भारत से शुरू होने वाला यह ज़ायकेदार मसाला आज दुनिया भर में मशहूर है। इसके स्वाद और खुशबू की वजह से इसे मीठे और नमकीन दोनों तरह के व्यंजन में उपयोग किया जाता है।
स्वाद और खुशबू के अलावा इलायची के बीज, तेल और अर्क में प्रभावशाली औषधीय गुण या मेडिसिनल गुण होते हैं। इसी कारण सदियों से पारंपरिक चिकित्सा में इसका उपयोग किया जाता रहा है।
मसालों की रानी इलायची अपनी समृद्ध सुगंध और स्वाद के लिए जानी जाती है। नतीजतन, यह बड़े पैमाने पर खाने के कई प्रकार के व्यंजनों में उपयोग की जाती है।
इलायची के बीज में एक आवश्यक तेल होता है, जो अल्फा-टेरपिनोल 45%, मिरसीन 27%, लिमोनेन 8%, और मेन्थोन 6% जैसे फाइटोकेमिकल्स से बना होता है – ये सभी इस स्वादिष्ट जड़ी बूटी को ओषधीय गुण और मीठी सुगंध प्रदान करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार इलायची के बीज तीनों दोषों वात, पित्त और कफ़ पर प्रभाव डालते हैं।
इलायची क्या है?
इलायची को अंग्रेजी में कार्डमम के रूप में जाना जाता है, इसे कई अलग-अलग प्रकार के पौधों से प्राप्त किया जाता है जो कि जिंजिबेरेसी परिवार से संबंधित हैं। इलाइची का पौधा एशिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों, अर्थात् भारत, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, थाईलैंड और मलेशिया में मूल रूप से उगाया जाता है।
हालांकि इलायची की दो किस्में होती है हरी इलायची और काली इलायची। पर सबसे ज़्यादा हरी इलायची का उपयोग किया जाता है जो सब घरों में पायी जाती है।
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हरी इलायची
हरी इलायची एलेटेरिया इलायची नामक पौधे की प्रजाति से प्राप्त होती है। यह भारत से मलेशिया होते हुए पूरे विश्व में भेजी जाती है। यह एक सुगंधित, और तेज स्वाद वाला मसाला है जिसकी तासीर ठंडी होती है।
काली इलायची
यह हिमालय की तलहटी में बहुत आमतौर पर उगाई जाती है। यह नेपाल, भूटान और उत्तर-पूर्वी भारत के पहाड़ी इलाकों में स्वाभाविक रूप से उगने वाले अमोमम सबुलटम पौधे से प्राप्त किया जाता है, जो एक ठंडा, पुदीने के स्वाद जैसे वाला बीज पैदा करता है। इसे बड़ी इलायची या डोडा भी बोलते हैं।
इलायची का पोषण मूल्य
इलायची कई पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ़्लेमेट्री और एंटीबेक्टेरियल गुण भी मौजूद होते हैं।
आइए जानें 100 ग्राम इलायची में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की मात्रा:
इलायची में मौजूद पोषक तत्व | ||||
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पोषक तत्व (100 ग्राम इलायची में ) | मात्रा | |||
ऊर्जा | 311 किलो कैलोरी 15.5% (दैनिक मात्रा का/ RDA) | |||
कार्बोहाइड्रेट | 68.47 ग्राम 52.5% (दैनिक मात्रा का/ RDA) | |||
प्रोटीन | 10.76 ग्राम 19% (दैनिक मात्रा का/ RDA) | |||
कुल वसा | 6.7 ग्राम 23% (दैनिक मात्रा का/ RDA) | |||
कोलेस्ट्रॉल | 0 मिलीग्राम 0% (दैनिक मात्रा का/ RDA) | |||
फाइबर आहार | 28 ग्राम 70% (दैनिक मात्रा का/ RDA) |
इलायची में मौजूद विटामिन | ||||
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विटामिन्स | मात्रा | |||
नियासिन | 1.102 मिलीग्राम 7% (दैनिक मात्रा का/ RDA) | |||
पाइरीडॉक्सिन | 0.230 मिलीग्राम 18% (दैनिक मात्रा का/ RDA) | |||
राइबोफ्लेविन | 0.182 मिलीग्राम 14% (दैनिक मात्रा का/ RDA) | |||
थायमिन | 0.198 मिलीग्राम 16.5% (दैनिक मात्रा का/ RDA) | |||
विटामिन ए | 0 आईयू 0% (दैनिक मात्रा का/ RDA) | |||
विटामिन सी | 21 ग्राम 35% (दैनिक मात्रा का/ RDA) |
इलायची में मौजूदा इलेक्ट्रोलाइट्स | ||||
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इलेक्ट्रोलिट्स | मात्रा | |||
सोडियम | 18 मिलीग्राम 1% (दैनिक मात्रा का/ RDA) | |||
पोटैशियम | 1119 मिलीग्राम 24% (दैनिक मात्रा का/ RDA) |
इलायची में मौजूदा खनिज पदार्थ | ||||
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खनिज पदार्थ | मात्रा | |||
कैल्शियम | 383 मिलीग्राम 38% (दैनिक मात्रा का/ RDA) | |||
ताँबा | 0.383 मिलीग्राम 42.5% (दैनिक मात्रा का/ RDA) | |||
लोहा | 13.97 मिलीग्राम 175% (दैनिक मात्रा का/ RDA) | |||
मैगनीशियम | 229 मिलीग्राम 57% (दैनिक मात्रा का/ RDA) | |||
मैंगनीज | 28 मिलीग्राम 1217% (दैनिक मात्रा का/ RDA) | |||
फास्फोरस | 178 मिलीग्राम 25% (दैनिक मात्रा का/ RDA) | |||
जस्ता | 7.47 मिलीग्राम 68% (दैनिक मात्रा का/ RDA) |
इलायची की फली में कई आवश्यक वाष्पशील तेल होते हैं जिनमें पिनिन, सैबिनिन, मिरसीन, फेलैंड्रीन, लिमोनेन, 1, 8-सिनेोल, टेरपीनिन, पी-सीमेन, टेरपीनोलीन, लिनालूल, लिनालिल एसीटेट, टेरपिनेन-4-तेल, ए-टेरपिनोल, ए- टेरपिनोल एसीटेट, सिट्रोनेलोल, नेरोल, गेरानियोल, मिथाइल यूजेनॉल और ट्रांस-नेरोलिडोल शामिल हैं।
इलायची के आवश्यक तेल में कई चिकित्सीय गुण होते हैं और कई पारंपरिक दवाओं में एंटीसेप्टिक, एंटीस्पास्मोडिक, कार्मिनेटिव, डाइजेस्टिव, मूत्रवर्धक, एक्सपेक्टोरेंट, उत्तेजक, पेट और टॉनिक के रूप मेंउपयोग किये जाते है।
इलायची का ग्लाइसेमिक इंडेक्स
इलाइची का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 30 होता है, जिसे कम माना जाता है। इसका मतलब है कि यह ब्लड शुगर लेवल को नहीं बढ़ाता और डायबिटीज़ मरीज़ों के लिए सुरक्षित है।
इलायची और डायबिटीज़
हरी इलायची (एलेटेरिया इलायची) पोषक तत्वों से भरपूर एक मसाला है जिसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटीइंफ़्लेमेट्री और कैंसर-रोधी गुण होते हैं। एक अध्ययन के अनुसार इलायची सप्लीमेंट α-amylase और α-glucosidase एंजाइमों के प्रभाव को कम कर के एंटीडायबिटिक फ़ायदे देती है। यह ग्लूकोज चयापचय या ग्लुकोज़ मेटाबोलिज़्म को नियंत्रित कर सकती है।
पाउडर रूप में इलायची के सेवन से ब्लड शुगर को कम किया जा सकता है। यह इंसुलिन सेंसीटिविटी को भी बढ़ा सकती है।
कुछ चूहों पर अध्ययन द्वारा यह पता किया गया कि हाई-फैट, हाई-कार्ब खाने पर बढ़ी हुई ब्लड शुगर को इलायची के सेवन से कम किया जा सका। जिन चूहों को इलायची नहीं दी गई उनके शुगर लेवल बढ़े रहे।
हालांकि मनुष्यों में ब्लड शुगर पर इलायची के प्रभाव को बेहतर ढंग से समझने के लिए और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है
ऐसा माना जाता है कि इलायची की एंटीऑक्सिडेंट, एंटीइंफ़्लेमेट्री और हाइपोलिपिडेमिक गतिविधियां डायबिटीज़ में सुधार कर सकती हैं।
इलायची के स्वास्थ्य लाभ
यह पाचन में सुधार करने में मदद करती है
इलायची में आवश्यक तेल मेन्थोन गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं जैसे एसिडिटी, पेट फूलना, अपच और पेट में दर्द को कम करने में मदद करता है। यह एक अच्छा पाचक और गैस दूर करता है। इलाइची का पेट जलन के समय सबसे अधिक उपयोग किया जाता है।
इलायची का उपयोग पाचन में मदद के लिए हजारों सालों से किया जाता रहा है। इसका प्रयोग बेचैनी, मतली और उल्टी से राहत के लिए कई औषधीय मसालों के साथ मिला कर किया जाता है।
इलायची का सबसे अधिक अध्ययन किया गया गुण है उसके अल्सर को ठीक करने की इसकी क्षमता पर। इसकी ठंडी तासीर पेट को आराम देती है।
इलायची शक्तिशाली कार्मिनेटिव गुणों से भरपूर होती है, जो सूजन, दस्त, सीने में जलन और मतली, उल्टी की स्थिति में दर्द, बेचैनी से राहत दिलाने में मदद करती है। इसके अलावा, इलायची की फली में विटामिन बी और एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा मेटाबोलिज़्म को बढ़ावा देती है और पेट में पित्त एसिड को सक्रिय कर के पाचन को आसान बनाती है।
हृदय स्वास्थ्य को बढ़ाती है
पोटेशियम शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक एक प्रमुख खनिज या मिनरल है। साथ ही ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए भी यह महत्वपूर्ण है, ताकि कार्डियक फ़ंक्शन अच्छे से चल सके। इलायची में पोटैशियम अच्छी मात्रा में होता है, जो हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में रक्तचाप के उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करता है।
दाल, करी, सांबर और कूटू जैसे प्रमुख भारतीय खाद्य पदार्थों में एक चुटकी इलाइची पाउडर मिलाने पर हृदय स्वास्थ्य को शानदार फायदे मिलते हैं।
सांसों की बदबू से लड़ती है
साँसों की दुर्गंध से लड़ने के लिए इस खुशबूदार मसाले का उपयोग किया जाता है। इलाइची में जीवाणुरोधी या एंटीमाइक्रोबियल यौगिकों का विशाल भंडार होता है। ये मुंह से दुर्गंध पैदा करने वाले कीटाणुओं से लड़ने में मदद करते हैं और दांतों की स्वच्छता में सुधार करते हैं।
खाने के बाद मुंह में ताजगी लाने और सांसों की दुर्गंध को दूर करने के लिए कुछ इलाइची की कलियां चबाएं और एक मुखबास के तरह प्रयोग में लें।
सांसों की दुर्गंध का इलाज करने और ओरल हेल्थ में सुधार के लिए इलायची का उपयोग लंबे समय से किया जाता रहा है।
कुछ संस्कृतियों में, भोजन के बाद पूरी इलायची की फली खाकर अपनी सांसों को तरोताजा करना आम है
यहां तक कि कई च्युइंग गम निर्माता भी अपने उत्पादों में इस मसाले का उपयोग करते है।
एक अध्ययन में पाया गया कि इलायची का अर्क दांतों में कैविटी पैदा करने वाले पांच बैक्टीरिया से लड़ने में प्रभावी है। कुछ टेस्ट-ट्यूब मामलों में, अर्क ने बैक्टीरिया के विकास को 0.82 इंच (2.08 सेमी) तक रोक दिया।
अतिरिक्त शोध से पता चलता है कि इलायची का अर्क लार के नमूनों में बैक्टीरिया की संख्या को 54% तक कम कर सकता है।
हालाँकि, ये सभी अध्ययन टेस्ट ट्यूब में किए गए हैं, जिससे यह स्पष्ट नहीं है कि परिणाम मनुष्यों पर कैसे लागू हो सकते हैं।
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श्वसन संबंधी बीमारियों का इलाज करता है
प्राचीन चिकित्सा विधियों में इलायची को फेफड़ों और श्वसन संबंधी स्थितियों के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। यह कफ और म्यूकोसल स्राव को बाहर निकालने में मदद करती है। साथ ही यह श्वसन अंगों में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करती है।
इलाइची के तेल की कुछ बूंदों के साथ भाप लेने से कंजेशन, खांसी और जुकाम से बहुत राहत मिलती है।
इलायची में एंटीट्यूसिव और म्यूकोलाईटिक गुण होते हैं जो बलगम के उत्पादन को कम करने और शरीर से खांसी और सर्दी को खत्म करने में मदद करते हैं। यह फेफड़ों में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है और श्वसन कार्यों को बेहतर बनाने में मदद करता है।
एनीमिया में उपयोगी
इलायची में कई मिनरल पाए जाते हैं जिसमें से आयरन भी एक है। यह आयरन का एक समृद्ध स्रोत है जो एनीमिया के लक्षण जैसे चक्कर आना और सुस्ती दूर करने में मदद करती है। यह विटामिन सी का पावरहाउस भी है, जो शरीर में कोशिकाओं द्वारा आयरन के अवशोषण को बढ़ाता है।
भोजन के बाद एक गिलास गर्म दूध में कुछ इलायची पाउडर मिलाकर पीने से एनीमिया और थकान से लड़ा जा सकता है।
कैंसर के खतरे को कम करती है
इंडोल्स और सिनेओल जैसे एंटी-ट्यूमरजेनिक यौगिकों का खजाना होने के कारण, इलायची प्रभावी रूप से हानिकारक फ्री रेडिकल्स को नष्ट कर देती है, शरीर में उनके स्टोरेज को रोकती है और स्वस्थ ऊतकों की रक्षा करती है। इलायची के लाभकारी एंटीऑक्सीडेंट गुण कैंसर की संभावना को कम करते है।
इलायची में मौजूद यौगिक कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
चूहों में किए गए अध्ययनों से पता चला है कि इलायची पाउडर कुछ एंजाइमों की गतिविधि को बढ़ा सकता है जो कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं
हालांकि इस विषय पर और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।
किडनी स्वास्थ्य को बढ़ाती है
मूत्रवर्धक गुणों से भरपूर, इलायची सिस्टम में अतिरिक्त लवण, तरल पदार्थ, अपशिष्ट पदार्थों को अच्छे से बाहर निकालने में मदद करती है। इस प्रकार यह किडनी को डीटॉक्स करती है। यह किडनी इंफेक्शन और अन्य गुर्दे की बीमारियों को रोकने के लिए मूत्र पथ और मूत्राशय के ट्यूबलर मार्गों को साफ करती है।
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लिवर स्वास्थ्य को बढ़ाती है
इलाइची में हेपेटोप्रोटेक्टिव तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो सिस्टम को डिटॉक्सिफाई करते हैं और लिवर की सेहत की रक्षा करते हैं। रोज़ के भोजन में थोड़ी मात्रा में इलायची पाउडर लेने से लीवर के ऊतकों से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और सिरोसिस, फैटी लिवर रोग आदि जैसे विकारों को दूर करने में मदद मिलती है।
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उल्टी और मतली का इलाज करती है
इलायची में एंटीमैटिक गुण होते हैं, जो हल्की उल्टी और जी मिचलाने में मदद कर सकते हैं। खट्टे स्वाद और जलन के साथ उल्टी आने पर यह ज्यादा फायदेमंद होता है। तो अगर आपको यात्रा के दौरान मोशन सिकनेस की समस्या होती है, तो अपने ट्रैवल किट में इलायची ज़रूर रखें।
निकोटिन छोड़ने में मदद करती है
प्राकृतिक चिकित्सा के रूप में इलायची उन लोगों की भी मदद कर सकती है जो निकोटिन छोड़ना चाहते हैं। दिन में 4 से 6 बार इलायची की फली चबाने से निकोटीन की लालसा, बेचैनी, चिड़चिड़ापन, और स्ट्रेस कम हो जाता है। यह नींद की गुणवत्ता में भी सुधार करती है और अवसाद या डिप्रेशन से बचाती है।
डायबिटीज़ के लक्षणों को नियंत्रित करती है
इसके आश्चर्यजनक एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण डायबिटीज़ मरीज़ों की मदद करते हैं। इलाइची सिस्टम में इंसुलिन उत्पादन में काफी सुधार करके डायबिटीज़ मरीज़ों में ब्लड शुगर लेवल को प्रभावी ढंग से कम करती है। इस मीठे स्वाद वाले मसाले में एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिकों का खजाना भी होता है, जो डायबिटीज़ मेलिटस या टाइप 2 डायबिटीज़ के मामलों में स्वस्थ शरीर के वजन को बनाए रखने में सहायता करती है।
चिंता और अवसाद को कम करती है
इलायची पाउडर और बीज विटामिन बी 6 के साथ-साथ कई प्रकार के न्यूरोप्रोटेक्टिव और एंटीऑक्सिडेंट फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर होते हैं, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को हानिकारक फ्री रेडिकल्स, विषाक्त पदार्थों से बचाते हैं और अल्जाइमर, डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारियों को रोकते हैं। इसके अतिरिक्त, इलाइची की स्फूर्तिदायक सुगंध मूड सही करने, याददाश्त बढ़ाने, एकाग्रता को बढ़ाने और चिंता, अवसाद के लक्षणों को कम करने में बहुत प्रभावी है।
इलायची को कैसे करें अपनी डाइट में शामिल
सामान्य तौर पर, मिठाई बनाने में इलायची के बीज सबसे अधिक उपयोग किये जाते हैं। इसके बीजों को निकाल कर पीस कर इसे कई तरह के मीठे व्यंजनों में मिलाया जा सकता है। नमकीन व्यंजनों में अक्सर साबुत पॉड्स उपयोग किए जाते हैं, जो रेसिपी को और स्वादिष्ट बनाते हैं। इलायची के छिलके में महत्वपूर्ण मात्रा में कीमती आवश्यक तेल होते हैं।
आइए जानें इलायची को अपनी डाइट में शामिल करने के कुछ तरीके:
इस स्वादिष्ट मसाले को कई खाद्य पदार्थों, सूप और ताज़ा पेय में स्वाद बढ़ाने के लिए डाला जाता है।
कई एशियाई देशों में मीठे व्यंजन या मिठाई तैयार करने में इलायची की फली का उपयोग किया जाता है।
गर्मियों में इलाइची-पिस्ता (इलायची और पिस्ता) कुल्फी एक आइसक्रीम के रूप में बहुत खाई जाती है।
खीर में इलाइची पिस्ता और किशमिश के साथ मिलाकर उसका स्वाद बढ़ाती है।
इसका उपयोग चाय, कॉफी और ठंडे पेय पदार्थों का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है।
काली इलायची (बड़ी इलाइची) ज्यादातर नमकीन व्यंजनों में पसंद की जाती है। नेपाल, भारत और पाकिस्तान के कई हिस्सों में चावल का पुलाव, मीट स्टू और दाल की सब्जी में भी इसे उपयोग किया जाता है।
खाने के बाद सौंफ के साथ इलायची की एक फली को माउथ-फ्रेशनर के रूप में उपयोग किया जाता है।
एक अच्छी नींद के लिए दूध में एक चुटकी इलायची के साथ जायफल या हल्दी और काली मिर्च मिलाएं।
घर के बने ग्रेनोला अनाज में इलायची पाउडर मिलाएं।
पुलाव, बिरयानी, हलवा और शीरा में इलायची मिलाने से उसका स्वाद दोगुना कर देती है।
इलायची कई करी मसालों में डाली जाती है। वेज या नॉन-वेज करी तैयार करते समय पूरे मसाले के रूप में इसे मिला सकता है।
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डायबिटीज़ मरीज़ों के लिए इलायची की चाय
इलायची की चाय पीने से डायबिटीज़ में ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इलायची के प्रभावों पर किए गए कई वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है कि इस मसाले के एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और हाइपोलिपिडेमिक गुण ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। डायबिटीज़ रोगियों के लिए इलायची की चाय एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। इलायची की चाय बनाने के कुछ तरीके हैं:
इलायची के साथ दूध की चाय
1 कप चाय के लिए 2 इलायची की फली को पीसकर उबलते पानी में डालें। फिर चाय की पत्ती और दूध डालें जैसे आप अपनी नियमित चाय बनाते हैं। यदि आप उबलते पानी में इलायची के साथ पिसी हुई अदरक मिलाते हैं, तो यह आपके पेय के स्वास्थ्य और स्वाद को बढ़ा देती है। आप चाहें तो इसे में प्राकृतिक मिठास देने के लिए इसमें शहद मिला सकते हैं। लेकिन इसे पीने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
इलायची-काली मिर्च की चाय
1 कप चाय के लिए, 2 कप उबलते पानी में 2 फली इलायची, 2 लौंग, 2 काली मिर्च और आधा इंच दालचीनी डालें। आंच धीमी कर दें और इसे कम से कम आधे घंटे के लिए उबलने दें। पानी को छान लें और उसमें दूध मिला लें।
काली चाय
2 इलायची की फलियों का छिलका उतार लें और उन्हें छिलके सहित उबलते पानी में डाल दें। चायपत्ती डालें और उबाल आने दें। इस स्वादिष्ट काली चाय को छानकर पियें।
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इलायची के दुष्प्रभाव
इलायची वैसे तो अधिकांश लोगों के लिए सुरक्षित मानी जाती हैं और इसके कोई खास दुष्प्रभाव या साइड इफ़ेक्ट्स नहीं होते। हालांकि, कुछ लोगों को इससे एलर्जी हो सकती है जिसमें उनकी त्वचा पर चकत्ते और सांस लेने में कठिनाई शामिल हो सकती है। यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परेशानियां भी पैदा कर सकती है, जैसे दस्त और पेट दर्द। इसकी तासीर ठंडी होती है इसलिए सर्दियों में इसके अत्यधिक सेवन से बचें। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान इलायची के सेवन से बचें क्योंकि यह गर्भपात का कारण बन सकती है।
निष्कर्ष
इलाइची कई व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक अद्भुत मसाला है। इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। यह एनीमिया, उच्च रक्तचाप, ओरल हेल्थ और खांसी जैसी असंख्य बीमारियों के लिए एक हर्बल सोल्यूशन के रूप में भी काम करती है। इसकी बस एक चुटकी न सिर्फ खाने का ज़ायका बढ़ा देती है बल्कि कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी देती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ़्लेमेट्री, एंटीमाइक्रोबियल और एंटीकैंसर गुण मौजूद होते हैं जो कई क्रोनिक बीमारियों से सुरक्षा देते हैं। जी घबराने या उल्टी में इलायची के सेवन से काफी आराम मिलता है। इलायची के गुणों का फ़ायदा लेने के लिए आप इसके पाउडर या भुने हुए बीजों के रूप में डेसर्ट के ऊपर डालें या एक कप गर्म इलायची की चाय का घूंट लें।
सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न – Frequently Asked Questions
इलायची का दुष्प्रभाव क्या है?
वैसे तो इलायची ज़्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित मानी जाती है और आमतौर पर इसका कोई दुष्प्रभाव या साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है। लेकिन कुछ लोगों में इसकी एलर्जी हो सकती है। ऐसे लोगों में एलर्जी के कुछ लक्षण जैसे त्वचा पर चकत्ते और सांस लेने में कठिनाई दिख सकते है। यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल या पेट की समस्या भी बढ़ा सकती है जैसे दस्त और पेट दर्द। इसके अलावा गर्भवती महिलाएं इलायची के अधिक सेवन से बचें क्योंकि इससे गर्भपात या मिसकेरेज भी हो सकता है।
क्या रात को इलायची खा सकते है?
गर्म पानी के साथ इलायची का सेवन करने से मोटापा कम होता है। रात को गर्म पानी के साथ इलायची का सेवन करने से मेटाबॉलिज्म प्रोसेस को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसके अलावा इसमें मेलाटोनिन जैसे आवश्यक घटक भी होते हैं जो चयापचय दर या मेटाबोलिज़्म रेट को बढ़ाने में काफी उपयोगी होते हैं।
एक दिन में कितनी इलायची खानी चाहिए?
ताज़ी सांस और अच्छे पाचन के लिए एक दिन में 2-3 हरी इलायची ले सकते हैं। इसके अलावा 250mg इलायची पाउडर (चूर्ण) या चिकित्सक के बताए अनुसार लें।
क्या इलायची डायबिटीज़ रोगियों के लिए अच्छी है?
इलायची के एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और हाइपोलिपिडेमिक गुण ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। इलायची सप्लीमेंट α-amylase और α-glucosidase एंजाइमों के प्रभाव को कम कर के एंटीडायबिटिक फ़ायदे देती है। यह ग्लुकोज़ मेटाबोलिज़्म को नियंत्रित करने में सहायता दे सकती है इसलिए डायबिटीज़ मरीज़ों को इलायची के सेवा या उसकी चाय पीने की सलाह दी जाती है। हालांकि इलायची के डायबिटीज़ पर प्रभाव पर और अध्ययन की ज़रूरत है।
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