चना मानव द्वारा उगाई जाने वाली सबसे पुरानी फसलों में से एक है। यह भारत, यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और भूमध्यसागरीय देशों में विशेष रूप से लोकप्रिय है। चना प्रोटीन के एक प्रमुख सोर्स के रूप में काम करता है। इसे तीन मुख्य प्रकारों में बांटा गया है, देसी/काला चना, सफ़ेद/काबुली चना, और चना दाल। ये अंतर बीज के आकार, रंग और स्वाद के कारण होता है। हैं, इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों की वजह से चना को शुगर मैनेजमेंट में अहम रूप से शामिल किया जा सकता है। आइए इस ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं कि चना शुगर के लिए किस प्रकार से अच्छा है।
चने के प्रकार:
1. सफ़ेद चना:
अंग्रेजी में चना या बंगाली चना के रूप में जाना जाने वाला सफेद चना पोषक तत्वों से भरा हुआ है। अपने स्वाद के अलावा यह हेल्दी डाइट का एक अहम हिस्सा हो सकता है। सफेद चना के कई लाभों में से एक है इसमें पाया जाने वाला हाई-फाइबर जिसके कारण वजन घटाने में ये लाभकारी हो सकता है।
2. काबुली चना:
सबसे पहले उगाई जाने वाली चीजों में से एक माना जाने वाला काबुली चना आकार में छोटा, सख्त, गांठदार रूप जैसा दिखता है। इसका पौष्टिक स्वाद, इसकी बनावट और लो-फैट इसे काफी फायदेमंद बनाते हैं। सलाद, स्टू या करी में शामिल किया जा सकता है, काबुली चना व्यंजनों में एक अलग स्वाद लाता है, जिससे यह सबका पसंदीदा बन जाता है।
3. चना दाल:
चना दाल भारतीय व्यंजनों में अपना एक विशेष स्थान रखती है, लोकप्रिय होने के साथ-साथ यह अपने न्यूट्रिशन वैल्यू और अच्छे स्वाद के लिए भी जानी जाती है। मीठे और नमकीन दोनों प्रकार के व्यंजनों में इसका उपयोग किया जाता है और इसके गुणों को देखते हुए इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि यह दाल विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में अपना अहम स्थान रखती है।
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चने का पोषण मूल्य(न्यूट्रिशन वैल्यू):
चने का पोषण मूल्य चने के प्रकार के अनुसार अलग-अलग होता है।
काला चना:
प्रति सर्विंग 130 कैलोरी में प्रोटीन, फाइबर, आयरन, फोलेट और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
भुना चना:
प्रति 20 ग्राम में 70 कैलोरी पाई जाती है। 4 ग्राम प्रोटीन, 12 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और जरूरी पोषक तत्व जैसे कैल्शियम और आयरन भी पाया जाता है।
उबला चना:
प्रति सर्विंग 141 कैलोरी प्रदान करता है, जो इसे विभिन्न व्यंजनों के लिए काफी पौष्टिक विकल्प बनाता है।
सफेद चना:
प्रति सर्विंग 164 कैलोरी के साथ यह प्रोटीन और अन्य जरूरी पोषक तत्वों के अच्छे सोर्स के रूप में काम करता है।
दाल (दाल):
प्रोटीन का लो-फैट सोर्स(4.2 ग्राम) और फाइबर (13 ग्राम), लो-सैचुरेटेड फैट(0.6 ग्राम), कोलेस्ट्रॉल (0 मिलीग्राम) पाया जाता है, जो इसे न्यूट्रिशन का एक बेहतर विकल्प बनाता है।
चने का प्रकार | कैलोरी (प्रति 130 ग्राम सर्विंग) | प्रोटीन (ग्राम) | फाइबर (ग्राम) | आयरन (मिलीग्राम) | फोलेट (एमसीजी) | एंटीऑक्सीडेंट |
---|---|---|---|---|---|---|
काला चना | 130 | 7.8 | 6.2 | 2.5 | 150 | हाई |
भुना चना | 70 (प्रति 20 ग्राम सर्विंग) | 4 | 8 | 1 | 18 | मॉडरेट(मीडियम) |
उबला चना | 141 | 7.7 | 5.9 | 2.2 | 130 | मॉडरेट(मीडियम) |
सफेद चना | 164 | 8.7 | 5.4 | 3.1 | 160 | मॉडरेट(मीडियम) |
चना दाल | 300 | 7.6 | 13.2 | 2.3 | 120 | मॉडरेट(मीडियम) |
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क्या चना शुगर के लिए अच्छा है?
ब्लड शुगर लेवल पर उल्लेखनीय प्रभाव के कारण चना शुगर के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है।
1. चना का ग्लाइसेमिक इंडेक्स:
चने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 28 है जो कम है है इस कारण यह धीरे-धीरे डाईजेस्ट होता है और भोजन के बाद ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ने से रोकता है। ब्लड फ्लो में ग्लूकोज धीरे-धीरे रिलीज होने से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
2. ब्लड शुगर लेवल के लिए लाभदायक:
चने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जिससे यह भोजन के बाद ब्लड शुगर को अच्छे तरह से कंट्रोल में रखता है। भोजन में चना शामिल करने से ब्लड शुगर लेवल को बेहतर बनाए रखने में मदद मिलती है।
3. भरपूर फाइबर:
चना में पाया जाने वाला फाइबर कार्बोहाइड्रेट के डाईजेशन को धीमा कर देता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल तेजी से नहीं बढ़ता है।
4. प्रोटीन:
प्रोटीन वाली चीजें जैसे चना का ब्लड शुगर पर काफी सकारात्मक प्रभाव देखा गया है। प्रोटीन शुगर को एब्जॉर्ब करने की गति को धीमा करने में मदद करता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल को ज्यादा अच्छे से कंट्रोल किया जा सकता है।
चने का लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स, हाई-फाइबर और प्रोटीन का मिला जुला साथ ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ने से रोकने में मदद करता है। इस कारण यह शुगर के मरीजों के लिए ज्यादा सुविधाजनक माना जाता है। चना को अपने डाइट में शामिल करने से शुगर के मरीजों अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखते हुए पौष्टिक भोजन का आनंद ले सकते हैं।
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चने के फायदे: वजन घटाने के लिए चना चना खाने के फायदे:
चना वजन कम करने के डाइट का एक अहम हिस्सा हो सकता है, जो कई प्रकार के लाभ प्रदान करने के साथ-साथ प्रभावी वजन मैनेजमेंट में योगदान देता है।
1. संतुष्टि को बढ़ाता है:
चना भूख को रोकने और संतुष्टि को बढ़ावा देने में मदद करता है, जो वजन घटाने के लिए जरूरी है। एनसीबीआई के रिसर्च से संकेत मिलता है कि चना आपको लंबे समय तक एनर्जी दे सकता है जिससे कुल कैलोरी सेवन को कम किया जा सकता है और वजन घटाने में मदद मिल सकती है।
2. भरपूर प्रोटीन:
चने में ज्यादा मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, जो मांसपेशियों के निर्माण और मरम्मत के लिए फायदेमंद होता है। स्वस्थ मांसपेशियाँ मेटाबॉलिज्म को सही करती हैं। चने में मौजूद प्रोटीन से एनर्जी के साथ-साथ ओवर इटिंग से बचने में मदद मिलती है।
3.फाइबर की अच्छी मात्रा:
चना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है और घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर का एक अच्छा सोर्स है। फाइबर डाईजेशन की गति को धीमा करके, भूख को कम करता है और वजन घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चने में मौजूद फाइबर अनावश्यक रूप से भूख लगने की इच्छा(ओवर इटिंग) को खत्म करता है।
4. लो-फैट:
पके हुए चने के प्रति 100 ग्राम में केवल 3 ग्राम फैट पाया जाता है जो वजन कम करने में मदद कर सकता है। अपने इस गुण के कारण चना प्रोटीन के अन्य सोर्स से बेहतर होता है। चना से वजन मैनेजमेंट के लिए कैलोरी कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
5. गुड फैट का अच्छा सोर्स:
चना दाल में पॉलीअनसेचुरेटेड और मोनोअनसेचुरेटेड फैट सहित गुड फैट का 70% होता है। ये फैट वजन बढ़ाने में योगदान नहीं देते हैं और वजन घटाने में भी सहायता कर सकते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि ये फैट हार्ट के लिए फायदेमंद होते हैं और सूजन जैसी समस्या से भी बचाते हैं।
6. लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स:
चने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 28 होता है जो काफी कम है, जिससे ब्लड शुगर लेवल तेजी से नहीं बढ़ता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने की वजह से यह धीरे-धीरे डाईजेस्ट होता है और अनावश्यक रूप से खाने की इच्छा को समाप्त करता है, जिससे वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
7. भरपूर एंटीऑक्सीडेंट:
चना में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स पाया जाता है, जिसमे फ्लेवोनोइड्स मुख्य है। इससे सूजन जैसी समस्याओं से बचने में मदद मिलती है। एनसीबीआई के शोध से पता चलता है कि ये एंटीऑक्सिडेंट संपूर्ण स्वास्थ्य में योगदान दे सकते हैं और वजन घटाने में मदद कर सकते हैं।
चना वजन घटाने के लिए अच्छा है और चने को अपने डाइट में सूप, स्टू, या करी के रूप में शामिल कर सकते हैं। यह वजन घटाने में आपकी मदद कर सकता है।
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शुगर में भुना चना
हमारे खाने पीने के व्यंजनों की लिस्ट काफी लम्बी है, इन सभी चीजों का अपना एक अलग स्वाद है और ये हमारे लिए काफी फायदेमंद भी होते हैं, लेकिन शुगर के मरीजों के लिए खाने की चीजों को बहुत सावधानी के साथ चुनना पड़ता है। इसी में एक नाम आता है भुने हुए चने का। इनका इस्तेमाल कई व्यंजनों में किया जाता है। कुरकुरा बनाने के लिए इसको धीमी आंच पर भूना जाता है। खाने में स्वादिष्ट होने के साथ भुने हुए चने में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व भी पाए जाते हैं, जो शुगर के मरीजों के लिए बहुत जरूरी होते हैं, जिसमें प्रोटीन, फाइबर, मिनरल्स और फैटी एसिड शामिल हैं। इसमें फैट काफी कम मात्रा में पाया जाता है और यह ऊर्जा का अच्छा सोर्स भी होता है। शुगर में भुना चना खाने से वजन मैनेजमेंट में भी मदद मिलती है। कई तरह के रिसर्च से पता चलता है कि चने को भूनने से इसके पोषक तत्व काफी बढ़ जाते हैं और शुगर में भुना चना खाने से काफी फायदा मिल सकता है। आप कच्चे चने को सब्जी के रूप में, अंकुरित करके भी खा सकते हैं लेकिन इसे तैयार करने में समय और मेहनत दोनों लगता है वहीं भुने चने में इतना सब करने की जरूरत नहीं होती है।
शुगर के लिए भुने हुए चने के फायदे
- ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखता है।
- वजन को सही बनाए रखने में मदद करता है।
- कैंसर से बचाव में लाभदायक।
- डाईजेशन सिस्टम को सही रखता है।
- हार्ट के लिए लाभदायक।
- कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है।
अन्य स्वास्थ्य लाभ:
1. संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए चना:
चना वजन मैनेजमेंट और शुगर कंट्रोल के अलावा भी कई तरह के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों की वजह से यह काफी लाभदायक है।
भरपूर पोषक तत्व: चने में विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट सहित जरूरी पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ये पोषक तत्व शरीर को स्वस्थ्य रखने में मदद करते हैं।
हार्ट के लिए लाभदायक: चने में फाइबर, पोटेशियम और मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है जो ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। ये हार्ट डिजीज से बचाने में अहम भूमिका निभाता है।
डाईजेशन में सहायक: चने में फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो डाईजेशन सिस्टम को सही बनाए रखने में मदद करता है। यह कब्ज को रोकता है और आंत(गट) को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है।
एनर्जी बूस्टर: चने में कांप्लेक्स कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन दोनो पाया जाता है जिस कारण लगातार एनर्जी मिलती रहती है। और शरीर में पूरे दिन एनर्जी लेवल सही बना रहता है।
2. त्वचा के लिए भुने चने के फायदे:
शुगर में भुना चना का जितना फायदा है उतना ही भुना हुआ चना त्वचा को भी लाभ पहुंचाता है।
एंटीऑक्सीडेंट गुण: भुने हुए चने में एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो सेल्स को मजबूती देते हैं और ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाते हैं। यह त्वचा को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है।
मॉइस्चराइजर के रूप में: भुने हुए चने में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और जिंक त्वचा को मॉइस्चराइज करने में मदद करते हैं। यह ड्राइनेस को रोकता है और त्वचा में नमी बनाए रखने में मदद करता है।
एंटी-एजिंग: भुने चने में मौजूद मैग्नीशियम और जिंक त्वचा पर पड़ने वाले दाग, धब्बों और झुर्रियों को कम करने में मदद कर सकता है। यह त्वचा को मुलायम बनाता है और समय से पहले उम्र बढ़ने के लक्षणों को रोकता है।
मुँहासे की रोकथाम: भुने हुए चने में मौजूद जिंक ऑयली स्किन को कंट्रोल करता है, जिससे त्वचा को साफ रखने और मुँहासे को रोकने में मदद मिलती है।
3. बालों के लिए भुने हुए चने के फायदे:
भुने हुए चने बालों के लिए कई लाभ प्रदान करते हैं।
आयरन: शुगर में भुना चना काफी फायदेमंद साबित होता है क्योंकि इसमें आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। भुने हुए चने में मौजूद आयरन ब्लड फ्लो को सही रखता है जिससे बालों के झड़ने को रोकने में मदद मिलती है।
विटामिन बी 6 और जिंक: भुने हुए चने में मौजूद विटामिन बी 6 और जिंक बालों को मजबूत बनाने और विकास को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
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शुगर के लिए चने का सेवन करने के तरीके:
- शुगर में भुना चना
- शुगर में उबला चना
- शुगर के लिए भीगा हुआ चना
निम्नलिखित तरीकों से भुने हुए चने के फायदे प्राप्त किए जा सकते हैं:
- अकेले स्नैक के रूप में।
- अतिरिक्त स्वाद के लिए भुना जीरा, चाट मसाला, या काला नमक मिलाएं।
- कुरकुरे और प्रोटीन से भरपूर टॉपिंग के लिए इसे सलाद में डाल सकते हैं।
उबले चने के उपयोग के तरीके:
- एक्स्ट्रा प्रोटीन के लिए सलाद में शामिल कर सकते हैं।
- चाट में शामिल कर सकते हैं।
- स्टर-फ्राई के लिए सब्जियों और मसालों के साथ मिलाया जा सकता है।
भीगे चने के फायदे:
खाने से पहले चने को भिगोने से इसका पोषण लाभ बढ़ जाता है और पाचन(डाईजेशन) आसान हो जाता है। भिगोने से एंटी-न्यूट्रीएंट तत्व कम हो जाते हैं, जिससे शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों को एब्जॉर्ब करना आसान हो जाता है। भीगे हुए चने डाईजेशन सिस्टम पर अच्छा प्रभाव डालते हैं, जिससे सूजन या परेशानी की संभावना कम हो जाती है।
भीगे हुए चने का पानी पीना:
जिस पानी में चना भिगोया जाता है वह पानी भी काफी लाभ प्रदान कर सकता है। भीगे हुए चने का पानी एक हाइड्रेटिंग पेय(ड्रिंक) है। भिगोने के दौरान पानी चने से कुछ पोषक तत्वों को एब्जॉर्ब कर लेता है, जिस कारण इसके पानी में विटामिन और खनिजों का हल्का मिश्रण मिलता है।
भीगे हुए चने के उपयोग के तरीके:
- दही या दलिया में टॉपिंग के रूप में।
- स्मूदी में मिलाया जा सकता है।
- सूप या स्टू में मिलाया जा सकता है।
ऊपर बताए गए तरीकों के अलावा चने का इस्तेमाल भून कर, उबाल कर, या भिगो कर अलग-अलग प्रकार के व्यंजनों में किया जा सकता है। इसके गुणों के कारण इसे शुगर-फ्रैंडली डाइट में मात्रा का ध्यान रखते हुए शामिल किया जा सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रतिदिन चना खाने से कई प्रकार के फायदे मिलते हैं, जैसे प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज भरपूर मात्रा में पाया जाता है। चना वजन मैनेजमेंट में मदद करता है, पाचन में सुधार करता है और शरीर को एनर्जी देता है।
शुगर में भुना चना अच्छा होता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और ग्लूकोज धीमी गति से रिलीज होता है करता है जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है।
जी हां, चना डायबिटीज के लिए अच्छा माना जाता है। लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स और फाइबर की अच्छी मात्रा के कारण यह ब्लड शुगर लेवल को ज्यादा प्रभावित नहीं करता है।
भीगे हुए चने के पानी में काफी मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं जिससे यह एक हाइड्रेटिंग पेय(ड्रिंक) हो सकता है। इसमें विटामिन और खनिज मिलते हैं लेकिन उनकी मात्रा जरूरत से कम हो सकती है।
जी हां, चना में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं इनमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज जैसे जरूरी पोषक तत्व भी शामिल हैं।
वजन घटाने के लिए काबुली चना फायदेमंद हो सकता है, प्रोटीन और फाइबर की अच्छी मात्रा के कारण यह वजन मैनेजमेंट के लिए अपने डाइट में शामिल किया जा सकता है।
शुगर में भुना चना काफी हेल्दी माना जाता है लेकिन इसके ज्यादा सेवन से कैलोरी की मात्रा ज्यादा हो सकती है। बैलेंस डाइट के रूप में इसकी मात्रा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
शुगर में भुना चना काफी फायदेमंद है इसके साथ-साथ गर्भावस्था(प्रेगनेंसी) के दौरान भी भुना चना काफी लाभकारी हो सकता है। यह माता और बच्चे दोनों के लिए जरूरी प्रोटीन, आयरन और अन्य पोषक तत्व प्रदान करता है।
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