दुनिया के बदलते परिवेश के साथ-साथ लोग तेजी से स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक हो रहे हैं, लेकिन इन सब के बीच प्रीडायबिटीज का बढ़ना एक बड़ी चिंता का कारण बन गया है। प्रीडायबिटीज, टाइप 2 डायबिटीज की शुरुआत से ठीक पहले की स्थिति होती है। यह एक गंभीर वार्निंग सिग्नल के रूप में कार्य करती है, जो भविष्य में किसी भी व्यक्ति में टाइप 2 डायबिटीज के होने के जोखिम का संकेत देता है।
प्रीडायबिटीज के बढ़ते मामलों के साथ, लोगों के बीच एक बात की चर्चा होती रहती है कि क्या क्या हम प्रीडायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं? तो आपके लिए अच्छी खबर यह है कि आप प्रीडायबिटीज को न केवल कंट्रोल कर सकते हैं, बल्कि प्राकृतिक रूप से रिवर्स कर सकते हैं यानी इससे निदान पा सकते हैं। ऐसी कई प्राकृतिक तरीके हैं, जिससे अपनी लाइफस्टाइल में शामिल करके अपने ब्लड शुगर लेवल को सेफ रेंज में वापस लाने में मदद मिल सकती है। आपको इस ब्लॉग में, प्रीडायबिटीज को प्राकृतिक रूप से कैसे रिवर्स करें? को लेकर जुड़े सभी सवालों का सटीकता और प्रमाणिकता के साथ जवाब मिलेगा।
हम इस ब्लॉग में विज्ञान द्वारा प्रमाणित तरीकों और लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव के बारे में बताएंगे, जिससे आपको अपने स्वास्थ्य पर कंट्रोल रखने के साथ-साथ, प्राकृतिक रूप से प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने की जानकारी मिलेगी। इतना ही नहीं, हम संतुलित डाइट और फिजिकल एक्सरसाइज से लेकर स्ट्रेस मैनेजमेंट के बारे में भी जानकारी देंगे, जिससे आप आसानी से अपने प्रीडायबिटीज स्थिति को रिवर्स कर सकते हैं यानी इसका निदान पा सकते हैं। तो आइए इन जरूरी जानकारियों को कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं की मदद से समझते हैं।
प्रीडायबिटीज क्या होती है?
प्रीडायबिटीज वह स्थिति होती है, जब किसी व्यक्ति का ब्लड शुगर का लेवल नॉर्मल लेवल से अधिक हो जाता है। जैसा कि ऊपर बताया गया है कि प्रीडायबिटीज के बाद डायबिटीज टाइप 2 होता है। लेकिन प्रीडायबिटीज में लापरवाही बरतने से न केवल डायबिटीज टाइप-2 होता है बल्कि डायबिटीज से संबंधित हृदय संबंधी बीमारियां, किडनी का खराब होना और स्ट्रोक जैसे जोखिम भी हो सकते हैं। किसी भी व्यक्ति में इंसुलिन प्रतिरोध के कारण डायबिटीज हो जाती है।
प्रीडायबिटीज में आपका HbA1c लेवल (जो कि 3 महीने के लिए आपका औसत ब्लड ग्लूकोज) 5.7% से 6.4% के बीच होता है। 5.7% से नीचे नॉर्मल HbA1c होती है, और 6.4% से ऊपर होने पर संकेत देता है कि आपको टाइप 2 डायबिटीज है। प्रीडायबिटीज को मापने का एक अन्य पैमाना फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज भी है। यदि आपका फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज 100 mg/dL और 125 mg/dL के बीच है, तो इसका मतलब है कि आप प्रीडायबिटीज से पीड़ित हैं। एक सामान्य व्यक्ति का फास्टिंग शुगर 100 mg/dL से कम होता है, और वहीं डायबिटीज के मरीज का फास्टिंग शुगर लेवल 126 mg/dL या इससे भी अधिक होता है। प्रीडायबिटीज को मापने का दूसरा तरीका ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (GTT) है। प्रीडायबिटीज के मरीज का ब्लड शुगर का लेवल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट में 140 mg/dL से 199 mg/dL के बीच आएगा।
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प्रीडायबिटीज को प्राकृतिक रूप से कैसे रिवर्स करें?
हमें इस चीज को भलीभांति समझ लेना चाहिए कि प्रीडायबिटीज होना, डायबिटीज से पहले का आखिरी चरण होता है, लेकिन इसमें घबराने की कोई बात नहीं है, आपको यह जानकर बहुत ही खुशी होगी कि प्रीडायबिटीज को रिवर्स किया जा सकता है यानी इससे निदान पाया जा सकता है, वो भी प्राकृतिक तरीके से। इन सबके बीच एक सवाल और उठता है कि प्रीडायबिटीज को स्थायी रूप से कैसे रिवर्स करें? प्रीडायबिटीज को रिवर्स करना बिलकुल संभव है, और इसको रिवर्स करने के कई प्रूवेन मामले भी हैं। आप किसी भी तरह के दवा का उपयोग किए बिना भी प्राकृतिक रूप से प्रीडायबिटीज को रिवर्स कर सकते हैं। प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने या निदाने पाने के लिए आपको अपनी लाइफस्टाइ और डाइट में कुछ जरूरी बदलाव करना आवश्यक है। इन्हीं सभी महत्वपूर्ण बिंदूओं के बारे में नीचे बताया गगया है:
अपनी डाइट के प्रति सचेत रहें
प्रीडायबिटीज को प्राकृतिक रूप से रिवर्स करने के लिए आपको जो सबसे महत्वपूर्ण बदलाव करने की जरूरत होती है, वह है संतुलित डाइट पर ध्यान देना। आपका भोजन कॉम्प्लेक्स कार्ब्स, लीन प्रोटीन, डाइटरी फाइबर, हेल्दी फैट और अच्छी मात्रा में फलों और सब्जियों से भरपूर होना चाहिए। आपकी प्लेट में हरी सब्जियां, रेड मीट प्रोटीन, पीले साबुत अनाज होने चाहिए, और खतरनाक मीठे और प्रोसेस्ड स्नैक्स को अपनी प्लेट से दूर करें। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन (New England Journal of Medicine) के 2012 के एक अध्ययन में पाया गया कि डाइट में जरूरी बदलाव करने और वजन घटाने से प्रीडायबिटीज से टाइप 2 डायबिटीज के बढ़ने के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। अपने रोज के भोजन में कम कैलोरी और कम फैट वाले खाद्य पदार्थ शामिल करें। आप इन खाद्य पदार्थों को अपनी प्लेट में शामिल कर सकते हैं:
- हरी सब्जियाँ जैसे ब्रोकोली, पालक, गाजर, शिमला मिर्च, आदि
- कम सुगर वाले फल जैसे जामुन और खट्टे फल
- दालें जैसे साबुत हरी मूंग, उड़द आदि
- लीन प्रोटीन जैसे सोया, टोफू, नट्स आदि
- गुड फैट जैसे एवोकाडो, सूखे मेवे आदि
जॉगिंग यानी टहलना शुरू करें
प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कारक फिजिकल एक्टिविटी होती है। थोड़ा ही सही लेकिन नियमित रूप से फिजिकल एक्टिविटी करना, जैसे चलना, दौड़ना या जॉगिंग करना, साइकिल चलाना आदि। डायबिटीज केयर जर्नल में एक अध्ययन से पता चला है कि एक्सरसाइज और वर्कआउट इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने और शुगर के लेवल को कम करने में मदद करते हैं। यहां तक कि 30 से 45 मिनट का एक्सरसाइझ सेशन भी प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने में बहुत मददगार साबित होगा। यदि आप एक्सरसाइज करने के मामले में एकदम नए हैं, तो हमारी सलाह है कि आप एक्सरसाइज धीरे-धीरे शुरू करें। 15-20 मिनट की हल्की-फुल्की एक्सरसाइज से शुरुआत करें और वक्त के साथ फिर धीरे-धीरे इसे बढ़ाएं। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए आप इन तरीकों को अपना सकते हैं:
- जॉगिंग करना
- तेजी से चलना
- एरोबिक एक्सरसाइज
- तैरना
- मांसपेशियों के निर्माण से जुड़ी एक्सरसाइज करना,
- वजन और अपने शरीर की क्षमता बढ़ाने की ट्रेंनिंग लेना
- शरीर की स्ट्रेचिंग करना
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अतिरिक्त वजन को कम करें
प्रीडायबिटिक व्यक्ति के लिए BMI के अनुसार स्वस्थ शरीर का वजन बनाए रखना आवश्यक होता है। यह डाइट और एक्सरसाइज की मदद से किया जा सकता है और यह तरीका प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने के लिए बेहतर साबित हो सकता है। वजन का कम होना आपकी हेल्दी डाइट और रेगुलर वर्कआउट का परिणाम होता है। इस बात को समझना बहुत ही जरूर है कि अधिक वजन और मोटापा प्रीडायबिटीज के लिए खतरनाक होते हैं। इसीलिए आपके शरीर का वजन प्राकृतिक रूप से प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि आप स्वस्थ वजन बनाए रखते हैं, तो प्रीडायबिटीज को मैनेज और कंट्रोल करना बहुत आसान हो जाता है। डायबिटीज रोकथाम कार्यक्रम (DPP) अनुसंधान अध्ययन से पता चला है कि शरीर के वजन का 5-7% कम करने से प्रीडायबिटीज से डायबिटीज के बढ़ने का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है।
वजन के साथ शरीर की इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। किसी भी तरह के शरीर में नुकसान होने से बचने के लिए जिम की मेंबरशिप भी लें या फिटनेस के प्रति जागरूक या एक्टिव लोगों का ग्रुप जॉइन करें। इन सभी स्टेप को फॉलो करने के साथ-साथ यह भी ध्यान देना जरूरी है कि आपकी डाइट और कैलोरी संतुलित हो।
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योग से भी होगा
अगर आपको एक्सरसाइज करने में किसी भी प्रकार की समस्या होती है, तो आप जिम जाने के बजाय योग से शुरुआत कर सकते हैं। ध्यान रहे गहरी सांस लेना या योग करना प्रीडायबिटीज को ठीक करने का एक और अच्छा तरीका है। यह करने के लिए अपनी आंखें बंद करें, गहरी सांस लें और स्ट्रेस को दूर करें। योग से एकाग्रता बढ़ाने और शरीर के मेटाबॉलिज्म को सुधारने का प्रूवेन रिकॉर्ड है।
हाई स्ट्रेस यानी अधिक तनाव का लेवल ब्लड शुगर कंट्रोल को प्रभावित कर सकता है और आपको प्राकृतिक रूप से प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने से रोक सकता है। डायबिटीज केयर (Diabetes Care) में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि तनाव कम करने के उपाय ग्लाइसेमिक कंट्रोल पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
जल्दी सोएं और जल्दी उठें
आपने अपने बचपन में एक अंग्रेजी में कविता या कहावत जरूर सुनी होगी ‘अर्ली टू बेड एंड अर्ली टू राइज’ यानी रात को जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना, लोगों को स्वस्थ, धनवान और बुद्धिमान बनाता है। प्रीडायबिटीज को प्राकृतिक रूप से रिवर्स करने के लिए, आपको ऐसा ही करने की आवश्यकता है। रात में 7-9 घंटे की बिना किसी रूकावट के भरपूर नींद का लक्ष्य रखें। खराब नींद का पैटर्न इंसुलिन संवेदनशीलता को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा नींद की कमी का हृदय संबंधी बीमारियों, मोटापे और डायबिटीज से गहरा संबंध है। भरपूर नींद लेना कोई आराम करने या आलस जैसा नहीं होता, बल्कि यह आपको प्राकृतिक रूप से प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने में मदद करता है।
स्लीप मेडिसिन जर्नल (Sleep Medicine Journal) के एक अध्ययन में नींद की गड़बड़ी और इंसुलिन प्रतिरोध के बीच संबंध पर प्रकाश डाला गया। एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि दिन में 5 घंटे से कम सोने से टाइप 2 डायबिटीज बढ़ने की संभावना 50% तक बढ़ सकती है।
बिना किसी रूकावट के नींद पाने का सबसे अच्छा तरीका होता है, बिस्तर पर जाने से पहले अपने मोबाइल या किसी भी तरीके के सोशल मीडिया चलाने वाले टूल्स को दूर रखें। देर रात तक सोशल मीडिया पर नजर गड़ाए रखना आपके प्रीडायबिटीज के रिवर्स प्रोसेस में रूकावट पैदा कर सकता है।
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पर्याप्त पानी पिएं
एक और कदम जो प्राकृतिक रूप से प्रीडायबिटीज को दूर करने में आपकी मदद करता है, वह है पानी पीना। आपने एक कहावत सुनी होगी की ‘बूंद-बूंद से घड़ा भरता है’ ठीक उसी तरह नियमित रूप से पर्याप्त पानी पीने से आपका शरीर पूरी तरीके से स्वस्थ रहता है। जब आप स्थिर ब्लड शुगर के लेवल का लक्ष्य रखते हैं, तो ध्यान रखें कि आपको बिना पानी पिए नहीं रहना है, जोकि यह गलती लोगों में बहुत ही आम बात है। अपनी प्यास बुझाने के लिए पीने वाले सोडा, कोल्डड्रिंक्स और फलों के रस की जगह पानी पीने का प्रयास करें। यहां तक कि सही तरीके से पानी पीने से भी आपके शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। इस बात को आपको समझना बहुत ही जरूरी है कि पर्याप्त पानी न पीना, संभावित रूप से आपके ब्लड शुगर के लेवल को प्रभावित कर सकता है।
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स्वस्थ भोजन का सेवन करें
स्वस्थ खाद्य पदार्थ प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। बीन्स, सब्जियां और साबुत अनाज जैसे खाद्य पदार्थों के माध्यम से अपने फाइबर का सेवन बढ़ाएं। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर के लेवल को स्थिर करने में मदद कर सकते हैं। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से आप प्रीडायबिटीज को खुद से रिवर्स कर सकते हैं। डायबिटीज केयर जर्नल (Diabetes Care Journal) के एक अध्ययन में ग्लाइसेमिक कंट्रोल पर डाइटरी फाइबर के सकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डाला गया है। इन फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों की लिस्ट में शामिल हैं:
- बीन्स
- साबुत अनाज
- सूखे मेवे और नट्स
- मसूर की दाल
- ब्रोकोली
- मटर
- चिया सीड्स
- फ्लैक्स सीड्स
- जामुन
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स्ट्रेस और टेंशन को बाय-बाय कहें
प्रीडायबिटीज को प्राकृतिक रूप से रिवर्स करने के लिए स्ट्रेस मैनेजमेंट प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लंबे समय तक स्ट्रेस या तनाव लेना आपके शुगर लेवल और इंसुलिन सेंसिटिविटी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। स्ट्रेस कोर्टिसोल जैसे हार्मोन के स्राव को ट्रिगर करता है, जिससे ब्लड शुगर का लेवल बढ़ सकता है। शोध से पता चला है कि माइंडफुलनेस-आधारित तनाव में कमी (MBSR) से ग्लूकोज कंट्रोल में सुधार हो सकता है और प्रीडायबिटीज वाले व्यक्तियों में तनाव कम हो सकता है। प्रभावी स्ट्रेस मैनेजमेंट टेक्निक, जैसे कि ध्यान करना, एक्सरसाइज और रिलैक्स करना, इंसुलिन की कार्यक्षमता में सुधार और शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकती हैं। इसलिए प्रीडायबिटीज सेल्फ केयर में स्ट्रेस को मैनेज करना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
हर्बल मसालों का सेवन करें
प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने की प्रकिया में आप अपने डाइट में हर्बल मसालों को शामिल कर सकते हैं। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि दालचीनी और काली मिर्च जैसे कुछ हर्बल मसाले से इंसुलिन सेंसिटिविटी और ब्लड शुगर कंट्रोल में सुधार करने में संभावित लाभ होते हैं। हालांकि इस टॉपिक पर और अधिक शोध की आवश्यकता है, लेकिन इस अध्ययन से आए परिणाम काफी संतोषजनक हैं।
ऊपर दिए गए बिंदुओं के साथ-साथ आपको यह जानकारी होनी जरूरी है कि प्राकृतिक रूप से प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने के लिए इन तरीकों की प्रभावशीलता हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकती है। अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप पर्सनल डाइट प्लान करने के लिए अपने हेल्थकेयर प्रोवाइडर के साथ मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा ऐसे किसी भी स्रोत या बातों से हमेशा सावधान रहें, जो किसी वैज्ञानिक अध्ययन या प्रूफ के बिना प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने के लिए “इलाज” का दावा करता हो।
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एक्सरसाइज और डाइट की मदद से प्राकृतिक रूप से प्रीडायबिटीज को रिवर्स करें
एक्सरसाइज किसी भी हेल्दी लाइफस्टाइल का एक प्रमुख हिस्सा है। इसीलिए प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने के लिए एक्सरसाइज से शरीर को मिलने वाले लाभों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। प्रीडायबिटीज के मरीज जो प्राकृतिक रूप से प्रीडायबिटीज को रिवर्स करना चाहते हैं, उन्हें एक्सरसाइज के महत्व को समझना चाहिए। उन्हें यह भी मालूम होना चाहिए कि न अकेले एक्सरसाइज और न ही अकेले डाइट से इन लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है। जब डाइट और एक्सरसाइज दोनों को एक साथ फॉलो किया जाता है, तब प्रीडायबिटीज को प्राकृतिक रूप से रिवर्स करने में मदद मिल सकती है।
प्रीडायबिटीज को प्राकृतिक रूप से ठीक करने के लिए एक्सरसाइज का महत्व
एक्सरसाइज डायबिटीज के मैनेजमेंट और प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने का प्रमुख स्टेप है। यह आपको अलग-अलग तरीकों से कई अतिरिक्त लाभ देता है। प्रीडायबिटीज वाले लोगों के लिए एक्सरसाइज से मिलने वाले लाभ कुछ इस प्रकार हैं:
- एक्सरसाइज ब्लड शुगर के बेहतर लेवल को बढ़ावा देता है और आपकी ऊर्जा के लेवल को हाई रखता है।
- यह वजन कंट्रोल करने और इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करने में मदद करता है।
- एक्सरसाइज से उन कैलोरी को बर्न करती है जिससे आपका वजन बढ़ता है।
- मांसपेशियों के निर्माण वाले एक्सरसाइज करने से प्रीडायबिटीज के मरीजों को अपने शुगर के लेवल को नीचे लाने में मदद मिल सकती है। मांसपेशियां चीनी और कार्बोहाइड्रेट का भंडारण और उपभोग करती हैं। प्रशिक्षित मांसपेशियों में ग्लाइकोजन के रूप में ब्लड ग्लूकोज को एकत्रित करने और उपयोग करने की उच्च क्षमता होती है। यह आपके शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि कुछ फिजिकल एक्टिविटी या कम से कम 30 से 45 मिनट की मांसपेशियां का निर्माण करने वाली एक्सरसाइज भी आपके शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को मैनेज करने में बेहतर मदद करते हैं।
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प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने में कितना समय लगता है?
प्रीडायबिटीज को प्राकृतिक रूप से रिवर्स करने में लगने वाला समय उम्र, शरीर के वजन, लाइफस्टाइल, जेनेटिक और ओवरऑल हेल्थ जैसे विभिन्न व्यक्तिगत कारकों के आधार पर अलग हो सकता है। प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने का लक्ष्य शुगर के लेवल को नॉर्मल सेफ रेंज पर लौटाना और टाइप 2 डायबिटीज के होने के जोखिम को खत्म करना होता है। प्राकृतिक रूप से प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने का मतलब है, अपने HbA1c लेवल को प्रीडायबिटीज रेंज 5.7% – 6.4% से दूर 5.7% से नीचे लाना होता है। आपकी फास्टिंग ब्लड शुगर भी नॉर्मल रेंज में 70 mg/dL से 100 mg/dL होनी चाहिए। साथ ही आपके ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट में आपका ब्लड शुगर 140 mg/dL से कम होना चाहिए।
प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने में लाइफस्टाइल में बदलाव लाना महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेना, फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाना और BMI के अनुसार शरीर का वजन बनाए रखना जरूरी बिंदू हैं। नियमित रूप से एक्सरसाइज करते रहें, जैसे तेज चलना या मीडियम रेंज वाली एरोबिक एक्टिविटी करें। इन्हें सप्ताह के अनुसार कम से कम 150 मिनट तक करना भी बहुत फायदेमंद हो सकता है।
संतुलित डाइट में, जैसे रिफाइंड और सिंपल कार्ब्स, अतिरिक्त चीन और सेचुरेटेड फैट को कम करना जरूरी होता है। प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने के लिए प्राकृतिक रूप से हरी सब्जियों, फलों, लीन प्रोटीन स्रोतों और साबुत अनाज जैसे संपूर्ण खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें। यह ब्लड शुगर के लेवल को स्थिर करने में मदद कर सकते हैं। अपने भोजन की मात्रा की मॉनिटरिंग करने और नियमित अंतराल पर खाने से ब्लड शुगर में अधिक बढ़ने से रोका जा सकता है।
यह ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है कि इससे आने वाले परिणाम व्यक्तियों के बीच भिन्न-भिन्न होते हैं। कुछ लोगों को लाइफस्टाइल में ये बदलाव करने के कुछ ही महीनों के भीतर सुधार दिखाई दे सकता है, जबकि अन्य को अधिक समय लग सकता है। अपने बदलावों को ट्रैक करने और ट्रीटमेंट प्लान में कोई भी बदलाव करने के लिए ब्लड शुगर की नियमित रूप से जांच करना और एक्सपर्ट हेल्थकेयर प्रोवाइडर से परामर्श लेना जरूरी होता है। याद रखें कि प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल को लंबे समय फॉलो करना आवश्यकता होता है। अपनी डाइट या एक्सरसाइज के रूटीन में किसी भी प्रकार का बदलाव करने से पहले हमेशा किसी एक्सपर्ट से परामर्श लें।
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प्रीडायबिटीज के लिए डॉक्टर से कब मिलें
प्रीडायबिटीज कुछ ही समय में टाइप 2 डायबिटीज में बदल सकती है। यदि आप ऊपर बताए गए लाइफस्टाइल में जरूरी बदलावों को अपनाते या इनका ध्यान रखते हैं, तो आपको प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने में मदद मिलेगी। हालांकि प्रीडायबिटीज में यदि आपको कुछ इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। ये लक्षण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं:
- थकान आना
- बार-बार प्यास लगना
- अनावश्यक रूप से भूख लगना
- पेशाब का बढ़ना
- आंखो की रोशनी कम होना
- अत्यधिक वजन घटना
उपर बताए गए ये लक्षण प्रीडायबिटीज के चेतावनी संकेत यानी वार्निंग सिग्नल हैं, यह लक्षण दिखाई देने पर आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
निष्कर्ष
हमने इस ब्लॉग में आपको प्राकृतिक रूप से प्रीडायबिटीज को कैसे दूर करें, और इनसे जुड़े उन सभी सवालों का जवाब देने का प्रयास किया है। और अंत में हम इस निष्कर्ष पर आते हैं कि प्रीडायबिटीज को रिवर्स करना कहीं ज्यादा आसान है। बस इसके लिए अगर आप अपनी लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव करते हैं, तो आप निश्चित रूप से प्रीडायबिटीज पर कंट्रोल कर सकते हैं। इन बदलावों में संतुलित डाइट लेना, फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाना, स्ट्रेस को मैनेज करना, पर्याप्त रूप से नींद लेना आदि शामिल है। इन सभी बदलावों को अपनाकर, कोई भी व्यक्ति इंसुलिन कार्यप्रणाली को बढ़ा और शुगर के लेवल को कंट्रोल कर सकता है। इतनी ही नहीं वह टाइप 2 डायबिटीज के बढ़ने के जोखिम को भी कम कर सकता है। इस प्रक्रिया में अपने शुगर लेवल की बारीकी से निगरानी करना जरूरी है।
आपकी पहली प्राथमिकता डॉक्टर से संपर्क बने रहना होना चाहिए, क्योंकि वे आपकी शरीर की आवश्यकता के अनुसार जरूरी बदलावों और संतुलित पर्सनल डाइट को लेकर गाइड करते हैं। ध्यान रखें कि हेल्दी आदतों और संतुलित डाइट को अपनाकर, निरंतरता बनाए रखने से आपको दूरगामी सकारात्मक परिणाम मिलेंगे और साथ ही आपको प्राकृतिक रूप से प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने या निदान पाने में मदद मिलेगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रीडायबिटीज के वार्निंग साइन क्या हैं?
प्रीडायबिटीज के मरीजों के लिए वार्निंग साइन या सिग्नल कुछ इस प्रकार है:
- बार-बार पेशाब आना
- अत्यधिक भूख और प्यास लगना
- तेजी से वजन का कम होना
- थकान आना
- आंखों की रोशनी कम होना
- लगातार इनफेक्शन होना
- सुन्न होना
प्रीडायबिटीज को रिवर्स में कितना समय लगता है?
आमतौर पर प्रीडायबिटीज को ठीक करने या ठीक करने का कोई निश्चित समय नहीं होता है। इसमें कई कारक शामिल होते हैं, जैसे मरीज का वजन अधिक या कम होना, फिजिकल एक्टिविटी का लेवल और इनसे जुड़ी अन्य बीमारियां। इसके अलावा भी अन्य कारक हैं, जैसे मरीज कितना फिजिकल एक्टिविटी करता है और लाइफस्टाइल में बदलाव लाता है। पर इस बात को भी जानना जरूरी है, यदि मरीज अपने लाइफस्टाइल में ऊपर बताए गए बदलावों को निरंतरता के साथ अपनाता है और उस पर लंबे समय तक कायम रहता है, तो उसे निश्चित ही कुछ समय में प्राकृतिक रूप से प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने में मदद मिलेगी।
कौन से खाद्य पदार्थ प्रीडायबिटीज को रिवर्स कर सकते हैं?
प्रीडायबिटीज को प्राकृतिक रूप से रिवर्स करने के लिए डाइटरी फाइबर सामग्री, लीन प्रोटीन और कॉम्पलेक्स कार्ब्स से भरपूर खाद्य पदार्थों का सुझाव दिया जाता है। एक नॉर्मल प्री-डायबिटीज-फ्रेंडली भोजन में आधा हिस्सा नॉन-स्टार्च वाली सब्जियां शामिल होंगी। एक-चौथाई भाग लीन प्रोटीन का और दूसरा एक-चौथाई भाग साबुत अनाज का होना चाहिए।
यदि आपको प्रीडायबिटीज है तो क्या दवाएं मदद कर सकती हैं?
इसका जवाब है हां, दवा प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने में आपकी मदद कर सकती है। लेकिन शुरुआत में आमतौर पर इसका सुझाव नहीं दिया जाता है। आप केवल तभी दवा ले सकते हैं, जब लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव के बावजूद आपके हेल्थ में कोई सुधार नहीं होता है।
क्या कीटो से प्रीडायबिटीज रिवर्स हो सकता है?
हां, कीटो डाइट प्लान निश्चित रूप से कम वजन वाले प्रीडायबिटीज मरीजों को प्रीडायबिटीज को कंट्रोल करने या रिवर्स करने में मदद कर सकती है। कीटोजेनिक डाइट में शून्य या बहुत कम मात्रा में कार्ब्स और ज्यादा मात्रा में फैट शामिल होते हैं। कम वजन वाले प्रीडायबिटीज के मरीजों को कीटो डाइट से लाभ मिल सकता है।
प्रीडायबिटीज को कैसे नियंत्रित करें?
प्रीडायबिटीज को कंट्रोल करने के कुछ आसान तरीके हैं और वह भी बिना किसी दवा का सेवन किए। लाइफस्टाइल और डाइट में कुछ जरूरी बदलाव को अपनाकर, कोई भी व्यक्ति प्रीडायबिटीज को कंट्रोल कर सकता है और यहां तक कि इसे रिवर्स भी कर सकता है। अपनी डाइट में फाइबर, लीन प्रोटीन और कॉम्प्लेक्स कार्ब्स से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। ताकत और मांसपेशियों के निर्माण वाले एक्सरसाइज करें क्योंकि मांसपेशियां आपके ब्लड प्रवाह से काफी मात्रा में ब्लड शुगर को अवशोषित करती हैं।
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