Last updated on अक्टूबर 19th, 2023
जब बात डायबिटीज की होती है। तब हम कोई भी जूस पीने से पहले इस बात की चिंता जरूर करते हैं, कि आखिर इस जूस को पीने से शुगर तो नहीं बढ़ जाएगा? कहीं यह जूस पीने से डाबिटीज डाइट प्लान पर प्रभाव तो नहीं पड़ेगा। ऐसे में ही जब क्रैनबेरी जूस (करौंदे का जूस) की बात आती है तो इसे हम सुपरफूड की कैटेगरी में रखते हैं। सुपरफूड क्रैनबेरी अपने बहुत तेज और खट्टे स्वाद के कारण कई जूस, सॉस और डेजर्ट का हिस्सा है। लाभदायक न्यूट्रिशनल प्रोफाइल यानी पोषक तत्वों के होने के कारण इसे सुपरफूड कहा जाता है। अपने पोषक तत्वों के कारण, इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं जो हमारे ओवरऑल हेल्थ को बनाए रखने में मदद करते हैं। हालांकि हमने इस छोटे से फल का नाम कई बार सुना है, लेकिन फिर भी हम इसके फायदों और इससे मिलने वाले लाभों के बारे में बहुत कम जानते हैं। तो आइए इस ब्लॉग में मधुमेह में क्रैनबेरी जूस पीने से मिलने वाले लाभों और क्रैनबेरी की न्यूट्रिशनल प्रोफाइल सहित उन सभी बातों को जानते हैं, जिसके बारे में क्रैनबेरी जूस के सेवन से पहले जानना बेहद जरूरी है।
क्रैनबेरी क्या होता है?
क्रैनबेरी छोटे, लाल, गोल आकार के बेरीज होते हैं, जिनका स्वाद बहुत तेज खट्टा होता है। इसके खट्टेपन के कारण इसे कच्चा नहीं खाया जा सकता, इसलिए इसका उपयोग मुख्य रूप से सूखे या जूस के रूप में किया जाता है। सबसे आम किस्मों में से एक वैक्सीनियम मैक्रोकार्पोन है और इसकी खेती उत्तरी अमेरिका में खूब की जाती है। यह क्रैनबेरी का प्रमुख उत्पादक स्थान है। क्रैनबेरी को सुपरफूड के रूप में जाना जाता है क्योंकि वे शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। क्रैनबेरी के कई औषधीय उपयोग भी हैं।
क्रैनबेरी जूस और डायबिटीज
जो लोग टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित होते हैं, उनमें इंसुलिन रेजिस्टेंस होता है। यह एक ऐसी स्थिति होती है, जहां अग्न्याशय या तो पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या शरीर उत्पादित इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता है। इससे शरीर में शुगर का लेवल बढ़ जाता है। खान-पान की आदतें इन शुगर स्पाइक्स को कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसलिए टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों को अपने डायबिटीज को मैनेज करने के लिए डायबिटीज-फ्रेंडली डाइट लेने की सलाह दी जाती है।
क्रैनबेरी ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जो शरीर में शुगर के लेवल को कम करने में मदद करते हैं। इसलिए शुगर के मरीज के लिए क्रैनबेरी का सेवन एक अच्छा ऑप्शन माना जाता है। यह फल पॉलीफेनोल्स का एक समृद्ध स्रोत होता है, जो इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है। यह शुगर के लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए शरीर में इंसुलिन के ऑप्टिमल उपयोग को बढ़ावा देता है। इनके अलावा फ्लेवोनोइड्स जैसे कुछ प्लांट्स कंपाउंड भी ग्लूकोज के मेटाबॉलिज्म में मदद करते हैं, जो ग्लूकोज के उपयोग को कंट्रोल करते हैं।
यह एक हाई फाइबर वाला भोजन भी है, जो इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार के साथ-साथ आपके ब्लड फ्लो में ग्लूकोज के पाचन और अवशोषण को धीमा कर देता है। जिसके चलते क्रैनबेरी के सेवन से शुगर का लेवल नहीं बढ़ाता है। हालांकि कच्चे क्रैनबेरी खट्टे होते हैं, इसलिए हर कोई इन्हें कच्चा खाना पसंद नहीं करता है। इसलिए खाने के मामले में, सूखे क्रैनबेरी अच्छे ऑप्शन माने जाते हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्वों का लाभ पाने के लिए क्रैनबेरी शुगर-फ्री जूस भी एक अच्छा विकल्प है। डायबिटीज के मरीजों को मीठे या डिब्बाबंद क्रैनबेरी से बचना चाहिए क्योंकि मीठे या डिब्बाबंद क्रैनबेरी शुगर बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा यह भी ध्यान रखना चाहिए कि क्रैनबेरी जूस में कितनी मात्रा में चीनी होती है। तो इसका उत्तर है, इसमें 12 ग्राम तक शुगर हो सकती है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा नहीं होता है। इसलिए जूस के बजाय बिना मीठा जूस या सूखे क्रैनबेरी डायबिटीज के मरीजों के लिए “अच्छे” होते हैं। क्रैनबेरी जूस डायबिटीज के मरीजों पर कुछ प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
क्रैनबेरी की न्यूट्रिशनल वैल्यू
क्रैनबेरी में एंटीऑक्सीडेंट और अन्य न्यूट्रिएंट यानी पोषक तत्व हाई मात्रा में होते हैं, जिसे डाइट में शामिल करना अच्छा माना जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट, पानी और फाइबर से भरपूर होते है। इसमें प्रोटीन, विटामिन C, B, E और K, मिनिरल्स, फास्फोरस, पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक आदि जैसे कई पोषक तत्व होते हैं। क्रैनबेरी में लगभग 90% पानी होता है।
यह टेबल आधे कप क्रैनबेरी में मौजूद न्यूट्रिशनल वैल्यू और उनकी मात्रा के बारे में बताती है
क्रैनबेरी की न्यूट्रिशनल वैल्यू | ||||
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न्यूट्रिएंट्स (आधा कप क्रैनबेरी में) | इसकी मात्रा | |||
कैलोरी | 25 kcal | |||
फैट | 0.07 ग्राम | |||
प्रोटीन | 0.25 ग्राम | |||
कार्ब्स | 6.6 ग्राम | |||
फाइबर | 2 ग्राम | |||
कैल्शियम | 4.4 मिलीग्राम | |||
आयरन | 0.12 मिलीग्राम | |||
मैग्निशियम | 3.3 मिलीग्राम | |||
फॉस्फोरस | 6 मिलीग्राम | |||
पोटैशियम | 44 मिलीग्राम | |||
सोडियम | 1.1 मिलीग्राम | |||
जिंक | 0.05 मिलीग्राम | |||
विटामिन C | 7.7 मिलीग्राम | |||
फ्लोएट | 0.5 माइक्रोग्राम DFE | |||
विटामिन A | 35 इंटरनेशनल यूनिट(IU) | |||
विटामिन E | 0.72 मिलीग्राम | |||
विटामिन K | 2.75 माइक्रोग्राम |
इन आवश्यक न्यूट्रिएंट्स यानी पोषक तत्वों के अलावा, इसमें विटामिन B1, B2, B3 और B6 भी शामिल हैं। चूंकि यह कई एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, इसलिए क्रैनबेरी हृदय रोग, डायबिटीज, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन और कैंसर सहित कई पुरानी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को होने से रोकता है। क्रैनबेरी आंखों की रोशनी में भी सुधार करता है, साथ ही शरीर की इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है।
क्रैनबेरी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI)
क्रैनबेरी के सेवन के तरीके के आधार पर इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) अलग-अलग होता है। ताजा या कच्चे क्रैनबेरी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 42 होता है, जो कम जीआई होता है और इसे डायबिटीज के लिए एक सुरक्षित भोजन माना जाता है। वहीं क्रैनबेरी जूस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 59 होता है। इसके अलावा यदि आपने मीठे क्रैनबेरी का सेवन किया है तो इसका जीआई कच्चे क्रैनबेरी से थोड़ा अधिक 64 होता है, जो मीडियम जीआई की श्रेणी में आता है।
क्रैनबेरी का ग्लाइसेमिक लोड 5.5 जितना कम है।
क्या क्रैनबेरी शुगर के मरीजों के लिए अच्छा होता है?
क्रैनबेरी एक कम जीआई वाला फूड है। क्रैनबेरी में पॉलीफेनोल प्लांट माइक्रोन्यूट्रिएंट पोषक तत्व होता है, जो इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करता है। जिसके चलते क्रैनबेरी शुगर के मरीजों के लिए फूड के रूप में अच्छा ऑप्शन माना जाता है। क्रैनबेरी ब्लड शुगर के लेवल को नहीं बढ़ाता है। इसमें फाइबर भी होता है, जो भोजन से ग्लूकोज के टूटने को धीमा कर देता है। इस प्रकार ग्लूकोज धीरे-धीरे ब्लड फ्लो में प्रवाहित होता है और शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करता है। यह छोटा सा भोजन फ्लेवोनोइड्स जैसे कुछ आवश्यक प्लांट्स कंपाउंड से भरपूर होता है, जो ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करते हैं, जिसके चलते ब्लड ग्लूकोज का लेवल कंट्रोल में रहता है।
शुगर फ्री क्रैनबेरी जूस भी शुगर कंट्रोल के लिए एक अच्छा विकल्प होता है क्योंकि इसमें हाई पॉलीफेनोल्स के साथ कार्ब की मात्रा कम होती है। इसलिए कच्चे क्रैनबेरी फल या क्रैनबेरी जूस दोनों डायबिटीज वाले लोगों के लिए अच्छे हैं, खासकर बिना चीनी वाले और अधिक फायदेमंद माने जाते हैं। हालांकि इसके सेवन से पहले आपको इस बात की जानकारी जरूर होनी चाहिए, क्रैनबेरी जूस में शुगर 12 ग्राम तक हो सकता है, जो मधुमेह रोगियों के लिए उचित नहीं है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को सूखे क्रैनबेरी का सेवन करना चाहिए, जो स्वास्थ्य के नजरिए से अधिक फायदेमंद होता है।
क्रैनबेरी से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ
क्रैनबेरी शरीर के लिए जरूरी न्यूट्रिशनल में एंटीऑक्सीडेंट से लेकर विटामिन और मिनिरल्स तक का एक बड़ा स्पेक्ट्रम होता है। क्रैनबेरी में प्रमुख एंटीऑक्सीडेंट विटामिन सी, पॉलीफेनोल, फ्लेवोनोइड, मायरिकेटिन, पेओनिडिन, क्वेरसेटिन, उर्सोलिक एसिड और A-टाइप प्रोएंथोसायनिडिन होते हैं। यह फाइबर का एक समृद्ध स्रोत है, जिसमें पानी के साथ पेक्टिन, सेलूलोज़ और हेमिकेलुलोज़ शामिल होते हैं, जो ओवरऑल हेल्थ के लिए फायदेमंद होते हैं। आइए क्रैनबेरी के सेवन से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में और जानें:
हार्ट को हेल्दी बनाए रखना
क्रैनबेरी के एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण कई तरह से हार्ट को हेल्दी बनाए रखते हैं। यह शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल LDL को कम करता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल HDL को बढ़ाता है। समय के साथ क्रैनबेरी जूस का नियमित रूप से सेवन करने से HDL के उत्पादन को बढ़ावा मिलता है, जो कि हेल्दी हार्ट के लिए एक अच्छा संकेत होता है। इसके अलावा यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है और रक्त वाहिकाओं में इन्फ्लेमेशन को कम करता है। यह होमोसिस्टीन से वाहिकाओं को रोककर सुचारू रूप से ब्लड फ्लो को बनाए रखता है। इन सभी स्वास्थ्य लाभों से हार्ट को हेल्दी बनाए रखने में मदद मिलती है और स्ट्रोक, दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक आदि जैसी कई हृदय संबंधी स्थितियों को रोकने में मदद मिलती हैं।
डायबिटीज के लिए सुपरफूड
अगर आप डायबिटीज के मरीजों के लिए एक सुपरफूड खोज रहे हैं, तो क्रैनबेरी इसके लिए एकदम सही सुपरफूड है। यह कम जीआई वाला फूड है, जिसमें पॉलीफेनोल प्लांट माइक्रोन्यूट्रिएंट होता है जो इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करता है। इसलिए यह डायबिटीज वाले लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है। साथ ही यह ब्लड शुगर के लेवल को नहीं बढ़ाता है। इसमें फाइबर भी होता है, जो भोजन से ग्लूकोज के टूटने को धीमा कर देता है। इस प्रकार ग्लूकोज धीरे-धीरे ब्लड फ्लो में रिलीज होता है और शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करता है। यह छोटा सा भोजन फ्लेवोनोइड्स जैसे कुछ आवश्यक प्लांट्स के कंपाउंड्स का भी घर है। जो ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करते हैं। जिसके परिणामस्वरूप ब्लड ग्लूकोज का लेवल कंट्रोल होता है। बिना चीनी वाला क्रैनबेरी जूस भी शुगर कंट्रोल के लिए एक अच्छा विकल्प है क्योंकि इसमें हाई पॉलीफेनोल्स के साथ कार्ब की मात्रा कम होती है। इसलिए कच्चे क्रैनबेरी फल या क्रैनबेरी जूस दोनों ही डायबिटीज वाले लोगों के लिए अच्छे हैं। इसके अलावा, इसका फाइबर मोटापे को भी कम करता है जिससे टाइप 2 डायबिटीज से बचाव होता है।
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से बचाव
यूटीआई को रोकना क्रैनबेरी के सेवन का सबसे बड़ा स्वास्थ्य लाभ है। यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन ई.कोली बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक बैक्टेरियल इन्फेक्शन है। जो ब्लैडर वॉल या यूरिनरी ट्रैक्ट को प्रभावित करता है। महिलाओं को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है। क्रैनबेरी सप्लीमेंट या क्रैनबेरी जूस पीने से यूटीआई का खतरा कम हो सकता है। यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन की रोकथाम के लिए क्रैनबेरी के अच्छे होने का कारण A-टाइप प्रोएन्थोसाइनिडिन या कंडेंस्ड टैनिन नामक कंपाउंड की उपस्थिति है। यह बार-बार यूटीआई होने की संभावना को कम करने में मदद करता है, यह इलाज नहीं बल्कि रोकथाम में मदद करता है।
गैस्ट्रिक अल्सर और पेट के कैंसर को रोकने में मददगार
क्रैनबेरी में ए-टाइप प्रोएन्थोसाइनिडिन की मौजूदगी अल्सर और पेट के कैंसर को होने से रोकने में मदद करती है। पेट के कैंसर का प्रमुख कारण एच.पायलोरी बैक्टीरिया है, जो पेट की दीवारों पर पनपता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि क्रैनबेरी जूस या सप्लीमेंट लेने से पेट के कैंसर और अल्सर का खतरा कम हो जाता है।
पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है
क्रैनबेरी एक फल है, जो आंत में अच्छे बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देता है और प्रोबायोटिक के रूप में कार्य करता है। साथ ही यह एक हाई फाइबर वाला भोजन होता है। जिसमें पेक्टिन, सेल्युलोज और हेमिकेलुलोज जैसे अघुलनशील फाइबर होते हैं। ये अघुलनशील फाइबर मल त्याग में सुधार करके पूरे पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। क्रैनबेरी अपच और कब्ज को रोकने में भी मदद करता है।
इम्यूनिटी बूस्ट करने में मददगार
क्रैनबेरी कई एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और मिनिरल्स का एक समृद्ध स्रोत है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। यह शरीर को विभिन्न संक्रमणों से लड़ने के लिए तैयार करता है। क्रैनबेरी के नियमित सेवन से रोग रजिस्टेंस क्षमता मजबूत होती है।
वजन को मैनेज करना
क्रैनबेरी जूस वजन घटाने में भी मदद करता है। यह शरीर से चर्बी कम करता है और मोटापे के खतरे को कम करता है। फाइबर युक्त डाइट का नियमित सेवन करने से आपको लंबे समय खाने से मन भरा जैसा महसूस कराता है और आपकी अनावश्यक और असामयिक भूख पर रोक लगाता है।
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखना
क्या आपको इस बात की जानकारी है कि क्रैनबेरी फल या जूस की महत्वपूर्ण भूमिकाओं में से एक ब्लडप्रेशर को नॉर्मल रेंज में बनाए रखता है।
इसका एंथोसायनिन कंपाउंड धमनियों को शिथिल बनाकर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। इसके अलावा यह धमनियों से LDL खराब कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है, जिससे ब्लड फ्लो सुचारू रूप से होता है, जो ब्लडचाप को कंट्रोल करता है।
ओमेगा 3-फैटी एसिड का नेचुरल सोर्स
ओमेगा 3 फैटी एसिड शरीर द्वारा निर्मित नहीं किया जा सकता है, इसलिए हमें उनके लिए बाहरी स्रोत पर निर्भर रहना पड़ता है। क्रैनबेरी ओमेगा-3 फैटी एसिड के अच्छे स्रोतों में से एक है। यह बेहतर हृदय और मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
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क्रैनबेरी खाने के तरीके
क्रैनबेरी को कई तरीकों से खाया जा सकता है लेकिन क्रैनबेरी खाने का सबसे सुरक्षित और स्वास्थ्यप्रद तरीका इसे कच्चे रूप में खाना बेहतर होता है। हालांकि इसका तेज खट्टा स्वाद कई लोगों के लिए टेस्टी नहीं हो सकता है, लेकिन कच्चे क्रैनबेरी के माध्यम से इसके सभी लाभ प्राप्त करना सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। क्रैनबेरी को अपनी डाइट में शामिल करने के अन्य कई तरीके हैं:
- इसे हेल्दी और स्वादिष्ट नाश्ता बनाने के लिए अपने सलाद में शामिल करें
- स्वादिष्ट तरीके से इसके लाभों का आनंद लेने के लिए इसमें कुछ स्मूदी मिलाएं
- क्रैनबेरी का सॉस में भी इस्तेमाल किया जा सकता है
- ओटमील और अनाज को स्वादिष्ट बनाने के लिए उनमें क्रैनबेरी मिलाएं।
- आप इन्हें पाई, कुकीज़ और मफिन में भी मिला कर खा सकते हैं।
- अधिक लाभ के लिए बिना चीनी वाला क्रैनबेरी जूस पीने का प्रयास करें कुछ स्वाद जोड़ने के लिए, इसे कुछ अन्य जूस या मॉकटेल में मिलाया जा सकता है।
क्रैनबेरी के साइड इफेक्ट्स
जैसा कि हमने ऊपर चर्चा की है, क्रैनबेरी या बिना चीनी वाले क्रैनबेरी जूस का कच्चा सेवन इसे सुपरफूड बनाता है, लेकिन फिर भी क्रैनबेरी खाने के कुछ नुकसान या दुष्प्रभाव भी होते हैं। ऐसे कुछ मामले हैं जहां क्रैनबेरी को आपकी डाइट में शामिल करने की सलाह नहीं दी जाती है। ऐसे मामले हैं:
- क्रैनबेरी का अत्यधिक सेवन आपके पेट के स्वास्थ्य या पेट के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे पेट खराब हो सकता है और आपको दस्त हो सकता है।
- किडनी में स्टोन होने की स्थिति वाले लोगों को क्रैनबेरी के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि इससे स्थिति और खराब हो सकती है। किडनी स्टोन ऑक्सालेट के संचय होने का परिणाम है और चूंकि क्रैनबेरी में ऑक्सालेट होता है, इसलिए इसकी गंभीरता का खतरा बढ़ सकता है।
- कई लोगों को कुछ एसिड से एलर्जी होती है। क्रैनबेरी में सैलिसिलिक एसिड होता है जो नाक बहना, खुजली या स्किन पर चकत्ते जैसी एलर्जी का कारण बन सकता है।
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निष्कर्ष
अगर संक्षेप में बात की जाए तो इस सुपरफूड के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। जिनमें हृदय के लिए अच्छा से लेकर डायबिटीज मैनेजमेंट, यूटीआई और कुछ कैंसर की रोकथाम, इम्यूनिटी को बढ़ावा देना और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना शामिल है। ब्लूबेरी परिवार का यह छोटा फल अपनी बेसट न्यूट्रिशनल प्रोफाइल के कारण ये सकारात्मक प्रभाव रखता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर, विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो ओवरऑल हेल्थ को प्रोत्साहित करते हैं। तो हेल्दी लाइफ के लिए मात्रा, सेवन के तरीके और एलर्जी को ध्यान में रखते हुए इस सुपरफूड को अपनी डाइट में शामिल करें।\
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
क्रैनबेरी के प्रमुख स्वास्थ्य लाभ क्या हैं?
क्रैनबेरी के खाने और जूस पीने के स्वास्थ्य संबंधी ढेरों फायदे हैं। जो कई स्वास्थ्य जरूरतों की भरपाई करने में मदद करता है। यह प्रमुख खाद्य पदार्थों में से एक है, जिसमें कई शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। जो पुराने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के जोखिमों को कम करने के लिए आवश्यक होते हैं। यह ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करता है, जिससे हृदय स्वस्थ रहता है। क्रैनबेरी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन को भी रोकता है और हमारे शरीर की इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है। यह पाचन तंत्र के लिए भी अच्छा होता है और डायबिटीज को मैनेज करने में मददगार साबित होता है। इतना ही नहीं, शरीर में होने वाले कुछ कैंसर से भी हमें बचाता है।
क्रैनबेरी यूटीआई को रोकने में कैसे मदद करते हैं?
यूटीआई को रोकना क्रैनबेरी के सेवन का सबसे बड़ा स्वास्थ्य लाभ है। यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन ई.कोली बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक बैक्टेरियल इन्फेक्शन है। जो ब्लैडर वॉल या यूरिनरी ट्रैक्ट को प्रभावित करता है। महिलाओं को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है। क्रैनबेरी सप्लीमेंट या क्रैनबेरी जूस पीने से यूटीआई का खतरा कम हो सकता है। यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन की रोकथाम के लिए क्रैनबेरी के अच्छे होने का कारण A-टाइप प्रोएन्थोसाइनिडिन या कंडेंस्ड टैनिन नामक कंपाउंड की उपस्थिति है। यह बार-बार यूटीआई होने की संभावना को कम करने में मदद करता है, यह इलाज नहीं बल्कि रोकथाम में मदद करता है।
मुझे क्रैनबेरी जूस कब पीना चाहिए?
क्रैनबेरी कई एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन से भरपूर होते हैं, जो स्वस्थ शरीर और अंगों के लिए आवश्यक होते हैं। क्रैनबेरी जूस के सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं और इसे पीने का सबसे अच्छा समय सुबह का होता है। इसका सबसे अच्छा परिणाम खाली पेट मिलता है।
डायबिटीज में कितनी क्रैनबेरी खानी चाहिए?
डायबिटीज के मरीजों के लिए एक कप क्रैनबेरी का सेवन करना बेस्ट माना जाता है। यदि इसे जूस के रूप में लिया जा रहा है, तो यह 125 मिलीलीटर से अधिक नहीं होना चाहिए, ध्यान रहे यह मीठा न हो।
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