डायबिटीज़ में लोग अपने खाने को ले कर असमंजस में रहते हैं कि क्या खाएं और क्या ना खाएं। खासकर जब बात आती है मांसाहार या नॉन-वेज की। नॉन-वेज में मटन या चिकन लोगों की खास पसंद होता है ऐसे में क्या डायबिटीज़ के मरीज़ मटन या चिकन खा सकते हैं, इस ब्लॉग में जानते हैं कि यह कितने सुरक्षित है और किस तरह से आप इन्हें खा सकते हैं।
डायबिटीज़ वह समस्या है जिसमें आपकी ब्लड शुगर बढ़ जाती है। आप क्या खाते हैं वह आपकी ब्लड शुगर पर बहुत प्रभाव डालता है। ज़्यादा कार्ब, फैट और कैलोरी वाला खाना आपके शुगर लेवल्स को स्पाइक कर सकता है। मटन और चिकन इन शुगर स्पाइक में कितना योगदान देते हैं यह उनकी मात्रा और बनाने के तरीके पर निर्भर करता है। मटन में लाल मांस आता है जो अधिक कार्बयुक्त और सेचुरेटेड फैट से भरपूर होता है ऐसे में यह आपके शुगर लेवल के लिए सही नहीं हो सकता। रेड मीट या लालमांस में हालांकि कई पोषक तत्व होते हैं लेकिन इसमें मौजूद सोडियम और नाइट्राइट टाइप 2 डायबिटीज़ के विकास को बढ़ा सकता है इसलिए मटन के रूप में लीन मीट खाना ज़्यादा सुरक्षित होता है। लीन मीट पोषक तत्व प्रदान करता है और ब्लड शुगर पर असर नहीं डालता जिससे कभी कभी आप इसे खा सकते है।
वहीं चिकन डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए एक हेल्दी ऑप्शन है। चिकन पोषक तत्वों से भरपूर और लो जीआई वाला खाना है जो शुगर लेवल्स को प्रभावित नहीं करता है। यह हाई-प्रोटीन, लो-फैट, और कई विटामिन और मिनरल जैसे विटामिन ए , बी, डी, केल्शीयम, आयरन और फॉसफोरस से भरपूर होता है।
मटन का पोषण मूल्य
100 ग्राम कच्चे मटन में निम्नलिखित पोषक तत्व होते हैं:
मटन का पोषण मूल्य | ||||
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पोषक तत्व (100 ग्राम कच्चे मटन) | मात्रा | |||
कैलोरी | 109 Kcal | |||
कुल फैट | 2.31 ग्राम | |||
संतृप्त वसा | 0.71 ग्राम | |||
बहुअसंतृप्त वसा | 0.17 ग्राम | |||
मोनोअनसैचुरेटेड फैट | 1.03 ग्राम | |||
कोलेस्ट्रॉल | 57 मिलीग्राम | |||
सोडियम | 82 मिलीग्राम | |||
कुल कार्बोहाइड्रेट | 0 ग्राम | |||
आहार फाइबर | 0 ग्राम | |||
प्रोटीन | 20.6 ग्राम | |||
कैल्शियम | 13 मिलीग्राम | |||
लोहा | 2.83 मिलीग्राम | |||
विटामिन ए | 0 मिलीग्राम | |||
विटामिन सी | 0 मिलीग्राम |
मॉडरेट मात्रा में मटन का सेवन इसे डायबिटीज़ रोगियों के लिए एक उत्कृष्ट प्रोटीन और पोषण का स्रोत बनाता है। हालांकि डायबिटिक लोगों को हर सर्विन्ग में फैट लेवल का ध्यान रखना चाहिए और उसे हेल्दी तरीके से ही पका के खाना चाहिए।
चिकन का पोषण मूल्य
चिकन अलग-अलग कट या भाग में उपलब्ध है। ड्रमस्टिक, विंग्स, जांघ और ब्रेस्ट लोकप्रिय भाग हैं जो सबसे ज़्यादा पसंद किये जाते हैं।
चिकन का पोषण मूल्य | ||||
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पोषक तत्व (250 ग्राम चिकन ) | मात्रा | |||
वसा | 32.64 मिलीग्राम | |||
कार्बोहाइड्रेट | 68.24 ग्राम | |||
संतृप्त वसा | 5.95 ग्राम | |||
जस्ता | 2.75 मिलीग्राम | |||
सोडियम | 1190.58 मिलीग्राम | |||
प्रोटीन | 28.89 ग्राम | |||
पोटैशियम | 507.99 मिलीग्राम | |||
कैल्शियम | 44.37 मिलीग्राम |
मटन और डायबिटीज़
लीन मटन एक असाधारण प्रोटीन और विटामिन का स्रोत है। कई शोध के अनुसार प्रोटीन और विटामिन बी से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे मेमने/बकरी का मटन प्रभावी रूप से ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, इसका लीन प्रोटीन भूख को दबाता है, जबकि विटामिन बी और संतृप्त वसा वसा को जलाने और मोटापे के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं। इस प्रकार, मॉडरेट या सीमित मात्रा में मटन का सेवन डायबिटीज़ वाले लोगों को अपना वज़न कम करने में मदद कर सकता है। मटन खाने के कुछ और फायदे हैं-
- प्रोटीन से भरपूर होता है
- दिल की सेहत के लिए अच्छा है
- कामेच्छा या लिबीडो में सुधार करता है
- ईरेक्टाईल डिसफ़ंक्शन को रोकता है
- विटामिन और खनिजों का उत्कृष्ट स्त्रोत है।
जहां लीन मीट सुरक्षित माना जाता है वहीं रेड मीट में कार्बोहाइड्रेट और सैचुरेटेड फैट अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इसलिए डायबिटीज़ मरीजों को मटन का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा शुगर के मरीजों को सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट के सेवन से बचना चाहिए। इस तरह का खाना शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जिससे हृदय रोग होने का खतरा रहता है। इसलिए, मटन सहित सभी प्रकार के रेड मीट से बचने की सलाह दी जाती है। कई तरह की रिसर्च में बताया गया है कि मटन या रेड मीट के ज्यादा सेवन से टाइप 2 डायबिटीज बढ़ने का खतरा होता है। मटन के अलावा रेड मीट में सूअर का मांस, बकरी और मेमने भी शामिल होता है। वहीं, मरीजों को प्रोसेस्ड मीट नहीं खाने की सलाह दी जाती है। एक अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने मिडल एज पुरुष और महिलाओं को 4 साल तक रोज़ खाने में आधा हिस्सा रेड मीट दिया गया जबकि एक ग्रुप को कम रेड मीट दिया। ज़्यादा रेड मीट खाने वाले लोगों में टाइप 2 डायबिटीज़ होने का खतरा 48% ज़्यादा पाया गया। वहीं जिन लोगों की डाइट में रेड मीट कम था, उनमें टाइप-2 डायबिटीज का खतरा तुलनात्मक रूप से कम था। ऐसे में कहा जा सकता है कि मटन के अधिक सेवन से बचना चाहिए।
जहां तक हो लीन मीट को हेल्दी तरीके से पका कर खाना चाहिए। जिससे उसके पोषक तत्व भी मिलें और वो आपके शुगर लेवल पर ज़्यादा असर ना डालें।
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चिकन और डायबिटीज़
जिन लोगों को डायबिटीज़ है उनके लिए चिकन खाना सुरक्षित और स्वस्थ है। एक अध्ययन के अनुसार पोल्ट्री खाने और डायबिटीज़ रिस्क के बीच कोई संबंध नहीं है।
दूसरी ओर, रेड मीट और मछली का सेवन डायबिटीज़ रिस्क से जुड़ा था। हालांकि, डायबिटिक डाइट में चिकन को शामिल करते समय तैयारी का तरीका और उसकी मात्रा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
लाल मांस के विपरीत, चिकन में फैट की मात्रा बहुत कम होती है। इसलिए, मांस के शौकीन टाइप 2 डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए चिकन एक बेहतर ऑप्शन है। इसके अलावा, चिकन सूप और शोरबा एक लो-जीआई फूड हैं। साथ ही, बेक्ड या ग्रिल्ड चिकन डायबिटीज़ में एक सुरक्षित खाना माना जाता है। जितना हो सके फ्राइड चिकन खाने से बचें। इस तरह के चिकन में सिम्पल कार्ब की मात्रा ज़्यादा होती है जो शुगर लेवल को बढ़ा सकते हैं।
ब्रेडक्रंब से लपेटने और डीप फ्राई करने से बहुत सारे कार्ब्स, हानिकारक ट्रांस और संतृप्त वसा और कैलोरी चिकन में मिल जाते है। यह वज़न बढ़ाने और इंसुलिन रेज़िस्टेंस को बढ़ाता है जिससे टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए ऐसे खाने से बचना चाहिए।
चिकन दुनिया भर में सबसे ज्यादा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों में से एक है। यह टेस्टी और सभी जगह आसानी से मिलने वाला एक स्नैक है साथ ही बनाने में भी बहुत आसान है। लेकिन यदि आपको डायबिटीज़ है और लो कार्ब फूड खाना चाहते हैं तो यह आपके लिए एक गिफ्ट है। कई लोगों को लगता है कि चिकन डायबिटीज़ के लिए अच्छा नहीं है लेकिन इसमे कार्ब, सेचुरेटेड फैट कम होता है और यह आसानी से पचने वाला प्रोटीन है। ऐसे में नॉन-वेज के शौकीन डायबिटिक लोग इसका सेवन कर सकते हैं। चिकन खाने के कई हेल्थ बेनेफिट्स हैं और सबसे अच्छी बात यह है कि आप इसे कई तरह से पका सकते हैं।
डायबिटिक लोग चिकन के कई फ़ायदे सुरक्षित रूप से ले सकते हैं।
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न्यूट्रीशन से भरपूर:
चिकन अपने स्वाद और स्वास्थ्य लाभों के कारण लाखों लोगों द्वारा पसंद किया जाता है। यह बड़ी मात्रा में प्रोटीन, खनिज और विटामिन प्रदान करके वज़न घटाने और कोलेस्ट्रॉल को रेगुलेट करने में सहायता करता है। लिवर में मौजूद विटामिन-के ब्लड क्लोटिंग को सामान्य करता है, जिससे घाव अधिक तेज़ी से ठीक हो जाते हैं।
लो-फैट फूड:
लो-फैट के कारण चिकन डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए फायदेमंद होता है। रेड मीट में वसा की मात्रा असाधारण रूप से अधिक होती है, जो कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती है। इसकी वजह से धमनियों में रुकावट और कोरोनरी हृदय रोग होता है। इसलिए, डायबिटीज़ वाले व्यक्तियों को लाल मीट के स्थान पर चिकन खाना चाहिए। जिन लोगों को डायबिटीज़ है, उनके हृदय और किडनी पर भी इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है।
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शुगर लेवल मैनेजमेंट में मदद:
डायबिटीज़ पेशेंट के लिए चिकन सूप अच्छा होता है। यह एक न्यूनतम-जीआई भोजन है जो आपके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखने में आपकी मदद कर सकता है। इसके अलावा, यदि आपको टाइप 2 डायबिटीज़ है तो यह और भी फ़ायदेमंद होता है और पाचन संबंधी समस्याओं के लिए फायदेमंद है। चिकन सूप इसलिए भी बेहतर है क्योंकि आप इसका अधिक आसानी से सेवन कर सकते हैं।
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वज़न कम करने में मदद करता है:
चिकन टाइप 2 डायबिटिक व्यक्तियों के लिए एक उत्कृष्ट आहार है जो मांसाहारी खाना पसंद करते हैं। चिकन में कम वसा होता है, जिससे डायबिटिक लोगों के लिए वज़न कम करना आसान हो जाता है, जो डायबिटीज़ में बहुत ज़रूरी है।
यह चाहे कितना भी पोष्टिक क्यूँ न हो इसका ज़रूरत से ज़्यादा सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। डायबिटीज़ पेशेंट को यूटीआई या मूत्र पथ के संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है, और चिकन का हाई-प्रोटीन कंटेन्ट इसका रिस्क बढ़ा देता है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हुए कभी-कभी अच्छे कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है।
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मटन और चिकन के अन्य स्वास्थ्य लाभ
मटन के अन्य स्वास्थ्य लाभ
- बकरी/मेमने के मटन में सेलेनियम, सीएलए-फैटी एसिड और कोलीन होता है जो कैंसर को रोकने में मदद करता है।
- लीन मटन स्वस्थ थायरॉइड फ़ंक्शन में मदद करता है।
- मटन में मौजूद ज़िंक इम्यूनिटी बढ़ाता है।
- इसमें विटामिन बी 12 होता है, जो तनाव और डिप्रेशन से लड़ने में मदद करता है।
- विटामिन बी 12 और आयरन रक्त कोशिका संश्लेषण (ब्लड सेल सिंथेसिस) को बढ़ावा देते हैं, जिससे एनीमिया को रोका जा सकता है
चिकन के अन्य स्वास्थ्य लाभ
हाई प्रोटीन
चिकन में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, जो मांसपेशियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
वज़न कम करना
चिकन को आमतौर पर एक स्वस्थ आहार या हेल्दी डाइट में शामिल किया जाता है क्योंकि यह लीन मीट होता है, जिसका अर्थ है कि इसमें वसा/फैट कम होती है। नतीजतन, चिकन खाने से आपको स्वस्थ रूप से वज़न कम करने में मदद मिल सकती है।
मजबूत हड्डियां
चिकन में प्रोटीन के अलावा कैल्शियम और फास्फोरस प्रचुर मात्रा में होता है। ये दोनों मिनरल आपकी हड्डियों के लिए बेहतरीन हैं। नियमित रूप से चिकन खाने से गठिया होने की संभावना कम हो जाती है।
इम्यूनिटी बूस्टर
क्या आपने कभी सोचा है कि सर्दी या फ्लू होने पर डॉक्टर आपके रिकवरी मील के हिस्से के रूप में चिकन सूप की सलाह क्यों देते हैं? यह इसलिए क्योंकि चिकन शरीर की प्रतिरक्षा कोशिकाओं या इम्यूनिटी सेल्स की मदद करता है, और सूप से निकलने वाली भाप बंद नाक को खोलती है। चिकन सूप ज्यादातर बीमारियों और जुकाम ठीक करने का सबसे अच्छा तरीका है।
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मटन को अपने डाइट में शामिल करने के तरीके
हालाँकि डायबिटीज़ में मटन का मॉडरेट सेवन अच्छा है, लेकिन अधिक सेवन से इसके प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते है। इसलिए ब्लड शुगर कंट्रोल रखते हुए मटन का सेवन करने के लिए इन टिप्स को अपनाएं:
- सप्ताह में एक बार ही मटन का एक सीमित भाग खाएं।
- मटन सेवन के साथ नियमित व्यायाम और सलाद जैसे उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थों लें।
- मटन को तलने से बचें; इसके बजाय, इसे उबाल कर या स्टीम करके लें।
- मटन को मैरीनेट करने के लिए नींबू का रस, लहसुन और जैतून का तेल चुनें, क्योंकि यह फ्लेवर बैरियर उच्च तापमान पर मांस पकाते समय बनने वाले कैंसर पैदा करने वाले हेट्रोसाइक्लिक एमाइन के उत्पादन को कम करता है।
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चिकन को अपने डाइट में शामिल करने के तरीके
आइए कुछ तरीकों पर एक नज़र डालते हैं जिनसे आप स्वादिष्ट चिकन का आनंद ले सकते हैं:
भरवां चिकन ब्रेस्ट (सटफ्ड चिकन ब्रेस्ट)
- माइक्रोवेव को 365 डिग्री फ़ारेनहाइट (185 C) पर प्रीहीट करें।
- स्टफिंग के लिए एक पाउच बनाने के लिए ब्रेस्ट के बीच में लंबाई में एक चीरा काटें।
- आटिचोक, मोज़ेरेला, टमाटर, तुलसी और लहसुन को छोटे टुकड़ों में काट लें।
- इन सब को साथ मिलाएं और मिक्स्चर बनाएं।
- स्टफिंग को चिकन ब्रेस्ट में भरें।
- टूथपिक्स से फिलिंग को सील कर दें।
- करी पाउडर, काली मिर्च, और पेपरिका के साथ चिकन ब्रेस्ट को सीज़न करें और इसे एक पन्नी पर रख दें।
- करीब 20 मिनट तक बेक करने के बाद टूथपिक निकाल लें और इनका सेवन करें।
सरसों के साथ बेक्ड चिकन टेंडर्स
- ओवन को 425 डिग्री फ़ारेनहाइट (220C) पर प्रीहीट करें।
- एक बड़े मिश्रण के कटोरे में तारगोन, सरसों, नींबू का रस, पेपरिका, लहसुन, नमक और काली मिर्च मिलाएं।
- चिकन में इन्हें मिला लें और अच्छी तरह से हिलाएं।
- सरसों की चटनी (सॉस) से चिकन के प्रत्येक टुकड़े को सीज़न कर दें।
- चिकन और सॉस को एक बड़े बेकिंग डिश में ढककर रखें। 15-20 मिनट तक या चिकन के पकने तक बेक करें।
- यह देखने के लिए कि क्या यह पक गया है, बीच में से काट कर देखें। अगर इसमें मौजूद तरल पारदर्शी हो जाए और मीट सफेद दिखने लगे मतलब यह पक गया है।
ग्रिल्ड चिकन
- चिकन को ज़िप बैग में रखें और सील कर दें।
- एक छोटी कटोरी में चिकन के ऊपर आलिव ऑइल, बालसेमिक विनेगर, कूटा हुआ लहसुन, सूखी पार्सली, सूखी रोज़मेरी, सूखे थाइम, सूखे सेज, सूखी अजवायन, नमक और काली मिर्च डालें।
- इस मिक्स्चर को ज़िप बाग में डालें।
- बैग को मजबूती से बंद करें और चिकन को अच्छी तरह से कोट करने के लिए इसे धीरे से हिलाएं।
- चिकन को लगभग 2 घंटे के लिए फ्रिज में मैरीनेट होने दें।
- चिकन के मैरीनेट होने के बाद ग्रिल को मध्यम-तेज़ आँच पर पहले से गरम कर लें।
- उन्हें ग्रिल पर या ब्रायलर के नीचे प्रत्येक तरफ 8-10 मिनट के लिए रखें, या जब तक चिकन सफेद न हो जाए और जूस पारदर्शी न हो जाए।
मटन के दुष्प्रभाव (साइड इफ़ेक्ट्स)
डायबिटीज़ में मटन के अधिक सेवन के रिस्क या दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
बार-बार मटन का सेवन और अधिक सेवन, विशेष रूप से डायबिटीज वाले लोगों द्वारा, स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जटिलताओं का परिणाम हो सकता है:
- संसाधित और लाल मांस (जिसमें मटन भी शामिल है) आंत्र कैंसर की संभावनाओं को बढ़ा सकता है।
- इसका हाई प्रोटीन ब्लड प्रेशर और किडनी लोड को असामान्य रूप से बढ़ा सकता है।
- तला हुआ और मसालेदार मटन पेट खराब और अल्सर का कारण बन सकता है।
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चिकन के दुष्प्रभाव (साइड इफेक्ट)
अपने आहार में चिकन को शामिल करने से पहले आपको इसके कुछ दुष्प्रभावों के बारे में पता होना चाहिए।
फूड पॉइजनिंग
चिकन साल्मोनेला जैसे खाद्य जनित बीमारियों का एक आम स्रोत है। चिकन को 165°F के आंतरिक तापमान पर पकाना ज़रूरी है। फूड प्वाइजनिंग से बचने के लिए सभी मीट को ठीक से पकाना महत्वपूर्ण है।
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एलर्जी
कुछ लोगों को चिकन से एलर्जी हो सकती है, जिससे सूजन, पित्ती, खुजली और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण हो सकते हैं।
एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी बैक्टीरिया
चिकन को अक्सर एंटीबायोटिक के साथ तैयार किया जाता है जिससे इसमें एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी बैक्टीरिया का निर्माण होता है। इससे बचने के लिए जितना संभव हो जैविक (ऑर्गेनिक), एंटीबायोटिक-फ्री चिकन चुनें।
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सोडियम की उच्च मात्रा
कई डिब्बाबंद चिकन उत्पाद सोडियम में उच्च होते हैं। इसके बजाय, सोडियम का सेवन कम करने के लिए ताजा, असंसाधित या कम सोडियम वाले डिब्बाबंद चिकन चुनें।
यूटीआई का कारण बन सकता है
डायबिटीज़ मरीज़ों में यूटीआई या मूत्र पथ के संक्रमण का ज़्यादा खतरा रहता है। चूंकि चिकन में प्रोटीन अधिक होता है, इसलिए यह इस संभावना को और बढ़ा सकता है। एक अध्ययन बताता है कि पॉल्ट्री मीट में मौजूद एस्चेरिचिया कोलाई बेक्टेरिया स्ट्रेन गंभीर मूत्र पथ के संक्रमण का कारण बन सकता है।
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सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न – Frequently Asked Questions
क्या मटन ब्लड शुगर बढ़ाता है?
कई अध्ययनों के अनुसार बहुत अधिक लाल और प्रसंस्कृत मांस खाने से टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा बढ़ सकता है। रेड मीट में पोर्क, बीफ, मटन और वील शामिल हैं। प्रोसेस्ड मीट ऐसे मीट होते हैं जिन्हें नमक, स्मोकिंग, सुखा कर या कैनिंग द्वारा प्रोसेस किया जाता है। इसलिए इन्हें खाने से बचें।
क्या चिकन ब्लड शुगर बढ़ाता है?
चिकन कम ग्लाइसेमिक वाला एक बेहतरीन फूड ऑप्शन है जिसमें हेल्दी प्रोटीन होता है। इसके अलावा इसमें कार्बोहाईड्रेट और फैट की मात्रा भी कम होती है। इसके इन्हीं गुणों के कारण इसका ब्लड शुगर लेवल पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है। लेकिन ध्यान रहें इसे कैसे पकाया जाता है वो भी जानना ज़रूरी है। फ्राइड चिकन में हाई फैट और कार्ब होता है इसलिए वो शुगर लेवल्स को बढ़ा सकता है। इसलिए इसे हेल्दी रूप में ही खाएं।
डायबिटीज़ के लिए कौन सा मांस अच्छा है?
लाल मांस (रेड मीट) की तुलना में सफेद मांस जैसे चिकन, मछली आदि डायबिटीज़ के लिए बेहतर होते हैं, क्योंकि इसमें असंतृप्त वसा की मात्रा कम होती है। इसके अलावा, यह शरीर के वज़न को बेहतर तरीके से मेनेज करने में मदद कर सकता है।
क्या मटन डायबिटीज़ के लिए अच्छा है?
हां, मटन डायबिटीज़ के लिए तब तक अच्छा है जब तक आप इसका सीमित मात्रा में सेवन करते हैं और इसे सही तरह से पका कर खाते हैं। अधिक सेवन से हृदय की समस्याएं, किडनी प्रॉब्लम, पेट की परेशानी आदि हो सकती हैं। ज़्यादा खाने से इसमें मौजूद हाई कार्ब और फैट, शुगर लेवल बढ़ा सकते हैं। कोशिश करें कि मटन के रूप में लीन मीट ही खाएं। लीन मीट में लो कार्ब और लो फैट होता है और साथ ही बहुत सारे पोषण होते है। इसलिए यह शुगर लेवल को प्रभावित किये बिना कई तरह के न्यूट्रीशन देता है।
डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए चिकन खाने के क्या नुकसान हैं?
डायबिटीज़ वाले लोगों को यूटीआई या मूत्र पथ के संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है, और चिकन में मौजूद हाई प्रोटीन इसके खतरे को काफ़ी बढ़ा सकता है। इसके अलावा यह खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को बढ़ा देता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल या एचडीएल को कम कर सकता है।
क्या डायबिटीज़ मरीज़ तला हुआ चिकन या फ्राइड चिकन खा सकते हैं?
एक हेल्दी डाइबीटिक डाइट में चिकन एक हेल्दी ऑप्शन है लेकिन इसे फ्राइड रूप में खाना सुरक्षित नहीं माना जाता। जब इसे आटे या ब्रेड में लपेटा जाता है और तला जाता है तो इसमें सिर्फ कार्बोहाइड्रेट ही नहीं, बल्कि सैचुरेटेड कैलोरी और फैट की मात्रा भी बढ़ जाती है जो डायबिटीज़ वाले व्यक्ति के लिए खतरनाक हो सकती है। तले हुए चिकन में आमतौर पर ब्रेडक्रंब देखा जा सकता है, जिसमें बहुत सारे कार्ब्स, हानिकारक वसा और कैलोरी शामिल हो सकते हैं। उच्च वसा वाला आहार वज़न बढ़ाने में योगदान कर सकता है, जो टाइप 2 डायबिटीज़ को बढ़ा सकता है। इसलिए फ्राइड चिकन से बचना चाहिए।
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