अदरक को इसके हेल्थ बेनेफिट्स के कारण न केवल हेल्दी मसाले के रूप में जाना जाता है, बल्कि यह सालों से पारंपरिक चिकित्सा में दवा के रूप में भी उपयोग में लिया जाता रहा है। यह हजारों सालों से पारंपरिक और घरेलू उपचार का हिस्सा है। इसका विशिष्ट स्वाद और सुगंध इसे लाभकारी मसालों में सबसे प्रमुख बनाता है। हम में से कौन “जिंजर टी” को ना कह सकता है? लेकिन इतने हेल्थ बेनेफिट्स और स्वाद होने के बाद भी क्या डायबिटीज़ मरीज़ अदरक का सेवन कर सकते हैं। एक डायबिटिक डाइट में अदरक को शामिल करना कितना सुरक्षित है? आइए इस ब्लॉग में जानते हैं कि कैसे डायबिटीज़ मरीज़ अदरक का सेवन कर के ब्लड शुगर कंट्रोल कर सकते हैं।
अदरक क्या है? (What is Ginger?)
अदरक, वानस्पतिक रूप से जिंजिबर ऑफिसिनेल के रूप में जाना जाता है जो इलायची, हल्दी और गालनगल के परिवार से आता है। अदरक का खाने योग्य भाग प्रकन्द या राइज़ोम होता है, जो तने का भूमिगत या ज़मीन वाला भाग होता है। यह आमतौर पर घरेलू दवा के रूप में मतली, सामान्य सर्दी, पाचन, गठिया, संक्रमण आदि का इलाज करता है। यह डायबिटीज़ और कैंसर जैसी कई क्रोनिक कंडिशन्स के जोखिम को भी कम करता है। अदरक में जिंजरोल भी होता है, जो एक बायोएक्टिव यौगिक है, जो इसके औषधीय गुणों के लिए जिम्मेदार है। यह दक्षिण-पूर्व एशिया में ज़्यादातर उगाया जाता है। अदरक के उत्पादन और खपत में भारत दुनिया में सबसे आगे है।
अदरक की न्यूट्रीशनल वेल्यू या पोषण मूल्य(Nutritional Value of Ginger)
अदरक में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो इसे औषधीय गुण प्रदान करते हैं। इसमें मौजूद न्यूट्रीशन इसके स्वास्थ्य लाभों या हेल्थ बेनेफिट्स के लिए जिम्मेदार हैं। एक चम्मच अदरक में निम्नलिखित पोषक तत्व होते हैं:
अदरक की न्यूट्रीशनल वेल्यू | ||||
---|---|---|---|---|
पोषक तत्व (एक टेबलस्पून) मात्रा | मात्रा | |||
कैलोरी | 4.8 | |||
कार्बोहाइड्रेट | 1.07 ग्राम | |||
प्रोटीन | 0.11 ग्राम | |||
आहार फाइबर | 0.12 ग्राम | |||
वसा या फैट | 0.5 ग्राम | |||
मिनरल्स | कैल्शियम (8.0 मिलीग्राम ), आयरन (11 मिलीग्राम ), मैग्नीशियम (16.0 मिलीग्राम ), फास्फोरस (4.0 मिलीग्राम ), पोटेशियम (14.0 मिलीग्राम ), सोडियम (30.0 मिलीग्राम ), सेलेनियम (1.4 मिलीग्राम |
इन घटकों के अलावा, अदरक विभिन्न विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है। ये हैं:
- लोहा या आयरन
- विटामिन सी
- राइबोफ्लेविन
- विटामिन बी 3
- विटामिन बी 6
- नियासिन
- फास्फोरस
- फोलेट
- पोटैशियम
- मेग्नेशियम
- जस्ता या ज़िंक
यह पौष्टिक मसाला प्रमुख स्वास्थ्य स्थितियों में सुधार करने में मदद करता है और मोशन सिकनेस, सामान्य सर्दी, गले में संक्रमण, मतली, उल्टी आदि के लिए “गो-टू” दवा के रूप में कार्य करता है।
अदरक का ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड (Glycemic Index of Ginger)
आप जान कर हैरान हो जाएंगें कि अदरक कम जीआई और कम जीएल वाला भोजन है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 10 है जो एक लो-जीआई श्रेणी में आता है जबकि इसका ग्लाइसेमिक लोड 0.6 है जो भी बहुत कम है। कम जीआई और जीएल भोजन ब्लड शुगर लेवल को नहीं बढ़ाते हैं, जिससे यह डायबिटीज़ रोगियों के लिए उपयुक्त और सुरक्षित होता है।
अदरक और डायबिटीज़ (Ginger and Diabetes)
- वर्षों से, अदरक को ब्लड शुगर लेवल को कम करने और डायबिटीज़ मरीज़ों में इंसुलिन रिएक्शन को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए उपयोग किया जाता रहा है।
- कई अध्ययनों के अनुसार टाइप 2 डायबिटीज़ रोगियों में अदरक के सेवन के कई फ़ायदे बताए गए हैं। अदरक के सेवन से इन मरीज़ों में ना केवल फास्टिंग ब्लड शुगर कम हुई बल्कि इनके HbA1C में भी काफी सुधार आया।
- एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि अदरक (1000 मिलीग्राम प्रतिदिन) का सेवन प्लाज्मा फास्टिंग शुगर को कम कर सकता है जिससे पेरिटोनियल डायलिसिस के रोगियों में हाइपर इंसुलिनमिया, डिस्लिपिडेमिया, पेरिटोनियल मेम्ब्रेन फाइब्रोसिस और हृदय रोग जैसी जटिलताओं को रोका जा सकता है।
- इसके अलावा अदरक का मोटापा और मेटाबोलिक सिंड्रोम पर भी लाभकारी प्रभाव पड़ता है।
अदरक में एंटीडायबिटिक गुण होते हैं जो टाइप 2 डायबिटीज़ (T2DM) रोगियों में हाइपरिन्सुलिनमिया को नियंत्रित करते है। - इसके अलावा डायबिटीज़ से जुड़ी कोंपलिकेशन रेटिनोपैथी को रोकने या कम करने में भी अदरक महत्वपूर्ण है।
- अदरक टाइप 2 डायबिटीज़ मरीज़ों में लिवर, किडनी और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याओं के प्रति भी सुरक्षा देती है। यह इंसुलिन रीलीज़ और कार्बोहाइड्रेट और लिपिड मेटाबोलिज़्म में मदद करते हैं।
- अदरक को इंसुलिन रिलीज को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। अदरक इंसुलिन रेस्पोंसिव पेरिफेरल टिश्यूज़ में ग्लूकोज की निकासी को बढ़ावा देता है, जो ब्लड ग्लूकोज़ होमियोस्टेसिस को बनाए रखने में महत्वपूर्ण है। साथ ही, 6-जिन्जरोल इंसुलिन रेस्पोनसीव एडिपोसाइट्स में ग्लूकोज के अपटेक को बढ़ाता है।
साथ ही अदरक प्लाज्मा एफएफए के स्तर को कम करके इंसुलिन प्रतिरोध या रेज़िस्टेंस को कम करता है, जो प्लाज्मा मुक्त फैटी एसिड (एफएफए) के स्तर में वृद्धि के कारण होता है। - कई अध्ययनों के अनुसार अदरक लिपिड कम करने में प्रभावी होता है जिससे इंसुलिन सेंसीटिविटी बढ़ जाती है।
- इन प्रभावों को प्रमाणित करने के लिए चूहों पर कई प्रयोग किये गए। इनमें एक प्रयोग में कुछ एसटीजेड-डायबिटिक चूहों को अदरक का 4 mg/kg अर्क दिया गया। ऐसे चूहों में बिना अर्क दिए गए चूहों की तुलना में कई सुधार देखे गए जैसे ग्लूकोज, कुल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल-सी और एचडीएल-सी के प्लाज्मा स्तर में कमी।
- अदरक में 50 से अधिक एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं जिनमें मुख्य है जिंजरोल और डायरिलहेप्टानोइड्स। यह शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते है और डायबिटीज़ कंट्रोल में सहायता करता है।
- अदरक के सप्लीमेंट लेने से FBS (फास्टिंग ब्लड शुगर), HbA1c, Apo B, Apo B/Apo A-I और MDA के स्तर में काफी कमी देखी गई और टाइप 2 डायबिटीज़ रोगियों में Apo A-I के स्तर को बढ़ा दिया।
- अदरक के बहुत कम साइड इफ़ेक्ट्स हैं बल्कि यह डायबिटीज़ मरीज़ों में क्रोनिक कोंपलिकेशन के रिस्क को कम करने में मदद करता है।
2014 के एक एनिमल स्टडी में, डायबिटिक मोटे चूहों को दालचीनी और अदरक का मिश्रण दिया गया। इन चूहों में इसके कई लाभ देखे गए जैसे:
- शरीर का वजन कम होना
- शरीर में फैट मास कम होना
- ब्लड शुगर लेवल में कमी
- इंसुलिन का स्तर बढ़ना
2015 के एक अध्ययन में शोधकर्ताओं के मुताबिक अदरक पाउडर की खुराक तेजी से ब्लड शुगर में सुधार करने में मदद कर सकती है। इस अध्ययन में भाग लेने वालों को 12 सप्ताह तक प्रतिदिन 2 ग्राम अदरक दिया गया। अध्ययन के अंत में, शोधकर्ताओं ने पाया कि इस समूह के लोगों ने कई स्तरों में कमी देखी गई:
- हिमोग्लोबिन a1c
- एपोलिपोप्रोटीन बी
- एपोलिपोप्रोटीन A-1
- मैलोंडायल्डिहाइड
डायबिटिक चूहों पर 2016 के एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि अदरक डायबिटीज़ के कारण होने वाली हृदय की समस्याओं से बचाने में मदद कर सकता है।
अदरक के एंटीइंफ़्लेमेट्री गुण डायबिटीज़ की कुछ जटिलताओं को रोकने में भी मदद कर सकते हैं।
अदरक के हेल्थ बेनेफिट्स या स्वास्थ्य लाभ (Health Benefits of Ginger)
इस पौष्टिक मसाले में ढेर सारे स्वास्थ्य लाभ हैं। इसे इसके पोषण मूल्य, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण औषधीय मसाले या मेडीसिनल स्पाइस के रूप में जाना जाता है। अदरक के कई स्वास्थ्य लाभ या हेल्थ बेनेफिट्स हैं:
पाचन स्वास्थ्य में सुधार करता है (Helps in Digestion)
अदरक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्थितियों में मदद करता है। जिंजरोल, अदरक में पाया जाने वाला एक यौगिक है, जो अपच और कब्ज से पीड़ित लोगों के पेट को साफ करने में मदद करता है। यह भोजन को जल्दी और आसानी से पेट से बाहर निकाल कर पाचन में मदद करता है, जिसके परिणामस्वरूप कोई अपच नहीं होती है और आंत साफ हो जाती है। यह एंजाइमों की मदद से गैस के निष्कासन को भी बढ़ावा देता है इसलिए जिन लोगों को गैस, अपच या कब्ज की शिकायत रहती है उनके लिए अदरक बहुत कारगर साबित हो सकती है।
पेट दर्द में मदद करता है (Helps in Stomach Ache)
अदरक में जिंजरोल यौगिक गैस, अपच और बेचैनी के कारण होने वाले पेट दर्द को कम करने में भी मदद करता है। इसके अलावा, यह मासिक धर्म के दर्द और ऐंठन के लिए भी लिया जाता है। कई डॉक्टर पीरियड पेन से राहत के लिए अदरक का सेवन करने की सलाह देते हैं।
मतली और उल्टी रोकने में मदद करता है (Helps in Relieving Vomiting)
यह अदरक का महत्वपूर्ण औषधीय गुण है। यह मतली और उल्टी जैसी स्थितियों में मदद करता है। अदरक का सेवन सर्जरी या कीमोथेरेपी के बाद होने वाली मतली को रोकने में सहायक होता है। यह गर्भवती महिलाओं में भी प्रभावी है जो मॉर्निंग सिकनेस और बार-बार उल्टी और मतली से पीड़ित हैं। इसके अलावा, यह मोशन सिकनेस का भी इलाज करता है और उल्टी और मतली से राहत देता है।
ब्लड शुगर लेवल को कम करता है (Reduces Blood Sugar Levels)
एक अध्ययन अदरक के एंटी-डायबिटिक गुणों के बारे में बताता है। यह टाइप 2 डायबिटीज़ में ब्लड शुगर लेवल और HbA1C को काफी कम करने में मदद कर सकता है। एक अध्ययन से पता चलता है कि 2 ग्राम अदरक 12% शुगर लेवल को कम कर सकता है। इसके अलावा, इसका जीआई और जीएल बहुत कम है, जो इसे डायबिटीज़ के लिए एक सुरक्षित खाद्य उत्पाद बनाता है। अदरक में कम कोलेस्ट्रॉल, संतृप्त वसा, सोडियम और बिना वसा वाली (फैट-फ्री) चीनी होती है जो टाइप 2 डायबिटीज़ में शुगर लेवल को कम करने में मदद करती है।
हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है (Helpful in Bone Health)
अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो हड्डियों के स्वास्थ्य में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि अदरक सूजन या इंफ़्लेमेशन को कम करता है और ऑस्टियोआर्थराइटिस में मदद करता है। यह जोड़ों के दर्द को भी कम करता है। यह एंटीऑक्सीडेंट से भी भरपूर होता है जो मुक्त कणों या फ्री रेडिकल्स के बनने को कम करता है। फ्री रेडिकल्स कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और गठिया जैसी स्थिति पैदा करते हैं।
दिल की सेहत के लिए अच्छा है (Helpful in Heart Health)
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि अदरक एलडीएल खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम कर सकता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करना धमनियों में प्लाक जमने से रोकता है जिससे हृदय में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बनता है। यह स्ट्रोक जैसी समस्या को रोकता है। इसके अलावा यह हृदय संबंधी विभिन्न जटिलताओं या कोंपलिकेशन को रोकता है।
और पढ़े: मधुमेह में लहसुन के फ़ायदे
एंटीबेक्टेरियल गुण (Antibacterial)
अदरक अपने जीवाणुरोधी और एंटी-वायरल गुणों के लिए जाना जाता है। इन औषधीय गुणों के कारण, यह बैक्टीरिया और वायरल संक्रमणों के लिए सबसे ज़्यादा उपयोग किए जाने वाले और प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक है। यह सामान्य सर्दी, गले के संक्रमण और फ्लू के इलाज में मदद करता है। शहद के साथ अदरक का रस खांसी और गले में खराश में मदद करता है। इसमें हीटिंग गुण भी होते हैं जो ठंड के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।
कैंसर रोधी गुण (Anti-Cancerous)
अदरक अन्य पोषक तत्वों में भले ही कम है, लेकिन इसमें कई शक्तिशाली और अधिक एंटीऑक्सीडेंट होते है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं और कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों के रिस्क को कम करते हैं। एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन शरीर में मुक्त कणों या फ्री रेडिकल्स को कम करने में सहायता करता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, अदरक अग्नाशय के कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर, लीवर कैंसर और गैस्ट्रिक कैंसर जैसे कैंसर में मदद कर सकता है। अदरक में जिंजरोल नामक पदार्थ होता है, जिसमें कैंसर रोधी गुण होते हैं।
इम्यूनिटी को बढ़ाता है(Boosts Immunity)
कुछ अध्ययनों में पाया गया कि अदरक प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्यूनिटी को बढ़ावा दे सकता है। यह जीवाणुरोधी (एंटीबेक्टेरियल) और एंटीवायरल है जो सामान्य सर्दी, वायरल बुखार और गले के बेक्टेरियल संक्रमण को रोकने और इलाज में मदद करता है। चूँकि इसके ये औषधीय प्रभाव हैं, अदरक के दैनिक सेवन से सर्दी, विभिन्न संक्रमण और फ्लू होने का खतरा कम हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप यह इम्यूनिटी बूस्ट करता है।
वज़न घटाने में मदद करता है(Helps in Decreasing Weight)
ऐसे बहुत से प्रमाण हैं जो बताते है कि अदरक वज़न कम करने में मदद करता हैं। यह वज़न और कमर-कूल्हे के अनुपात को कम करने में मदद करता है। इसकी मुख्य वजह है अदरक में मौजूद बीएमआई और चीनी के स्तर को कम करने की क्षमता। इस प्रकार यह वज़न कम करने वाले लोगों के लिए आसानी से सेवन किया जाने वाला खाद्य पदार्थ है।
ओरल हेल्थ के लिए अच्छा है (Helpful in Maintaining Oral Health)
अदरक के एंटी-बैक्टीरियल गुण मुंह में बैक्टीरिया के संक्रमण को कम करके ओरल हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करते है। यह मसूड़ों से संबंधित कुछ गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करता है। यह दांतों को मज़बूत और चमकदार बनाने के साथ-साथ सांसों की दुर्गंध को भी दूर करता है।
डायबिटीज़ के मरीज़ ऐसे करें अदरक का सेवन (Ways to Include Ginger in your Diet)
अपने भोजन में अदरक को शामिल करने से केवल सकारात्मक प्रभाव ही पड़ते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सामान्य सर्दी और गले में खराश का इलाज करने में अदरक सबसे अच्छा माना जाता है। इसके अलावा यह कई हेल्थ कॉन्डीशन में मदद करता है। भारत में, अदरक कई प्रकार के व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने के लिए डाला जाता है। डायबिटीज़ के मरीज़ कई तरह से रोज़ाना अदरक का सेवन कर सकते हैं और इसके एंटीडायबिटिक व अन्य स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे ही कुछ तरीकों में शामिल है:
अदरक की चाय(Ginger Tea)
अदरक की चाय के फ़ायदे कौन नहीं जानता। चाय भारत में सबसे लोकप्रिय पेय पदार्थों में से एक है। यह सभी भारतीयों के लिए सुबह का पहला पेय और पहली पसंद है। गरमा गरम चाय को और फ़ायदेमंद बनाने के लिए इसमें अदरक मिलाना बहुत आम है। अदरक की चाय हमें मानसून और सर्दियों में गर्म रहने, सर्दी-जुखाम और खांसी से बचने में मदद करती है। वैसे तो भारतीय घरों में दूध की चाय पी जाती है लेकिन डायबिटिक लोग इसे बिना दूध या फैट-फ्री दूध की चाय में मिला के पी सकते हैं। इससे वह बिना कार्ब और चीनी के, अदरक के फ़ायदे ले सकते हैं।
दूध वाली चाय के साथ (Ginger-Milk Tea)
इसे दूध वाली चाय में डालने के अलावा पुदीना अदरक या नींबू अदरक की चाय के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। मिंट या लेमन जिंजर टी बनाने के लिए पानी को उबाल लें और पानी में अदरक, पुदीने के पत्ते या नींबू का रस और चाय डालकर आंच धीमी कर दें। इसे तब तक उबालें जब तक कि यह आधा न रह जाए। इसे छान लें और इसमें शहद मिलाकर सर्व करें। अगर आपक शुगर लेवल को नियंत्रित रखना चाहते हैं तो शहद ना मिलाएं। जिन लोगों की शुगर नियंत्रित या कन्ट्रोल्ड है व थोड़े से शहद के साथ इन पुदीना अदरक या नींबू अदरक की चाय का मज़ा ले सकते हैं।
और पढ़े: मधुमेह में खीरा खा सकते हैं?
अदरक और शहद (Ginger and Honey)
ज्यादा खांसी में आधा चम्मच अदरक का रस शहद के साथ लेने से भी तुरंत आराम मिलता है। पर अपने शुगर लेवल को ध्यान में रख के शहद का उपयोग करें।
सब्जी के साथ (Ginger in Vegetables)
भारत में, ग्रेवी करी का एक अनिवार्य हिस्सा है। लहसुन के साथ अदरक, ग्रेवी की दो सामग्रियों में से एक है। यह खाने को एक अलग स्वाद और सुगंध देती है। अदरक लहसुन ना सिर्फ ज़ायका बढ़ाते हैं पर खाने की न्यूट्रीशन वेल्यू भी बढ़ा देते हैं।
मांसाहारी खाने में (Ginger paste in Non-Veg Foods)
मांसाहारी खाने में मांस (मीट) और चिकन को मैरिनेट करने के लिए अदरक का उपयोग कर सकते हैं।
अदरक और सूप(Ginger and Soup)
सूप का स्वाद और न्यूट्रीशन (पोषण) बढ़ाने के लिए उसमें अदरक मिला सकते हैं।
अदरक के साइड इफ़ेक्ट्स( Side Effects of Ginger)
हालांकि अदरक का सेवन करना सुरक्षित है, लेकिन अधिक मात्रा में लेने से इसके कई साइड इफ़ेक्ट्स हो सकते हैं जैसे हार्टबर्न, मुंह में जलन या अल्सर, दस्त या बेचैनी। नतीजतन, इसे मॉडरेशन में खाना सबसे अच्छा है। इसकी ज़्यादा खुराक से कार्डियक अतालता (arrhythmias) भी हो सकता है। इनके अलावा, अदरक में रक्त को पतला करने वाले तत्व होते हैं, जो अत्यधिक रक्तस्राव का कारण बन सकते हैं। हालाँकि, ये सभी साइड इफ़ेक्ट्स ओवरडोज के वजह से होते हैं। सही मात्रा में लेने पर इसके कई फ़ायदे हैं जो इसे डायबिटिक डाइट का अच्छा भाग बनाती है। अदरक के अधिक सेवन से होने वाले साइड इफ़ेक्ट्स हैं:
- पेट में जलन
- दस्त
- मुंह में जलन या मुंह के छाले
- असहजता या डिस्कॉमफ़र्ट
- हृदय संबंधी अतालता (arrhythmias)
- अत्यधिक रक्तस्राव (ब्लीडिंग)
क्या डायबिटीज़ मरीज़ अदरक का सेवन कर सकता है?(Can Diabetics Eat Ginger?)
अदरक टाइप 2 डायबिटीज़ व्यक्तियों में ब्लड शुगर लेवल और HbA1C को कम करने के लिए अच्छा माना जाता है। यह इंसुलिन उत्पादन को नियमित करने में भी मदद करता है। अदरक एक अच्छा डायबीटिक डाइट फूड है क्योंकि इसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड होता है। यह ट्राइग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करता है जो डायबिटीज़ और हृदय रोगों के जोखिम को कम करने के लिए अच्छा है। एक अध्ययन से पता चलता है कि 2 ग्राम अदरक का सेवन 12% शुगर लेवल को कम कर सकता है। अदरक में कम कोलेस्ट्रॉल, संतृप्त वसा, सोडियम और बिना वसा वाली चीनी होती है जो टाइप 2 डायबिटीज़ में शुगर लेवल को कम करने में मदद करती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
यह अद्भुत जड़, सबसे सुरक्षित और स्वास्थ्यप्रद मसाला है जिसके कई हेल्थ बेनेफिट हैं। यह अपने एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबेक्टेरियल और एंटीवायरल गुणों के कारण एक प्रमुख औषधीय यौगिक के रूप में उपयोग किया जाता है। अदरक इम्यूनिटी को मजबूत करता है और शरीर को कई इंफेक्शन से लड़ने के लिए तैयार करता है। यह मतली और उल्टी जैसी स्थितियों को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा यह हृदय स्वास्थ्य, हड्डियों के स्वास्थ्य, पाचन तंत्र और ओरल हेल्थ में सुधार करता है। इसके अलावा, यह डायबिटिक रोगियों के लिए भी फ़ायदेमंद है जो ब्लड शुगर लेवल को भी कम करता है। साथ ही यह कैंसर का खतरा कम करने में भी सहायक है क्योंकि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स को नष्ट करते हैं जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का रिस्क कम होता है। अदरक वज़न कम करने में भी सहायक होता है। यह एक प्राकृतिक दर्द निवारक या नेचुरल पैन किलर है और पीरियड पेन सहित अन्य कुछ दर्द में राहत देने में मदद करता है।
और पढ़े: शुगर में दही खा सकते हैं?
सामान्यता पूछे जाने वाले प्रश्न:
क्या अदरक डायबिटीज़ रोगियों के लिए अच्छा है?
अदरक टाइप 2 डायबिटीज़ मरीज़ों में ब्लड शुगर लेवल और HbA1C को कम करने में मदद करता है। इसके उपयोग से फास्टिंग शुगर लेवल भी कम होते हैं। अदरक का ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड लो होता है जो डायबिटिक डाइट के लिए उपयुक्त है। यह इंसुलिन रेज़िस्टेंस को कम करता है और इंसुलिन प्रोडक्शन को बढ़ाता है। इसका सेवन इंसुलिन रिलीज को नियंत्रित करता है। अदरक ग्लूकोज, कुल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल-सी और एचडीएल-सी के प्लाज्मा स्तर में कमी लाता है। यह ट्राइग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करता है जो डायबिटीज़ मरीज़ों में हार्ट प्रॉब्लमस के रिस्क को कम करता है। अदरक के सप्लीमेंट लेने से FBS (फास्टिंग ब्लड शुगर), HbA1c, Apo B, Apo B/Apo A-I और MDA के स्तर में काफी कमी होती है और टाइप 2 डायबिटीज़ रोगियों में Apo A-I के स्तर में वृद्धि होती है। एक अध्ययन के अनुसार 2 ग्राम अदरक का सेवन करने से शुगर लेवल में 12% की कमी आती है। इस प्रकार डायबिटीज़ मरीज़ अदरक का सेवन करके अपने शुगर लेवल को नियंत्रित कर सकते हैं।
हर दिन कितना अदरक खाना अच्छा है?
अपने आहार में अदरक को शामिल करना अच्छा है लेकिन इसके अधिक सेवन से सीने में जलन, दस्त या पेट में परेशानी जैसी कुछ समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए आदर्श रूप से रोजाना 3-4 ग्राम अदरक का सेवन करना अच्छा होता है। यह पूरे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। आपके शरीर और व्यक्तिगत स्वास्थ्य के अनुसार भी इसकी मात्रा कम ज़्यादा की जा सकती है। जैसे गर्भवती महिलाओं को केवल 1 ग्राम अदरक ही प्रतिदिन लेनी चाहिए। इसलिए इसकी कितनी मात्रा सुरक्षित है, इसको निर्धारित करने से पहले अपनी स्वास्थ्य स्थिति को जानें और डॉक्टर से परामर्श लें।
अदरक स्वास्थ्य के लिए अच्छा क्यों है?
यह एक गुणकारी मसाला है जिसकी ताने के नीचे की जड़ या राइज़ोम का सेवन किया जाता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, जीवाणुरोधी (एंटीइंफ़्लेमेट्री) और एंटीवायरल गुण होते हैं जो इसके मेडीसीनल फ़ायदों के लिए ज़िम्मेदार है। इसमें पाए जाने वाले न्यूट्रीएंट्स इम्यूनिटी को मजबूत करने के काम आता है। यह शरीर को कई इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है। अदरक को मतली या उलटी जैसी समस्याओं के लिए एक “गो टू” दवा के रूप में उपयोग लिया जाता है। अदरक में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन, मिनरल व अन्य कम्पाउन्ड कई प्रकार के हेल्थ बेनेफिट्स देते हैं। यह हृदय स्वास्थ्य,बोन हेल्थ, पाचन तंत्र और ओरल हेल्थ में सुधार कर के उन्हें सशक्त बनाते है। इसके अलावा, इसमें मौजूद एंटीडायबिटिक गुण, ब्लड शुगर लेवल को कम करने और इंसुलिन सेंसीटिविटी को बढ़ाने का काम करते है। जिन लोगों को वैट कम करना है, वह भी अदरक को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा अदरक में पेनरिलीविंग गुण पाए जाते हैं। यह कई दर्द से राहत देता है जिसमें पीरियड पेन भी शामिल है।
क्या अदरक सर्दी-जुखाम में मदद करता है?
अदरक एक रोगाणुरोधी एजेंट (एंटीमाइक्रोबियल एजेंट) है क्योंकि इसमें एंटीवायरल और एंटीबेक्टेरियल गुण होते हैं। यह सामान्य सर्दी के लक्षणों जैसे गले में खराश, गले के संक्रमण, खांसी, जुखाम और छींक से राहत दिलाने में मदद करता है। यह फ्लू और बुखार के इलाज में भी मदद करता है। अदरक को गुनगुने पानी या अदरक की चाय के रूप में लेने से सर्दी-जुकाम के इलाज में मदद मिलती है। एक पारंपरिक दादी का नुस्खा के रूप में, यह हर भारतीय घर में सबसे अच्छी और सबसे ज़्यादा उपयोग की जाने वाली दवा है।
Disclaimer
This site provides educational content; however, it is not a substitute for professional medical guidance. Readers should consult their healthcare professional for personalised guidance. We work hard to provide accurate and helpful information. Your well-being is important to us, and we value your feedback. To learn more, visit our editorial policy page for details on our content guidelines and the content creation process.