Last updated on जून 3rd, 2024
डायबिटीज की रोकना दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए एक जरूरी टास्क(लक्ष्य) है। डायबिटीज बढ़ने के साथ ही यह समझना जरूरी हो गया है कि इसके जोखिम को कम कैसे किया जाए। डबल्यू.एच.ओ(WHO) द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, वर्ष 2019 में दुनिया भर में 16 लाख लोगों की मौत डायबिटीज के कारण हुई। 2035 तक यह संख्या बढ़कर 59.2 करोड़ होने की उम्मीद है। इसलिए इस घातक बीमारी को रोकना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। इस ब्लॉग में हम इसी सवाल का पता लगाएंगे कि डायबिटीज को कैसे रोकें। हम कुछ लाइफस्टाइल में जरूरी बदलावों पर बात करेंगे जो डायबिटीज को रोकने और बढ़िया हेल्थ बनाए रखने में आपकी मदद करेंगे। डाइट विकल्पों से लेकर शारीरिक गतिविधि(फिजिकल एक्टिविटी) और यहां तक कि तनाव प्रबंधन(स्ट्रेस मैनेजमेंट) तक। हम आपको हेल्दी डायबिटीज-फ्री फ्यूचर के लिए ध्यान देने योग्य जरूरी बातों को बताएंगे और इसके रोकथाम के विभिन्न पहलुओं पर गहराई से विचार करेंगे।
टाइप 2 डाइबिटीज क्या होता है?
टाइप 2 डायबिटीज एक लाइफस्टाइल डिजीज है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है। टाइप 2 डायबिटीज में आपका शुगर लेवल बढ़ जाता है और सुरक्षित सीमा से ऊपर चला जाता है। ऐसा मुख्यतः दो कारणों से होता है। या तो आपका अग्न्याशय(पैंक्रियाज) आपके शरीर में जरूरी इंसुलिन नहीं पहुंचा पा रहा है। या इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ गया है। जो इंसुलिन को ब्लड शुगर कंट्रोल नहीं करने दे रहा है। यदि आपका उपवास(फास्टिंग) ब्लड शुगर 126 मिलीग्राम/डीएल से ज्यादा है, तो आपको डायबिटीज है। एक अन्य ब्लड परीक्षण(टेस्ट) भोजन के बाद ब्लड शुगर परीक्षण है। इसे खाने के 2 घंटे बाद किया जाता है। भोजन के बाद ब्लड शुगर 180 मिलीग्राम/डीएल से ऊपर है तो आपको डायबिटीज है। अगर आप सोच रहे हैं कि डायबिटीज(शुगर) को कैसे रोका जाए तो इस सवाल का जवाब जानने के लिए पढ़ते रहें।
डायबिटीज होने की सबसे ज्यादा संभावना किसे है?
भारत में कई लोगों को डायबिटीज होने का खतरा अधिक है। डायबिटीज पर कैसे अंकुश लगाया जाए या डायबिटीज को कैसे रोका जाए। यह जानने से पहले यह समझना जरूरी है कि इसके होने का सबसे ज्यादा खतरा किसे है। निम्नलिखित स्थिति वाले व्यक्तियों में खतरा बढ़ जाता है
- ज्यादा वजन वाले और मोटे व्यक्ति
- 45 वर्ष और उससे ज्यादा के लोग
- अनुवांशिक(जेनेटिक) डायबिटीज वाला परिवार
- प्रीडायबिटिक व्यक्तियों में- प्रीडायबिटीज स्टेज डायबिटीज से ठीक पहले होता है। इसमें शुगर का लेवल सामान्य लेवल से ज्यादा और डायबिटीज की सीमा से ठीक नीचे होता है।
- हाई बीपी (ब्लडप्रेशर)
- ट्राइग्लिसराइड्स की बढ़ी हुई मात्रा और लो-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल
- खराब लाइफस्टाइल
- डिप्रेशन(अवसाद)
- हार्ट डिजीज से पीड़ित व्यक्ति
- प्रेगनेंसी के दौरान डायबिटीज का खतरा
- अफ़्रीकी-अमेरिकी, इंडो-अमेरिकी, एशियाई अमेरिकी, लैटिन, प्रशांत द्वीपवासी, हवाईयन होना
- पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) से पीड़ित व्यक्ति
- धूम्रपान(स्मोकिंग) और शराब(एल्कोहल) की आदत
- एकैन्थोसिस निगरिकन्स (त्वचा का काला पड़ना और मोटा होना) से पीड़ित व्यक्ति
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मधुमेह की रोकथाम कैसे करे?
डायबिटीज को कैसे रोकें इस सवाल का सीधा सा जवाब है एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर। आपको अपनी वर्तमान की खराब लाइफस्टाइल को छोड़ना होगा। ये बदलाव करने से निश्चित रूप से डायबिटीज की शुरुआत को रोका जा सकेगा।
शुगर को कंट्रोल करने के लिए आप निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं-
1. एक हेल्दी एंटी-डायबिटिक डाइट अपनाएं
जब बात डायबिटीज(शुगर) को रोकने की हो, तो इसका सबसे अच्छा तरीका है एंटी-डायबिटिक डाइट का पालन करना। एंटी-डायबिटिक डाइट का मतलब है कैलोरी की मात्रा बनाए रखना और डायबिटीज के हिसाब से खाना। ऐसे चीजों से बचें जो शुगर लेवल को तुरंत बढ़ा सकते हैं। जैसे सिंपल कार्ब्स और शुगर प्रोडक्ट।
डायबिटीज से बचने के लिए डाइट उपाय-
- भरपूर मात्रा में लो-जीआई फल, सब्जियां और साबुत अनाज वाला बैलेंस डाइट लें।
- शुगर और रिफाइंड कार्ब्स को कंट्रोल करें।
- हिस्से के आकार(पोर्शन साइज) को कंट्रोल करें और ज्यादा खाने से बचें।
2. नियमित रूप से व्यायाम(एक्सरसाइज) करें
डायबिटीज को कैसे कम करने का एक और तरीका है व्यायाम(एक्सरसाइज) और वर्कआउट है। डायबिटीज से बचने वाले उपायों में मांशपेशियों के बनने और उनके स्ट्रेंथ वर्कआउट पर काम करना शुरू करें।
- हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट तक के हल्के एक्सरसाइज करें।
- एरोबिक और मसल्स ट्रेनिंग दोनों को नियमित रूप से करें।
- मांसपेशियों के निर्माण से आपको ब्लड शुगर मैनेजमेंट में बेहतर मदद मिलेगी।
3. अपना वजन कंट्रोल में रखें
बीएमआई के हिसाब से शरीर का सही वजन बनाए रखना जरूरी है। सही बॉडी वेट डायबिटीज को रोकने वाले उपायों में से एक है। यदि किसी व्यक्ति का ज्यादा वजन(ओवरवेट) है, तो शरीर के वजन का 5% से 10% भी कम करने से डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है।
4. नियमित रूप से ब्लड शुगर की मॉनिटरिंग करें
यदि आप ऐसी स्थिति में हैं, तो नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर लेवल की निगरानी(मॉनिटरिंग) करें। डायबिटीज के खतरे को कम किए जाने के उपायों में ब्लड ग्लूकोज लेवल की लगातार निगरानी शामिल है। यदि आपको आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ा हुआ दिखता है तो निगरानी(मॉनिटरिंग) और सख़्ती से करने की जरूरत है।
5. धूम्रपान और अत्यधिक शराब से बचें
टाइप 2 डायबिटीज को कैसे रोका जाए इसका एक अन्य उत्तर धूम्रपान और शराब पीना नहीं है। धूम्रपान आपके शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाता है।
शरीर, और शराब ब्लड शुगर बढ़ाता है। जो लोग धूम्रपान करते हैं उनमें धूम्रपान न करने वालों की तुलना में डायबिटीज होने का खतरा 30% से 40% ज्यादा होता है।
6. तनाव को मैनेज करना सीखें
टाइप 2 डायबिटीज को कम करने के लिए तनाव प्रबंधन(मैनेजमेंट) पर काम सही तरह से किया जाना चाहिए। तनाव कम करने की तकनीक(टेक्निक) जैसे ध्यान(मेडिटेशन) और योग निश्चित रूप से मदद कर सकते हैं।
7. अच्छी नींद
सामान्य तौर पर व्यक्ति को हर रात 7-9 घंटे की नींद लेनी चाहिए। नियमित रूप से अच्छी नींद भी आपको टाइप 2 डायबिटीज को रोकने में मदद कर सकता है। टुकड़ों में नींद लेना और 7-9 घंटों से कम सोना खराब नींद माना जाता है। और इस वजह से आपको डायबिटीज होने की संभावना बढ़ सकती है।
नियमित जांच
नियमित चेक अप और डायबिटीज जांच के लिए अपने विश्वसनीय(ट्रस्टेड) डायबिटीज विशेषज्ञ(एक्सपर्ट) से जरूर मिलें।
ऊपर बताई गई चीजों का पालन करने से सभी सवाल के जवाब मिल जाएंगे कि डायबिटीज को शुरू होने से पहले कैसे रोका जाए। इसके साथ ही अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें और उनकी सलाह का पालन करें।
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डायबिटीज का पता लगने के बाद इसे कैसे कम कर सकते हैं?
डायबिटीज का पता लगने के बाद भी इसे कम किया जा सकता है। अपनी खराब लाइफस्टाइल छोड़ें और इसमें बदलाव लाएं। आपको पहले से ही डायबिटीज है इस बात का पता लगने के बाद के कदम थोड़े सख्त होंगे। लाइफस्टाइल में बदलाव करके डायबिटीज के लिए बताए गए उपायों का पालन करें। इनका सही तरीके से पालन करने पर निश्चित रूप से आपको डायबिटीज को कम करने और नियंत्रित(कंट्रोल) करने में मदद मिलेगी।
अनुवांशिक(जेनेटिक) डायबिटीज से खुद को कैसे बचाएं?
यदि आपके घर-परिवार में किसी को डायबिटीज रहा है, तो आपको ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। आपकी उम्र 40 वर्ष या उससे अधिक है, तो इस कंडीशन में आपको डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए आपको उपवास(फास्टिंग) और भोजन के बाद, दोनों समय अपने ब्लड शुगर की जांच करनी होगी। अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें। अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें। आपके घर-पारिवार में किसी को डायबिटीज रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपको भी डायबिटीज होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
नींद की कमी सीधे तौर पर डायबिटीज का कारण नहीं बनती है, लेकिन डायबिटीज वाले व्यक्तियों में इंसुलिन रेजिस्टेंस, वजन बढ़ने और खराब ब्लड शुगर कंट्रोल के कारण टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। 7-9 घंटे की अच्छी नींद जरूरी है, नियमित नींद के पैटर्न को बनाए रखना और नींद के हिसाब से वातावरण बनाना डायबिटीज को रोकने और प्रबंधित करने में महत्वपूर्ण कदम हैं।
हाँ, तनाव और हाई-ब्लड प्रेशर डायबिटीज का कारण बन सकता है। अपने स्ट्रेस लेवल को कंट्रोल में रखना जरूरी है। तनाव मैनेजमेंट तकनीकों जैसे योग, ध्यान(मेडिटेशन) आदि का अभ्यास करें।
जब आपको प्रीडायबिटीज हो जाता है तो आप इससे छुटकारा पा सकते है और डायबिटीज को रोक सकते हैं। आपको लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने की ज़रूरत है। जैसे बैलेंस डाइट का फॉलो करना। साथ ही आप ऊपर बताए गए स्टेप्स को भी फॉलो कर सकते हैं। इन सभी का पालन करने से निश्चित रूप से आपको प्रीडायबिटीज से डायबिटीज को बचाने में मदद मिलेगी।
टाइप 1 डायबिटीज के लिए आप बहुत कुछ नहीं कर सकते। यदि आपके परिवार में टाइप 1 डायबिटीज किसी को भी रहा है तो किसी भी तरह के जोखिम से बचने और सही गाइडेंस के लिए अपने डायबिटीज एक्सपर्ट के संपर्क में रहना जरूरी है। टाइप 1 डायबिटीज के हाई रिस्क वाले पीड़ितों के लिए लक्षणों का जल्दी पता लगाना और मैनेजमेंट करना जरूरी है।
गर्भकालीन डायबिटीज की रोकथाम के लिए प्रेगनेंसी के दौरान हेल्दी लाइफस्टाइल बनाए रखना जरूरी है। यहाँ कुछ उपाय दिए गए हैं-
1. बैलेंस डाइट लें।
2. नियमित रूप से हल्के एक्सरसाइज करें।
3. प्रेगनेंसी से पहले और प्रेगनेंसी के दौरान शरीर का वजन सही बनाए रखें।
4. ब्लड शुगर की निगरानी करें- ब्लड शुगर की निगरानी के लिए अपने डॉक्टर द्वारा बताई गई बातों का पालन करें।
5. जेस्टेशनल डायबिटीज की जांच- प्रसव से पूर्व होने वाली सभी बातों का ध्यान रखें और गर्भकालीन(जेस्टेशनल) डायबिटीज की जांच कराएं।
6. यदि जरूरी हो तो ही दवा लें- यदि लाइफस्टाइल में बदलाव के बावजूद आपके ब्लड शुगर का लेवल काफी हाई रहता है तो आपका डॉक्टर से बात करके उनके द्वारा बताई गई दवा का सेवन कर सकते हैं।
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