पनीर लगभग हर भारतीय घर में बनाया जाता है और बहुत चाव से खाया जाता है। शाकाहारियों के लिए यह प्रोटीन का एक बेहतरीन स्रोत है जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। हालाँकि प्रोटीन से भरपूर यह खाद्य पदार्थ सभी के लिए एक हेल्दी सुपरफूड हैं लेकिन क्या शुगर में पनीर खा सकते हैं?
पनीर पोषक तत्वों से भरपूर डेयरी उत्पाद है, जो विटामिन, प्रोटीन और वसा प्रदान करता है। कुछ व्यक्तियों में दूध की तुलना में पनीर की सहन शक्ति बेहतर हो सकती है क्योंकि इसमें कम मात्रा में लैक्टोज होता है। आइए इस ब्लॉग में जानते हैं शुगर में पनीर के फ़ायदे व शुगर में कितना पनीर खा सकते हैं।
पनीर क्या है?
पनीर एक भारतीय चीज़ का प्रकार है जो फटे हुए दूध और कुछ प्रकार के फलों या सब्जियों के एसिड जैसे नींबू के रस से बनाया जाता है।
आप पनीर को नाश्ते के रूप में खा सकते हैं या इसे अपने पसंदीदा भारतीय व्यंजनों में शामिल कर सकते हैं। अगर भारतीय मेन्यू की बात की जाए तो पनीर सबसे ज़्यादा पसंद किया जाने वाला व खाया जाने वाला फूड है।
पनीर ताजा चीज़ है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के भारतीय व्यंजनों में किया जाता है खासकर के मिठाई, पराँठे, सब्जियों व पकोड़े में। पनीर या भारतीय चीज़ दूध को गर्म करके और फिर एसिड का उपयोग करके दही बनाकर बनाया जाता है। इसका स्वाद बहुत हल्का होता है, रंग सफेद होता है और इसकी बनावट नरम और स्पंजी होती है। यह पिघलता नहीं हैं और यही गुण इसे चीज़ से अलग बनाता है। इसे गाय के दूध या भैंस के दूध से बनाया जा सकता है, या तो पाश्चुरीकृत या कच्चा, और पूरे, स्किम्ड या कम वसा वाले दूध से भी बनाया जा सकता है।
पनीर मिठाइयों से ले कर करी, पकोड़े व पराँठों में उपयोग किया जाता है और इसका सबसे बड़ा कारण है कि पनीर पिघलता नहीं है। चूंकि पनीर दूध को फाड़ने के लिए रेनेट के बजाय गर्मी और एसिड का उपयोग करके बनाया जाता है, यह दूध के प्रोटीन के एक साथ बंधने के तरीके को बदल देता है। जब पनीर को गर्म किया जाता है, तो यह पिघलता नहीं है, बल्कि अपना आकार बनाए रखता है, जिससे इसे बिना पिघलने की चिंता किये उबाला जा सकता है, तला जा सकता है या ग्रिल किया जा सकता है। वास्तव में, पिघलने के बजाय, पनीर को गर्म करने से दूध के प्रोटीन अधिक मजबूती से एक साथ जुड़ जाते हैं, जिससे बचा हुआ पानी बाहर निकल जाता है। बहुत देर तक गर्म करने से पनीर रबड़ जैसा हो सकता है।
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पनीर कैसे बनता है
पनीर बनाना एक सरल प्रक्रिया है जिसमें शुरू से अंत तक केवल कुछ घंटे लगते हैं और इसे आसानी से घर पर किया जा सकता है।
सबसे पहले पूरे दूध के दो क्वार्ट को उबालें और इसे मध्यम आंच पर दो मिनट तक उबलने दें, लगातार हिलाते रहें ताकि सुनिश्चित हो सके कि निचला भाग जल न जाए।
जब दूध उबल रहा हो तो एक कप पानी में दो बड़े चम्मच नींबू का रस मिलाएं।
जब दूध दो मिनट तक उबल जाए तो इसे आंच से उतार लें, नींबू के रस का घोल डालें और धीरे से हिलाएं।
कुछ ही सेकंड में, आप मट्ठा नामक पतले, हरे रंग के तरल से सफेद दूध प्रोटीन की गांठें अलग होते हुए देखना शुरू कर देंगे। इस स्टेप में ठंडा पानी डाला जाता है जिससे पनीर को नरम किया जा सके।
अब मिश्रण को चीज़क्लोथ या मलमल से ढकी एक छलनी में डाले। कुछ लोग अन्य व्यंजनों में उपयोग करने के लिए मट्ठा को बचा कर उसका उपयोग लेते हैं, जैसे चपाती आदि में।
इसके बाद, दही वाले कपड़े को ढीला बांध कर इसे लगातार कटोरे में डुबोकर ठंडे पानी से धोया जाता है जब तक कि तरल साफ न दिखने लगे। इससे पनीर का खट्टापन कम हो जाता है।
अंत में, इसे निचोड़ने के लिए कपड़े को कसकर घुमाया जाता है जिससे दही एक सपाट डिस्क आकार में बन जाता है, जिसके ऊपर लोहे की कड़ाही जैसी भारी वस्तु रखकर दबाया जाता है।
30 मिनट से दो घंटे के अंदर पनीर खाने के लिए तैयार है।
पनीर का पोषण मूल्य
पनीर एक हाई प्रोटीन और कई प्रकार के विटामिन, खनिज से भरपूर होता है। इसका उपयोग कई शाही भोजन से ले कर रोज के ब्रेकफ़ास्ट में पनीर के पराँठे तक में किया जाता है। शाकाहारी लोगों के बीच पनीर काफी लोकप्रिय भजन है। आइए जानें 100 ग्राम पनीर का पोषण मूल्य:
पनीर का पोषण मूल्य | ||||
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पोषक तत्व (प्रति 100 ग्राम ) | मात्रा | |||
प्रोटीन | 18.85 ग्राम | |||
फैट या वसा | 14.7 ग्राम | |||
ऊर्जा | 257.875 Kcal | |||
फोलेट | 93.3 माइक्रोग्राम | |||
कार्बोहाइड्रेट | 12.4 ग्राम | |||
केल्शियम | 476 माइक्रोग्राम | |||
संतृप्त वसा | 8851 माइक्रोग्राम | |||
मोनोअनसेचुरेटेड फैट | 4300 माइक्रोग्राम | |||
पॉलीअनसेचुरेटेड फैट | 439 माइक्रोग्राम | |||
फ़ॉस्फोरस | 330 माइक्रोग्राम |
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पनीर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स
पनीर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 30 होता है। पनीर आमतौर पर उत्तरी भारतीय व्यंजनों में उपयोग किया जाता है। पनीर एक डेयरी उत्पाद है और इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा नगण्य होती है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) भी कम होता है।
डायबिटीज वाले लोगों के लिए कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन चुनना आवश्यक है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स से पता चलता है कि कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल को कितनी तेजी से बढ़ाता है।
हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यदि पनीर का सेवन किसी ऐसे व्यंजन के हिस्से के रूप में किया जाता है जिसमें कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जैसे कि करी या बिरयानी, तो यह इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स उस रेसिपी में मौजूद अन्य सामग्रियों से प्रभावित होगा।
शुगर में पनीर के फ़ायदे लेने के लिए उसे कैसे पकाया जाता है यह बहुत महत्वपूर्ण है। पोषक तत्वों और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने के बाद भी यह ज़रूरी है की पनीर को हेल्दी तरीके से बनाया जाए। इसे डीप फ्राई करना या काजू या ताजी क्रीम की करी में मिलाने से यह आपके शुगर लेवल को बहुत अधिक प्रभावित करता है। साथ ही इसकी मात्रा पर भी नजर रखें। शुगर में पनीर खा सकते हैं लेकिन उसकी मात्रा और उसे किस तरह से बनाया जाता है, यह सुनिश्चित करना बहुत ज़रूरी है। हाई फैट, हाई कार्ब और हाई-कैलोरी सामग्री के साथ इसे बनाने से इसके फ़ायदे नुकसान में बदल सकते हैं।
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पनीर और डायबिटीज
पनीर का स्वाद किसे पसंद नहीं है। शाकाहारी लोगों का यह शाही भोजन हर उम्र के लोगों द्वारा पसंद किया जाता है। लेकिन क्या शुगर में पनीर खा सकते हैं और डायबिटीज में पनीर के क्या फ़ायदे हैं, यह सवाल ज्यादातर शुगर मरीजों के मन में रहता है।
पनीर मधुमेह के लिए आदर्श और पौष्टिक भोजन है क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट कम है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 30 है। इस प्रकार, यह सीधे ब्लड शुगर बढ़ने से रोकता है और ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रण में रखता है। साथ ही यह स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डालता है। आवश्यक अमीनो एसिड और स्वस्थ वसा का अच्छा स्रोत होने के कारण, यह आपकी भूख को लंबे समय तक शांत रखता है जिससे आप कम कैलोरी का सेवन करते हैं। लेकिन फ़िर भी शुगर में पनीर खाना पूरी तरह से फायदेमंद नहीं है यदि आपका ग्लाइसेमिक कंट्रोल अच्छा नहीं है और आप इसे अधिक मात्रा में खाते हैं। शुगर के मरीजों को डेयरी प्रोडक्ट के सेवन से बचना चाहिए जिससे आपका वजन व शुगर लेवल दोनों नियंत्रित रहे।
पनीर एंटीऑक्सिडेंट और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों का एक पावरहाउस है जो अग्न्याशय कोशिकाओं की मरम्मत और इंसुलिन स्राव में सुधार करने में मदद करता है। इसके अलावा पनीर हृदय स्वास्थ्य को बढ़ाने, हड्डियों को मजबूत बनाने और पाचन क्रिया को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है। यहां तक कि कुछ अध्ययनों के अनुसार पनीर को नियमित डाइट में शामिल करने से अतिरिक्त वजन कम करने और टाइप 2 डायबिटीज के विकास के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
शुगर में पनीर खा सकते हैं क्योंकि यह प्रोटीन से भरपूर होने के साथ शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
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प्रोटीन से भरपूर
पनीर आमतौर पर प्रोटीन से भरपूर होता है। यह रक्त ग्लूकोज स्पाइक्स को संतुलित करने में सहायता करने के लिए बहुत अच्छा है जो सिर्फ कार्ब्स लेने की तुलना में एक बेहतर विकल्प है। साथ ही, प्रोटीन व्यक्तियों को तृप्ति का एहसास दिलाने में सहायता करता है यानि लंबे समय तक भूख शांत रखता है। इसकी वजह से आपकी अनहेल्दी फूड खाने की इच्छा कम हो जाती है।
पनीर स्वस्थ रक्त शर्करा को बनाए रखने में मदद करता है
शुगर में पनीर के फ़ायदे में से एक है शुगर लेवल को सामान्य बनाए रखना। मधुमेह रोगियों को हमेशा अपने खाने के ग्लाइसेमिक कंट्रोल का ध्यान रखना चाहिए। यह इस बात पर निर्भर करता है कि किसी व्यक्ति का शरीर उन खाद्य पदार्थों में मौजूद कार्ब्स को कितनी तेजी से पचाने में सक्षम है। पनीर की कई किस्मों में कम या बिल्कुल भी कार्ब्स नहीं होते हैं। और, इसलिए ग्लाइसेमिक इंडेक्स पैमाने पर उनकी रेटिंग बहुत कम है।
पनीर किसी व्यक्ति के टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम करने में सहायता करता है। इसके अलावा, अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति दिन में पनीर के 2 स्लाइस खाता है, तो उसे डायबिटीज का खतरा 12% कम हो जाता है।
शुगर में पनीर खा सकते हैं, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि आप कितनी मात्रा खा रहे हैं। शुगर मरीजों के लिए पनीर प्रोटीन और वसा का अच्छा स्रोत है। यह कार्ब्स के अवशोषण में देरी करने और ब्लड शुगर की वृद्धि को रोकने में मदद कर सकता है।
मधुमेह रोगियों के आहार में पनीर को शामिल करने के लिए कुछ टिप्स दिए गए हैं:
- सही पनीर चुनें: कोशिश करें घर में बने पनीर का उपयोग करें। सबसे बेहतर है आप पनीर की हेल्दी वेराइटी चुनें जैसे सोय मिल्क से बना पनीर। यह लेक्टोज इंटोलेरेंट लोगों के लिए भी प्रोटीन से भरपूर हेल्दी विकल्प है।
- हिस्से के आकार पर नजर रखें: पनीर में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, इसलिए अत्यधिक कैलोरी सेवन से बचने के लिए हिस्से के आकार पर नजर रखना महत्वपूर्ण है।
- अन्य खाद्य पदार्थों के साथ मिलाएं: संतुलित भोजन के हिस्से के रूप में पनीर को शामिल करें। इसे साबुत अनाज क्रैकर्स, सब्जियों, सलाद आदि के साथ मिलाएं।
तो, सवाल उठता है कि क्या शुगर में पनीर खा सकते है?
शुगर रोगियों के लिए पनीर सुरक्षित है लेकिन केवल सीमित मात्रा में। मधुमेह रोगी स्वस्थ, संतुलित आहार के हिस्से के रूप में इसका सुरक्षित रूप से सेवन कर सकते हैं। अन्य खाद्य पदार्थों की तरह, संयम बहुत महत्वपूर्ण है। इस प्रकार, अत्यधिक पनीर वाला आहार मधुमेह रोगियों या गैर-मधुमेह लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है। शुगर रोगी अपने आहार में पनीर शामिल करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें। इसे अन्य कम कार्बोहाइड्रेट, गैर-स्टार्च वाली सब्जियों या साबुत अनाज के साथ खाएं। कच्चे पनीर में फैट कम मात्रा में होता है इसलिए इसे कच्चा खाना ज्यादा लाभकारी होता है।
शुगर में कितना पनीर खा सकते हैं
डायबिटीज में लोगों को अपने खाने पर बहुत ध्यान देने की ज़रूरत होती है। आप क्या खाते हैं यह आपके शुगर लेवल को निर्धारित करता है ऐसे में जब बात आती है पनीर की तो शुगर में कितना पनीर खा सकते हैं। शुगर रोगी प्रोटीन के मुख्य स्रोत के रूप में सप्ताह में दो से तीन बार लगभग 100 ग्राम पनीर खा सकते हैं। अगर रोजाना सेवन करें तो 60 ग्राम से ज्यादा पनीर न खाएं।
पनीर धीमी गति से कार्बोहाइड्रेट रिलीज करता है और इसे पचने में अधिक समय लगता है। साथ ही, इससे आपके शुगर लेवल में एकदम बढ़ोतरी नहीं होगी। इसलिए इसे शुगर रोगियों के लिए उपयुक्त माना जा सकता है लेकिन इसमें कई शर्तें हैं। आपके ग्लाइसेमिक कंट्रोल के आधार पर ही इसको अपनी डाइट में शामिल करें। साथ ही ना सिर्फ इसे सीमित मात्रा में खाएं बल्कि इसे हेल्दी खाने जैसे सलाद, सब्जियों या होल ग्रेन के साथ लें। पनीर को ग्रिल्ड पनीर, पालक पनीर करी, ग्रिल्ड पनीर सलाद आदि के रूप में शामिल कर सकते हैं। फ्राई की हुई या अनहेल्दी फास्ट फूड की तरह इसे खाने पर यह आपके शुगर लेवल बढ़ाने के साथ वजन भी बढ़ा सकता है।
आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप अपनी पनीर डिश को कम वसा वाले तेल का उपयोग करके तैयार करें और इसका सही मात्रा में सेवन करें। यदि पनीर का अधिक सेवन किया जाता है, तो वजन बढ़ने, उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर और हाई शुगर लेवल की समस्या हो सकती है।
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शुगर में पनीर के फायदे
पनीर दूध से बना एक डेयरी प्रोडक्ट है जिसके कई स्वास्थ्य लाभ है। पनीर जानवरों के दूध से तैयार किया जाता है और इसमें विटामिन K2 और ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। रक्त के थक्के जमने में इस विटामिन की अहम भूमिका होती है। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि पनीर जैसे डेयरी उत्पाद दांतों को कैविटी से मुक्त रखने में मदद कर सकते हैं। शुगर में पनीर के फ़ायदे हैं जैसे मांसपेशियों का निर्माण, हड्डियों का अच्छा स्वास्थ्य, दांतों की मजबूती, वजन नियंत्रण, आंतों का अच्छा स्वास्थ्य, आदि। आइए पढ़ते हैं शुगर में पनीर के फ़ायदे के बारे में:
1. प्रोटीन का अच्छा स्रोत
पनीर प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। शरीर में ऊतकों व मांसपेशियों के निर्माण और मरम्मत में प्रोटीन महत्वपूर्ण है। यह आपको मजबूती प्रदान करता है। साथ ही यह लंबे समय तक भूख शांत रखता है जिससे अनचाहा वजन बढ़ने से रोका जा सकता है।
2. कैल्शियम से भरपूर
अन्य डेयरी प्रोडक्ट की तरह पनीर में कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में होता है। कैल्शियम हड्डियों और दांतों को स्वस्थ बनाए रखने के साथ-साथ मांसपेशियों और तंत्रिका कार्यों के लिए आवश्यक है।
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3. वजन प्रबंधन में मदद करता है
कम वसा वाले पनीर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम और प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है जो वजन नियंत्रित करने में आपकी मदद कर सकता है। इसमें मौजूद प्रोटीन आपका पेट लंबे समय तक भरा रखता है जिससे आप कम खाना खाते हैं, जिससे आपका वजन मेनेज करने में मदद मिलती है।
4. रक्तचाप कम करता है
पनीर के फ़ायदे में से एक है इसमें मौजूद हाई केल्शियम। पनीर में कैल्शियम की प्रचुर मात्रा रक्तचाप को कम करने में मदद करती है। उचित रक्तचाप नियंत्रण में कम सोडियम और कम वसा वाला पनीर खाना शामिल है। और, वह भी मध्यम मात्रा में।
5. हड्डी और मांसपेशियों को मजबूत करता है
शुगर में पनीर के फ़ायदे में से एक है मजबूत हड्डियाँ व मांसपेशियाँ बनाने में मदद। पनीर में प्रोटीन और कैल्शियम होता है। ये दोनों इसे मजबूत हड्डियों और मांसपेशियों के विकास के लिए बेहतरीन बनाते हैं। इसके अलावा, पनीर में प्रचुर मात्रा में व्हे प्रोटीन होता है। यह एक समान प्रकार का प्रोटीन है जिसका उपयोग कई मांसपेशी-निर्माण सप्लीमेंट में करते हैं।
पनीर दूध से बनता है, इसलिए इसमें कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में होता है। कैल्शियम हड्डियों के विकास में सहायता करता है, उन्हें मजबूत बनाता है। साथ ही यह उम्र के साथ होने वाली ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से भी बचाता है। इसके अलावा, पनीर ए, डी, के जैसे विटामिन से भरपूर होता है और पनीर में मौजूद जिंक हड्डियों के स्वास्थ्य में भी मदद करता है।
6. रक्त वाहिकाओं की सुरक्षा
अध्ययनों से संकेत मिलता है कि पनीर ग्लूटाथियोन का एक अच्छा स्रोत हो सकता है। यह एक एंटीऑक्सीडेंट है जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायता करता है। साथ ही, यह गुण रक्त वाहिकाओं के बेहतर कामकाज में सहायता कर सकता है। एक अध्ययन से पता चला है कि पनीर का सेवन करने वाले लोगों की रक्त वाहिकाएं सोया पनीर या प्रेट्ज़ेल का सेवन करने वाले लोगों की तुलना में अधिक स्वस्थ थीं।
7. इंफ़्लेमेशन कम करता है
पनीर में डेयरी वसा में संयुग्मित लिनोलिक एसिड होता है। यह सूजन या इंफ़्लेमेशन को कम करने में उपयोगी हो सकता है। साथ ही यह हृदय संबंधी समस्याओं और मोटापे को रोकने में सहायता करता है। शोध से पता चलता है कि विभिन्न पूर्ण वसा वाले डेयरी उत्पाद यदि सीमा में खाए जाते हैं तो ये स्वास्थ्यवर्धक हो सकते हैं।
8. आंत का स्वास्थ्य बनाए रखता है
पनीर जैसे किण्वित खाद्य उत्पादों में प्रोबायोटिक बैक्टीरिया होते हैं। इसमें हेल्दी प्रोबायोटिक होते हैं जो आंत के स्वास्थ्य या गट हेल्थ को बनाए रखते हैं। इसके अलावा, स्वस्थ आंत बैक्टीरिया या हेल्दी गट बेक्टेरिया कोलेस्ट्रॉल के स्तर को स्वस्थ सीमा में रखने में मदद करते हैं।
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9. शरीर के चयापचय (मेटाबोलिज़्म) में सुधार करता है
पनीर शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है और यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। पनीर अतिरिक्त चर्बी को पचाने में मदद करता है और शरीर में अतिरिक्त चर्बी जमा नहीं होने देता। पनीर लिनोलिक एसिड का एक बड़ा स्रोत है। यह वह एसिड है जो शरीर की चर्बी को जलाने में मदद करता है। इसलिए, यदि आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो पनीर आपके लिए एक बेहतरीन चॉइस बन सकता है।
10. शरीर और जोड़ों के दर्द को कम करता है
पनीर शरीर के दर्द को कम कर सकता है, खासकर जब पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो। इसमें ओमेगा-थ्री और ओमेगा-सिक्स फैटी एसिड होते हैं जो गठिया और बुढ़ापे से जुड़े जोड़ों के दर्द से लड़ने में मदद करते हैं। पनीर के फ़ायदों में से यह एक मुख्य फ़ायदा है।
11. कैंसर का खतरा कम करता है
पनीर में सेलेनियम और पोटैशियम अच्छी मात्रा में होता है। ये दोनों ऐसे पोषक तत्व हैं जो कैंसर जैसी बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं। पनीर में मौजूद प्रोटीन पेट और कोलन कैंसर की संभावना को कम करने में मदद करता है। पनीर के सेवन से पुरुषों में होने वाले आम प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
12. कंकाल विकृति को रोकता है
पनीर विटामिन डी की मदद से कंकाल की विकृति को रोकने में मदद करता है जिससे कूल्हे और जोड़ों में दर्द हो सकता है। पनीर में विटामिन के और मैग्नीशियम भी होता है जो मजबूत हड्डियों के विकास में मदद करता है।
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13. स्ट्रोक से बचाता है
पनीर में मौजूद पोटेशियम शरीर में रक्तचाप को कम करने और स्ट्रोक को रोकने में मदद करता है। पोटेशियम फ्लूइड रिटेन्शन में मदद करता है और यह मांसपेशियों में ऐंठन की रोकथाम में भी मदद कर सकता है। इससे एथलीटों और जिम जाने वालों को लाभ होता है, जिन्हें अधिक तरल पदार्थ के सेवन की आवश्यकता होती है और वे मांसपेशियां बनाना चाहते हैं।
14. इम्यूनिटी बढ़ाता है
पनीर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्यूनिटी को बेहतर और मजबूत बनाने में मदद करता है। पनीर के नियमित सेवन से अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस संबंधी बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है। यह शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बेहतर बनाने में मदद करता है। पनीर में मौजूद मैग्नीशियम प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्यूनिटी को बढ़ावा देता है।
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15. एकाग्रता और याददाश्त में सुधार करता है
विटामिन बी की मौजूदगी के कारण पनीर कार्टिलेज विकसित करने में मदद करता है। यह बच्चों में एकाग्रता और याददाश्त में सुधार करने में भी मदद करता है।
16. रजोनिवृत्ति तनाव (मेनोपॉज स्ट्रेस) को कम करता है
बढ़ती उम्र में महिलाओं के लिए पनीर के कई फ़ायदे हैं। पनीर के नियमित सेवन से रजोनिवृत्ति के तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है। पनीर में मौजूद कैल्शियम महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना को कम करने में भी मदद करता है।
17. शुक्राणुओं की संख्या में सुधार करता है
पनीर में जिंक की उच्च उपस्थिति होती है जो शुक्राणु संबंधी समस्याओं जैसे कम शुक्राणुओं की संख्या और कम शुक्राणु गतिशीलता को रोकने में मदद करती है।
18. त्वचा में सुधार लाता है
पनीर में मौजूद वसा, विटामिन और सेलेनियम आपकी त्वचा को प्राकृतिक रूप से चमकने में मदद करते हैं।
19. लंबे समय तक पेट भरा रखता है
चूँकि पनीर शरीर में धीरे-धीरे ऊर्जा छोड़ता है। इससे किसी के ब्लड शुगर लेवल में बढ़ोतरी नहीं होती है। यह आपको लंबे समय तक ऊर्जावान और तृप्त महसूस कराता है। संतृप्त वसा की मात्रा आपको लंबे समय तक तृप्त रखती है और आपको बहुत अधिक कैलोरी का सेवन करने से रोकती है इससे वजन भी नहीं बढ़ता और शुगर लेवल भी नियंत्रित रहते हैं।
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20. RBC बढ़ाता है
शुगर में पनीर के फ़ायदे में एक हैं इसमें मौजूद फोलेट । पनीर के मुख्य पोषक तत्व में से एक फोलेट (एक बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन) है जो हीमोग्लोबिन का उत्पादन करता है जो रक्त गणना को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
शुगर में पनीर का सेवन कैसे करें?
शुगर में पनीर खा सकते हैं इसका जवाब इस बात पर निर्भर करता है कि आप उसे कैसे, कितना और कब खा रहे हैं। आपके शुगर लेवल यदि अनियंत्रित है और यदि आप डायबिटीज रिवर्सल करना चाहते हैं तो आपको पनीर बिल्कुल नहीं खाना चाहिए। इसके स्थान पर किसी डायबिटिक फ़्रेंडली विकल्प का सेवन करें। डायबिटीज में डेयरी प्रोडक्ट का ना या कम से कम सेवन करें। यह ना आपके शुगर लेवल को प्रभावित करता है लेकिन साथ ही डायबिटीज से जुड़ी पेट की समस्याओं जैसे गैस, एसिडिटी आदि का कारण बन सकता है। यह आपके इंसुलिन सेंसिटीविटी को भी प्रभावित करता है। शुगर में पनीर को कैसे और कितना खाना चाहिए, इस पर भी ध्यान दें। पनीर को अपने आहार में शामिल करने के कुछ स्वास्थ्यवर्धक तरीकों में शामिल हैं:
- एक स्टैंडअलोन ऐपेटाइज़र के रूप में मसालों और हर्ब्स के साथ
- इसे हेल्दी सलाद सब्जियों, नट्स या स्पराउट्स के साथ शामिल करें।
- सब्जियों की स्टफिंग वाले हेल्दी रैप या रोल
- इसे करी में मिलाएं
- पनीर और हेल्दी सबजयों वाला भरवां पराठा
पनीर के दुष्प्रभाव
पनीर में कम जीआई होता है, इसमें शून्य कार्ब्स होते हैं, और इसमें कैल्शियम, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व अधिक होते हैं। लेकिन इसके बावजूद इसमें ऐसे कई फेक्टर हैं जो शुगर मरीजों के लिए खतरनाक हो सकते हैं। यदि इसे सीमित मात्रा में न लिया जाए तो इसके प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं। पनीर के दुष्प्रभाव में शामिल है:
कैलोरी और संतृप्त वसा से भरपूर
पनीर में उच्च कैलोरी और संतृप्त वसा या सेचुरेटेड फैट होता है, जो हृदय रोग वाले लोगों के लिए नुक्सानदायड हो सकता है। हृदय रोग शुगर मरीजों में एक आम जटिलताओं में से एक है इसलिए यह आवश्यक है की एस भोजन किया जाए जो आपके दिल की सेहत को स्वस्थ रखे। संतृप्त वसा हृदय विकारों की संभावना को बढ़ा देती है, इसलिए संतृप्त वसा की बजाय हेल्दी और असंतृप्त वसा का चयन करें जैसे बीज, नट्स, वनस्पति तेल या मछली का तेल।
लैक्टोज असहिष्णुता
पनीर आखिरकार एक डेयरी प्रोडक्ट ही है ऐसे में यह लेक्टोज़ इंटोलेरेंट लोगों के लिए एक बड़ी “ना” है। लैक्टोज असहिष्णुता लोगों और शुगर रोगियों में एक आम एलर्जी है। उनके लिए दूध का सेवन इंसुलिन असंवेदनशीलता को भी बढ़ावा दे सकता है, जिससे यह शुगर लेवल्स के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए, शुगर में पनीर के बजाय स्वस्थ वसा जैसे नट्स, बीज, सोया पनीर आदि का सेवन करना ज़्यादा लाभदायक होता है। यह स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं या पाचन संबंधी समस्याएं पैदा किए बिना स्वस्थ वसा या हेल्दी फैट प्रदान करता है।
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आईजीएफ (इंसुलिन जैसा विकास कारक)
पनीर एक डेयरी उत्पाद है जिसमें आईजीएफ अणु होते हैं जो आपके शुगर लेवल को बढ़ा सकते हैं। IGF अणु इंसुलिन की तरह दिखाई देते हैं और व्यवहार करते हैं लेकिन उसकी तरह कार्य नहीं करते हैं। इस प्रकार, यह इंसुलिन की कार्यक्षमता को प्रभावित करते हैं जिससे रक्तप्रवाह में ग्लूकोज आसानी से चला जाता है।
वजन बढ़ाता है
पनीर में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, इसलिए मधुमेह रोगियों के लिए अधिक मात्रा में पनीर का सेवन करने से उनका वजन बढ़ सकता है और टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए शुगर में सीमित मात्रा में पनीर खाएं या कोशिश करें इससे बचें।
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इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ावा देता है
समय के साथ मधुमेह रोगियों और सामान्य व्यक्तियों में पनीर का ज़्यादा सेवन करने से इंसुलिन प्रतिरोध या इंसुलिन रेज़िस्टेंस को बढ़ावा मिल सकता है। साथ ही गैर मधुमेह लोगों में टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।
निष्कर्ष
पनीर प्रोटीन के सर्वोत्तम शाकाहारी स्रोतों में से एक है। पनीर का कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स इसे एक अच्छा भोजन विकल्प बनाता है। हालाँकि, पनीर बनाते समय आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप इसे सलाद, भुर्जी या ग्रिल्ड पनीर की तरह स्वस्थ तरीके से पकाएँ। इसे डीप फ्राई करने से इसके पोषक तत्व नष्ट हो सकते हैं और यह शुगर में फ़ायदे देने के बजाय नुकसान कर सकता है।
हालांकि पनीर एक स्वस्थ भोजन विकल्प है लेकिन फ़िर भी इसे अपनी डाइट में शामिल करने से पहले आपको एक आहार विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए जो आपके लिए एक अच्छी आहार योजना के बारे में मार्गदर्शन कर सके। एक अच्छी डायबिटिक-फ़्रेंडली डाइट आपके ब्लड शुगर लेवल को अच्छे से मेनेज करने में आपकी सहायता कर सकता है। अपने ब्लड शुगर लेवल को प्रबंधित करने के लिए आहार के अलावा व्यायाम करना, अच्छी नींद लेना और जीवन में तनाव कम करना भी उतना ही आवश्यक है।
कभी-कभी आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अगर आप भी अपने ब्लड शुगर लेवल को मेनेज नहीं कर पा रहें हैं तो आप ब्रीद वेल-बीइंग में हमारे एक्सपर्ट से बात कर के गाइडेंस ले सकते हैं।
यदि अभी भी आपको संदेह है कि आप शुगर में पनीर खा सकते हैं या नहीं तो हमारे आहार विशेषज्ञ से संपर्क कर के अपने लिए एक कस्टमाइज्ड डाइट प्लान तैयार करव सकते हैं।
सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न
शाकाहारी पनीर या तो सोया दूध, काजू दूध या बादाम दूध से बनाया जाता है। आप कई ब्रांड के शाकाहारी पनीर और टोफू (सोया दूध से बना) खरीद सकते हैं। यह लेक्टोज इंटोलेरेंट लोगों के लिए एक अच्छा पनीर विकल्प है। पनीर का सीमित सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा है और इसे रोजमर्रा के आहार का हिस्सा बनाया जा सकता है। स्वस्थ वसा और प्रोटीन का अच्छा स्रोत होने के कारण, यह ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा इसमें जिंक की मात्रा भी अधिक होती है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाती है। चूंकि पनीर में लैक्टोज की मात्रा अधिक होती है, इसलिए यह आपका पेट फुला सकता है और गैस का कारण बन सकता है। पनीर के मुख्य दुष्प्रभावों में से एक है पेट से संबंधित समस्याएं जैसे अपच और पेट दर्द। प्रोटीन से भरपूर, अतिरिक्त पनीर को पचने में थोड़ा अधिक समय लग सकता है और इससे सूजन या एसिडिटी हो सकती है। साथ ही अधिक मात्रा में इसके सेवन से वजन बढ़ सकता है। यह कॉलेस्ट्रॉल व ब्लड प्रेशर भी बढ़ा सकता है यदि इसकी मात्रा को सीमित ना लिया जाए। मधुमेह के लिए पनीर एक स्वस्थ विकल्प माना जाता है क्योंकि कम कार्बोहाइड्रेट के कारण पनीर शर्करा के स्तर को नहीं बढ़ाता है। हाल के अध्ययनों के अनुसार, यह देखा गया है कि पनीर खाने से टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना भी कम हो सकती है। साथ ही, प्रोटीन से भरपूर पनीर ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने में मदद करता है। पनीर शुगर मरीजों के लिए एक बढ़िया भोजन विकल्प है, क्योंकि इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम और प्रोटीन अधिक होता है। लिनोलिक एसिड, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम और विटामिन डी से भरपूर होने के कारण, पनीर वजन कम करने और पाचन स्वास्थ्य को अनुकूलित करने में सहायता करता है, जिससे यह मधुमेह वाले लोगों के लिए एक पौष्टिक भोजन बन जाता है। इसके अलावा यह हड्डियों और मांसपेशियों के विकास, हृदय स्वास्थ्य और दांतों के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। शुगर रोगी प्रोटीन के मुख्य स्रोत के रूप में सप्ताह में दो से तीन बार लगभग 100 ग्राम पनीर खा सकते हैं। अगर रोजाना सेवन करें तो 60 ग्राम से ज्यादा पनीर न खाएं। लेकिन इसकी मात्रा आपके ग्लाइसेमिक कंट्रोल पर भी निर्भर करती है। शाकाहारी लोगों के लिए पनीर प्रोटीन और कैल्शियम दोनों का अच्छा स्रोत है। साथ ही इसमें हेल्दी फैट भी होता है. अपने उच्च पोषण मूल्य के अलावा, यह हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसलिए प्रोटीन को अपनी डाइट में शामिल करके आप कई हेल्थ बेनेफिट्स अपना सकते हैं। क्या विगन पनीर बाजार में उपलब्ध है?
क्या रोजाना पनीर खाना स्वस्थ है?
पनीर के दुष्प्रभाव क्या हैं?
क्या पनीर शुगर लेवल बढ़ाता है?
शुगर में पनीर के फ़ायदे क्या है?
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क्या पनीर खाना स्वस्थ है?
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