शुगर या डायबिटीज इन दिनों लोगों में तेजी से फैल रही है। इसका कोई ईलाज भी नहीं होता, हालांकि इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है। डायबिटीज आमतौर पर खराब लाइफस्टाइल, अनहेल्दी खान-पान, स्ट्रेस या अनुवांशिक कारणों से होती है। लेकिन अगर हमें सही तरह से अपनी हेल्थ का ध्यान रखें तो इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है। वैसे तो खाने के बाद शरीर का शुगर लेवल 180 mg/dL तक नॉर्मल माना जाता है। लेकिन इससे ऊपर जाने पर डायबिटीज पेशेंट को दिक्कत आती है। वहीं अगर शुगर लेवल 300 के ऊपर चला जाए तो स्थिति गंभीर हो सकती है। जबकि 400 के लेवल पर शुगर पहुंचना बहुत ही खतरनाक माना जाता है। आज हम आपको यही बताएंगे कि अगर शुगर लेवल 400 mg/dL तक पहुंच जाए तो क्या करना चाहिए।
शुगर कैसे बढ़ती है?
असल में शरीर में इन्सुलिन की कमी या इसका सही इस्तेमाल न होने की स्थिति को ही डायबिटीज कहते हैं। अब शरीर में शुगर लेवल बढ़ने से खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है, इससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। अब शरीर में शुगर लेवल कई कारणों से बढ़ सकता है। मीठा खाने, ज्यादा देर तक एक ही जगह बैठकर काम करने, स्ट्रेस लेने और कम पानी पीने से भी शरीर में शुगर का लेवल तेजी से बढ़ता है। इसे समय रहते संतुलित किया जाना जरूरी है। एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में बिना खाना खाए नॉर्मल शुगर लेवल 90 से 120 mg/dL और खाने के बाद 140 से 180 mg/dL तक सामान्य माना जाता है।
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शुगर लेवल 400 पहुंचने पर क्या करें?
शुगर लेवल अगर ज्यादा नहीं बढ़ा है तो ये आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए इन्सुलिन के इंजेक्शन से लेकर बाजार में कई तरह की दवाएं भी उपलब्ध हैं। हालांकि शुगर लेवल कंट्रोल करते हुए हमें ध्यान देना होता है कि कहीं ये ज्यादा नीचे न आ जाए, क्योंकि इससे डायबेटिक कीटोएसिडोसिस का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन अगर शुगर लेवल 300 के पार चला जाए तो स्थिति खतरनाक हो सकती है। वहीं 400 के लेवल तक शुगर बढ़ने तक जान का खतरा बन जाता है। ऐसे में आप खुद को कैसे बचा सकते हैं, इसी से जुड़े कुछ तरीके हम आपको बताएंगे।
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- डॉक्टर से संपर्क करें
- पानी पीएं और हाइड्रेटेड रहें
- कीटोन्स की जांच करें
- इंसुलिन या दवा न छोड़ें
- ब्लड प्रेशर के लेवल की जांच करें
- ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाली खाने की चीजों से बचें
- शरीर और दिमाग से स्ट्रेस को कम करें
डायबिटीज में शुगर लेवल बढ़ने का खतरा हमेशा रहता है। वहीं 400 mg/dL शुगर लेवल तो जानलेवा भी हो सकता है। इसीलिए जरूरी है कि ऐसी स्थिति में कोई लापरवाही न की जाए। जो भी तरीका अपनाया जाए, उसे सही से समझा जाए। इसीलिए इन तरीकों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
1- डॉक्टर से संपर्क करें:
शुगर लेवल के 400 mg/dL लेवल पर जाने के बाद सबसे पहले अपने डॉक्टर को संपर्क करें। डॉक्टर की बताई दवा लें और लगातार डॉक्टर के संपर्क में रहें। इस स्थिति में शुगर लेवल नीचे आने में 3 से लेकर 10 दिन का भी समय लग सकता है, तो डॉक्टर की निगरानी में रहना जरूरी है।
अगर किसी कारणवश आपका डॉक्टर से संपर्क नहीं हो पा रहा है, तो तुरंत मेडिकल इमरजेंसी नंबर 112 (भारत के लिए) डायल करें। यहां अपनी पूरी मेडिकल स्थिति बताएं। इसमें डायबिटीज के साथ ही दूसरी मेडिकल कंडीशन है तो वो भी बताएं। साथ ही जिन दवाओं का आप सेवन कर रहे हैं, उसकी जानकारी भी मेडिकल एक्सपर्ट को बताएं। इसके बाद एक्सपर्ट के सुझाव को मानें।
2- पानी पीएं और हाइड्रेटेड रहें:
डायबिटीज लेवल बढ़ने पर शरीर सबसे पहले डीहाइड्रेटेड होने लगता है। इसलिए ज्यादा पानी पीना जरूरी है। साथ ही शुगर लेवल 400 के करीब आने पर शरीर में जो ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है, उसे मूत्र के साथ शरीर से बाहर निकाला जा सकता है। खूब पानी पीने से मूत्र ज्यादा आता है, इससे भी शरीर में ग्लूकोज की मात्रा घटती है। वहीं नारियल पानी, छाछ और पानी की ज्यादा मात्रा वाले फल भी डायबिटीज लेवल को कम करने में फायदेमंद हैं। इसीलिए लगातार पानी पीते रहना जरूरी है।
3- कीटोन्स की जांच करें:
डायबिटीज का लेवल 400 तक बढ़ने पर एक समस्या और खड़ी हो जाती है। इससे शरीर में डायबिटिक कीटोएसिडोसिस की दिक्कत हो सकती है। इसीलिए यदि आपके पास घर में कीटोन की जांच करने के किट है, तो मूत्र में कीटोन्स की मात्रा की जांच समय-समय पर करते रहें। मूत्र में कीटोन्स का बढ़ा हुआ लेवल डायबिटिक कीटोएसिडोसिस (DKA) का संकेत हो सकता है, जो एक गंभीर समस्या है।
इसमें शरीर इंसुलिन की कमी की वजह से ग्लूकोज की जगह फैट को एनर्जी के लिए इस्तेमाल करने लगता है। इससे ब्लड में कीटोन्स नाम के एक एसिड बन जाता है। यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो इसके चलते जान भी जा सकती है। कीटोन्स की मात्रा ज्यादा होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना जरूरी है।
4- इंसुलिन या दवा न छोड़ें:
यदि आप इंसुलिन या डायबिटीज की दवाएं ले रहे हैं, तो उन्हें डॉक्टक के बताए हुए समय पर उसी मात्रा में लेते रहे। शुगर लेवल 400 के करीब जाने पर अक्सर लोग दवा की खुराक लेना बंद कर देते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। दवा या इंसुलिन की मात्रा को कम या ज्यादा नहीं करना है, बस डॉक्टर की बताई मात्रा में ही इसे समय पर लेते रहना है।
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5 -ब्लड प्रेशर के लेवल की जांच करें:
डायबिटीज से अक्सर हाई ब्लड प्रेशर भी जुड़ा होता है। ब्लड प्रेशर तेज होने से ब्लड शुगर भी बढ़ने का खतरा रहता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसन की एक रिसर्च बताती है कि डायबिटीज से पीड़ित लगभग तीन में से दो लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्य भी होती है। इसके चलते हार्ट संबंधी बीमारियां और अन्य जटिल समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
ऐसे में अगर शुगर लेवल अचानक 400 के करीब पहुंच रहा है तो जरूरी है कि ब्लड प्रेशर की जांच भी तुरंत करें। अगर ब्लड प्रेशर अनियंत्रित आता है तो इसे नॉर्मल करने के लिए डॉक्टर की सलाह लें। साथ ही नियमित जिन दवाओं का सेवन कर रहे हैं, उन्हें न रोकें क्योंकि उससे भी ब्लड प्रेशर लेवल सामान्य किया जा सकता है।
6- ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाली खाने की चीजों से बचें:
डायबिटीज का लेवल 400 के पास अगर पहुंच रहा है तो पता लगाना जरूरी है कि शुगर बढ़ी क्यों है। अगर यह खाने-पीने की वजह से बढ़ रही है, तो तुरंत ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाली खाने की चीजों को छोड़ना चाहिए। किसी भी तरह की मीठी, तली, भूनी चीजों से बचना चाहिए। इसकी जगह कम ग्लाइसेमिक वाले खाद्य पदार्थों को खाना चाहिए। सेब, अमरुद, नाशपती, आड़ू, मौसमी का फल और हरी सब्जियां शुगर को कंट्रोल रखने में मदद करती हैं।
7- शरीर और दिमाग से स्ट्रेस को कम करें:
अचानक शुगर लेवल बढ़ने का एक बड़ा कारण स्ट्रेस लेवल का बढ़ना भी होता है। शारीरिक या मानसिक स्ट्रेस लेने से शुगर लेवल तेजी से बढ़ता है। शुगर लेवल 400 के करीब पहुंच रहा है, तो खाने पीने के साथ एक बड़ा कारण स्ट्रेस लेना भी हो सकता है। शुगर लेवल बढ़ने पर दवाओं के साथ योग, व्यायाम करने, सही समय पर पर्याप्त नींद लेने से स्ट्रेस लेवल कम होता है। वहीं अगर लगातार ऑफिस का काम करते हैं, तो ब्रेक लेना भी जरूरी है। स्ट्रेस कम होने से शुगर लेवल भी कम होता है।
निष्कर्ष
शुगर का लेवल 400 mg/dL तक बढ़ना जानलेवा भी हो सकता है। हमने आपको बताया कि कैसे 400 के लेवल तक शुगर पहुंचने पर आप खुद को बचा सकते हैं। ऐसी स्थिति में सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इसके साथ ही घर पर ही लगातार शुगर लेवल, कीटोन्स और ब्लड प्रेशर की जांच करते रहना भी जरूरी ही। सही डायट, व्यायाम और खूब पानी पीने से भी शरीर में शुगर लेवल का संतुलन नहीं बिगड़ता है। फिर भी अगर हालत बिगड़े तो डॉक्टर या डायल 112 पर मेडिकल एक्सपर्ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
400 mg/dl तक शुगर लेवल पहुंचना ही घातक होता है। लेकिन इसके ऊपर यानि शुगर का लेवल 500 mg/dl तक बढ़ जाए है तो जान के लिए खतरा बन जाता है। इसे समय रहते कंट्रोल नहीं करने पर ब्रेम हेमरेज, स्ट्रॉक और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। मरीज़ कोमा तक में जा सकता है। वहीं अगर शुगर लेवल 600 mg/dl तक या इससे ऊपर चला जाता है, तो इस स्थिति को डायबिटिक हाइपरोस्मोलर सिंड्रोम कहते हैं। इस स्थिति में कोमा से लेकर जान जाने का खतरा भी रहता है। इस स्तर पर शुगर लेवल बढ़ने पर मरीज को तुरंत मेडिकल सहायता मिलना जरूरी है।
अगर आपके पास घर में शुगर जांचने के लिए किट नहीं है तो सबसे पहले बढ़े शुगर लेवल के लक्षणों पर गौर करना चाहिए। शरीर में शुगर का लेवल बढ़ने से मरीज को बेचैनी महसूस होती है। वहीं अगर शुगर लेवल बढ़कर 300 से 400 mg/dL के लेवल तक पहुंच रहा हो तो हालत और भी खराब हो जाती है। इससे बार-बार पेशाब आती है, शरीर में बहुत ज्यादा कमजोरी, बेचैनी, देखने में दिक्कत, पेट में दर्द जैसी दिक्कतें बढ़ जाती हैं। इसके साथ ही मरीज की सांसों से फल जैसी स्मैल आने लगती है। अचानक शुगर लेवल बढ़ने के ये लक्षण दिखने पर तुरंत जांच के लिए नजदीकी जांच केंद्र से संपर्क करना बहुत जरूरी है।
खाने-पीने से शुगर लेवल पर सबसे तेजी से असर पड़ता है। चावल, मीट या ज्यादा कार्बोहाइड्रेट युक्त का खाना खाने से शरीर में शुगर लेवल तेजी से बढ़ता है। वहीं कई ऐसी भी चीजें हैं, जिन्हें खाने से शुगर लेवल कंट्रोल की जा सकती है। जैसे- अनाज में दलिया, जौ, सूजी, गेहूं खा सकते हैं। फलों में संतरा, चेरी, नाशपाती, सेब, कीवी खाने से डायबिटिज लेवल कम होता है। वहीं सब्जियों में पालक, कच्चा केला, बीन्स, कच्चा पपीता, शिमला मिर्च, करेला खाने से फायदा होता है। इसके अलावा हरे चने, काबुली चने, अरहर दाल, कुलथी की दाल, दालचीनी,मेथी दाना और अजवाइन खाने से भी शुगर लेवल घटता है।
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