इंसुलिन की खोज से पहले, शुगर एक लाइलाज समस्या थी। लोग अपने खाने से पोषण नहीं ले पाते थे और दुबले-पतले और कुपोषित हो जाते थे। इस समस्या को मैनेज करने के लिए सख्त परहेज़ और कम कार्बोहाइड्रेट खाने की ज़रूरत होती थी। फिर भी, ये उपाय भी इंसुलिन से मौत की दर को कम करने …
आयुर्वेद में शुगर (डायबिटीज) को शुगर कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लड में ग्लूकोज (शुगर) का स्तर बहुत अधिक होता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो शरीर को ग्लूकोज का उपयोग करने में मदद करता है। जब शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग …
डायबिटीज़ होने पर जीवन मुश्किल हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं। भले ही डायबिटीज़ में कई लोगों के लिए इंसुलिन जरूरी है, लेकिन कुछ तरीके अपनाकर इंसुलिन पर निर्भरता कम की जा सकती है और सेहत को भी बेहतर बनाया जा …
इन्सुलिन एक ऐसा हार्मोन है जो शुगर के मरीजों के लिए बहुत ही जरूरी होता है, ब्लड शुगर लेवल को सही बनाए रखने में मदद करता है। शुगर की समस्या की वजह से जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन नही बन पाता तो शुगर के मरीजों को इसे बाहर से लेने की जरूरत होती है। …
इंसुलिन शरीर के लिए बहुत जरूरी हॉर्मोन है। यह खाने को शरीर को ताकत देने वाले पदार्थ में बदलने में मदद करता है और खून में शुगर की मात्रा को नियंत्रित रखता है। इंसुलिन की कमी से होने वाला रोग शुगर (diabetes) है। शुगर (डायबिटीज) होने पर शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता या …
टाइप 2 शुगर वाले लोग ठीक से इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाते हैं क्योंकि या तो उनके पैंक्रियाज (अग्न्याशय) ने जरूरी इंसुलिन का उत्पादन बंद कर दिया है या कोशिकाएं इंसुलिन का सही से उपयोग नहीं कर सकती हैं। तब उन्हें इंसुलिन थेरेपी या इंसुलिन इंजेक्शन लेने की सलाह दी जाती है। इंसुलिन का महत्व …