शुगर के मरीजों के लिए जरूरी है की वे अपने डाइट का विशेष ध्यान रखें जिससे उन्हें अपने ब्लड शुगर के लेवल को अचानक बढ़ने से रोकने में मदद मिल सके। शुगर के मरीजों को अपने डाइट में शामिल की गई चीजों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करना चाहिए और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने वाली चीजों को ज्यादा मात्रा में शामिल करना चाहिए।
हरी मटर शुगर के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद सब्जी है। विश्व स्तर पर लोग भारतीय खाने में मटर का उपयोग करते हैं। मटर सर्दियों की सब्जी है लेकिन आजकल ये साल भर उपलब्ध रहती है। लोग अपने न्यूट्रिशन को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में हरी मटर शामिल कर सकते हैं।
मटर का इतिहास
मटर मध्य पूर्व और मध्य एशिया से प्राप्त होते हैं। यह मानव द्वारा खेती की गई पहली फसलों में से एक है। पहले लोग मटर को सूखे रूप में खाते थे। 16वीं शताब्दी तक इनका सेवन फ्रेश रूप में नहीं किया जाता था। कनाडा मटर का प्रमुख उत्पादक (प्रोड्यूसर) और निर्यातक (एक्सपोर्टर) देश है। मटर के अन्य बड़े उत्पादक देश रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, फ्रांस और भारत हैं।
मटर लेग्यूम फैमिली के अंतर्गत आती है। जिसमे दाल, काली फलियाँ और चने आते हैं। हरी मटर का सेवन लोग ताज़े और सूखे रूप में करते हैं।
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मटर के प्रकार – Types of Peas in hindi
मटर कई प्रकार के होते हैं जैसे,
हरी मटर
ये सामान्य रूप से पाई जाती हैं और इसकी कई तरह की किस्म उपलब्ध होती हैं जैसे गार्डन स्वीट मटर और स्प्रिंग मटर। हरी मटर की कई किस्मों में फली खाने योग्य नहीं होती है खाने से पहले हरी मटर को जरूर पकाना चाहिए।
स्नैप मटर
ये सबसे मीठे मटर होते हैं। इसके दाने और फली दोनों का सेवन कच्चे या पके हुए रूप में किया जाता है। मटर की अन्य किस्मों की तुलना में इसकी फलियाँ ज्यादा मोटी होती हैं।
स्नो मटर
स्नो मटर में एक चपटी फली होती है जिसे खाया जाता है। इसे शुगर मटर भी कहा जाता है। इसकी फली और दाने दोनो को कच्चा भी खाए जाते हैं और पका कर भी।
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मटर का न्यूट्रिशन – Nutrional Fact of Matar
शुगर के मरीजों को यह बताया जाता है कि मटर एक “स्टार्च वाली सब्जी” है। बिना स्टार्च वाली सब्जियों में हरी फलियाँ या ब्रोकोली आते हैं। अन्य सब्जियों की तुलना में मटर में कार्ब्स ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। इस प्रकार मटर को डाइट में कार्ब के लिए शामिल किया जाता है।
नीचे आधा कप मटर में मिलने वाले न्यूट्रिशन का विवरण दिया गया है:
- कैलोरी: 62
- कार्बोहाइड्रेट: 11 ग्राम
- फाइबर: 4 ग्राम
- प्रोटीन: 4 ग्राम
- फैट: 0 ग्राम
सारांश
मटर में विटामिन सी और ई, जिंक और अन्य एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो इम्युनिटी को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। विटामिन ए और बी जैसे अन्य पोषक तत्व सूजन को कम करने में सहायता करते हैं और शुगर, हार्ट की समस्याओं या गठिया के खतरे को कम करते हैं।
क्या शुगर में मटर खा सकते हैं? – kya Sugar mei matar kha sakte hain
मटर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और शुगर में ऐसी चीजों को खाने की सलाह दी जाती है जिसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो तो इस वजह से शुगर में मटर खा सकते हैं। मटर में विटामिन ए, बी, सी और के पाया जाता है जो मधुमेह में ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करता है और इसमें मौजूद प्रोटीन और फाइबर इंसुलिन लेवल को कंट्रोल करता है।
मटर में मौजूद प्रोटीन
शोध में पाया गया है कि मटर में पाया जाने वाला प्रोटीन “हाई क्वॉलिटी” वाला होता है। इसमें जरूरी और गैर-जरूरी दोनों अमीनो एसिड होते हैं। मटर प्रोटीन हाल ही में प्रोटीन सप्लीमेंट्स के रूप में सामने आ रहा है। इसका कारण यह है कि मटर प्रोटीन में आर्जिनिन नमक अमीनो एसिड पाया जाता है जो मांसपेशियों के निर्माण में सहायक होता है और स्ट्रेंथ में सुधार कर सकता है। मटर प्रोटीन में पाए जाने वाले अन्य अमीनो हैं:
- ल्यूसीन
- लाइसिन
- आइसोल्यूसीन
- ग्लूटामाइन
- वैलीन
ये अमीनो एसिड डाईजेशन सिस्टम को सही करने में मदद करते हैं। चूहों पर किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि जिन चूहों में मटर प्रोटीन था उन पर ब्लडप्रेशर के लेवल को कम करने में मदद मिली है।
सारांश
मटर प्रोटीन वेगन होता है जिससे यह पता चलता है कि यह एनिमल प्रोडक्ट (पशु उत्पाद) नहीं है। इसके अलावा जिन लोगों को सोया, अंडे या दूध प्रोटीन से एलर्जी है उन लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प है। बेकिंग में अंडे की जगह इस प्रोटीन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मटर में मौजूद प्रोटीन का उपयोग
लोग मटर में पाए जाने वाले प्रोटीन को इन चीजों में भी शामिल करते हैं:
- सीरियल
- स्नैक या एनर्जी बार
- मांस जैसी पोल्ट्री वाली चीजें
- फ्रोजन डेजर्ट
यह पाउडर के रूप में भी मिलता है।
महत्वपूर्ण सलाह: मटर के प्रोटीन का इस्तेमाल करने से पहले या किसी भी प्रकार के प्रोटीन सप्लीमेंट का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह करना जरूरी होता है और यदि आप किडनी या लीवर की किसी समस्या से परेशान हैं तो विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
मटर खाने के फायदे – Matar Khane ke Fayde
एंटीऑक्सीडेंट और सूजन में लाभकारी
हरी मटर में कैटेचिन और एपिकैटेचिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो हार्ट से जुड़ी समस्याओं और त्वचा कैंसर से बचाव के लिए लाभकारी हैं (ये एंटीऑक्सीडेंट ग्रीन टी में भी मौजूद होते हैं)। इसके अलावा मटर में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो सूजन के लिए फायदा करते हैं। टाइप 2 डायबिटीज में सूजन एक जरूरी समस्या है जिसकी रोकथाम बहुत महत्वपूर्ण है।
शुगर कंट्रोल
मटर में कार्ब्स होते हैं फिर भी शुगर में मटर खा सकते हैं। मटर में मौजूद प्रोटीन और फाइबर पाचन प्रक्रिया में देरी करने में मदद करता है और खाने के बाद ब्लड शुगर के लेवल को स्थिर करने में सहायता करता है। इसके अलावा हरी मटर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 22 होता है जो काफी कम है।
वज़न मैनेजमेंट
मटर में कैलोरी और फैट, प्रोटीन और फाइबर से कम होती है। फाइबर और प्रोटीन की अच्छी मात्रा होने के कारण शुगर में मटर खा सकते हैं।
कैंसर की रोकथाम
मटर में कूमेस्ट्रोल नामक एक यौगिक होता है जो पॉलीफेनोल का एक रूप है। एक अध्ययन में पाया गया है कि 2 मिलीग्राम कूमेस्ट्रोल पेट के कैंसर में काफी लाभकारी हो सकता है। एक कप हरी मटर में लगभग 10 मिलीग्राम पॉलीफेनोल होता है।
इम्युनिटी को बढ़ाता है
मटर में विटामिन सी अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो इम्युनिटी को बेहतर बनाने में काफी मदद करता है। अध्ययनों के अनुसार मटर की एक खुराक दैनिक जरूरतों का आधा हिस्सा प्रदान करती है। विशेष रूप से अंकुरित मटर में फाइटोएलेक्सिन नामक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह पेट से जुड़े अल्सर और पेट के कैंसर के लिए जिम्मेदार जीवाणु एच. पाइलोरी को रोकने में मदद करता है।
आँख के लिए फायदेमंद
मटर में ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन जैसे कैरोटीनॉयड होते हैं। ये आंखों को मोतियाबिंद और एएमडी या उम्र से जुड़ी आँखो की पुरानी बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन हानिकारक ब्लू रे से फिल्टर के रूप में काम करता है जो मोतियाबिंद और मैकुलर डीजेनरेशन को बढ़ाता है।
स्किन(त्वचा) के लिए फायदेमंद
विटामिन सी कोलेजन के निर्माण में मदद करता है। कोलेजन त्वचा को चमकदार बनाए रखने में सहायता करता है। इसके अलावा विटामिन फ्री रेडिकल्स (मुक्त कणों) के कारण होने वाले नुकसान से कोशिकाओं को बचाता है। मटर में एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं जो ऑक्सीडेटिव तनाव से बचने में सहायता करते हैं। मटर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट में कैरोटीनॉयड, फ्लेवोनोइड, कैटेचिन, एपिकैटेचिन और अल्फा-कैरोटीन पाए जाते हैं। ये सभी उम्र बढ़ने के लक्षणों को रोकने में भी मदद करते हैं।
आयरन का अच्छा सोर्स
मटर आयरन का एक अच्छा सोर्स होता है। आयरन की कमी से एनीमिया होता है। यदि किसी व्यक्ति में जरूरी आयरन की कमी है तो उसके शरीर में ऑक्सीजन के लिए जरूरी आरबीसी बनने में परेशानी हो सकती है जिस कारण हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। आयरन थकान से लड़ने में सहायता करता है और व्यक्ति को ताकत प्रदान करता है।
सारांश
मटर में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिज अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो आंखों से लेकर कई तरह के कैंसर में भी फायदेमंद होता है।
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शुगर डाइट प्लान में मटर शामिल करें:
“क्या शुगर में मटर खा सकते हैं? जवाब है, हां खासकर ताजा मटर का सेवन शुगर के लिए अच्छा होता है। डिब्बाबंद मटर (एक्स्ट्रा सोडियम और प्रिजर्वेटिव) से बचना चाहिए।
आप फ्रोजन मटर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
यह सवाल भी हो सकता है कि यदि मटर में अधिकांश कैलोरी कार्बोहाइड्रेट से मिलती है तो मटर का सेवन क्यों करें या यदि मटर में स्टार्च की मात्रा ज्यादा होती है तो क्या मटर से परहेज करना चाहिए? इस प्रश्न का उत्तर थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन इसका जवाब है, कैलोरी एक समस्या है। मटर में लगभग तीन-चौथाई कैलोरी कांप्लेक्स कार्ब से प्राप्त होती है लेकिन मटर के सेवन से फाइबर भी मिलता है और फाइबर कार्ब्स को धीरे-धीरे एब्जॉर्ब करने में मदद करता है इसलिए मटर सामान्य ब्लड शुगर लेवल को ज्यादा नहीं बढ़ाता है।
शुगर के लिए हरी मटर के फायदे – Hari Matar Khane ke Fayde
ऐसे कई फायदे हैं जिनकी वजह से शुगर में हरी मटर खा सकते हैं (sugar me hari matar kha sakte hai):
लो-कैलोरी
यूएसडीए के अनुसार 100 ग्राम हरी मटर में लगभग 80 कैलोरी होती है। मोटापा टाइप 2 डायबिटीज के लिए सबसे बड़ा खतरा है इसलिए लो-कैलोरी वाली चीजें शुगर के मरीजों के लिए अच्छी मानी जाती हैं। हाई शुगर के मरीजों में वजन बढ़ने से शुगर लेवल को कंट्रोल करना और भी मुश्किल हो जाता है।
फाइबर
यूएसडीए के आंकड़ों के अनुसार 100 ग्राम हरी मटर में 14 ग्राम कार्ब्स होते हैं जिसमें 5 ग्राम फाइबर शामिल होता है। हाई शुगर वाले लोगों के लिए फाइबर सबसे जरूरी पोषक तत्व है। फाइबर ब्लड शुगर कंट्रोल और ब्लडप्रेशर कंट्रोल में भी प्रमुख भूमिका निभाता है। इसका शरीर में इसका पाचन धीमा होता है, इसलिए यह धीरे-धीरे ब्लड शुगर रिलीज करता है।
पोटैशियम
पोटैशियम की कमी से शुगर का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए पोटैशियम शुगर के मरीजों के लिए बहुत जरूरी खनिज होता है। यूएसडीए के आंकड़ों के अनुसार 100 ग्राम हरी मटर में 244 मिलीग्राम पोटैशियम होता है। यह मात्रा शुगर के मरीजों के लिए पर्याप्त होती है। पोटैशियम ब्लडप्रेशर के लेवल को सही बनाए रखने के लिए भी जरूरी है।
प्रोटीन
यूएसडीए के आंकड़े के अनुसार 100 ग्राम हरी मटर में लगभग 5 ग्राम प्रोटीन होता है। प्रोटीन एक ऐसा पोषक तत्व है जो हमें भरपूर और लंबे समय तक एनर्जी देता है। इसके साथ-साथ प्रोटीन वजन मैनेजमेंट में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो शुगर के मरीजों के लिए बहुत जरूरी है।
सारांश
हरी मटर में कार्ब्स होते हैं लेकिन फिर भी शुगर में मटर खा सकते हैं। मटर में मौजूद फाइबर और प्रोटीन पाचन को धीमा कर देते हैं। इसके अलावा मटर खाने के बाद ग्लूकोज का लेवल सही रखने में मदद मिलती है और मटर का जीआई 22 है जो काफी कम है।
शुगर में मटर कैसे खा सकते हैं?
ताज़ी मटर खाने का सबसे अच्छा समय बसंत (स्प्रिंग सीजन) का होता है। स्प्रिंग सीज़न काफी छोटा होता है लेकिन इसमें लोगों को मटर के लाभ जरूर प्राप्त करना चाहिए। हमेशा ताजे मटर का चयन करना चाहिए, ताजा मटर का तुरंत सेवन करना बेहतर होता है। यदि ताजी मटर का सेवन कर पाना संभव नही है तो आप इसे कुछ दिनों के लिए रेफ्रिजरेटर में रख सकते हैं। मटर को हल्के से उबालने के बाद सलाद और पास्ता व्यंजन में भी शामिल किया जा सकता है। आप अपने चिकन या टूना सलाद में मटर शामिल कर सकते हैं इससे स्वाद बढ़ जाता है और रंग भी अच्छा आता है।
लोग मटर को सलाद में या नाश्ते के रूप में कच्चा भी शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा आप मटर का सूप या मटर का स्टू भी बना सकते हैं। ताजा मटर हमेशा एक अच्छा विकल्प होता है।
सारांश
तो क्या शुगर में मटर खा सकते हैं? जवाब है, हाँ लेकिन संयमित तरीके से। मटर में पोषक तत्व काफी मात्रा में पाये जाते हैं, लेकिन इसमें भरपूर मात्रा में कार्ब्स भी होते हैं। इसलिए किसी को भी ज्यादा मात्रा में मटर न खाने की सलाह दी जाती है। याद रखें कि मटर के लाभ प्राप्त करने के लिए इसे केवल आधा कप ही लें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
मटर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 22 होता है जो काफी कम है और इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा पायी जाती है जो शुगर में फायदेमंद होती है इसलिए शुगर में मटर खा सकते हैं।
रोज मटर न खाएं, मटर का जीआई काफी ज्यादा होता है और ज्यादा मात्रा में सेवन करने पर उनमें ग्लूकोज लेवल बढ़ सकता है।
मटर और कॉर्न दोनों में प्रचुर मात्रा में पोटैशियम और फाइबर होते हैं। मटर में थायमिन, राइबोफ्लेविन और फोलेट भी काफी मात्रा में पाया जाता है, लेकिन कॉर्न में पैंटोथेनिक एसिड ज्यादा मात्रा में होता है और मटर में कॉर्न (मक्का) की तुलना में ज्यादा विटामिन सी होता है।
मटर के पोर्शन साइज का ध्यान रखना जरूरी है। इसकी उचित मात्रा एक तिहाई या 117 ग्राम या आधा कप (170 ग्राम) होती है। ज्यादा मात्रा से कई समस्याएं होने की आशंका ज्यादा होती है।
अध्ययनों के अनुसार यह पाया गया कि मटर में मौजूद प्रोटीन किडनी (गुर्दा) की पुरानी समस्याओं और हाई-ब्लड प्रेशर के लिए काफी फायदेमंद है।
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