आज की बदलती दुनिया में जहां मीठी चीजें आसानी से उपलब्ध हैं, उसी आसानी से इसका सेवन भी किया जा रहा है। चीनी से भरपूर खाद्य पदार्थ या मीठा खाने की इच्छा को कंट्रोल करना, एक हेल्दी लाइफस्टाइल को बनाए रखने के लिए जरूरी होता है। हालांकि मीठा खाने से मिलने वाले आनंद को रोकना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जिसके चलते इसका सेवन अधिकता में हो जाता है और इसका हेल्थ पर भी सीधा प्रभाव पड़ता है। यदि आप अपना वजन कुछ किलो कम करना, अपने ब्लड शुगर के लेवल को स्थिर रखना या संतुलित डाइट अपनाना चाहते हैं, तो इसके लिए मीठा खाने की इच्छा के कारणों को समझना और इसे प्रभावी ढंग से कंट्रोल करना जरूरी होता है।
मीठा खाने की इच्छा के पीछे के वैज्ञानिक कारण क्या हैं और मीठा खाने की इच्छा को कैसे कम किया जाय? इन्हीं सभी सवालों का जवाब इस ब्लॉग में दिया गया है। साथ ही इस ब्लॉग में उन कारणों के बारे में भी बताया गया है, जिससे मीठा खाने की इच्छा बढ़ती है और इसे रोकने के लिए किस तरह की प्लानिंग की जरूरत होती है। हम नीचे बताए गए इन बिंदुओं की मदद से मीठा खाने की इच्छा को कम करने के बारे में जानेंगे:
मीठा खाने की इच्छा होने के कारण?
मीठा खाने की इच्छा बायोलॉजिकल, साइकोलॉजिकल और एनवायरनमेंटल पहलुओं सहित कई कारकों से प्रभावित हो सकती है। कुछ जरूरी अध्ययनों के साथ, मीठा खाने की इच्छा के कारणों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है:
1. बायोलॉजिकल कारक
डोपामीन रिलीज
चीनीयुक्त पदार्थ के सेवन के दौरान डोपामीन रिलीज होता है। डोपामीन एक न्यूरोट्रांसमीटर होता है, जो शरीर को खुशी प्रदान करता है यानी अच्छा महसूस कराता है। यह एक सकारात्मक रूप से लूप बनाता है, जिससे आपको रात हो या दिन, बिना किसी वजह के मीठा खाने की इच्छा होती है।
ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव
शुगर के लेवल में तेजी से बढ़ोतरी और उसके बाद अचानक से होने वाली गिरावट के चलते, तुरंत एनर्जी पाने के लिए चीनीयुक्त खाद्य पदार्थों के सेवन की इच्छा हो सकती है। “द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन” के 2013 के एक स्टडी में पाया गया कि हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ, जिनसे तेजी से शुगर में बढ़ोतरी होती है। वो भूख और अधिक खाने की इच्छा को बढ़ा सकते हैं।
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2. साइकोलॉजिकल कारक
स्ट्रेस और इमोशनल इटिंग
इमोशनल स्ट्रेस के चलते नकारात्मक विचारों से निपटने के लिए मीठा खाने की इच्छा बढ़ सकती है। 2015 में “एपेटाइट” में प्रकाशित एक स्टडी से पता चला है कि स्ट्रेस होने के चलते व्यक्ति बेहिसाब हाई-कैलोरी, चीनीयुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करता है, जिससे वो भावनात्मक रूप से रिलैक्स महसूस करना चाहता है।
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3. एनवायरनमेंटल कारक
भोजन की उपलब्धता और विज्ञापन
विज्ञापनों के द्वारा मीठे खाद्य पदार्थों के प्रचार-प्रसार और आसानी से उपलब्धता के चलते किसी भी व्यक्ति में अचानक ही मीठा खाने की इच्छा पैदा हो जाती है।
सोशल इन्फ्लूएंस
बदलते परिवेश में भोजन करने के तौर-तरीकों में भी बदलाव आया है। दोस्तों के द्वारा बार-बार मीठे पदार्थ को खाने के लिए कहने और आसपास के लोगों की नकल करने के चलते, मीठा खाने की इच्छा बढ़ सकती है। 2016 के “हेल्थ साइकोलॉजी” के स्टडी से पता चलता है कि आसपास के परिवेश के प्रभाव और समाज में सामंजस्य बनाए रखने की सोच के चलते, अनहेल्दी फूड्स के सेवन की संभावना बढ़ जाती है।
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4. न्यूट्रिएंश की कमी
मैग्नीशियम और क्रोमियम की कमी
इन मिनिरल्स की कमी मीठा खाने की बढ़ती इच्छा से जुड़ी हुई होती है। मैग्नीशियम ग्लूकोज मेटॉबिलज्म में शामिल होती है और क्रोमियम बल्ड शुगर के लेवल को रेगुलेट करने में मदद करता है।
5. गट-ब्रेन कनेक्शन
माइक्रोबायोटा प्रभाव
आंत माइक्रोबायोटा हमारी चीनी से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन की इच्छा और भूख को प्रभावित करता है। कुछ आंत के बैक्टीरिया दिमाग को ऐसे संकेत भेज सकते हैं, जिससे मीठा खाने की इच्छा को प्रभावित कर सकता है। 2015 में “बायोएसेज” में प्रकाशित एक स्टडी में आंत माइक्रोबायोटा हमारे दिमाग के साथ कम्यूनिकेशन के माध्यम से, भोजन की प्राथमिकताओं और मीठा खाने की इच्छा को कैसे प्रभावित कर सकता है, इसको लेकर चर्चा की गई है।
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मीठा खाने की इच्छा को कैसे रोकें?
मीठा खाने की इच्छा से निपटना थोड़ा चुनौती भरा हो सकता है, लेकिन यहां कुछ ऐसे सुझाव दिए गए हैं जिससे आपको मीठा खाने की इच्छा को रोकने में मदद मिल सकती है:
मीठे पदार्थ का लिमिट में सेवन करें
चीनीयुक्त खाद्य पदार्थों के खाने की इच्छा को रोकने के लिए बेस्ट उपाय है, आप जो भी खाना चाहते हैं, उसे थोड़ा सा खाकर अपनी मीठा खाने की इच्छा को संतुष्ट कर सकते हैं। जैसे यदि आप चॉकलेट या मिठाई खाने के बारे में सोचते हैं, तो एक छोटा सा टुकड़ा लें या एक छोटी चॉकलेट खरीदकर खाएं। मिठाई के मामले में, छोटा रसगुल्ला या गुलाब जामुन जैसी छोटी मिठाईयां चुनें। इस तरह से आप अपनी मीठे खाने की इच्छा को संतुष्ट करने के साथ-साथ, अपने खाने के हिस्से पर भी कंट्रोल कर सकेंगे।
संतुलित मात्रा में सेवन करें
जब भी आपको मीठा खाने की इच्छा हो, तो अपने भोजन में पसंद वाले भोजन के साथ प्रोटीन, कॉम्प्लेक्स कार्ब्स, फैट और फाइबर वाले खाद्य पदार्थ मिलाएं। यह भोजन आपको संतुष्ठ रखने के साथ-साथ, लंबे समय तक आपकी भूख को भी दूर रखेगा।
समय-समय पर पानी पीते रहें
कभी-कभी आपका शरीर प्यास को भूख समझ लेता है। इसलिए दिन भर निश्चित मात्रा में पानी पीते रहें। पानी खाए जाने वाले भोजन के माध्यम से प्राप्त विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालता है।
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मीठा खाने की इच्छा पर सख्ती से रोकना
कुछ व्यक्तियों के लिए मीठा खाने की इच्छा को कम या कंट्रोल करने की प्लानिंग काम नहीं करती है। बल्कि इसके उलट अपनी पसंद या इच्छा वाले भोजन लुभाते हैं । इस प्रकार के व्यक्तियों के लिए सिंपल कार्ब्स और चीनीयुक्त खाद्य पदार्थों को कम करने की सलाह दी जाती है। इसको फॉलो करने में आपको पहले कुछ घंटे निश्चित रूप से कठिन होंगे, लेकिन दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति के साथ आप निश्चित रूप से इस पर काबू पा लेंगे। जैसे ही आप कुछ दिनों तक इसकी प्रैक्टिस करेंगे, तो आपको शरीर में बदलाव के साथ-साथ चीनीयुक्त खाद्य पदार्थों को कम खाने की इच्छा महसूस होगी।
खाना स्किप न करें
मीठा खाने की इच्छा को कम करने के लिए, आप जो भी स्टेप्स फॉलो करें लेकिन इस बात का ध्यान रखें किं खाना स्किप न हो। यह आपको मीठा खाने की इच्छा को सबसे ज्यादा बढ़ाता है। भरपेट भोजन करने से कुछ हद तक मीठा खाने की इच्छा खत्म हो जाती है।
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मन को दूसरी ओर लगाएं
जब भी आपको मीठा खाने की इच्छा हो, तो अपना ध्यान दूसरी ओर लगाएं। गहरी सांस लें या थोड़ा योग करने जैसी कुछ नॉर्मल एक्टिविटी करना शुरू करें। टहलना या जॉगिंग करना सबसे अच्छा रहेगा। इन फिजिकल एक्टिविटी से आपको दो तरह से फायदा होगा। सबसे पहले यह मीठा खाने की इच्छा को कम करेंगे। दूसरा यह बॉडी को हेल्दी बनाए रखने में मददगार साबित होंगे।
भरपूर नींद लें
हर दिन 7 से 8 घंटे तक सोने का लक्ष्य रखें। नींद की कमी और मीठा खाने की इच्छा साथ-साथ चलती है। नींद पूरी न होने से शरीर आनंद प्राप्त करने के लिए, सबसे आसान विकल्प के रूप में मीठा खाने की इच्छा तलाशता है।
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स्ट्रेस से निपटने की कोशिश करें
स्ट्रेस यानी तनाव मीठा खाने की इच्छा पैदा करता है। आज हम किसी ना किसी कारण के चलते कई तरह के तनाव से जुझते हैं। चाहे वह काम का बोझ हो, या ऑफिस की पॉलिटिक्स हो, या इमोशनल उतार-चढ़ाव हो, इन सभी तनावों का समाधान मीठा भोजन नहीं है। जैसे ही आप तनाव से जूझते हैं, आपका दिमाग इस तनाव से निपटने के लिए ढाल के रूप में मीठायुक्त खाद्य पदार्थों की तलाश करता है। जिसके चलते आप अधिक जंक फूड खाते हैं और अपनी मीठा खाने की इच्छा को संतुष्ट करते हैं। लेकिन हकीकत यह है कि मीठा खाना आपके तनाव का इलाज नहीं है। इससे निपटने के लिए डॉक्टर्स या हेल्थ एक्सपर्ट की मदद लें। अपने परिवार और दोस्तों के साथ स्ट्रेस संबंधी समस्याओं को शेयर करने की कोशिश करें और इसे समझदारी से संभालें।
च्यूइंग गम का इस्तेमाल
मीठा खाने की इच्छा को कम करने के लिए च्युइंग गम चबाना एक अच्छा विकल्प माना जाता है। कम कैलोरी व नेचुरल स्वाद वाली च्युइंग गम का सेवन करें। इससे आपको मीठा खाने की इच्छा को कम करने में मदद मिलेगी।
हेल्दी फूड्स अपनाएं
जब मीठा खाने की इच्छा बढ़ती है, तो चॉकलेट, केक, मिठाई आदि के बजाय फल, दही या नट्स जैसे स्नैक्स का सेवन करें। हेल्दी फूड्स अपनाने से आपके शरीर को फाइबर, विटामिन और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व मिलेंगे।
रोजाना प्लानिंग के साथ खाएं
अगर हम हर 3 घंटे में कुछ न कुछ खाने का प्लान बनाएं, तो अपने आप ही मीठा खाने की इच्छा कम हो सकती है। अपने दिन के भोजन की प्लानिंग छोटे-छोटे हिस्सों में बनाएं, जैसे नाश्ते को दो भागों में बांटें, और छोटे-छोटे नाश्ते के रूप में दो बार खाएं। इसी तरह, दोपहर के भोजन और रात के खाने के लिए भी करें। बार-बार भोजन की छोटी-छोटी खुराक लेने से निश्चित रूप से आपकी मीठे खाने की इच्छा पर अंकुश लगेगा और आपको समस्या से आसानी से निपटने में मदद मिलेगी।
याद रखें, यह सब संतुलन के बारे में है। समय-समय पर स्वयं का इलाज करना अच्छा रहता है। ये टिप्स मीठे खाने की इच्छाओं से निपटने में आपकी सहायता कर सकती हैं, लेकिन इससे परेशानी होती है तो किसी हेल्थ एक्सपर्ट से कंसल्ट करना बेस्ट ऑप्शन माना जाता है।
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हेल्दी फूड्स जिससे मीठा खाने की इच्छा कम हो
क्या आप सोच रहे हैं कि मीठा खाने की इच्छा को तुरंत कैसे रोका जाए? तो यहां हेल्दी फूड्स की एक लिस्ट दी गई है, जो मीठा खाने की इच्छा को कम करते हैं:
फाइबर से भरपूर फूड्स
हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जो मीठा खाने की इच्छा को कम करते हैं। वे पाचन को धीमा करते हैं और इच्छा को कम करके ब्लड शुगर के लेवल को स्थिर करने में मदद करते हैं। अपने भोजन में साबुत अनाज, फलियां और रेशेदार सब्जियां जैसे खाद्य पदार्थ शामिल करें।
बीज
चिया बीज, तिल के बीज आदि जैसे बीज मीठा खाने की इच्छा से निपटने में मदद कर सकते हैं। एक स्टडी में पाया गया कि चिया जैसे बीज का जब दही के साथ सेवन किया जाता है, तो मीठा खाने की इच्छा कम हो जाती है और संतुष्ठि मिलती है। सुबह या शाम के नाश्ते के लिए शहद और चिया या तिल के साथ हलवा तैयार करके सेवन कर सकते हैं।
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एवोकाडो
अपने दिन के भोजन में हेल्दी फैट को शामिल करने से आपको मीठा खाने की इच्छा को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। इसके लिए एवोकाडो जैसे फलों को चुनें। ‘न्यूट्रिएंट्स जर्नल’ में प्रकाशित एक स्टडी में बताया गया है कि भोजन में रिफाइंड कार्ब्स की जगह एवोकाडो को शामिल करने से शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। यह भूख को कम करके, ब्लड शुगर को बढ़ने से रोकने में मदद करता है।
बेरीज
बेरीज जैसे फलों में नेचुरल सुगर होता है, ये फाइबर और आवश्यक न्यूट्रिएंट भी प्रदान करते हैं। इसलिए जब आपको रात में मीठा खाने की इच्छा हो तो बेरीज का सेवन करें। स्ट्रॉबेरी, जामुन, ब्लूबेरी, रसबेरी आदि जैसे बेरीज़ अच्छे विकल्प हैं क्योंकि इनमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, और इनकी मिठास आपको मीठा खाने की इच्छा को कुछ हद तक पूरा करने में मदद करते हैं।
बिना स्टार्च वाली सब्जियां
पूरे दिन अपने भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करने से मीठा खाने की इच्छा कम हो जाती है। गैर-स्टार्च वाली सब्जियां, जैसे- ब्रोकोली, फूलगोभी, पत्तागोभी आदि में डाइटरी फाइबर होता है और यह हमारे शरीर में धीरे-धीरे पचता है। इसलिए हमारा पेट लंबे समय तक भरा रहता है और मीठा खाने की इच्छा पर रोक लगाता है। एक स्टडी में पाया गया कि इन सब्जियों में थायलाकोइड्स नामक एक कंपाउंड होता है जो भूख के समय को बढ़ाता है।
ओट्स
ओट्स अब उन खाद्य पदार्थों की सूची में शामिल हो गया है जो मीठा खाने की इच्छा को कम करने में मदद करता है। ओट्स घुलनशील फाइबर का एक अच्छा स्रोत है और इसमें मीठा खाने की इच्छा को रोकने की क्षमता होती है। ज्यादा से ज्यादा हेल्थ बेनिफिट्स पाने के लिए बिना स्वाद वाले पारंपरिक रोल्ड ओट्स का ऑप्शन चुनें।
दाल और बीन्स
दाल और बीन्स हेल्दी खाद्य पदार्थों में से एक हैं, जो मीठा खाने की इच्छा को कम करते हैं। ये आपके शुगर लेवल को भी कंट्रोल में रखते हैं और आपको पेट भरे होने का एहसास दिलाते हैं। जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में एक स्टडी में बताया गया है कि चावल और आलू की जगह दाल और बीन्स का उपयोग करने से भोजन के बाद शुगर के लेवल को 20% -35% तक कम किया जा सकता है।
ड्राई फ्रूट्स और नट्स
सूखे मेवे यानी ड्राई फ्रूट्स और नट्स स्नैकिंग के अच्छे विकल्प माने जाते हैं क्योंकि इनमें हेल्दी फैट होता है। ड्राई फ्रूट्स, खासकर पिस्ता में मीठा खाने की इच्छा को रोकने की अच्छी क्षमता होती है। एक स्टडी में पाया गया कि पिस्ता वजन कम करने की चाहत रखने वाले लोगों की मदद कर सकता है क्योंकि यह मीठा खाने की इच्छा को कम करने में मदद करता है।
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ऑलिव और कोकोनट ऑयल
नारियल और जैतून जैसे तेल हमारे शरीर में धीरे-धीरे पचते हैं। इससे तृप्ति की भावना बढ़ती है और मीठा खाने की इच्छा कम होती है। पर याद रखें नारियल का तेल सेचुरेटेड फैट के रूप में होता है। इसलिए इसका सेवन कम मात्रा में करें। जैतून के तेल यानी ऑलिव ऑयल पर स्विच करना बेहतर है क्योंकि इसमें पॉलीअनसेचुरेटेड और मोनोअनसेचुरेटेड फैट होती है। ये तेल मीठा खाने की इच्छा को रोकने के साथ-साथ इंसुलिन की कार्यक्षमता में सुधार कर सकते हैं, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।
डार्क चॉकलेट
यदि आपको मीठा खाने की इच्छा हो रही है, तो आप कभी-कभार कुछ डार्क चॉकलेट का ऑप्शन चुन सकते हैं। इसमें कोको की मात्रा अधिक (70% या अधिक) होती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं और दूध वाले चॉकलेट की तुलना में मीठे की मात्रा कम होती है।
पर याद रखें, कभी-कभार मीठा खाने की इच्छा होना सामान्य बात है, लेकिन ऊपर बताए गए टिप्स को फॉलो करने के साथ-साथ पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों पर ध्यान केंद्रित करना बेहतर होता है। यह प्रक्रिया आपको मीठा खाने की इच्छा को कम करने के साथ-साथ भविष्य में इसे कंट्रोल भी करने में मदद करती है।
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निष्कर्ष
हेल्दी खाने की आदतों को अपनाने की प्रक्रिया में मीठा खाने की इच्छा को कंट्रोल या कम करने के तरीकों को समझना बहुत ही जरूरी होता है। वैसे सवाल यह है कि मीठा खाने की इच्छा को कैसे कम किया जाए? इसमें कई फैक्टर्स शामिल होते हैं। न्यूट्रिएंट की कमी और दिमाग पर पड़ने वाले प्रभाव के साथ-साथ बायोलॉजिकल, साइकोलॉजिकल और एनवायरनमेंटल फैक्टर्स इसकी जटिलताओं को समझने में मदद करता है।
मीठा खाने की इच्छा को रोकने के लिए टिप्स को फॉलो करना जरूरी होता है, जैसे कि ध्यानपूर्वक खाना खाने, हाइड्रेटेड रहने, स्ट्रेस को मैनेज करके और संतुलित डाइट को अपनाकर कोई भी व्यक्ति मीठा खाने की इच्छा पर कंट्रोल कर सकता है। ब्लड शुगर के लेवल को स्थिर करने और शरीर की जरूरतों को पूरा करने वाले न्यूट्रिएंट से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करने से मीठा खाने की इच्छा को कम करने में मदद मिल सकती है। याद रखें कि इस लक्ष्य को पाने में आपको कुछ समय लगेगा, इसलिए अधिक संतुलित और न्यूट्रिएंट से भरपूर लाइफस्टाइल को अपनाने के लिए धैर्य रखें।
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सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न – Frequently Asked Questions
अगर मुझे मिठाई खाने की इच्छा हो तो मुझे क्या खाना चाहिए?
जब आपको मीठा खाने की इच्छा हो तो, हमारे आसपास कई हेल्दी फूड्स के ऑप्शन उपलब्ध होते हैं। आप कम मीठा वाले फलों जैसे बेरीज, सेब, नाशपाती आदि का सेवन कर सकते हैं। आप कम सुगर वाले चॉकलेट जैसे डार्क चॉकलेट का भी सेवन कर सकते हैं। आप अपनी इच्छा को संतुष्ट करने के लिए मिठाई भी खा सकते हैं लेकिन बहुत ही कम मात्रा में और जिम्मेदारी से खाएं।
मीठा खाने की इच्छा कंट्रोल क्यों नहीं हो पाता है?
एस्ट्रोजन के लेवल में गिरावट से सेरोटोनिन उत्पादन में भी कमी आती है। सेरोटोनिन दिमाग में मुख्य केमिकल्स में से एक होता है, जो अंग और हमारे शरीर को खुशी देता है। इसलिए सेरोटोनिन के लेवल में कमी होने से मीठा खाने की इच्छा होती है, जिससे हमारा शरीर बेहतर महसूस करने के लिए मीठा की ओर रुख करता है।
क्या मीठा खाने की इच्छा का मतलब डायबिटीज है?
बिल्कुल नहीं, आपके मीठा खाने की इच्छा का मतलब यह नहीं है कि आपको डायबिटीज है। कभी-कभार इच्छा करना ठीक है। लेकिन अगर आपको बार-बार मीठा खाने की इच्छा होती है, तो संभावना है कि आपको हाइपरग्लेसेमिया या ब्लड शुगर का लेवल हाई है।
कौन सा अंग आपको मीठा की इच्छा कराता है?
इसके लिए हमारा दिमाग मुख्य अंग है, जो मीठा खाने की इच्छा को बढ़ाता है। मीठा खाने की इच्छा भूख का संकेत नहीं है, बल्कि यह दिमाग की एक ऊपज है। हिप्पोकैम्पस, दिमाग का एक हिस्सा है जो टेम्पोरल लोब में स्थित होता है। जिसे संतुष्ठि या मीठा खाने से मिलने वाले आनंद के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
किस कमी के कारण मीठा खाने की इच्छा होती है?
कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, क्रोमियम और आयरन जैसे कुछ पोषक तत्वों की कमी से मीठा खाने की इच्छा हो सकती है। मैग्नीशियम हमारे शरीर में ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म के लिए जिम्मेदार माना जाता है और क्रोमियम भी शुगर के लेवल को रेगुलेट करने में भूमिका निभाता है।
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