यदि आप भी ज्यादातर लोगों की तरह हैं, तो मुमकिन है आप भी अजवाइन को खाने में स्वाद जोड़ने वाला एक पोधा या मसाले (spice) की तरह मानते होंगे। लेकिन आप यह नहीं जानते होंगे की यह जड़ी बूटी जिसके बारे में आप को बहुत कम जानकारी है, इसके कुछ चौंका देने वाले फायदे भी है।
अजवाइन के पोषक महत्व
- अजवाइन, जिसे कैरम सीड्स के नाम से भी जाना जाता है, एक जड़ी बूटी है जिसका जन्म भारत में हुआ है। इसके बीज छोटे होते हैं और इनका स्वाद कड़वा, तीखा होता है। भारतीय खाना पकाने के साथ-साथ इसका उपयोग पारंपरिक दवाओं में भी किया जाता है ।
- अजवाइन के फ़ायदों मे दर्द कम करना, पाचन में सुधार और सर्दी के लक्षणों से राहत में भी मदद करता है। इसके अलावा अजवाइन को मैग्नीशियम (magnesium), पोटैशियम (potassium) और कैल्शियम (calcium) जैसे विटामिन्स (vitamins), मिनरल्स (mineral) का भी साधन माना गया है।
- इसमें फाईटोकेमीकल्स (phytochemicals) भी होते हैं जिनमें एंटीओक्सीडेंट (Anti-oxidant) और एंटी-इम्फ्लेमेटरी (anti-inflammatory) गुण होते है । इस तरह से अजवाइन को अपने खाने में जोड़ने से आप को समस्त स्वास्थ्य लाभ मिल सकता है।
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एक चम्मच अजवाइन में शामिल हैं :
यह चार्ट एक चम्मच अजवाइन में मौजूद कई पोषक तत्वों और उनकी मात्रा को दिखता है :
अजवाइन के पोषक तत्व | ||||
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पोषक तत्व (एक चम्मच अजवाइन में) | मात्रा | |||
कैलोरीज (Calories) | 5 | |||
कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) | 1 | |||
शुगर (sugar) | 0 ग्राम | |||
प्रोटीन (protein) | 1 ग्राम से भी कम | |||
वसा (fat) | 1 ग्राम से भी कम | |||
फाइबर (fiber) | 1 ग्राम |
अजवाइन की ग्लाइसेमिक इंडेक्स
- अजवाइन में स्वास्थ्य सम्बन्धी गुणों की बहुत बड़ी और संभावित श्रेणी है। अजवाइन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (glycemic index),G.I. या ग्लाइसेमिक लोड (glycemic load) रूचि का क्षेत्र है। जीआई बताता है की कार्बोहाइड्रेट कितनी तेज़ी से टूटते है और रक्तप्रभाव में सोख लिये जाते हैं। जीएल कार्बोहाइड्रेट की मात्रा और गुणवत्ता दोनों का माप है।
शुगर में अजवाइन के फायदे
- हालाँकि जीआई और जीएल पर रिसर्च की गई है पर इस क्षेत्र में और भी रिसर्च ज़रूरी है। शुरुआती रिसर्च से पता चला है की अजवाइन में कम जीआई और जीएल होता है, जिससे ब्लड शुगर में बढ़ोतरी नहीं होती। जिन लोगों को डायबिटीज हैं या दूसरी कोई और समस्या है उनके लिए यह एक अच्छी ख़बर है। जो लोग अपने ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करना चाहते है उनके लिए अजवाइन आहार एक अच्छा विकल्प है। हालाँकि इन परिणाम की जांच करने के लिए और रिसर्च की ज़रूरत होगी।
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अजवाइन के फायदे (कैरम सीड्स) | Ajwain ke Fayde
अजवाइन के फायदे तो बहुत है, यहाँ उनमें से मुख्य 15 बताए गए हैं:
1. अजवाइन एक प्रभावशाली पाचन सहायक है – Helps in Digestive Aid
- अजवाइन एक कार्मिनेटिव (carminative) जड़ी बूटी है जो गैस और सुजन से राहत दिलाने में मदद करती है। आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, इसका उपयोग गैस और सुजन के साथ-साथ और भी अन्य समस्याओं के इलाज में भी किया जाता है। आधुनिक विज्ञान ने भी इन दावों का समर्थन करना शुरु कर दिया है। रिसर्च से पता चला है की अजवाइन मे ऐसे केमिकल होते है जो पाचन तंत्र (digestive system) की चीकनी मांसपेशियों (smooth muscle) को आराम देने में मदद करते हैं ।
- इससे गैस और सूजन के लक्षणों को कम करने मे मदद मिलती है। अजवाइन में एंटी-माइक्रोबियल (antimicrobial) गुण होते हैं जो संक्रमण (infection) से बचाने में मदद करते है। इन कारणों से, अजवाइन पाचन सम्बन्धी समस्याओं के लिए असरदार प्राकर्तिक इलाज है, यदि अगली बार जब भारी भोजन के बाद पेट फूला हुआ महसूस करें तो कुछ अजवाइन के बीज लें। इनमें से कुछ छोटे बीजों को खाने से आप को वह राहत मिल सकती है जिसकी आप को तलाश है।
2. अजवाइन एंटी-बैक्टीरियल (Anti-bacterial) और एंटीफंगल (Antifungal) है:
अजवाइन में मौजूद वाष्पशील तेलों (volatile oils) में एंटी-बैक्टीरियल (Anti-bacterial) और एंटीफंगल (Antifungal) दोनों गुण होते है। इसी कारण से यह संक्रमण, घाव और त्वचा सम्बन्धी समस्याओं के लिए एक प्रभावी घरेलु उपाय है।
3. अजवाइन एक एक्स्पेक्टोरेंट (Expectorant), कफनाशक:
- एक्स्पेक्टोरेंट (Expectorant), बलगम को ढीला करने में मदद करता है और खांसी को आसान बनता हैं। अजवाइन में मौजूद वाष्पशील तेल (volatile oils) एक्स्पेक्टोरेंट के रूप में काम करता हैं जो उन्हें सर्दी, ब्रोंकाइटिस (bronchitis) और अन्य सांस सम्बन्धी समस्याओं की इलाज में भी मदद करता है। इसका मतलब है की यह फेफड़ों और वायुमार्ग से कफ और बलगम को ढीला करने में मदद करता है, जिससे खांसी करना और बलगम का बाहर निकलना आसन हो जाता है। इससे बलगम के जमाओ को दूर कर सांस लेने में भी आसानी होती है।
- साथ ही साथ, अजवाइन अपने एंटी-माइक्रोबियल (Anti-microbial) गुणों के कारण सांस सम्बन्धी इन्फेक्शन को भी रोकने में कारगर साबित हो सकता है। यदि आप को सांस लेने में समस्या या सर्दी से सीने में दर्द होता हैं, तो अपने भोजन में अजवाइन की थोड़ी से मात्रा को शामिल करने का प्रयास करे। इससे आपको सांस लेने में कुछ आसानी मिलेगी।
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4. अजवाइन एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन-रोधी) है:
अजवाइन में थाईमोल (thymol) होता है, जो की एक प्राक्रतिक सूजन-रोधी मिश्रण है। इसका उपयोग बहुत तरह से किया जाता है, जिसमें गठिया (arthritis) और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (gastrointestinal) भी शामिल है। इसके अलावा, अजवाइन एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है इम्यून सिस्टम (immune system) को भी मजबूत करता है। तो अगली बार जब आप नमक दानी की ओर बढ़े तो, उसकी जगह अजवाइन का उपयोग करने की कोशिश करे। इस अजवाइन के फायदे से आप हैरान रह जाएंगे।
5. अजवाइन एक मूत्रवर्धक है:
एक मूत्रवर्धक मूत्र की मात्रा को बढ़ाने में मदद करता है। यदि आप मूत्र में जल प्रसार (water retention) कम कर चाहते है या मूत्र में मौजूद हानिकारक पदार्थों को कम करना चाहते है तो यह आप की सहायता कर सकता है।
6. अजवाइन एक रेचक है:
अजवाइन में मौजूद वाष्पशील तेल (volatile oil) पाचन तंत्र को उकसाते है, जिसके कारण मल त्याग को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। इसे कब्ज के इलाज के लिए उपयोगी बनता है।
7. अजवाइन एक गर्भाशय उत्तेजक है:
हमारे देश में परंपरागत रूप से, इस जड़ी बूटी का उपयोग प्रसव को प्रेरित करने और प्रसव के दौरान सिकुड़न को उकसाने के लिए किया जाता था। इससे प्रसव में आसानी होती थी। इसका उपयोग केवल स्वास्थ्य देखभाल एक्सपर्ट की देखरेख में ही किया जाना चाहिए।
8. अजवाइन एक इमेनगॉग (Emmenagogue) है:
यह एक इमेनगॉग (Emmenagogue) है, जिसका अर्थ है कि, यह रक्त प्रवाह को उत्तेजित करने और पीरियड्स को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। कभी-कभी अजवाइन का उपयोग एमेनोरिया (amenorrhea) या पीरियड्स की अनुपस्थिति के इलाज और पीरियड्स के दौरान दर्द को कम करने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा, अजवाइन का उपयोग इमेनगॉग और डिटॉक्सिफाइंग एजेंट (detoxifying agent) के रूप में भी किया जाता है।
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9. अजवाइन गर्भ नाशक है:
गर्भ नाशक ऐसे पदार्थ होते हैं जो गर्भपात को प्रेरित करते हैं। परंपरागत रूप से, अजवाइन का उपयोग इस उद्देश्य के लिए किया जाता रहा है। बिना स्वास्थ्य देखभाल एक्सपर्ट की देखरेख के इसका उपयोग करना खतरनाक है।
10. अजवाइन नर्वाइन (Nervine) है:
नर्वाइन्स ऐसी जड़ी-बूटियाँ हैं जिनका तंत्रिका सिस्टम (nervous system) पर शांत या संतोषदायक प्रभाव पड़ता है। अजवाइन में मौजूद वाष्पशील तेल (volatile oil) शांतिदायक दवाई के रूप में कार्य करते हैं, चिंता, और तनाव को दूर करने में मदद करते है ।
11. अजवाइन एक एंटी-स्पैसमोडी(Anti-Spasmodi) है :
अजवाइन में मौजूद वाष्पशील तेलों में ऐंठनरोधी गुण होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे मांसपेशियों की ऐंठन से राहत दिलाने में मदद करते हैं। इससे पीरियड्स में ऐंठन, सिरदर्द और माइग्रेन (migraines) जैसी स्थितियों का इलाज करने में मदद मिल सकती है।
12. अजवाइन कार्मिनेटिव (Carminative) है:
कार्मिनेटिव जड़ी-बूटियाँ वह हैं जो गैस और सूजन से राहत दिलाने में मदद करती हैं। अजवाइन में मौजूद वाष्पशील तेल मांसपेशियों में ऐंठन को आराम देने के रूप में कार्य करते हैं, भूख बढ़ाने और पाचन में सहायता करने में मदद करते हैं।
13. अजवाइन एक भूख वर्धक है :
अजवाइन पाचन रस और लार उत्पादन को बढ़ाकर भूख बढ़ाने में मदद करती है। अपना वजन बढ़ाने या अपनी भूख में सुधार करने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए यह एक उपयोगी जड़ी बूटी है।
14. अजवाइन एस्ट्रिंजेंट (Astringent) होती है:
एस्ट्रिंजेंट त्वचा को टाइट और निखार में मदद करते हैं। अजवाइन में मौजूद वाष्पशील तेल एक एस्ट्रिंजेंट(Astringent) के रूप में कार्य करते हैं, सूजन को कम करने और घावों को ठीक करने में मदद करते हैं।
15. अजवाइन एक डायफोरेटिक (पसीना लाने वाला) है:
डायफोरेटिक्स पसीने को बढ़ावा देता है, जो शरीर को डिटॉक्सीफाई (detoxify) करने और बुखार को कम करने में मदद कर सकता है। अजवाइन में मौजूद वाष्पशील तेल पसीना लाने में मदद करते हैं, जो उन्हें सर्दी और फ्लू के इलाज के लिए कारगर बनाता हैं। पसीने को बढ़ावा देकर और पाचन में सुधार करके, अजवाइन शरीर से हानिकारक पदार्थों को खत्म और शारीरिक संतुलन बनाने में मदद करता है।
अजवाइन के अलग-अलग साधन
- ट्रैचीस्पर्मम अम्मी (Trachyspermum Ammi) नामक पौधा, जो अकसर कैरम बीज,अजवायन या अजवाइन के नाम से जाना जाता है। भारत, पाकिस्तान और ईरान में मूल रूप से पाया जाता है। यह पौधा एक वार्षिक जड़ी बूटी है, जो ऊंचाई में 20-40 सेमी तक बढ़ता है।
- इसकी पत्तियाँ नुकीली नोक वाली आयताकार होती हैं। इसके फूल सफेद या हल्के गुलाबी रंग के खिलते हैं। फल में फली होती हैं, जिनमें 2-8 बीज होते हैं। बीजों के आवश्यक तेल का उपयोग अरोमाथेरेपी (aromatherapy) (चिकित्सा के लिये पौधों की सामग्रियों और सुगंधित पौधों के तेलों का उपयोग करती है) में किया जा सकता है।
- यह भारत में इसे मुख्य रूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में उगाया जाता है। पंजाब और सिंध दो पाकिस्तानी प्रांत हैं जहां अजवाइन उगाई जाती है। करमान, तेहरान, फ़ार्स, होर्मोज़गन, खुरासान-ए रज़ावी, कुर्दिस्तान और सेमनान उन ईरानी प्रांतों में से हैं जहाँ अजवाइन उगाई जाती है।
अजवाइन खाने का तरीका | Ajwain Khane Ka Tarika
अजवाइन के फायदों का आनंद लेना चाहते हैं, तो इसके खाने के कुछ तरीके यहां दिए गए हैं।
अजवाइन-शहद पानी
अजवाइन खाने का सबसे आसान तरीका यह है कि एक गिलास पानी में 2-3 बीज और थोड़ा शहद मिलाएं। अच्छे और बेहतर परिणाम के लिए इस मिश्रण को सुबह खाली पेट पियें।
अजवाइन-जीरा पानी
अजवाइन-जीरे का पानी बनाने के लिए:
- 2 कप उबलते पानी में 1 चम्मच अजवाइन और 1 चम्मच जीरा डालें।
- मिश्रण को 10 मिनट तक उबलने दें और फिर इसे छान लें।
- पेय को मीठा करने के लिए इसमें थोड़ा सा शहद मिला लें और गर्मागर्म इसका सेवन करें।अच्छे और बेहतर परिणामों के लिए आप इस पेय को दिन में 2-3 बार पी सकते हैं।
अजवाइन का पानी | Ajwain ka Pani Peene ke Fayde
घरेलू उपचार में अजवाइन का पानी एक लोकप्रिय उपचार है, बदहजमी, गैस और सूजन सहित विभिन्न समस्याओं के लिए है। इसका उपयोग डिटॉक्स ड्रिंक (detox drink) और इम्यूनिटी बूस्टर (immunity booster) के रूप में भी किया जाता है।
बनाने का तरीका (विधि )
अजवाइन का पानी बनाने के लिए एक गिलास गर्म पानी में 1 चम्मच अजवाइन के बीज डालें और इसे 5-10 मिनट तक ऐसे ही छोड़ दें। बीजों को छान लें (पानी से अलग कर) और पानी को खाली पेट पियें।
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अजवाइन की चाय
अजवाइन की चाय बदहजमी और अन्य पाचन समस्याओं के लिए एक और लोकप्रिय घरेलू उपचार है।
बनाने का तरीका (विधि )
चाय बनाने के लिए 1 कप उबलते पानी में 1 चम्मच अजवाइन के बीज डालें। इसे 5-10 मिनट तक ऐसे ही रहने दें और फिर बीजों को छान लें। अपच और अन्य पाचन समस्याओं से राहत पाने के लिए रोजाना इस चाय के 1-2 कप पिएं।
अजवाइन के बीज
अजवाइन के बीज अलग-अलग प्रकार के भोजन में स्वाद और तीखापन जोड़ने में भी मदद कर सकते हैं। इसका उपयोग करी, चावल, ब्रेड और मिठाइयों में भी किया जाता है। अजवाइन के बीज स्वाद के अनुसार अपनी डिश में डालें ।
अजवाइन का तेल
आयुर्वेदिक चिकित्सा में बदहजमी, गैस, सूजन और दस्त सहित अलग-अलग तरह की समस्याओं के इलाज के लिए अजवाइन के तेल का उपयोग करती है। यह वजन घटाने और इम्युनिटी बढ़ाने में भी मदद करता है। अजवाइन के तेल का उपयोग करने के लिए, बस एक गिलास गर्म पानी में कुछ बूँदें डालें और इसे खाली पेट पियें। खाना बनाते समय भी आप अपने भोजन में अजवाइन का तेल मिला सकते हैं।
कई तरीके से अजवाइन का सेवन किया जा सकता हैं, और हर तरीके के अपने फायदे हैं।आप वह तरीका चुनें जो आपकी आवश्यकताओं के लिए सबसे अच्छा हो और इस बहुमुखी पौधे (versatile plant), अजवाइन के फायदों का आनंद लें।
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अजवाइन के साइड इफेक्ट्स | Ajwain Side Effects in Hindi
- हालाँकि आम तौर पर अजवाइन को सुरक्षित माना जाता है, लेकिन इसके कुछ संभावित गलत परिणाम भी हैं। अधिक मात्रा में लेने पर यह पेट दर्द और दस्त का कारण बन सकता है। इससे त्वचा में जलन भी हो सकती है और एलर्जी (allergy) भी हो सकती है। इसका प्रयोग डायबिटीज वाले लोगों में सावधानी के साथ किया जाना चाहिए, क्योंकि यह ब्लड शुगर के लेवल को कम कर सकता है।
- गर्भवती महिलाओं को भी अजवाइन के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि यह गर्भाशय के सिकुड़न को उत्तेजित कर सकता है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (gastrointestinal) समस्याओं या अल्सर के इतिहास वाले किसी भी व्यक्ति को इसे लेने से पहले डॉक्टर से बात करनी चाहिए। कुछ लोगों को अजवाइन में थाइमोल (thymol) की मौजूदगी के कारण एलर्जी होती है।
- जब हम थाइमोल की बात करते है तो प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला यह पदार्थ है, जो चक्कर आना, घबराहट और उल्टी का कारण बन सकता है। थाइमोल एलर्जी के लक्षण हल्के या गंभीर हो सकते हैं। गंभीर मामलों में इससे एनाफिलेक्सिस (anaphylaxis) हो सकता है, जो जीवन के लिए खतरा भी बन सकता है। यदि आपको संदेह है कि आपको अजवाइन के बीज से एलर्जी है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लेना महत्वपूर्ण है।
- अजवाइन के बीजों में बायोएक्टिव रसायन (bioactive chemicals) होते हैं जो मुंह में सूजन पैदा कर सकते हैं, जिससे जलन और मुंह में छाले हो सकते हैं। जिसके कारण, अजवाइन के सेवन के जोखिम को समझना भी महत्वपूर्ण है, उसके बाद आप ये फैसला ले सकते है की आप को इसे अपने भोजन में शामिल करना है या नहीं।
जबकि अजवाइन के बीजों का कम मात्रा में सेवन करना पूरी तरह से सुरक्षित है, पर यदि आप इसको बड़ी मात्रा में लेते है तो समस्या भी हो सकती है। गंभीर मामलों में, थाइमोल टोक्सिसिटी (thymol poisoning) से लीवर को नुकसान हो सकता है।
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क्या डायबिटीज सम्बन्धी लोग अजवाइन खा सकते हैं? | Ajwain for Diabetes in Hindi
- प्राचीन काल से अजवाइन या कैरम के बीज का उपयोग आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता रहा है। अजवाइन का कड़वा और मसालेदार स्वाद थाइमोल के कारण होता है, जो एक यौगिक (compound) है, जो अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। यह एंटीऑक्सिडेंट (anti-oxidant) और पोटेशियम (potassium), कैल्शियम (calcium) और मैग्नीशियम (magnesium) जैसे खनिजों से भरपूर है, जो डायबिटीज समस्या सम्बन्धी लोगों के लिए फायदेमंद है। यह ब्लड शुगर के लेवल को काबू करने में मदद करता है और भोजन के बाद ब्लड शुगर को अचानक बढ़ने से रोकता है।
- इसके अलावा, यह पाचन में भी सहायता करता है और पेट दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। हालाँकि, अजवाइन को अपने भोजन में शामिल करने से पहले किसी स्वास्थ्य सेवा सम्बन्धी डॉक्टर से परामर्श ज़रूर कर लें, क्योंकि यह कुछ दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है।
- जब संतुलित मात्रा में सेवन किया जाता है, तो अजवाइन सामान्य ब्लड शुगर के लेवल को रोकने का एक सुरक्षित और असरदार तरीका हो सकता है।
निष्कर्ष
अजवाइन कई स्वास्थ्य लाभों वाला एक अनेक गुणों वाला पौधा है। अजवाइन के बीज विभिन्न प्रकार के खाने में स्वाद और तीखा स्वाद जोड़ सकते हैं या आप इसे पेय पदार्थ या चाय के साथ भी ले सकते हैं। यह वजन घटाने और शरीर की इम्युनिटी (immunity) बढ़ाने में भी मदद करता है।
हालाँकि, अजवाइन को अपने खाने में शामिल करने से पहले एक स्वास्थ्य सेवा डॉक्टर से बात ज़रूर कर लें, क्योंकि यह कुछ दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है। जब अजवाइन का सेवन कम मात्रा में किया जाता है, तो यह आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का एक सुरक्षित और असरदार तरीका हो सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
अजवाइन के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, जिनमें सिरदर्द, कान दर्द और दांत दर्द से राहत शामिल है। इन दावों का समर्थन करने के लिए कुछ वैज्ञानिक प्रमाण भी हैं। रिसर्च से पता चला है कि अजवाइन में ऐसे यौगिक (compound) होते हैं जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
इसके आलावा, अजवाइन में एंटी-बैक्टीरियल (Anti-microbial) और एंटिफंगल (antifungal) गुण पाए गए हैं। इसलिए, यह उन समस्याओं का प्रभावी ढंग से इलाज कर सकता है, जो सिर, कान और दांतों में दर्द का कारण बन सकते हैं।
माना जाता है कि अजवाइन गठिया के दर्द सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में मदद करती है। अजवाइन में थाइमोल (thymol) नामक एक एक्टिव यौगिक(compound) होता है, जिसके बारे में माना जाता है कि इसके अंदर सूजन-रोधी और एनाल्जेसिक (analgesic effects) प्रभाव होते हैं। इस कारण से, कुछ लोग गठिया के दर्द के लिए प्राकृतिक उपचार के रूप में अजवाइन का उपयोग करते हैं। एक रिसर्च में, घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित 60 लोगों को या तो प्लेसबो (प्लेसिबो इलाज का एक ऐसा जरिया है जो दिखने में तो वास्तविक लगता है पर ऐसा होता नहीं है. दवा, वैक्सीन या किसी अन्य तरीके से किए गए फेक इलाज को प्लेसिबो कहते हैं. प्लेसिबो में ऐसा कोई सक्रिय पदार्थ नहीं होता है जो सेहत पर सीधा असर डाल सके डॉक्टर इसमें मनोवैज्ञानिक इलाज करते हैं) या थाइमोल (thymol) युक्त अजवाइन कैप्सूल दिया गया। चार सप्ताह के बाद, जिन लोगों ने अजवाइन कैप्सूल लिया, उनमें प्लेसबो लेने वालों की तुलना में काफी कम दर्द और कठोरता थी।
यदि आप गठिया के दर्द से राहत के लिए अजवाइन को आजमाने में रुचि रखते हैं, तो आप अधिकांश भारतीय किराना दुकानों पर इसके बीज पा सकते हैं। आप अजवाइन कैप्सूल कुछ ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं से भी खरीद सकते हैं।
अजवाइन एक गुणकारी मसाला है और इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। थोड़ी मात्रा से शुरू करना और आवश्यकतानुसार धीरे-धीरे बढ़ाना सबसे अच्छा है। अधिक मात्रा में लेने पर अजवाइन बदहजमी और सीने में जलन जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है।
अजवाइन को स्वस्थ त्वचा के लिए अच्छा माना जाता है। इसका उपयोग पारंपरिक रूप से मुँहासे और अन्य त्वचा स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है।
अजवाइन एंटीऑक्सीडेंट (anti-oxidant) का एक अच्छा स्रोत है, जो त्वचा को नुकसान से बचाने और उपचार को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, अजवाइन को सूजन-रोधी माना जाता है, जो सूजन को कम करने में मदद कर सकती है।
अजवाइन के बीज का उपयोग आमतौर पर घर पर सफेद बालों के इलाज के लिए किया जाता है। यह एक ऐसे मसाला/बूटी है जो ब्लड के फ्लो में सुधार करता है और सफ़ेद बालों को बढ़ने से रोकने में मदद करता है।
इसके अलावा, अजवाइन एंटीऑक्सिडेंट (anti-oxidant) का एक अच्छा स्रोत है, जो बालों को नुकसान से बचाने और बालों के विकास को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। इसलिए, अपने भोजन में अजवाइन को शामिल करने से सफेद बालों के बढ़ने को कम करने में मदद मिल सकती है।
अजवाइन के बीजों का इस्तेमाल अक्सर वजन घटाने के घरेलू उपाय के रूप में किया जाता है। यह जड़ी बूटी फैट को तोड़ने और पाचन तंत्र (digestive system) में सुधार करने में मदद करता है। इसके अलावा, अजवाइन फाइबर (fiber) का एक अच्छा स्रोत है, जो भूख को काबू करने और संतुष्टि की भावना को बढ़ने में मदद कर सकता है।
इस कारण, अपने खाने में अजवाइन को शामिल करने से कैलोरी की मात्रा कम करने और वजन घटाने को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। वजन घटाने के लिए अजवाइन का उपयोग करने से पहले किसी स्वास्थ्य सेवा डॉक्टर से बात करना सबसे अच्छा है।
यह सही है की, अजवाइन आंतों से सम्बंधित समस्या के इलाज के लिए बहुत कारगर साबित हुई है। इसका उपयोग पारंपरिक रूप से पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और गैस तथा सूजन से राहत देने के लिए किया जाता है। अजवाइन को आंतों से सम्बंधित समस्या के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।
अजवाइन में थाइमोल होता है,जो की एक ज़रूरी तेल जिसमें एंटी-माइक्रोबियल (anti-microbial) गुण होते हैं। शरीर के अंदर जाने पर, थाइमोल (thymol) हानिकारक बैक्टीरिया को मारने और उपचार को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
इसके अलावा, अजवाइन एंटीऑक्सिडेंट (anti-oxidant) का एक शक्तिशाली स्रोत है, जो नर्वस सिस्टम (nervous system) को मजबूत करता है और रिकवरी में तेजी लाने में मदद कर सकता है। इसलिए, यदि आप भी आंतों से सम्बन्धी समस्याओ का सामना कर रहे हैं, तो अपने भोजन में एक चुटकी अजवाइन शामिल करना आप के लिए फायदेमंद हो सकता है।
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