शुगर या डायबिटीज, जिसे सामान्यतः बढ़ते आंकड़ों के साथ जोड़ा जाता है, आजकल की तेजी से बढ़ती बीमारियों में से एक है। आधुनिक जीवनशैली, खानपान की बदलती आदतें, और तनाव की अधिकता के कारण यह समस्या बढ़ रही है। हालांकि दवाओं का उपयोग बहुत कारगर है, पानी से शुगर का इलाज करने में भी मदद मिल सकती है।
शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में पानी का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। सुबह उठते ही गर्म पानी का सेवन करने से शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। यह शरीर को साफ और स्वस्थ रखने में सहारा प्रदान करता है, जिससे शुगर लेवल कम होता है।
पानी की उपयोगिता में से एक और महत्वपूर्ण तत्व है कि यह शरीर को उचित तापमान पर बनाए रखने में मदद करता है। शुगर के मरीज़ों के लिए यह और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनका शरीर सामान्य से ज्यादा तापमान का सामना करने में कमजोर हो सकता है। यदि शरीर में पर्याप्त पानी नहीं है, तो यह तापमान को सामान्य सीमा से अधिक बढ़ने से रोकने के लिए मुश्किल हो सकता है।
एक अन्य महत्वपूर्ण पहलु है कि पानी का सेवन करने से ब्लड फ्लो बेहतर होता है, जिससे खून में शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है। पानी की मात्रा का बढ़ाना और नियमित अंतराल में पानी पीना शुगर के मरीज़ों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
यह भी साबित हुआ है कि पानी का सेवन करने से वजन कम करने में भी मदद मिलती है, जिससे शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इससे इंसुलिन का उत्पाद भी सही होता है।
अगर किसी को शुगर की समस्या है, तो उन्हें रोज़मर्रा की जीवनशैली में पानी की मात्रा को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका शरीर सही से हाइड्रेटेड रहता है और उनका सामान्य शारीरिक स्वास्थ्य बना रहता है। इसके अलावा, व्यायाम (एक्सरसाइज), सही आहार, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना भी महत्वपूर्ण है ताकि शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिले।
पानी का सेवन शुगर के लेवल को कम करने में एक सुरक्षित और प्राकृतिक उपाय है, जो व्यक्ति को स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है। इससे न केवल शुगर के लेवल कम होता है, बल्कि एक स्वस्थ और ऊर्जावान जीवनशैली की दिशा में बदलाव भी होता है।
डिहाइड्रेशन और ब्लड शुगर
डिहाइड्रेशन और ब्लड शुगर का आपस में गहरा संबंध है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:
डिहाइड्रेशन क्या है?
जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है, तो उसे डिहाइड्रेशन कहा जाता है। यह अत्यधिक पसीना आना, दस्त, उल्टी, या पर्याप्त पानी न पीने के कारण हो सकता है।
डिहाइड्रेशन कैसे ब्लड शुगर को प्रभावित करता है?
- खून गाढ़ा हो जाता है: डिहाइड्रेशन से खून गाढ़ा हो जाता है। इससे शरीर को रक्त कोशिकाओं को सभी कोशिकाओं तक ले जाने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है।
- गुर्दे पर अतिरिक्त भार: गुर्दे का काम शरीर से अतिरिक्त पानी और अपशिष्ट को बाहर निकालना है। डिहाइड्रेशन से गुर्दे पर अतिरिक्त भार पड़ता है, जिससे वे रक्त शर्करा को ठीक से बाहर नहीं निकाल पाते हैं, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है।
- इंसुलिन का कम प्रभाव: इंसुलिन एक हार्मोन है जो शरीर को ब्लड शुगर का उपयोग करने में मदद करता है। डिहाइड्रेशन से इंसुलिन का प्रभाव कम हो सकता है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है।
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डायबिटीज और डिहाइड्रेशन का खास संबंध
- डायबिटीज वाले लोगों को डिहाइड्रेशन का खतरा अधिक होता है, क्योंकि उनका शरीर पहले से ही रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में संघर्ष कर रहा होता है।
- डिहाइड्रेशन डायबिटीज के लक्षणों को बदतर कर सकता है। जैसे कि- प्यास, थकान, और पेशाब का बार-बार आना।
इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप हाइड्रेटेड रहें, खासकर अगर आपको डायबिटीज है।
कुछ सुझाव:
- हर दिन पर्याप्त पानी पीयें। आमतौर पर महिलाओं को कम से कम 1.6 लीटर और पुरुषों को कम से कम 2 लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है। लेकिन अपनी ज़रूरत के अनुसार मात्रा को एडजस्ट करें।
- गर्म मौसम में या अधिक पसीना आने पर पानी का सेवन बढ़ाएं।
- कैफीन और शराब का सेवन कम करें, क्योंकि ये शरीर से पानी बाहर निकालते हैं।
- पानी के अलावा, अन्य तरल पदार्थ जैसे कि नारियल पानी, छाछ, या बिना चीनी वाला नींबू पानी भी पिए जा सकते हैं।
अगर आपको डिहाइड्रेशन के लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे कि चक्कर आना, सिरदर्द, या गहरे रंग का पेशाब, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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कैसे पानी पीने से ब्लड शुगर कम हो सकता है?
पानी पीने से सीधे तौर पर ब्लड शुगर कम नहीं होता, लेकिन ये इसे प्रबंधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है साथ ही हम यह भी समझ सकते है की कैसे पानी से शुगर का इलाज करें। आइए समझें कैसे:
- खून को पतला करना: जब आप डिहाइड्रेट होते हैं, तो आपका खून गाढ़ा हो जाता है। इससे शरीर की रक्त कोशिकाओं को सभी कोशिकाओं तक रक्त पहुंचाने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है। पर्याप्त पानी पीने से खून पतला रहता है और रक्त संचार भी अच्छा रहता है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में आपकी मदद करता है।
- ग्लूकोज को बाहर निकालना: किडनी का काम शरीर से अतिरिक्त पानी और अशुद्धियों मूत्र के द्वारा बाहर निकालना है। जब आप पर्याप्त पानी पीते हैं, तो किडनी को ये काम आसानी से करने में मदद मिलती है। इससे वह ब्लड शुगर को भी बेहतर तरीके से बाहर निकाल पाती हैं, जिससे ब्लड शुगर कम रहता है।
- इंसुलिन के प्रभाव को बढ़ाना: इंसुलिन एक हार्मोन है जो शरीर को ब्लड शुगर का उपयोग करने में मदद करता है। पर्याप्त पानी पीने से शरीर में इंसुलिन का प्रभाव बढ़ सकता है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है।
- भूख कम करना: कई बार हमें प्यास लगती है, लेकिन हम उसे भूख समझ बैठते हैं और खाना खा लेते हैं। इससे ब्लड शुगर बढ़ सकता है। पानी पीने से भूख कम लगती है और आप बेवजह खाने से बचते हैं, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
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स्वस्थ रक्त शुगर के लिए कितना पानी पीना चाहिए?
भले ही पानी सीधे तौर पर ब्लड शुगर कम नहीं करता, यह इसे प्रबंधित करने में अहम भूमिका निभाता है। सही मात्रा में पानी पीने से खून पतला रहता है, ग्लूकोज बाहर निकलता है, इंसुलिन प्रभावी होता है और भूख कम लगती है, जो सब मिलकर ब्लड शुगर को संतुलित रखने में मदद करते हैं। इस प्रकार से आप पानी से शुगर का इलाज करने में मदद मिलेगी।
लेकिन सवाल है कि कितना पानी पीयें?
एक सामान्य नियम के तौर पर, महिलाओं को कम से कम 1.6 लीटर और पुरुषों को कम से कम 2 लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है। पर यह सिर्फ शुरुआत है। अपनी व्यक्तिगत ज़रूरत के हिसाब से पानी का सेवन बढ़ाना-घटाना जरूरी है। एक व्यक्ति को दिन में कम से कम 8-10 गिलास (64-80 औंस) पानी पीना चाहिए। हालांकि, यह संख्या बदल सकती है और किसी व्यक्ति की आवश्यकताओं और स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर विभिन्न हो सकती है।
डायबिटीज़ व्यक्तियों के लिए, पानी का सही मात्रा भी ग्लूकोज स्तरों को प्रभावित कर सकती है। सबसे अच्छा है कि आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उनसे अपनी स्थिति के लिए सही पानी की मात्रा की जानकारी प्राप्त करें।
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अधिक पानी पीने के आसान टिप्स
सही मात्रा में पानी पीना सेहत के लिए बेहद ज़रूरी है, लेकिन अक्सर हम भूल जाते हैं या इसे प्राथमिकता नहीं देते। ये सरल टिप्स आपको पूरे दिन हाइड्रेटेड रहने में मदद करेंगी:
- अपनी पानी की बोतल को अपना साथी बनाये: हमेशा अपने पास एक पुनः प्रयोग करने योग्य पानी की बोतल रखें और उसे बार-बार भरते रहें। बोतल को देखते रहने से पानी पीने की याद आएगी।
- एक शेड्यूल बनाये: दिनभर पानी पीने का शेड्यूल बनाएं और अलार्म लगा लें। हर घंटे एक घूंट या कुछ घूंट पानी ज़रूर पीयें। आप अपने फ़ोन में भी एक तरह का रिमाइंडर लगा सकते है जो आपको हर घंटे पानी पीने की याद दिलाता रहेगा।
- पानी को स्वादिष्ट बनाये: सादा पानी थोड़ा उबाऊ लग सकता है। उसमें नींबू, संतरा, खीरा, पुदीना या अदरक के टुकड़े डालकर उसे ताज़ा और स्वादिष्ट बनाएं।
- फल खाये: फलों में भी काफी पानी होता है। तरबूज, खरबूज, मौसमी, संतरा जैसे पानी से भरपूर फल खाने से हाइड्रेट रहने में मदद मिलती है।
- कैफीन और शराब को सीमित करें: ये पेय शरीर से पानी बाहर निकालने का काम करते हैं। इनका सेवन सीमित करें और इनके बदले पानी पीयें।
- पेशाब का रंग पर ध्यान दें: गहरे पीले रंग का पेशाब डिहाइड्रेशन का संकेत है। पेशाब का रंग हल्का पीला या साफ होना चाहिए।
- एप्स का इस्तेमाल करें: कई ऐप्स हैं जो आपको पानी पीने की याद दिलाती हैं और आपकी तरल पदार्थ के सेवन को ट्रैक करती हैं।
छोटे-छोटे बदलाव भी बड़ा असर डालते हैं। इन टिप्स को अपनाकर पूरे दिन हाइड्रेटेड रहें और स्वस्थ रहें!
आयु वर्ग | गैर-मधुमेह (मिलीलीटर/दिन) | मधुमेह (मिलीलीटर/दिन) |
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0-12 महीने | 800-1000 | 900-1100 |
1-3 साल | 1100-1300 | 1200-1400 |
4-8 साल | 1300-1500 | 1400-1600 |
9-13 साल | 1500-1800 | 1600-2000 |
14-18 साल | 1800-2300 | 2000-2500 |
19-30 साल | 2300-2800 | 2500-3000 |
31-50 साल | 2800-3200 | 3000-3500 |
51+ साल | 2500-3000 | 2700-3200 |
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निष्कर्ष
पानी रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डायबिटीज रोगियों के लिए पानी का सेवन ज़रूरी है। पानी के साथ, स्वस्थ आहार, व्यायाम और दवाएं भी ज़रूरी हैं।
पानी शुगर से प्रभावित लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण जीवन रक्षक है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है, डिहाइड्रेशन को रोकता है, और स्वास्थ्य में सुधार करता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
हां, डायबिटीज़ के मरीज़ों को विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वे प्रतिदिन संतुलित रूप से पानी पीते रहें और अपने डॉक्टर से अपनी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार पानी की मात्रा को निर्धारित करें।
हाँ, हर्बल टी, काफीन नहीं रखने वाली चाय, और सुगर-फ्री ड्रिंक्स भी उपयोगी हो सकते हैं, लेकिन इन्हें मानक पानी के साथ संतुलित रूप से पीना हमेशा उत्तम है।
हाँ, डायबिटिक्स को अधिक पानी पीना चाहिए, क्योंकि पानी उनके रक्तमें शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है और किडनीज़ को सही ढंग से काम करने में मदद कर सकता है।
यह व्यक्ति की आयु, व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति, और जीवनशैली पर निर्भर करता है, लेकिन सामान्यतः बच्चे लगभग 4-9 कप, युवा और वयस्क 8-11 कप पानी पी सकते हैं।
पानी से शुगर का इलाज विभिन्न तरीकों से हो सकता है। पानी से शुगर का इलाज का मुख्य तत्व है कि यह रक्त में घूमते हुए शुगर की मात्रा को पतला करके शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
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