़ी बीमारियां

चाय के लिए कुछ शुगर फ्री टैबलेट्स के साइड इफेक्ट लंबे समय से इस्तेमाल करने पर किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं क्योंकि इनमें से कुछ गोलियां मूत्रवर्धक होती हैं।

मूत्रवर्धक पदार्थ मूत्र में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स के रिलीज को बढ़ा देते हैं। इसलिए शुरूआत में किसी भी व्यक्ति को स्टीविया जैसी विशेष स्वीटनर्स के सेवन का सुझाव नहीं दिया गया था और इसे पूरी तरह से बैन कर दिया गया था।

हाल के वर्षों में इस पर किए गए अध्ययनों के परिणाम बदल गए हैं। हालांकि इसे लंबे समय तक उपयोग के लिए पूरी तरह से सुरक्षित बनाने के लिए और अधिक रिसर्च की आवश्यकता है।

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से जुड़ी समस्याएं

शुगर फ्री स्वीटनर्स के साइड इफेक्ट्स में से एक लक्षण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल भी है। कुछ शुगर फ्री टैबलेट्स में एक्स्ट्रा शुगर अल्कोहल होता है।

अगर पर्याप्त मात्रा में सेवन किया जाए तो ये कंपाउंड्स आपके आंत में समस्याएं पैदा कर सकते हैं। इतना ही नहीं शुगर अल्कोहल आपके पेट के स्वास्थ्य को खराब कर सकता है और कुछ इस प्रकार की समस्याएं पैदा हो सकती हैं:

  • उल्टी करना
  • सूजन होना
  • जी मिचलाना
  • ऐंठन होना
  • एसिडिटी होना

इसलिए इन स्वीटनर्स पर वर्तमान समय में और अधिक ह्यूमन रिसर्च की आवश्यकता है। हालांकि जानवरों पर किए गए रिसर्चों से पता चला है कि स्टीविया जैसे नेचुरल स्वीटनर्स आंत के लिए बेहतर होते हैं।

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लो ब्लड प्रेशर की समस्या

कुछ व्यक्तियों में शुगर फ्री टैबलेट्स ब्लड वाहिकाओं को चौड़ा करती हैं और ब्लड प्रेशर को कम करती हैं। कुछ स्वीटनर्स वासोडिलेटर होती हैं, और ये आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के कुछ प्रतिकूल लक्षण होते हैं। आर्टिफिशियल स्वीटनर्स से होने वाले साइड इफेक्ट्स में से एक लो ब्लड प्रेशर की भी समस्या है।

दिलचस्प बात यह है कि इन शुगर फ्री टैबलेट्स का सेवन सीमित मात्रा में किया जाता है। इसलिए ब्लड प्रेशर के खतरनाक लेवल तक गिरने का कोई मामला अभी भी सामने नहीं आया है। हालांकि, लो ब्लड प्रेशर वाले व्यक्तियों को अपनी ब्लड प्रेशर की दवाओं के सेवन के साथ-साथ इन स्वीटनर्स को शुरू करने से पहले किसी डायबिटीज एक्सपर्ट से परामर्श करना चाहिए।

प्रोजेस्टेरोन उत्पादन में वृद्धि

शुगर फ्री की कुछ टैबलेट्स स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं क्योंकि वे आपके शरीर में हार्मोन उत्पादन में बाधा डालती हैं। शुगर फ्री टैबलेट्स में पाए जाने वाले कंपाउंड्स, जैसे स्टीवियोल ग्लाइकोसाइड्स की मॉलिक्यूलर संरचना स्टेरॉयड के समान होती है।

2016 में किए गए एक रिसर्च से पता चला है कि स्टीवियोल एक्टिविटी के कारण मानव शुक्राणु कोशिकाओं में प्रोजेस्टेरोन में वृद्धि हुई है। हालांकि, इस बात की पुष्टि के लिए और अभी और अधिक रिसर्च की आवश्यकता है। कि ये शुगर फ्री टैबलेट्स एंडोक्राइन अवरोधक हैं।

प्रेग्नेंसी से जुड़ी समस्या

डायबिटीज के मरीजों के लिए आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के साइड इफेक्ट्स की लिस्ट में प्रेग्नेंसी से जुड़ी समस्या भी है। आमतौर पर कम से कम मात्रा में शुगर फ्री गोलियों का इस्तेमाल करना प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए सुरक्षित मानी जाती हैं।

हालांकि मार्केट में अब नकली उत्पाद भी हैं जो कभी-कभी इन शुगर फ्री टैबलेट्स में पाए जाते हैं। इसलिए कई चिकित्सा संगठन गर्भावस्था के दौरान शुगर फ्री टैबलेट्स और उत्पादों के उपयोग न करने की सलाह देते हैं। सबसे अधिक पाया जाने वाला नकली कंपाउंड सैकरिन है।

शुगर फ्री टैबलेट्स और कैंसर

शुगर फ्री टैबलेट्स के सेवन से होने वाले साइड इफेक्ट्स को देखते हुए अब बारी आती है कैंसर की। शुगर फ्री और कैंसर 1970 के दशक से जुड़े हुए हैं। इस साल भी 2023 में, डाइट कोक में इस्तेमाल होने वाला एस्पार्टेम स्वीटनर भारी जांच के दायरे में था।

हालांकि, इन सभी खबरों के बावजूद अमेरिकन कैंसर सोसायटी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि एस्पार्टेम का सीमित मात्रा में उपयोग करने से कैंसर नहीं होता है। इसके अलावा 30 से अधिक रिसर्चों में आर्टिफिशियल स्वीटनर्स और कैंसर के खतरे के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया है।

अमेरिका और यूरोप सहित दुनिया भर के चिकित्सा संगठन इस बात पर सहमत हैं कि आर्टिफिशियल स्वीटनर के इस्तेमाल से होने वाले साइड इफेकट्स में कैंसर होने का खतरा शामिल नहीं है।

और पढ़े : डायबिटीज (शुगर) का होम्योपैथिक इलाज।

शुगर फ्री टैबलेट्स से किसे बचना चाहिए?

इन व्यक्तियों को शुगर फ्री टैबलेट्स से बचना चाहिए:

  • फेनिलकेटोनुरिया (पीकेयू) जैसे मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम वाले व्यक्ति। पीकेयू के मरीज़ अमीनो एसिड फेनिलएलनिन को पचा नहीं पाते हैं, जिसके चलते इन व्यक्तियों को आर्टिफिशियल स्वीटनर्स से बचना चाहिए
  • जिन व्यक्तियों को सल्फोनामाइड्स से एलर्जी होती है, उन्हें बचना चाहिए क्योंकि कई स्वीटनर्स में सल्फोनामाइड्स मौजूद होते हैं।

निष्कर्ष

आर्टिफिशियल स्वीटनर्स को लेकर अभी भी रिसर्च की जा रही है और इसको लेकर व्यापक मानव अध्ययन की आवश्यकता है। डब्ल्यूएचओ, अमेरिकन कैंसर सोसायटी, एडीए आदि जैसे टॉप स्वास्थ्य संगठनों के अनुसार और हाल ही में किए गए रिसर्च के साथ, शुगर फ्री टैबलेट की सुरक्षा पर निर्णय देना पर्याप्त नहीं होगा। अलग-अलग लोगों के लिए प्रति दिन की सीमाएं निर्धारित हैं। इन आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए सुझाई गई सीमा का पालन करने का प्रयास करें।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या शुगर-फ्री टैबलेट्स सुरक्षित हैं?

शुगर फ्री टैबलेट्स रोजाना इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित मानी जाती हैं जब इनका सेवन मापी गई मात्रा में किया जाए तो कोई साइड इफेक्ट्स नहीं है। आप जिस शुगर फ्री टैबलेट का उपयोग कर रहे हैं उसकी डेली खुराक की मात्रा देखें और उस लिमिट का पालन करें। यहां तक कि अमेरिकन कैंसर सोसाइटी ने भी कहा है कि शुगर फ्री गोलियां इस्तेमाल करने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इनसे कैंसर का खतरा नहीं बढ़ता है।

रोजाना कितना शुगर-फ्री लेना सुरक्षित है?

शुगर फ्री के किसी भी हानिकारक प्रभाव से बचने के लिए अमेरिकी एफडीए ने शुगर फ्री टैबलेट्स की डेली लिमिट की सीमा निर्धारित की गई है। हर रोज की लिमिट आपके वजन के 0.3 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम और आपके वजन के 50 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम के बीच है।

कौन सा आर्टिफिशियल स्वीटनर बेस्ट है?

आर्टिफिशियल स्वीटनर जिसके शुगर फ्री टेबलेट के साइड इफेक्ट्स कम हों, वे बेस्ट होते हैं। कुछ टॉप आर्टिफिशियल स्वीटनर टैबलेट्स हैं:
स्टीविया टैबलेट्स
नोवोनोर्म
शुगर फ्री गोल्ड
म्यूसिनैक
स्वीट टच
सो स्वीट टैबलेट्स
ग्लूकोशॉट, आदि।

शुगर-फ्री टैबलेट का उपयोग कौन कर सकता है?

जो व्यक्ति स्वस्थ लाइफस्टाइल चुनना चाहते हैं और चीनी के सेवन को सीमित करना चाहते हैं, वे शुगर फ्री टैबलेट का उपयोग कर सकते हैं। दूसरा, डायबिटीज के मरीज इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। यदि सीमा के भीतर सेवन किया जाए तो शुगर फ्री टैबलेट्स का आमतौर पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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