डायबिटीज फ्रेंडली पोहा का ब्लड शुगर लेवल पर क्या असर होता है?

पोहा में कार्ब्स की मात्रा:  - पोहा में प्रति सर्विंग लगभग 50 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। - जिससे निरंतर एनर्जी मिलती है।

जीआई और ब्लड शुगर:   मध्यम ग्लाइसेमिक इंडेक्स ब्लड शुगर लेवल में मध्यम वृद्धि की ओर ले जाता है। उच्च जीआई खाद्य पदार्थों की तुलना में तेजी से ब्लड शुगर बढ़ने की संभावना कम होती है।

फाइबर की भूमिका:   पोहा में मौजूद फाइबर शर्करा के अवशोषण को धीमा करता है।  स्थिर रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।

प्रोटीन पेयरिंग का महत्व:   मूंगफली या दही जैसे प्रोटीन के साथ पोहा खाने से रक्त शर्करा स्थिर हो सकती है। भोजन के बाद ग्लूकोज स्पाइक्स को कम करता है।

पोर्शन साइज मैनेजमेंट:  - भागों को नियंत्रित रखने से अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट का सेवन रोका जा सकता है। प्रति सर्विंग एक कप का लक्ष्य रखें।

पोहा कब खाएं?:  - संतुलित नाश्ते के हिस्से के रूप में पोहा खाने से पूरे दिन रक्त शर्करा को बनाए रखने में मदद मिल सकती है। रात भर ग्लूकोज स्पाइक्स को रोकने के लिए देर रात के खाने से बचें।

पोहा के साथ स्मार्ट भोजन:  - हाई फाइबर, कम-जीआई खाद्य पदार्थों के साथ मिलाएं। खाने के बाद अपने रक्त शर्करा के स्तर की निगरानी करें, ताकि यह देखा जा सके कि आपका शरीर कैसे प्रतिक्रिया करता है।