डायबिटीज में असरदार हिमालय शुगर की दवा – Himalaya Diabetes Medicine in Hindi

Medically Reviewed By DR. PRIYANKA CHAKRAVARTY INDU, PhD, 15+ Years of Experience जनवरी 31, 2024

डायबिटीज तेजी से फैल रही बीमारी है, जिसमें शरीर में शुगर (ब्लड शुगर) का स्तर बढ़ जाता है। शुगर शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है, लेकिन अगर इसका स्तर बहुत बढ़ जाए, तो यह कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है। डायबिटीज का फिलहाल तो कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है। इसके लिए बाजार में कई तरह की दवाएं उपलब्ध हैं, जिन्हें डायबिटीज मरीज डॉक्टर की सलाह से ले सकते हैं। इनमें से कई असरदार दवाएं हिमालया कंपनी भी बनाती है। आज हम आपको हिमालय शुगर की दवा के बारे में विस्तार से बताएंगे।

हिमालय शुगर की दवाएं – Himalaya Sugar Medicine in Hindi

हिमालय शुगर की दवाएं - Himalaya Sugar Medicine in Hindi

कंपनी के दावे के मुताबिक हिमालया शुगर कंट्रोल में मदद के लिए कई दवाएं बनाती है। ये दवाएं शुगर कंट्रोल के साथ डायबिटीज से संबंधित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से लड़ने में भी मदद करती हैं। हिमालय की द्वारा दी जाने वाली कुछ प्रमुख शुगर कंट्रोल दवाएं कुछ इस प्रकार हैं-

  • डायबेकॉन टैबलेट्स
  • बिटर मेलन कैप्सूल
  • मेषश्रृंगी टैबलेट्स
  • करेला कैप्सूल
  • जिम्नेमा टैबलेट्स
  • मधुमेह कल्याण रस

हालांकि इन्हें इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। ये कभी भी डॉक्टर की बताई दवाओं की जगह नहीं ली जा सकतीं। इसीलिए शुगर कंट्रोल में इन्हें लेने से पहले इनके बारे में विस्तार से समझ लेते हैं-

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1) हिमालया डायबेकॉन टैबलेट: (Himalaya Diabecon Tablets)

यह आयुर्वेदिक टेबलेट्स होती हैं, जो शुगर कंट्रोल में मदद करती है। हिमालया डायबेकॉन टैबलेट की खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य स्थिति और अन्य कई चीजों पर निर्भर रहती है। आमतौर पर वयस्कों को दिन में दो बार दो टैबलेट लेने की सलाह दी जाती है। यह तीन मुख्य जड़ी-बूटियों से बनी है-

  • मेषश्रृंगी (Gymnema Sylvestre): यह जड़ी-बूटी इंसुलिन सेंसटविटी को सुधारने और ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद करती है।
  • करेला (Momordica Charantia): करेला भी ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है।
  • गुग्गुल (Commiphora Wightii): यह जड़ी-बूटी सूजन को कम करने और लिपिड प्रोफाइल में सुधार करने में मदद करती है।

डायबेकॉन टैबलेट के फायदे

डायबेकॉन टैबलेट कुछ इस तरह शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करती है-

  • इंसुलिन सेंसटविटी में सुधार: डायबेकॉन टैबलेट इंसुलिन कोशिकाओं को अधिक प्रभावी ढंग से ग्लूकोज को एबजोर्ब करने में मदद करती हैं। इससे ब्लड शुगर के लेवल में कमी आती है।
  • ब्लड शुगर कम बनती है: डायबेकॉन टैबलेट से इंसुलिन बनना तेज हो जाता है। इससे ब्लड में शुगर बनना के स्तर में कमी आती है।
  • सूजन कम करता है: डायबेकॉन टैबलेट से शुगर मरीजों के शरीर में सूजन कम होती है। साथ ही लिपिड प्रोफाइल में सुधार होता है।

डायबेकॉन टैबलेट लेने से पहले सावधानियां

डायबेकॉन टैबलेट आमतौर पर सुरक्षित होती हैं। हालांकि, कुछ लोगों में इससे पेट में दर्द, दस्त, मतली, उल्टी जैसे साइडइफैक्ट हो सकते हैं। यदि आप किसी अन्य दवा का सेवन कर रहे हैं, तो डायबेकॉन टैबलेट लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, जैसे कि गुर्दे की बीमारी या लीवर की बीमारी तब भी डायबेकॉन टैबलेट लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। किसी भी साइडइफैक्ट के दिखने पर तुरंत एक्सपर्ट की सलाह लें।

2) हिमालया बिटर मेलन कैप्सूल: (Himalaya Bitter Melon Capsules)

हिमालया बिटर मेलन कैप्सूल एक आयुर्वेदिक दवा है, जो करेले (Momordica charantia) के बीजों से बनती है। करेला सब्जी के तौर काफी उगाया और खाया जाता है, हालांकि इसका इस्तेमाल दवाओं में भी किया जाता है। इसलिए इससे बने हिमालया बिटर मेलन कैप्सूल के कई फायदे हैं। ये कैप्सूल करेला के बीज के अर्क से बनते हैं। अर्क अपने कड़वे स्वाद और औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है।

हिमालय बिटर मेलन कैप्सूल कैसे शुगर कंट्रोल करता है

ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है। इससे इंसुलिन सेंसटिविटी में सुधार होता है। इसी के साथ ये एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं। इसके काम को ऐसे समझिए-

  • शुगर लेवल कंट्रोल: करेला का इस्तेमाल पारंपरिक रूप से विभिन्न संस्कृतियों में शुगर कंट्रोल के लिए किया जाता रहा है। ऐसा माना जाता है कि यह ब्लड शुगर के लेवल को कम करने और ग्लूकोज के सही इस्तेमाल को बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही करेला में पाए जाने वाले यौगिकों में इंसुलिन जैसे प्रभाव होते हैं। इसीलिए बिटर मेलन कैप्सूल शुगर कंट्रोल में फायदेमंद हैं।
  • पोषक तत्वों से भरपूर: करेला विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है। इसीलिए इससे बने कैप्सूल भी शरीर में पोषक तत्वों की कमी दूर करते हैं।
  • एंटीऑक्सीडेंट: करेला में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो शरीर में हानिकारक कणों को बेअसर करने में मदद करते हैं, जिससे शुगर कंट्रोल में मदद मिलती है।
  • पाचन सही करता है: माना जाता है कि करेले का कड़वा स्वाद पाचन के लिए फायदेमंद है। ये गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है।
  • सुविधाजनक कैप्सूल: हिमालय बिटर मेलन कैप्सूल करेला के अर्क के सेवन का एक अच्छा विकल्प है।

हिमालय बिटर मेलन कैप्सूल कैसे लें?

हिमालय बिटर मेलन कैप्सूल एक सुरक्षित दवा है। लेकिन इसके इस्तेमाल से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। वयस्कों को दिन में दो बार दो कैप्सूल खाने के साथ या खाने से पहले लेना चाहिए। यदि आप अन्य कोई दवा ले रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसे लें। यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, जैसे कि गुर्दे की बीमारी या लीवर की बीमारी, तब भी डॉक्टर से सलाह लें।

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3) हिमालय मेषश्रृंगी टैबलेट: (Himalaya Meshashringi Tablets)

हिमालय मेषश्रृंगी टैबलेट एक आयुर्वेदिक दवा है। ये बल्ड शुगर कंट्रोल में मदद करती है। ये टैबलेट्स मेषश्रृंगी (Gymnema Sylvestre) के इस्तेमाल से बनी हैं। मेषश्रृंगी (Gymnema Sylvestre): यह एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिसका इस्तेमाल पारंपरिक रूप से शुगर के इलाज के लिए किया जाता है।

हिमालय मेषश्रृंगी टैबलेट के फायदे

  • बल्ड शुगर कंट्रोल: मेषश्रृंगी हेल्थी ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने में मदद कर सकती है। यह इंसुलिन को सही तरह से काम करने में मदद करती है। साथ ही शरीर में शुगर बनने को कंट्रोल करती है।
  • इंसुलिन की तरह काम करना: मेषश्रृंगी में पाए जाने वाले तत्व इंसुलिन की तरह काम करते हैं, जिससे इंसुलिन सेंसटिविटी में सुधार होता है।
  • बीटा कोशिकाओं की मदद: ये टैबलेट पेंनक्रियास में बीटा कोशिकाओं की मदद करती हैं, जो इंसुलिन बनाती हैं।
  • एंटीऑक्सिडेंट गुण: मेषश्रृंगी में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं, जो शरीर में हानिकारक कणों को बेअसर करने में मदद करते हैं।

हिमालय मेषश्रृंगी टैबलेट का कैसे इस्तेमाल करें?

हिमालय मेषश्रृंगी टैबलेट आमतौर पर सुरक्षित मानी जाती हैं, लेकिन एलर्जी, पहले से मौजूद स्वास्थ्य स्थितियों, या दवाओं के सेवन के मामले में डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इसकी खुराक सभी के लिए अलग-अलग हो सकती है। इसीलिए दवा की पैकेजिंग पर दिए गए निर्देशों का पालन करना या डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

4) हिमालय करेला कैप्सूल: (Himalaya Karela\Bitter Gourd Capsules)

हिमालय करेला कैप्सूल एक आयुर्वेदिक दवा है, जो करेले से होने वाले फायदों को शरीर में पहुंचाने का एक आसान तरीका है। कई लोगों को अपने कड़वे स्वाद के लिए जाना जाने वाला करेला पसंद नहीं होता, ऐसे में करेले के फायदे के लिए वे हिमालय करेला कैप्सूल ले सकते हैं। करेला पारंपरिक रूप से कई संस्कृतियों में, बल्ड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है।

हिमालय करेला कैप्सूल के फायदे

  • बल्ड शुगर कंट्रोल: करेला हेल्थी ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने में मदद करता है। यह इंसुलिन के काम को बेहतर करता है और शरीर में शुगर के इस्तेमाल को बढ़ाता है।
  • पोषक तत्वों से भरपूर: करेला एक पौष्टिक सब्जी है, जिसमें विटामिन सी, विटामिन ए, पोटेशियम और आयरन जैसे जरूरी विटामिन और मिनरल भरपूर होते हैं।
  • एंटीऑक्सीडेंट गुण: करेले में पाए जाने वाले फ्लेवोनॉयड और पॉलीफेनॉल जैसे तत्व एंटीऑक्सिडेंट का काम करते हैं, जो शरीर में हानिकारक कणों को बेअसर करने में मदद करते हैं।
  • पाचन स्वास्थ्य: करेला को पाचन को ठीक रखने में मदद करने के लिए जाना जाता है। यह पेट की समस्याओं को कम करने और पोषक तत्वों के सही इस्तेमाल में मदद करता है।

हिमालय करेले कैप्सूल का कैसे इस्तेमाल करें?

करेला आमतौर पर सेवन के लिए सुरक्षित है। लेकिन एलर्जी, पहले से मौजूद स्वास्थ्य स्थितियों, या दवाओं के सेवन के मामले में डॉक्टर से सलाह जरूर लें। हालांकि इसकी खुराक सभी के लिए अलग-अलग हो सकती है। इसीलिए दवा की पैकेजिंग पर दिए गए निर्देशों का पालन करना या डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

और पढ़े: सिज़ीजियम जम्बोलेनम का उपयोग और उपयोग के तरीके

5) हिमालया जिम्नेमा टैबलेट्स: (Himalaya Gymnema Tablets)

हिमालया जिम्नेमा टैबलेट्स एक आयुर्वेदिक सप्लीमेंट हैं जो जिम्नेमा सिल्वेस्ट्रे नाम की जड़ी-बूटी से बनी हैं। जिम्नेमा सिल्वेस्ट्रे को ‘गुर्मार’ भी कहा जाता है, जिसका हिंदी में मतलब होता है “शुगर डिस्ट्रॉयर”। यह जड़ी-बूटी शुगर कंट्रोल करने में मदद करती है।

हिमालया जिम्नेमा टैबलेट्स के फायदे

  • ब्लड शुगर कंट्रोल: जिम्नेमा सिल्वेस्ट्रे जड़ी-बूटी इंसुलिन सेंसटविटी को सुधारती है। इससे ब्लड में शुगर का लेवल कंट्रोल रखने में मदद मिलती है।
  • वजन कम करने में मदद: ये आपके मुंह का मीठा स्वाद कुछ देर के लिए छीन लेती है, जिससे मीठा खाने का मन कम हो जाता है। मीठा कम खाने से वजन घटता है, इससे भी शुगर कंट्रोल रहती है।
  • पैंक्रियास को सपोर्ट: ये टैबलेट पैंक्रियास में इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को मजबूत बनाने में मदद कर सकती हैं।
  • एंटीऑक्सिडेंट: ये टैबलेट शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों से बचाने में मदद करती हैं।

हिमालया जिम्नेमा टैबलेट्स कैसे लें?

ये टैबलेट आमतौर पर सुरक्षित हैं, लेकिन अगर आपको कोई एलर्जी है, कोई खास बीमारी है या दवा ले रहे हैं, तो पहले डॉक्टर से बात करें। वहीं हर किसी के लिए खुराक अलग-अलग हो सकती है। हालांकि वयस्कों को दिन में दो बार, दो टैबलेट पानी के साथ लेना चाहिए। ध्यान रहे कि अगर आप पहले से कोई दवा ले रहे हैं या आपको कोई बीमारी है, तो डॉक्टर से पूछना जरूरी है।

6) हिमालया मधुमेह कल्याण रस: (Himalaya Diabetes Wellness Juice)

हिमालया मधुमेह कल्याण रस एक आयुर्वेदिक रस है, जो शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। ये रस मेथी, गुड़, और अन्य जड़ी-बूटियों से बना होता है।

हिमालया मधुमेह कल्याण रस के फायदे

  • मेथी से शुगर कंट्रोल: मेथी दाना फाइबर से भरपूर होता है, जो ब्लड में शुगर लेवल को कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही, इसमें ऐसे तत्व भी पाए जाते हैं जो शरीर में इंसुलिन को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने में मदद करते हैं।
  • भूख कम करने में मदद: इसके सेवन से भूख कम लगती है। वहीं भूख कम लगने से शरीर में कम कैलोरी जाती हैं। इससे वजन को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। जो डायबिटीज कंट्रोल के लिए बहुत जरूरी है।
  • कोलेस्ट्रॉल घटाता है: ये रस ब्लड में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में मदद करता है।

हिमालया मधुमेह कल्याण रस कैसे लें?

हिमालया मधुमेह कल्याण रस आमतौर पर सुरक्षित होता है, लेकिन एलर्जी, पहले से मौजूद स्वास्थ्य स्थितियों, या दवाओं के सेवन के मामले में डॉक्टर से सलाह जरूर लें। अगर आप पहले से ही कोई दूसरी दवा ले रहे हैं या आपको कोई बीमारी है, तो इस रस को लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।वयस्कों को दिन में दो बार दो चम्मच रस पानी के साथ लेना चाहिए। वहीं 12 साल से कम उम्र के बच्चों को इस रस का सेवन नहीं करना चाहिए।

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हिमालय शुगर की दवाएं लेना क्यों फायदेमंद हैं?

इसके लिए पहले हिमालया को समझते हैं। ये कंपनी आयुर्वेद और जड़ी-बूटियों पर आधारित दवाइयां और प्रोडक्ट बनाती है। इसकी शुरुआत 1930 में बेंगलुरु में हुई थी। आज ये पूरी दुनिया में जानी जाती है और 90 से ज्यादा देशों में इसके प्रोडक्ट मिलते हैं।

हिमालया खास क्यों है?

हिमालया का दावा है कि वे एक ऐसी कंपनी है जो नेचुरल और आयुर्वेदिक तरीकों से लोगों की सेहत का ख्याल रखती है। अब इसके बार में विस्तार से समझते हैं-

  • नेचुरल और आयुर्वेदिक: हिमालय अपने प्रोडक्ट्स में सिर्फ नेचुरल चीजों का इस्तेमाल करता है और आयुर्वेद के पुराने ज्ञान को आधुनिक रिसर्च के साथ मिलाकर काम करता है।
  • कई तरह के प्रोडक्ट्स: हिमालय दवाइयों के अलावा स्किनकेयर, हेयरकेयर, न्यूट्रिशन और पशुओं के लिए भी प्रोडक्ट्स बनाता है।
  • क्वालिटी पर जोर: हिमालय अपने प्रोडक्ट्स की क्वालिटी पर बहुत ध्यान देता है और सख्त जांच-पड़ताल करता है।
  • पर्यावरण का ख्याल: हिमालय पर्यावरण का ख्याल रखता है और कम से कम नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है।
  • समुदाय की मदद: हिमालय गरीबों की मदद और शिक्षा के लिए भी काम करता है।

शुगर में हिमालया के दवाओं के फायदे

हिमालया कंपनी का दावा है कि शुगर में इनकी दवाएं लेने के कई फायदे हैं। जैसे-

  • हिमालया कंपनी की दवाएं नेचुरल और आयुर्वेदिक होती हैं। इनमें किसी तरह के हानिकारक केमिकल या सिंथेटिक पदार्थ नहीं होते हैं। इसलिए, ये दवाएं लंबे समय तक इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित होती हैं।
  • हिमालया कंपनी की दवाएं आयुर्वेद के सिद्धांतों पर आधारित होती हैं। आयुर्वेद में शुगर को एक ऐसी बीमारी माना जाता है जो शरीर में वात, पित्त और कफ के असंतुलन के कारण होती है। हिमालया कंपनी की दवाएं इन तीनों दोषों को संतुलित करने में मदद करती हैं।
  • हिमालया कंपनी की दवाएं शुगर के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। ये दवाएं ब्लड शुगर लेवल को कम करने, भूख को कम करने और वजन को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।

निष्कर्ष

हिमालय शुगर की दवाएं शुगर कंट्रोल के लिए एक प्राकृतिक और आयुर्वेदिक विकल्प हैं। हालांकि, शुगर देखभाल के लिए हेल्थी लाइफस्टाइल, सही खानापान और एक्सरसाइज जरूरी है। लेकिन अगर डायबिटीज मरीज को इसते बावजूद ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल के लिए दवाओं की जरूरत पड़े तो हिमालय शुगर की दवाएं ले सकता है। हालांकि, किसी भी दवा को लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना हमेशा जरूरी होता है।

और पढ़े: पतंजलि शुगर की दवा, फायदे और खाने का तरीका

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

हिमालय शुगर की दवाओं को कहां से खरीदें?

हिमालय शुगर की दवाएं कई दवाखानों, हेल्थ स्टोर्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर मिलते हैं। असली प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए हमेशा विश्वसनीय जगहों से ही खरीदें। इसे आप हिमालया की आधिकारिक वेबसाइट से भी खरीद सकते हैं। दूसरी डायबिटीज दवाओं के साथ हिमालय के प्रोडक्ट्स लेने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूरी है, ताकि कोई दवाओं का आपस में रिएक्शन न हो।

क्या हिमालय शुगर की दवाएं डायबिटीज ठीक कर सकती हैं?

हिमालय शुगर की दवाएं आपकी सेहत और ब्लड में शुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं, लेकिन ये डायबिटीज को पूरी तरह रोकने की गारंटी नहीं देतीं। संतुलित खान-पान और नियमित व्यायाम डायबिटीज को रोकने में सबसे ज़रूरी हैं। यहां ये बात ध्यान रखनी चाहिए कि डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है। अभी तक मेडिकल साइंस ने डायबिटीज का कोई पर्मानेंट इलाज नहीं खोजा है। हालांकि डायबिटीज को कंट्रोल रखा जा सकता है।

डायबिटीज में हिमालय की दवाओं के कोई साइड इफेक्ट्स हैं?

आमतौर पर इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता, लेकिन हर किसी पर अलग असर हो सकता है। कुछ जड़ी-बूटियों के हल्के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। अगर आपको कोई परेशानी हो, तो इनका इस्तेमाल बंद कर दें और डॉक्टर से बात करें। हर प्रोडक्ट के इस्तेमाल का तरीका, खुराक और कितने दिन तक लेना है, अलग-अलग हो सकता है। पैकेट पर दिए निर्देशों को ध्यान से पढ़ें या डॉक्टर की सलाह मानें।

क्या डायबिटीज में हिमालय की दवाएं सुरक्षित हैं?

हिमालया के अनुसार वे अपने प्रोडक्ट्स की क्वालिटी और सुरक्षा पर ध्यान देता है। लेकिन हर किसी पर इनका असर अलग हो सकता है। इसलिए, कोई भी नया सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूरी है, खासकर अगर आपको पहले से कोई बीमारी है या आप कोई दवा खा रहे हैं। हिमालय के प्रोडक्ट्स को डॉक्टर की दवाओं के साथ लिया जा सकता है, लेकिन उनकी जगह नहीं ले सकते। डॉक्टर की सलाह मानना ज़रूरी है और किसी भी बदलाव से पहले उनसे बात करें।

हिमालया कौन-से डायबिटीज प्रोडक्ट्स बनाता है?

हिमालया कई तरह के डायबिटीज प्रोडक्ट्स बनाता है, जिनमें करेला, मेषश्रृंगी, मेथी, आंवला, हल्दी आदि शामिल होते हैं। डायबिकॉन टेबलेट्स, बिटर मेलन कैप्सूल, मेषश्रृंगी टैबलेट्स, करेला कैप्सूल, जिम्नेमा टैबलेट्स और मधुमेह कल्याण रस जैसे प्रोडक्ट्स मार्केट में उपलब्ध हैं। ये प्रोडक्ट्स आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के गुणों का इस्तेमाल करते हैं, जो डायबिटीज को कम करने में मदद करती हैं। ये शरीर में इंसुलिन को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने, पैंक्रियास को स्वस्थ रखने और ब्लड में शुगर को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं।

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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