डायबिटीज को ठीक से मैनेज करना मतलब रेगुलर तरीके से ब्लड शुगर लेवल की मॉनिटरिंग करना है। भोजन के बाद या वर्कआउट के बाद ग्लूकोज लेवल की रेगुलर मॉनिटरिंग से ब्लड ग्लूकोज लेवल पर डाइट या वर्कआउट के इफेक्ट को सही से समझने में मदद मिलती है।
इससे सही डाइट प्लान और वर्कआउट प्रोग्राम बनाने में मदद मिलती है। भारत के टॉप 10 बेस्ट ग्लूकोमीटर के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को पढ़ें-
टेक्नोलॉजी ने बेहतर और ज्यादा सटीक डाइग्नोसिस, ट्रीटमेंट और केयर के लिए हेल्थ सेक्टर को टच किया है। हेल्थ केयर में टेक्नॉल्जी इंटीग्रेशन के कारण कई नए प्रोडक्ट सामने आए हैं जो रोगी की देखभाल में सुधार करते हैं।
ऐसा ही एक आविष्कार है ग्लूकोमीटर मशीन।
यह डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए एक यूजर फ्रेंडली डिवाइस है।
ग्लूकोमीटर क्या है?
“ग्लूकोमीटर” शब्द दो शब्दों से बना है- ग्लूकोज और मीटर। यह एक छोटा पोर्टेबल डिजिटल डिवाइस है जो ब्लड शुगर लेवल को मापता है। ग्लूकोमीटर को ब्लड शुगर जांच मशीन के रूप में भी जाना जाता है या लोग इसे अक्सर शुगर टेस्ट मशीन भी कहते हैं। ग्लूकोमीटर एक हैंडी डिवाइस है जिसे इस्तेमाल करना आसान है।
यह डायबिटीज पीड़ितों को उनके प्रेजेंट ब्लड शुगर लेवल को जानने में सहायता करता है। आप इस ब्लॉग में आगे भारत के बेस्ट ग्लूकोमीटर के बारे में पढ़ेंगे।
ग्लूकोमीटर किट
आइए ग्लूकोमीटर के भागों को देखें और वे ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम के रूप में कैसे काम करते हैं।
ग्लूकोमीटर की पूरी इकाई एक ग्लूकोमीटर मशीन, ग्लूकोमीटर लैंसेट (सुइयां) और स्ट्रिप्स के साथ आती है।
ग्लूकोमीटर रीडिंग डिवाइस
ग्लूकोमीटर मशीन में एक डिजिटल इंटरफ़ेस होता है जो एमजी/डीएल में मापी गई ब्लड शुगर के वैल्यू दिखाता है।
ग्लूकोमीटर लैंसेट
ब्लड शुगर लेवल को मापने के लिए, लैंसेट को उंगलियों में चुभाकर ब्लड का सैंपल लिया जाता है। ये लैंसेट 2 भागों से बने होते हैं। एक नुकीली चुभने वाली सुई है। जबकि दूसरे भाग का इस्तेमाल सुई को पकड़ने के लिए किया जाता है। इसे लैंसेट होल्डर के नाम से जाना जाता है। इस्तेमाल के बाद लैंसेट को सुरक्षित तरीके से डिस्पोज करें और दोबारा इसका इस्तेमाल न करें।
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ग्लूकोमीटर टेस्ट स्ट्रिप्स
ज्यादातर ग्लूकोमीटर मशीनें टेस्ट स्ट्रिप्स के साथ भी आती हैं। ब्लड शुगर लेवल को मापने के लिए टेस्ट स्ट्रिप्स को एंजाइमों के साथ कोट किया जाता है। टेस्ट के लिए ब्लड की बूंद को स्ट्रिप के एक तरफ रखा जाता है। ब्लड ग्लूकोज स्ट्रिप पर मौजूद एंजाइम के साथ रिएक्शन करना शुरू कर देता है। यह रिएक्शन ग्लूकोनिक एसिड रिलीज करता है। स्ट्रिप के दूसरे सिरे को ग्लूकोमीटर में डाला जाता है। ब्लड के साथ ग्लूकोज के रिएक्शन से ऑक्सीडेशन रिएक्शन होता है जिस कारण इलेक्ट्रॉन ट्रांसफर होता है। जिससे इलेक्ट्रिकल करेंट जनरेट होता है फिर ग्लूकोमीटर रीडिंग डिवाइस इसे डिजिटल रूप में वैल्यू शो करता है यही वैल्यू ब्लड ग्लूकोज लेवल है।
समरी
ग्लूकोमीटर किट में एक डिजिटल डिवाइस, स्ट्रिप्स और एक लैंसेट शामिल है। यह ब्लड शुगर लेवल को मापता है।
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ब्लड ग्लूकोज की सेल्फ-मॉनिटरिंग (एसएमबीजी) का महत्व
डायबिटीज वाले व्यक्तियों के लिए अपनी कंडीशन को बढ़िया ढंग से मैनेज करने के लिए ब्लड शुगर लेवल को स्टेबल रखना जरूरी है। सेल्फ-मॉनिटरिंग ब्लड ग्लूकोज (एसएमबीजी) प्रॉसेस में एक जरूरी भूमिका निभाता है जो ग्लूकोमीटर से किया जाता है। यहाँ बताया गया है कि एसएमबीजी का ज्यादा महत्व क्यों है-
इनसाइट के जरिए इंपावरमेंट
रेगुलर तरीके से ब्लड शुगर लेवल की जांच करने से व्यक्तियों को जरूरी जानकारी मिलती है कि उनका शरीर भोजन, एक्सरसाइज और दवा जैसे अलग फैक्टर्स पर कैसे रिएक्ट करता है।
इनफॉर्म्ड डिसीजन मेकिंग
अपने ब्लड शुगर के पैटर्न को समझकर व्यक्ति अपनी डेली रूटीन के बारे में डिसीजन ले सकते हैं। लगातार हाई या लो-ब्लड शुगर का लेवल डाइट, एक्सरसाइज या दवा एडजस्टमेंट की जरूरत की तरफ इशारा करते हैं।
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कॉम्प्लिकेशन को रोकना
ब्लड शुगर की मॉनिटरिंग करने से खतरनाक उतार-चढ़ाव को रोकने में मदद मिलती है जो डायबिटीज कीटोएसिडोसिस या हाइपरग्लेसेमिया जैसी सीरियस कॉम्प्लिकेशन का कारण बन सकती है। ऐसे कारणों को जल्दी पकड़ने से लॉन्गटर्म हेल्थ रिजल्ट में जरूरी अंतर आ सकता है।
हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर के साथ बेहतर कम्युनिकेशन
रेगुलर रिकॉर्ड किया गया ब्लड ग्लूकोज डेटा पीड़ित और हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर के बीच बेहतर कम्युनिकेशन को बढ़ावा देता है। यह किसी व्यक्ति की कंडीशन का सही ओवरव्यू करता है और हेल्थ केयर एक्सपर्ट को बेहतर ट्रीटमेंट प्लान तैयार करने में सहायता करता है।
इंसुलिन इस्तेमाल करने वालों के लिए क्रिटिकल
जो व्यक्ति इंसुलिन पर डिपेंड हैं उन्हें हाइपोग्लाइसीमिया या हाइपरग्लाइसीमिया से बचने के लिए सही डोज एडजस्टमेंट की जरूरत होती है। सेल्फ-मॉनिटरिंग उन्हें अपने इंसुलिन डाइट को ठीक करने में मदद करता है, जिससे खतरनाक ब्लड शुगर इंबैलेंस का खतरा कम हो जाता है। इंसुलिन यूजर्स के लिए सबसे अच्छा ग्लूकोमीटर तय करना भी जरूरी है जो उनकी लाइफस्टाइल और जरूरतों के हिसाब से हो।
ट्रेंड्स की पहचान
समय के साथ ब्लड शुगर लेवल की मॉनिटरिंग करने से व्यक्तियों को ट्रेंड्स और पैटर्न की पहचान करने में मदद मिलती है। ये ट्रेंड्स उनकी डायबिटीज मैनेजमेंट प्लान में बदलाव की जरूरत का संकेत दे सकते हैं, जिससे प्रोएक्टिव एडजस्टमेंट का अवसर मिल सके।
ब्लड शुगर लेवल की सेल्फ-मॉनिटरिंग लोगों को अपने खुद के हेल्थ मैनेजमेंट में एक्टिव तरीके से काम करने के काबिल बनाती है। यह डायबिटीज के बेहतर कंट्रोल को बढ़ावा देता है कॉम्प्लिकेशन के रिस्क को कम करता है और पीड़ित लोगों के लिए क्वालिटी लाइफ को बढ़ाता है।
बढ़िया मैनेजमेंट के लिए एसएमबीजी कितनी बार और कब करना है इस पर गाइडेंस के लिए हेल्थ केयर एक्सपर्ट से सलाह लें।
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शुगर टेस्ट मशीन का इस्तेमाल क्यों करें?
- किसी भी समय ब्लड शुगर या ग्लूकोज लेवल की जानकारी लेने का एकमात्र तरीका ब्लड शुगर लेवल का टेस्ट करना है।
- डायबिटीज जाँच मशीन या ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल करके रेगुलर टेस्ट से लो-लेवल और उनके कारणों का पता लगाया जा सकता है।
- रेगुलर रूप से टेस्ट करने से यह पता करने में मदद मिलेगी कि व्यक्ति इंसुलिन थेरेपी, भोजन की तैयारी और एक्सरसाइज से अपनी डायबिटीज को कितनी अच्छी तरह मैनेज कर रहा है।
- रेगुलर टेस्ट से डायबिटीज से होने वाली कॉम्प्लिकेशन का खतरा भी कम हो जाता है और बढ़िया डायबिटीज मैनेजमेंट में मदद मिलती है।
- मशीन से मिलने वाले शुगर टेस्ट रिजल्ट डॉक्टर को बेहतर ट्रीटमेंट प्लान करने में मदद करेंगें।
- सबसे जरूरी बात यह है कि आप सबसे अच्छा ग्लूकोमीटर चुन सकेंगें जो आपकी जरूरतों और बजट के हिसाब से हों।
ग्लूकोमीटर/ब्लड शुगर टेस्ट मशीन का इस्तेमाल कैसे करें?
- मिजारिंग डिवाइस को स्विच ऑन करें।
- स्ट्रिप को ग्लूकोमीटर पोर्ट में डालकर कनेक्ट करें।
- ब्लड का सैंपल- एक ताजा ग्लूकोमीटर लैंसेट निकालें और अपनी उंगली में सावधानी से चुभाएं।
- टेस्ट स्ट्रिप को बाहर निकालें और ब्लड के सैंपल को एक सिरे पर रखें।
- अपनी रीडिंग नोट करें।
ग्लूकोमीटर/डायबिटीज जांच मशीन ब्लड स्टोर करने के 10 मिनट के भीतर रिजल्ट देती है। नई जेनरेशन के ग्लूकोज टेस्ट मॉनिटर के डिजिटल रूप में शुगर लेवल की सटीक जानकारी करने के अलावा लॉन्ग टर्म तक ग्लूकोज मॉनिटरिंग के लिए वायरलेस कनेक्टिविटी, मेमोरी और एडवांस्ड डेटा प्रोसेसिंग टूल जैसे एडिशनल फीचर हैं।
किसी ट्रेंड नर्स/डॉक्टर से शुगर टेस्ट मशीन का इस्तेमाल करने का तरीका सीखना जरूरी है। इससे डायबिटीज चेक करने वाली मशीन की रीडिंग को समझने और उनका सही तरीके से इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी।
ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल कैसे करें ? इसकी बेहतर जानकारी के लिए आप नीचे दिया गया वीडियो भी देख सकते हैं।
वीडियो लिंक- https://youtu.be/nWeL5Q6RXxw
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शुगर टेस्ट करने वाली मशीन का इस्तेमाल करने के टिप्स-
घर पर ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल करने के लिए हमेशा कुछ स्ट्रिक्ट गाइडलाइन का पालन करें। ग्लूकोमीटर/शुगर टेस्ट मशीन का इस्तेमाल करने से पहले आपको कुछ बातें याद रखनी चाहिए-
- ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल करने से पहले अपने हाथ ठीक से धो लें। कई बार लोग बिना हाथ धोए इसका इस्तेमाल करते हैं जो अच्छी आदत नहीं है। आपके हाथ साफ-सुथरे दिखते हैं लेकिन खाने या खाने की चीजों को छूने से आपकी उंगलियों पर कुछ वेस्ट प्रोडक्ट रह जाते हैं। कुछ स्ट्डीज पहली और दूसरी बूंदों की रीडिंग के बीच 10% तक का अंतर दिखाते हैं। इसलिए घर पर ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल करने से पहले हाथों को अच्छी तरह धोकर सुखा लें।
- जब आप पहली बूंद को साफ करने के लिए स्पिरिट या अल्कोहल स्वैब का इस्तेमाल करते हैं तो कभी भी डिवाइस का तुरंत इस्तेमाल न करें। इसे सूखने दें फिर दूसरी बूंद के लिए इसका इस्तेमाल करें।
- किसी भी इंफेक्शन से बचने के लिए इसे साफ और सही तरह से सैनेटाइज किया जाना चाहिए।
- फिंगर स्टिक्स का इस्तेमाल किए जाने वाले डिवाइसों का इस्तेमाल एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा नहीं किया जा सकता है। इसे पूरी तरह से प्राइवेट रखें।
- कभी भी अपना डिवाइस किसी और के साथ साझा न करें।
- री-यूज्ड या शेयर से बचने के लिए हमेशा डिस्पोजेबल या सिंगल-यूज्ड लैंसेट का इस्तेमाल करें।
- सटीक रिजल्ट के लिए नए और अच्छे लैंसेट या स्ट्रिप्स का इस्तेमाल करें। पुरानी या एक्सपायर हो चुकी किट आपके टेस्ट रिजल्ट को गड़बड़ कर सकती है।
- जल्दी ना करें – कुछ लोग हर बार भोजन के 30 मिनट या एक घंटे के बाद अपने ब्लड शुगर लेवल का टेस्ट करते हैं जो सही नहीं है। ब्लड शुगर लेवल चेक करने का सही समय भोजन के 2 घंटे बाद का है।
- हर डायबिटीज पीड़ित को ज्यादा पानी पीना चाहिए। डीहाइड्रेशन से शुगर का लेवल बढ़ जाता है। इसलिए अपने आप को पानी और हेल्दी लिक्विड से हाइड्रेटेड रखें।
- टेस्ट लेने से पहले अपने हाथ रब करें। अपनी उंगलियों को कभी भी स्क्वीज (निचोड़ें) नहीं। इससे गलत रीडिंग आयेगी ।
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ग्लूकोमीटर खरीदने के लिए टिप्स-बेस्ट शुगर टेस्ट मशीन कैसे चुनें
कोई भी ग्लूकोमीटर या शुगर चेक करने वाली मशीन खरीदना सही बात नहीं है। ग्लूकोमीटर एक डिवाइस है जो आपके ब्लड शुगर लेवल पर नज़र रखता है इसलिए सही डिवाइस चुनना बहुत जरूरी है। यह तय करने के लिए कि आप बेस्ट शुगर टेस्ट मशीन खरीदें, कुछ बातें ध्यान में रखनी जरूरी हैं-
- एक अच्छा और भरोसेमंद ब्रांड चुनें।
- बाज़ार में अलग-अलग कीमतों के साथ कई ब्रांड उपलब्ध हैं,
- इसलिए एक बेस्ट और बजट वाला ग्लूकोमीटर चुनें।
- इसमें बीमा कवरेज होना चाहिए। डायबिटीज पीड़ितों के लिए स्टैंडर्ड ग्लूकोमीटर बीमा द्वारा कवर किए जाते हैं।
- ऐसा डिवाइस खरीदने की कोशिश करें जो टेस्ट के 5 सेकंड के भीतर रिजल्ट दिखाता हो।
- एक ऑटोमैटिक कोडिंग डिवाइस चुनें।
- आपकी ब्लड शुगर टेस्ट मशीन में आपके शुगर रीडिंग डेटा को स्टोर करने और रिट्रीव करने की क्षमता होनी चाहिए।
- डिवाइस को इस्तेमाल करना आसान होना चाहिए।
- स्क्रीन लाइट वाली ब्लड शुगर टेस्ट मशीन खरीदना चाहिए।
- विजन प्रॉब्लम के लिए ऐसे डिवाइस का इस्तेमाल करें जिसमें ऑडियो सुविधा हो।
- ऐसा डिवाइस खरीदें जो ब्लड के छोटे सैंपल का इस्तेमाल करता हो।
- आपके डिवाइस में ऑटोमैटिक कोडिंग होनी चाहिए क्योंकि मैन्युअल सेटिंग्स में गलतियां हो सकती हैं जो आपकी रीडिंग को डिस्टर्ब कर सकती हैं।
- यह बात याद रखें कि केवल एक डिवाइस खरीदना ही आपके लिए जरूरी नहीं है आपको लगातार स्ट्रिप्स और लैंसेट खरीदना होगा। इसलिए अपने बजट के हिसाब से डिवाइस खरीदें।
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ग्लूकोमीटर के फायदे और नुकसान
हर एक मॉडर्न टेक्निक के कुछ फायदे और नुकसान होते हैं, और ग्लूकोमीटर/शुगर टेस्ट मशीन भी इसी तरह की होती है। यह आपके डेली ग्लूकोज लेवल पर बारीकी से नजर रखने के लिए एक बेहतरीन डिवाइस है।
इससे होने वाले फायदों के साथ इसके कुछ नुकसान भी हैं। आइए जानते हैं ग्लूकोमीटर के फायदे और नुकसान के बारे में-
ग्लूकोमीटर के फायदे
- इससे समय की बचत होती है।
- यह रियल-टाइम रीडिंग देता है।
- यह आपके ब्लड शुगर लेवल के बारे में अच्छी जानकारी देता है जो आपको अपने डाइट और मेडिसिन मोडिफिकेशन के बारे में डिसीजन लेने में मदद करता है।
- यह आपको हाइपोग्लाइसीमिया का पता लगाने में मदद करता है और किसी भी इमरजेंसी कंडीशन से बचाता है।
- यह उन ओल्ड-एज (बुजुर्ग) लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो ब्लड टेस्ट के लिए बार-बार बाहर नहीं जा सकते।
- इसका इस्तेमाल करना आसान है और इसे घर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- यह पैसे बचाता है और एक कॉस्ट-इफेक्टिव डिवाइस के रूप में काम करता है।
- शुगर लेवल की हाई-रीडिंग इंफेक्शन, सूजन या बीमारी के लिए खतरनाक हो सकती है। ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल आपको ऐसी फिजिकल कंडीशन के बारे में पहले से ही बता सकता है।
- यह सटीक टेस्ट रीडिंग देता है जो आपको अपनी डाइट प्लान मैनेज करने में मदद करता है।
- रेगुलर ब्लड रीडिंग से दवा में बदलाव और डोज में बदलाव के बारे में सही जानकारी मिलती है।
ग्लूकोमीटर के नुकसान
- ये डिवाइस आपके ब्लड ग्लूकोज रीडिंग के बारे में हमेशा सटीक नहीं होते हैं।
- ये महंगे हो सकते हैं इसलिए इनका रेगुलर इस्तेमाल आपकी जेब पर काफी बोझ डाल सकता है।
- रेगुलर ग्लूकोज टेस्ट के लिए लगातार पिन करने (उंगली में चुभाने) की जरूरत होती है जो काफी पेनफुल है।
- आपको सटीक रीडिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ब्लड की मात्रा से सावधान रहने की जरूरत है। यदि सैंपल बहुत छोटा या बहुत बड़ा है तो यह सही रीडिंग नहीं देगा।
- कभी-कभी इन डिवाइस के इस्तेमाल से इंफेक्शन हो सकता है इसलिए इन डिवाइस का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतना जरूरी है।
- यह आपको इस पर डिपेंड रहने पर मजबूर कर सकता है। इतना अधिक ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल करना आपके मेंटल हेल्थ के लिए बहुत मुश्किल हो सकता है। रेगुलर ब्लड टेस्ट के रिजल्ट आपको स्ट्रेस दे सकते हैं।
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ग्लूकोमीटर और लैब टेस्ट में कितना अंतर है?
ब्लड शुगर लेवल को मापने के लिए एक लैब टेस्ट और दूसरा ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन लैब टेस्ट और ग्लूकोमीटर की एक्यूरेसी के बीच कुछ प्रमुख अंतर हैं।
लैब टेस्ट (ब्लड ग्लूकोज टेस्ट) एक्यूरेसी
एक लैब टेस्ट जिसे ब्लड ग्लूकोज टेस्ट या फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट के रूप में भी जाना जाता है । यह हॉस्पिटल या डायग्नोस्टिक लैब जैसी क्लिनिकल सेटिंग में कंडक्ट किया जाता है। इसमें बांह(आर्म) की नस से ब्लड का सैंपल लिया जाता है। फिर ब्लड का सैंपल एनालिसिस के लिए लैब में भेजा जाता है।
लैब टेस्ट अधिक एक्यूरेट और रिलायबल होते हैं, क्योंकि वे सोफिस्टिकेटेड डिवाइसों और स्ट्रिक्ट क्वालिटी कंट्रोल तरीकों का इस्तेमाल करके कंडक्ट किए जाते हैं। ये टेस्ट खाली पेट और भोजन के बाद (खाने के बाद) किए जाते हैं।
ग्लूकोमीटर एक्यूरेसी
ग्लूकोमीटर को ब्लड ग्लूकोज मीटर भी कहा जाता है। यह एक पोर्टेबल डिवाइस है जिसका इस्तेमाल व्यक्तियों द्वारा ब्लड ग्लूकोज लेवल को जानने के लिए किया जाता है। इसे नॉर्मली घर पर या कहीं चलते-फिरते भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें ब्लड की एक छोटी बूंद लेने के लिए एक लैंसेट को उंगलियों में चुभाना पड़ता है। जिसे बाद में एक टेस्ट स्ट्रिप पर रखा जाता है। ग्लूकोमीटर टेस्ट स्ट्रिप को रीड करता है और अपनी स्क्रीन पर ब्लड ग्लूकोज लेवल शो करता है।
ग्लूकोमीटर को डायबिटीज वाले लोगों के लिए ब्लड शुगर लेवल की सुविधा और लगातार मॉनिटरिंग के लिए डिज़ाइन किया गया है। ग्लूकोमीटर की सटीकता लैब टेस्ट से कम हो सकती है लेकिन ग्लूकोमीटर रियल-टाइम रिजल्ट देता है जिससे इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति अपने ट्रीटमेंट और डाइट के बारे में तुरंत डिसीजन ले सकता है।
रिजल्ट में अंतर
लैब टेस्ट के रिजल्ट की और ग्लूकोमीटर के रिजल्ट में अंतर हो सकता है। ग्लूकोमीटर में गलती होने की संभावना होती है, जो सेल्फ-मॉनिटरिंग डिवाइस में नॉर्मल बात है। उनकी एक्यूरेसी टेस्ट स्ट्रिप्स की क्वालिटी, डिवाइस के गलत इस्तेमाल या ब्लड सैंपल लेने में किसी टेक्निकल गलती जैसे फैक्टर्स से गड़बड़ हो सकती है।
लैब टेस्ट और ग्लूकोमीटर के बीच रिजल्ट में अंतर डायबिटीज या ग्लूकोज मॉनिटरिंग के डेली मैनेजमेंट के लिए जरूरी नहीं है। यदि रीडिंग या ग्लूकोमीटर एक्यूरेसी के बारे में कोई परेशानी है तो हेल्थ केयर एक्सपर्ट से बात करना जरूरी है। एक्यूरेट मीजरमेंट के लिए वे एडिशनल लैब टेस्ट कर सकते हैं या ग्लूकोमीटर को कैलिब्रेट कर सकते हैं।
ब्लड शुगर लेवल की मॉनिटरिंग के लिए लैब टेस्ट और ग्लूकोमीटर दोनों जरूरी हैं। लैब टेस्ट ज्यादा एक्यूरेट होते हैं जबकि ग्लूकोमीटर डेली सेल्फ-मैनेजमेंट के लिए आसान होते हैं। सही ब्लड शुगर मैनेजमेंट के लिए हेल्थ केयर एक्सपर्ट की सलाह और गाइडेंस जरूरी है।
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लैब टेस्ट और ग्लूकोमीटरों में क्या-क्या फीचर्स है,ये बताने के लिए एक टेबल नीचे दी गई है
फीचर्स | लैब टेस्ट | ग्लूकोमीटर |
सैंपल कलेक्शन | नस से खून निकालना | उंगलियों से छोटी सी खून की बूंद लेना |
टेस्ट करने की जगह | केवल लैब या जहां क्लिनिकल सेटअप हो | घर पर या चलते-फिरते कहीं भी |
टेस्ट टाइम | ज्यादा समय लगता है | तुरंत रिजल्ट |
एक्यूरेसी | हाई | मीडियम (*एमएआरडी~5% से 15%) |
कंप्लीट एनालिसिस | हाँ | बेसिक ग्लूकोज मीजरमेंट |
टेस्ट की फ्रीक्वेंसी | डॉक्टर की जरूरत के हिसाब से | दिन में कई बार (यदि जरूरी हो) |
परपज | डायग्नोसिस और मॉनिटरिंग | डायबिटीज के लिए सेल्फ-मॉनिटरिंग |
डिवाइस कंप्लेक्सिटी | कांप्लेक्स लैब सेटअप | पोर्टेबल और यूजर फ्रेंडली |
कॉस्ट(खर्च) | ज्यादा हो सकता है | अफोर्डेबल और आसान |
इस्तेमाल | हेल्थ केयर एक्सपर्ट | कोई भी इस्तेमाल कर सकता है सही गाइडलाइन से |
कैलिब्रेशन | रेगुलर | कभी-कभी |
*एमएआरडी या मीन एब्सोल्यूट रिलेटिव डिफरेंस, ब्लड शुगर रीडिंग के बीच अंतर को मापने का एक तरीका है।
जैसे घरेलू डिवाइस और लैब टेस्ट के बीच जो एवरेज अंतर होता है।
कम एमएआरडी का मतलब है कि रीडिंग करीब है। जो एक्यूरेसी का संकेत देती है। हाई एमएआरडी बड़े अंतर को दिखाती है, जिससे एक्यूरेसी और रिलैबिलिटी के बारे में परेशानी बढ़ जाती हैं। एमएआरडी की नॉर्मल रेंज लगभग 5% से 15% के बीच है।
2019 में जर्नल ऑफ डायबिटीज साइंस एंड टेक्नोलॉजी की स्ट्डीज में अलग ग्लूकोमीटर मॉडल के लिए एमएआरडी की नॉर्मल रेंज 5.7% से 15.7% तक बताया गया।
2018 में डायबिटीज टेक्नोलॉजी एंड थेरेप्यूटिक्स के एक स्टडी में अलग ग्लूकोमीटर डिवाइसों के लिए एमएआरडी की नॉर्मल रेंज 7.5% और 14.9% के बीच बताया गया।
टेबल में बताया गया एमएआरडी रेंज एक नॉर्मल रेंज है। अलग-अलग ग्लूकोमीटर मॉडल की एक्यूरेसी अलग हो सकती है। हमेशा मैन्युफैक्चरर द्वारा बताई गई गाइडलाइन को फॉलो करें और ग्लूकोज मॉनिटरिंग और मैनेजमेंट की सबसे एक्यूरेट और इंडिविजुअल सलाह के लिए हेल्थ एक्सपर्ट से बात करें।
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ग्लूकोमीटर और लैब टेस्ट की कीमत में अंतर
लैब टेस्ट और ग्लूकोमीटर के हर टेस्ट के बीच लगने वाला खर्च प्लेस, हेल्थ सर्विस सिस्टम, बीमा कवरेज और ग्लूकोमीटर के अलग ब्रांड और मॉडल जैसे फैक्टर पर अलग हो सकता है।
यहां लैब टेस्ट और ग्लूकोमीटर की कीमत के बीच एक टिपिकल अंतर दिया गया है।
लैब टेस्ट प्राइस (ब्लड ग्लूकोज टेस्ट)-
- भारत में लैब ब्लड ग्लूकोज टेस्ट का खर्च टेस्ट के टाइप,प्लेस और हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर के बेस पर लगभग ₹100 से ₹500 या ज्यादा तक हो सकती है।
- खर्च को बीमा द्वारा कवर किया जा सकता है, लेकिन को-पेमेंट या दूसरे खर्च लागू हो सकते हैं।
ग्लूकोमीटर की प्राइस-
- भारत में बेसिक ग्लूकोमीटर खरीदने का शुरुआती खर्च लगभग ₹500 से ₹1500 तक हो सकता है।
- ज्यादा एडवांस्ड या काफी फीचर वाले मॉडल की कीमत ₹1500 और ₹4000 या इससे भी ज्यादा हो सकती है।
- टेस्ट स्ट्रिप्स ग्लूकोमीटर के साथ प्रत्येक टेस्ट के लिए जरूरी हैं। ब्रांड और क्वांटिटी के बेस पर हर स्ट्रिप में लगभग ₹10 से ₹50 तक का खर्च आ सकता है।
- ग्लूकोमीटर के साथ हर टेस्ट के खर्च में टेस्ट स्ट्रिप का खर्च और ब्लड के सैंपल के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले लैंसेट का खर्च भी शामिल होगा ।
खर्च के बीच का अंतर-
लैब टेस्ट में हर टेस्ट का हर बार एक ही खर्च होगा जो ₹100 से ₹500 या ज्यादा तक हो सकता है।
ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल करने में डिवाइस की शुरूआती खर्च (₹500 से ₹4000) और हर टेस्ट के लिए टेस्ट स्ट्रिप्स (₹10 से ₹50 प्रति स्ट्रिप) का खर्च शामिल है।
टेस्ट फ्रीक्वेंसी और इस्तेमाल किए गए ग्लूकोमीटर और टेस्ट स्ट्रिप्स के बेस पर, ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल करने का लॉन्ग-टर्म खर्च समय के साथ बढ़ सकता है।
ये अप्रॉक्सिमेट कॉस्ट रेंज कई फैक्टर्स पर डिपेंड करती है। सबसे एक्यूरेट और अप-टू-डेट खर्च की जानकारी के लिए भारत में लोकल फॉर्मेसी, मेडिकल सप्लाई स्टोर, या हेल्थ केयर एक्सपर्ट से बात करें।
ग्लूकोमीटर एक्यूरेसी पर इफेक्ट डालने वाले फैक्टर
जब ग्लूकोमीटर का सही इस्तेमाल किया जाता है तो वे ज्यादा एक्यूरेट रिजल्ट देते हैं। लेकिन कभी-कभी वे ग़लत भी हो सकते हैं। कुछ फैक्टर्स हैं जिन पर विचार किया जाना चाहिए क्योंकि ये मीटर एक्यूरेसी को अफेक्ट करते हैं। साथ ही प्रॉब्लम के सॉल्यूशन और प्रिवेंशन भी बताए गए हैं।
टेस्ट स्ट्रिप की प्रॉब्लम
डैमेज या पुरानी हो चुकी टेस्ट स्ट्रिप्स को हटा दें। स्ट्रिप्स को उनके सीलबंद कंटेनर में स्टोर करें। इसे गर्मी, नमी और रोशनी से बचाना चाहिए।
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इंटेंस टेंप्रेचर
मीटर के साथ ही स्ट्रिप्स को रूम टेंप्रेचर पर रखा जाना चाहिए।
अनुचित कोडिंग
टेस्ट स्ट्रिप्स के हर कंटेनर में कुछ मीटर को कोड किया जाना चाहिए। तय करें कि डिवाइस में कोड नंबर टेस्ट स्ट्रिप के कंटेनर पर मौजूद कोड नंबर से मेल खाता हो।
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स्किन पर अल्कोहल, गंदगी, या दूसरे सब्सटेंस
हाथों, टेस्ट की जगह पर निडिल को चुभाने से पहले सावधानी से धोया और सुखाया जाना चाहिए।
टेस्ट की जाने वाली जगह
यदि कोई व्यक्ति उंगलियों की नोक को छोड़कर किसी दूसरी साइट का इस्तेमाल करता है और मानता है कि रीडिंग गलत है तो वह उंगली की नोक से ब्लड का इस्तेमाल करके फिर से टेस्ट कर सकता है। जब शुगर का लेवल बहुत तेजी से बढ़ रहा हो या गिर रहा हो तो दूसरी जगह (साइटों) से लिए गए ब्लड के सैंपल उंगलियों के सैंपल की तरह एक्यूरेट नहीं होते हैं।
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मॉनिटर संबंधी समस्याएं
टेस्ट स्ट्रिप को पूरी तरह से मॉनिटर में डाला जाना चाहिए। ग्लूकोमीटर की एक्यूरेसी तय करने के लिए मॉनिटर बैटरी को जरूरत के हिसाब से बदला जाना चाहिए।
ब्लड में आरबीसी की संख्या
यदि कोई व्यक्ति डीहाइड्रेटेड है या आरबीसी काउंट कम है (एनीमिया) तो यह टेस्ट रिजल्ट में गड़बड़ी हो सकती है।
भारत में बेस्ट ग्लूकोमीटर की लिस्ट (Best Sugar Test Machine)
बाज़ार में अनेक ग्लूकोमीटर डिवाइस उपलब्ध हैं। मन में स्पष्ट प्रश्न आता है कि भारत में सबसे अच्छा ग्लूकोमीटर कौन सा है? बेस्ट ग्लूकोमीटर मशीन की मुख्य विशेषताएं क्या हैं? आइए भारत में बाज़ार में उपलब्ध बेस्ट ग्लूकोमीटर डिवाइसों की जाँच करें। डिवाइसों को इस्तेमाल में आसानी और शुगर के लेवल को मापने में इसकी सटीकता के अनुसार रैंक किया गया है।
1. वनटच सिलेक्ट प्लस सिंपल ग्लूकोमीटर (One-Touch Select Plus Simple Glucometer)
आप इस्तेमाल करने में आसान मशीन को ढूंढ रहे हैं जो तेज और एक्यूरेट रिजल्ट देती है तो वनटच सेलेक्ट प्लस सिंपल ग्लूकोमीटर खरीदने के लिए भारत में सबसे अच्छे ग्लूकोमीटर में से एक है। जैसा कि नाम वनटच है, इसके लिए आपको केवल डिवाइस चालू करना होगा और रिजल्ट आपके सामने होगा। इसे बाजार में कलरश्योर वन टच सिलेक्ट प्लस सिंपल ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम के नाम से भी जाना जाता है।
वन-टच सिलेक्ट प्लस सिंपल ग्लूकोमीटर के फीचर्स-
- डिवाइस में 10 लैंसेट और 10 स्ट्रिप्स हैं।
- इसके लिए केवल 0.5 माइक्रोलीटर ब्लड की जरूरत होती है।
- ब्लड शुगर का रिजल्ट 5 सेकंड के अंदर सामने आ जाता है।
- यह अपनी मेमोरी में पिछले 10 टेस्ट रिकॉर्ड स्टोर कर सकता है।
- इसमें एक एलईडी डिस्प्ले और एक ऑडियो अलर्ट सिस्टम है।
- इस्तेमाल करने से पहले किसी कोडिंग या सेटअप सिस्टम की जरूरत नहीं है।
- बैटरी से ऑपरेट किया जाता है ।
- एक छोटी और पोर्टेबल मशीन।
- इस डिवाइस को इस्तेमाल करना आसान है।
- डिवाइस की मिनिमम और मैक्सिमम मेजरमेंट लिमिट सेट है, इसको बदला नहीं जा सकता।
- एक्यूरेसी के मामले में यह सबसे अच्छा ग्लूकोमीटर है। यह लैब टेस्ट रिजल्ट के समान एक्यूरेट रिजल्ट देता है।
नुकसान-
- टेस्ट स्ट्रिप बहुत महँगी हैं।
वन टच सेलेक्ट प्लस ग्लूकोमीटर के फायदे और नुकसान-
फायदा | नुकसान |
लैब द्वारा वेरीफाई प्रिसीजन | टेस्ट स्ट्रिप्स अलग से खरीदना होता है |
लैब के साथ सिंपल रिजल्ट कंपेरिजन | कम इफेक्टिव लांसिंग डिवाइस |
अफोर्डेबल कॉस्ट | लिमिटेड डेटा स्टोरेज |
लो-कॉस्ट पर अच्छा परफॉर्मेंस | डिजिटल डिवाइस के साथ कोई सिंक ऑप्शन नहीं |
किसी कोडिंग या इंस्टालेशन की जरूरत नहीं | कोई यूएसबी या इन्फ्रारेड सपोर्ट नहीं |
कॉस्ट-इफेक्टिव टेस्ट | स्ट्रिप्सलिमिटेड बैटरी लाइफ |
लॉन्ग टर्म इस्तेमाल के लिए बैटरी हटाना जरूरी है | |
फिजिकली चैलेंज्ड सीनियर लोगों के लिए लिमिटेड डिस्प्ले |
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2. एक्यू चेक इंस्टेंट एस ग्लूकोमीटर (Accu Chek Instant S Glucometer)
यह भारत में एक सिंपल शुगर टेस्ट मशीन है। ये पिछले 3 महीनों की रीडिंग देता है। यह पिछले 7, 14, 30 और 90 दिनों की रीडिंग को आइडेंटिफाई कर सकता है।
एक्यू-चेक ग्लूकोमीटर के फीचर्स-
- छोटा हैंडी डिवाइस
- 500 पिछले रिजल्ट स्टोर कर सकता है।
- इसमें एक एलसीडी है।
- अक्यू-चेक में 2 बटन हैं इसलिए इसे चलाना आसान है।
- माइक्रो यूएसबी से रिजल्ट डेटा को लैपटॉप या पर्सनल कंप्यूटर पर ट्रांसफर करने के लिए एक पोर्ट बनाया गया है।
- यह 90 दिनों तक डेटा रख सकता है और इस प्रकार 3 महीने तक कंप्लीट ग्लूकोज प्रोफ़ाइल दे सकता है।
- एक्यू-चेक ग्लूकोमीटर 10 स्ट्रिप्स और 10 लैंसेट के साथ आता है। शुगर टेस्ट किट पहली बार खरीदने पर पहले टेस्ट के लिए इस्तेमाल किए गए सॉफ़्टक्लिक्स लांसिंग के साथ आती है।
- इसके लिए 1-2 माइक्रोलीटर ब्लड के सैंपल की जरूरत होती है। यदि ब्लड का सैंपल कम मात्रा में है, तो मशीन से एक अलर्ट साउंड (बीप)आती है।
- यदि आप गलती से एक्सपायर्ड टेस्ट स्ट्रिप रख देते हैं तो मशीन एक अलर्ट साउंड (बीप)देती है।
एक्स्ट्रा फीचर्स-
- डायबिटीज मैनेजमेंट एप्लिकेशन जैसे कि माई-शुगर के साथ वायरलेस कनेक्टिविटी।
- ब्राइट स्ट्रिप पोर्ट लाइट के साथ-साथ बैकलिट डिस्प्ले।
- लेटेस्ट आईएसओ स्टैंडर्ड से वेरीफाइड प्रिसीजन।
- टेस्ट के बाद स्ट्रिप को हाई-जिनिक तरीके से हटाना।
- स्ट्रिप्स को मजबूती से पकड़ने के लिए स्पिल-रेजिस्टेंस ग्लास का इस्तेमाल है।
- ब्लड की एक छोटी बूंद के लिए टेस्ट स्ट्रिप्स का वाइड डोज रेंज।
एक्यू-चेक इंस्टेंट एस ग्लूकोमीटर के फायदे और नुकसान-
फायदा | नुकसान |
छोटा और कंफर्टेबल डिज़ाइन | बहुत ज्यादा या कम रीडिंग के लिए कोई स्पेशल अलर्ट नहीं |
पिछले 500 रिजल्ट स्टोर करता है | वायरलेस कनेक्टिविटी सभी डिवाइस में काम नहीं करती है |
एलसीडी डिस्प्ले | रिचार्जेबल नहीं है |
सिंपल 2-बटन ऑपरेशन | डायबिटीज डिवाइसों के साथ लिमिटेड डेटा शेयरिंग |
डेटा ट्रांसफर के लिए माइक्रो यूएसबी पोर्ट | डेटा रिव्यू के लिए कोई थर्ड-पार्टी कंपेटिबिलिटी नहीं |
3-मंथ प्रोफ़ाइल के लिए 90-दिन का डेटा स्टोरेज | प्राइस इस्तेमाल करने वालों को डिस्करेज कर सकता है |
10 स्ट्रिप्स और लैंसेट के साथ आता है | |
कम ब्लड सैंपल की जरूरत | |
एक्सपायर हो चुकी टेस्ट स्ट्रिप्स के लिए अलर्ट | |
माई-शुगर ऐप के साथ वायरलेस कनेक्टिविटी | |
ब्राइट स्ट्रिप पोर्ट लाइट और बैकलिट डिस्प्ले | |
आईएसओ स्टैंडर्ड से वेरिफाइड | |
हाईजिनिक तरीके से स्ट्रिप हटाना | |
स्पिल-रेजिस्टेंस स्ट्रिप ग्लास | |
छोटी ब्लड ड्रॉप(बूंद) के लिए वाइड डोज एरिया |
और पढ़े : जानिए शुगर फ्री बिस्किट्स के फायदे ?
3.एक्यू-चेक एक्टिव ग्लूकोमीटर (Accu Check Active Glucometer)
एक्यू-चेक एक्टिव ग्लूकोमीटर एक पॉपुलर और रिलायबल डिवाइस है जिसका इस्तेमाल ब्लड शुगर लेवल की मॉनिटरिंग के लिए किया जाता है। अपनी एक्यूरेसी और यूजर फ्रेंडली क्वालिटी के लिए जाना जाता है। यह ग्लूकोमीटर क्विक और एक्यूरेट रिजल्ट देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। चाहे आप डायबिटीज से पीड़ित हों या अपने ब्लड शुगर लेवल की क्लोज मॉनिटरिंग रखना चाहते हों तो एक्यू-चेक एक्टिव ग्लूकोमीटर एक रिलायबल डिवाइस है।
फीचर और बेनिफिट
- ब्लड शुगर का एक्यूरेट मीजरमेंट
- ब्लड ग्लूकोज की मॉनिटरिंग के लिए कोई कोडिंग नहीं। ऑपरेट करने के लिए केवल दो बटन के साथ इस्तेमाल करना आसान
- लगभग 90 दिनों के टेस्ट रिजल्ट की रिपोर्ट देता है
- आसान रीडिंग डिस्प्ले
- एक्सपायर हो चुकी स्ट्रिप्स या कम डोज के लिए वॉर्निग
- एक्सपेडियंट टेस्ट- मीटर के अंदर या बाहर स्ट्रिप्स का इस्तेमाल करें
एक्यू चेक एक्टिव ग्लूकोमीटर के फायदे और नुकसान-
फायदा | नुकसान |
छोटा और कंफर्टेबल डिज़ाइन | बहुत ज्यादा या कम रीडिंग के लिए कोई स्पेशल अलर्ट नहीं |
पिछले 500 रिजल्ट स्टोर करता है | वायरलेस कनेक्टिविटी सभी डिवाइस में काम नहीं करती है |
एलसीडी डिस्प्ले | रिचार्जेबल नहीं है |
आसान 2-बटन ऑपरेशन | डायबिटीज डिवाइसों के साथ लिमिटेड डेटा शेयरिंग |
डेटा ट्रांसफर के लिए माइक्रो यूएसबी पोर्ट | डेटा रिव्यू के लिए कोई थर्ड-पार्टी कंपेटिबिलिटी नहीं |
3-मंथ प्रोफ़ाइल के लिए 90-दिन का डेटा स्टोरेज | कम इकोनॉमिकल (एक्यू-चेक इंस्टेंट एस की कम्पेयर में भी) |
10 स्ट्रिप्स और लैंसेट के साथ आता है | |
कम ब्लड सैंपल की जरूरत | |
एक्सपायर हो चुकी टेस्ट स्ट्रिप्स के लिए अलर्ट | |
माई-शुगर ऐप के साथ वायरलेस कनेक्टिविटी | |
ब्राइट स्ट्रिप पोर्ट लाइट और बैकलिट डिस्प्ले | |
आईएसओ स्टैंडर्ड से अप्रूव | |
हाईजिनिक तरीके से स्ट्रिप हटाना | |
स्पिल-रेजिस्टेंस स्ट्रिप ग्लास | |
छोटी ब्लड ड्रॉप के लिए वाइड डोज एरिया |
और पढ़े : जानिए क्या है ,चिया बीज के फायदे ?
4. डॉ. मोरपेन बीजी-03 ग्लूको वन ग्लूकोमीटर (Dr. Morepen BG-03 Gluco One Glucometer)
डॉ. मोरपेन का ग्लूकोमीटर शुगर के लेवल को मापने के लिए बायोसेंसर टेक्निक का इस्तेमाल करता है। यह भारत में बेस्ट ग्लूकोमीटर में से एक है। यह डिवाइस इकोनॉमिकल है। क्योंकि यह 25 डॉ. मोरपेन ग्लूकोमीटर टेस्ट स्ट्रिप्स और 10 लैंसेट के साथ आता है।
सबसे सस्ते एवं डॉ.मोरपेन बीजी-03 ग्लूको वन ग्लूकोमीटर के फीचर्स-
- बायोसेंसर टेक्निक पर बेस्ड
- इसमें डेट और टाइम फ़ंक्शन के साथ एक बड़ा डिस्प्ले है जो आपको डेट के हिसाब से रीडिंग नोट करने में मदद करता है।
- सैंपल टेस्ट के लिए 0.5 माइक्रोलीटर ब्लड की जरूरत होती है।
- 5 सेकंड के अंदर रिजल्ट देता है।
- पिछले लगभग 300 टेस्ट रिजल्ट स्टोर कर सकता है।
- कम ब्लड अमाउंट, यूज्ड स्ट्रिप्स जैसे अलर्ट के लिए ऑडियो (बीप) साउंड का इस्तेमाल करता है।
- कंपनी की तरफ से लाइफटाइम वारंटी
- 7, 14 और 31 दिनों का एवरेज रिजल्ट देता है।
- सस्ता डिवाइस
डॉ. मोरपेन बीजी-03 ग्लूको वन ग्लूकोमीटर के फायदे और नुकसान-
फायदा | नुकसान |
एक्यूरेसी के लिए बायोसेंसर टेक्निक | इनकॉन्सिसटेंट एक्यूरेसी |
डेट और टाइम फ़ंक्शन के साथ बड़ा डिस्प्ले | कोई एडवांस्ड कनेक्टिविटी नहीं |
केवल 0.5 माइक्रोलीटर ब्लड की जरूरत होती है | नई स्ट्रिप्स के लिए कैलीब्रेशन जरूरी है |
क्विक 5-सेकंड रिजल्ट | लिमिटेड एक्स्ट्रा फीचर |
कंपनी की ओर से लाइफटाइम वारंटी | मोबाइल ऐप डेटा सिंकिंग की सुविधा नहीं |
वीकली और मंथली एवरेज रिजल्ट प्रोवाइड करता है | डिस्प्ले साइज काफी छोटा है |
स्विफ्ट और यूजर फ्रेंडली ऑपरेशन | |
आसान सेटअप, किसी कोडिंग की जरूरत नहीं | |
रिमार्केबल लंबी बैटरी | |
सभी व्यक्तियों के लिए यूजर फ्रेंडली | |
अफोर्डेबल कॉस्ट | |
एबनॉर्मल ग्लूकोज लेवल के लिए बीप अलर्ट | |
हाईजिनिक तरीके से स्ट्रिप हटाना | |
300 टेस्ट रिजल्ट स्टोर करता है |
5. डॉ. ट्रस्ट ग्लूकोमीटर (Dr. Trust Glucometer)
डॉ. ट्रस्ट का ग्लूकोमीटर जीडीएच और एफएडी टेक्निक की एडवांस्ड टेक्निक का इस्तेमाल करता है जो ब्लड ऑक्सीजन इंटरफियरेंस कंसीडर नहीं करता है। यह ब्लड ऑक्सीजन इंटरफियरेंस ही है जो ग्लूकोमीटर में गलत परिणाम का कारण बनता है। डॉ. ट्रस्ट का ग्लूकोमीटर अपनी नई एंजाइम-बेस्ड टेक्निक से इस चैलेंज को एलिमिनेट कर देता है। यह पूरी तरह से ऑटोमैटिक डिवाइस है और बहुत ही इफेक्टिव डिवाइस है। यह ब्लड शुगर लेवल के साथ-साथ कीटोन्स के लेवल के बारे में भी बताता है।
डॉ. ट्रस्ट ग्लूकोमीटर के फीचर्स-
- इसको ऑपरेट करने के 3 तरीके हैं।
- दिन के किसी भी समय ब्लड शुगर टेस्ट के लिए नॉर्मल मोड।
- पीसी मोड खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल को मापता है।
- एसी मोड खाली पेट में ब्लड शुगर लेवल को मापता है, जनरली फास्टिंग के बाद।
- रिजल्ट दिखाने के लिए स्माइली का इस्तेमाल करता है।
- यदि रिजल्ट अच्छा हैं तो हैप्पी फेस की स्माइली और यदि रिजल्ट खराब है तो सैड फेस की स्माइली का इस्तेमाल करता है।
- मशीन का इस्तेमाल अगर नहीं किया गया तो 3 मिनट के बाद ऑटोमैटिक ही बंद हो जाती है।
- आप शरीर के दूसरे हिस्सों से ब्लड निकालकर ब्लड शुगर लेवल टेस्ट कर सकते हैं।
- बड़ी मेमोरी और टेस्ट की एक्यूरेट डेट और टाइम के साथ पिछले 1000 रिजल्ट स्टोर करती है
- खाने के बाद या खाने से पहले या आपके मनचाहे समय पर शुगर लेवल टेस्ट की याद दिलाने के लिए अलार्म सेट कर सकते हैं।
- हाई-कीटोन या लो-कीटोन के रूप में कीटोन लेवल या बदलाव के बारे में जानकारी देता है
- यह 5 सेकंड के अंदर रिजल्ट दे सकता है
- डिस्प्ले बड़ा है और इसमें अंधेरे में वैल्यू को पढ़ने के लिए बैकलिट मोड है
- डॉ. ट्रस्ट किट 10 लैंसेट और 10 स्ट्रिप्स के साथ आती है (अलग हो सकती है)
- इस्तेमाल के बाद लैंसेट को छुए बिना उसको डिस्पोज करने के लिए एक कंफर्टेबल इजेक्टर है।
- डॉ. ट्रस्ट अपने कस्टमर को 1 साल की वारंटी देता है।
डॉ. ट्रस्ट ग्लूकोमीटर के फायदे और नुकसान-
फायदा | नुकसान |
3 ऑपरेशन मोड- नॉर्मल, खाने से पहले और खाने के बाद | दूसरे ग्लूकोमीटर की तुलना में महंगा |
रिजल्ट दिखाने के लिए स्माइली फेस का इस्तेमाल करता है | एक्सटेंसिंव फीचर्स के कारण इस्तेमाल करना थोड़ा कॉम्प्लिकेटेड है |
ऑटो शटडाउन से बैटरी की बचत होती है | एडिशनल स्ट्रिप की कॉस्ट ज्यादा |
ब्लड का सैंपल शरीर के अलग अंगों से भी लिया जा सकता है | इरेगुलर रिजल्ट मिल सकते हैं |
डेट और टाइम के साथ लगभग 1000 रिजल्ट स्टोर करता है | |
खाने के टाइम के लिए रिमाइंडर अलार्म | |
कीटोन लेवल में बदलाव को ट्रैक करता है | |
क्विक रिजल्ट 5-सेकंड के अंदर | |
आसान रीडिंग के लिए बड़ा बैकलिट डिस्प्ले | |
1 साल की वारंटी देता है |
6. एक्यूश्योर सिंपल ग्लूकोमीटर (AccuSure Simple Glucometer)
डॉ. जीन के रिप्यूटेड ब्रांड द्वारा बनाया गया एक्यूश्योर सिंपल ग्लूकोमीटर एक पोर्टेबल डिवाइस है जो इस्तेमाल में आसान है। जिसका इस्तेमाल ब्लड शुगर लेवल को आसानी से मापने के लिए किया जा सकता है। डिवाइस एक कैरीइंग पाउच के साथ आता है जिससे डिवाइस का इस्तेमाल करना आसान हो जाता है। यह चौथी जेनरेशन की एडवांस्ड जीडीएच एफएडी एंजाइम टेक्निक का इस्तेमाल करता है। इस साधारण मशीन की एक डिवाइस की कीमत 600 से 1200 रुपये तक है।
एंजाइम टेक्नोलॉजी बेस्ड शुगर टेस्ट मशीन के फीचर्स-
- 25 टेस्ट स्ट्रिप्स और 10 लैंसेट सुइयों के साथ आता है।
- यह एक पिन(चुभने) वाली गन(बंदूक) के साथ आता है जो ब्लड टेस्ट को आसान बनाता है।
- बड़े अंकों के वाला एलसीडी डिस्प्ले ।
- टेस्ट के 8 सेकंड के भीतर टेस्ट के रिजल्ट सामने आ जाते हैं।
- मिनिमम 0.5 माइक्रोलीटर ब्लड की जरूरत होती है।
- पिछले 1000 रिजल्ट स्टोर कर सकते हैं।
- ब्लड शुगर लेवल को 20 से 650 mg/dl तक माप सकते हैं।
- टेस्ट के 3 मोड हैं फास्टिंग के बाद, भोजन के बाद या नॉर्मल मोड
चैलेंज– रिजल्ट किसी दूसरी डिवाइस पर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। आप मोबाइल फोन से तस्वीर ले सकते हैं।
एक्यू-श्योर सिंपल ग्लूकोमीटर के फायदे और नुकसान-
फायदा | नुकसान |
आसान ब्लड टेस्ट के लिए प्रिकिंग गन (चुभने वाली बंदूक) | किसी अन्य डिवाइस पर ट्रांसफर नहीं हो सकती |
बड़ा और क्लियर एलसीडी डिस्प्ले | कोई एडवांस्ड कनेक्टिविटी नहीं |
क्विक रिजल्ट 8-सेकंड के अंदर | कम एक्यूरेट |
केवल 0.5 माइक्रोलीटर ब्लड की जरूरत होती है | स्पिल-रेजिस्टेंस नहीं |
पिछले 1000 टेस्ट रिजल्ट स्टोर करता है | |
मेजरमेंट की वाइड रेंज (20 से 650 मिलीग्राम/डेसीलीटर) | |
एक से ज्यादा टेस्ट मोड (फास्टिंग, भोजन के बाद और नॉर्मल) |
7. बीट-ओ स्मार्टफोन ग्लूकोमीटर (BeatO Smartphone Glucometer)
बीट-ओ स्मार्टफ़ोन ग्लूकोमीटर आपके स्मार्टफ़ोन से कनेक्ट करके चलाया जा सकता है। शुगर टेस्टिंग मशीन को स्मार्टफोन के ऑडियो जैक के जरिए प्लग इन किया जा सकता है। रिजल्ट के बारे में आपका गाइडेंस करने के लिए स्मार्टफ़ोन ऐप्स का इस्तेमाल किया जाता है। आप अपने फोन से तुरंत किसी डॉक्टर या दोस्त के साथ रिजल्ट शेयर कर सकते हैं। यदि आप टेक्नोलॉजी-लवर हैं तो इस डायबिटीज टेस्ट मशीन को आज़माएँ।
मोबाइल ऐप-आधारित ग्लूकोमीटर के फीचर–
- 20 टेस्ट स्ट्रिप्स और 20 लैंसेट के साथ आता है।
- डिवाइस को ऑडियो जैक में प्लग करने से स्मार्टफोन ग्लूकोमीटर बन जाता है।
- कैरी करने में आसान
- टेस्ट के लिए 0.6 मिलीग्राम/डीएल ब्लड सैंपल की जरूरत होती है
- 10 सेकंड के अंदर रिजल्ट देता है
बीटओ स्मार्टफोन ग्लूकोमीटर के फायदे और नुकसान
फायदा | नुकसान |
हाई-एक्यूरेसी | ख़राब बिल्ट क्वालिटी |
आसान और पोर्टेबल | आईओएस डिवाइस के साथ कंपेटिबल नहीं है |
ऐप में डायबिटीज मैनेजमेंट टिप्स शामिल हैं | ढेर सारी नोटिफिकेशन |
बहुत कम ब्लड की जरूरत होती है | कांप्लेक्स सेटअप और इंस्टालेशन |
सिंपल प्लग इन से आपके स्मार्टफोन को ग्लूकोमीटर में बदल देता है | सीनियर सिटीजन के लिए इस्तेमाल करना मुश्किल |
बाज़ार में सबसे फैंसी और सबसे ज्यादा फीचर वाला ग्लूकोमीटर | रिजल्ट मिलने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है |
सीई और आईएसओ सर्टिफाइड | |
पिन करने में काम दर्द हो इसलिए इसमें सुपर फाइन राउंड प्वाइंट हैं | |
चार्जिंग की जरूरत नहीं है | |
आउट ऑफ रेंज होने पर रीडिंग ऑटोमैटिक तरीके से परिवार और डॉक्टर के साथ शेयर की जा सकती है | |
हेल्थ कोच सपोर्ट शामिल है | |
नोट्स और रिमाइंडर्स शामिल हैं |
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8. एक्यूश्योर गोल्ड ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग डिवाइस (AccuSure Gold Blood Glucose Monitoring Device)
यदि आप इफेक्टिव डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए कंप्लीट होम केयर सॉल्यूशन लेने का मन बना रहे हैं तो एक्यूश्योर गोल्ड ग्लूकोमीटर बहुत सही चॉइस है। डॉ. जीन ब्रांड से आने वाला एक्यूश्योर गोल्ड दुनिया के सबसे एक्यूरेट ब्लड ग्लूकोज लेवल की मॉनिटरिंग करने वाले डिवाइस में से एक है। जो भारत में बेस्ट ग्लूकोमीटर की लिस्ट में 7वां है।
एक्यूश्योर गोल्ड ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग डिवाइस के फीचर्स-
- यह टेस्ट के लिए गोल्ड इलेक्ट्रोड स्ट्रिप्स का इस्तेमाल करता है।
- किट 8 सेकंड के अंदर रिजल्ट दे देती है।
- 50 टेस्ट स्ट्रिप्स और 50 लैंसेट के साथ आता है।
- डिस्प्ले कंफर्टेबल और इस्तेमाल में काफी आसान है।
- 7, 14, 21, 30 और 90 दिनों के एवरेज रिजल्ट काउंट कर सकता है और यह 3-मंथ डायबिटीज कंट्रोल प्रोफ़ाइल दे सकता है
- यह डिवाइस डेट और टाइम के साथ 150 टेस्ट रिजल्ट डिस्प्ले कर सकता है।
- टेस्ट के लिए 1.4 माइक्रोलीटर ब्लड की जरूरत होती है
एक्यूश्योर गोल्ड ग्लूकोमीटर के फायदे और नुकसान-
फायदा | नुकसान |
क्विक रिजल्ट डिस्प्ले | काफी महंगा है |
3 महीने का डायबिटीज कंट्रोल प्रोफ़ाइल देता है | दूसरे किसी डिवाइस में ट्रांसफर नहीं हो सकता |
ब्लड की बहुत छोटी ड्रॉप(बूंद) की जरूरत होती है | स्मार्टफोन या किसी और डिवाइस से कोई कनेक्टिविटी नहीं |
हाई-एक्यूरेसी के लिए बढ़िया गोल्ड इलेक्ट्रोड के साथ आता है | लिमिटेड एक्स्ट्रा फीचर्स |
इस्तेमाल करने में आसान | बहुत ज्यादा या कम शुगर लेवल के लिए कोई वार्निंग अलार्म नहीं |
डेट और टाइम के साथ 150 टेस्ट स्टोर कर सकता है | |
कोई कोडिंग जरूरी नहीं है | |
सिंपल और क्लियर डिस्प्ले |
9. कंटूर प्लस ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम (Contour Plus Blood Glucose Monitoring System)
यह इस्तेमाल करने में काफी आसान डिवाइस है जिसमें गलती बहुत कम होती है। यह डिवाइस बायोसेंसर टेक्निक का इस्तेमाल करता है जो टेस्ट को पेनलेस(बिना दर्द के) )बनाता है। इस डिवाइस के इस्तेमाल के लिए पहले से किसी टेक्नोलॉजी की जानकारी की जरूरत नहीं है। यह एक अच्छा डिवाइस है जो किसी के भी बजट में फिट हो सकता है।
बजट-फ्रेंडली और बेस्ट ग्लूकोमीटर मशीन के फीचर्स-
- किट में 25 टेस्ट स्ट्रिप्स के साथ 5 लैंसेट शामिल हैं।
- यह डिवाइस 5 सेकंड के अंदर रिजल्ट देता है।
- किसी कोडिंग और इंस्टॉलेशन की जरूरत नहीं है
- डिवाइस इस्तेमाल के लिए तैयार है
- 7, 14, और 21 दिनों की एवरेज वैल्यू का रिजल्ट देता है।
- पिछले 800 रिजल्ट स्टोर करता है।
- स्मार्ट लाइट फीचर बहुत ज्यादा और बहुत कम शुगर लेवल के दौरान मरीजों को सचेत करता है।
- डेटाबेस इन्फॉर्मेशन के साथ लगातार संबंध बनाने में हेल्प करता है।
कंटूर प्लस ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम के फायदे और नुकसान
फायदा | नुकसान |
5 सेकंड के भीतर रिजल्ट देता है | गलतियां हो सकती हैं |
किसी कोडिंग या इंस्टॉलेशन की जरूरत नहीं है | लो-ग्रेड टेस्ट स्ट्रिप्स |
कई दिनों के लिए एवरेज वैल्यू देता है | लिमिटेड एक्स्ट्रा फीचर |
800 तक रिजल्ट स्टोर करता है | एडिशनल कनेक्टिविटी नहीं है |
बहुत अधिक और बहुत कम शुगर लेवल के लिए अलर्ट | रिचार्जेबल नहीं है |
ब्लूटूथ कनेक्टिविटी | |
रिमाइंडर्स शामिल हैं | |
स्मार्टफोन एप्लिकेशन शामिल है | |
लाइफटाइम वारंटी के साथ आता है | |
सैंपल के लिए सेकेंड चांस देता है (60 सेकंड के भीतर) |
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10. वन टच सेलेक्ट वेरियो फ्लेक्स ग्लूकोमीटर (One Touch Select Verio Flex Glucometer)
यह डिवाइस कलरश्योर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है। वन टच सेलेक्ट वेरियो फ्लेक्स ग्लूकोमीटर एक ट्रस्टेड ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम है। यह एक आसान स्लिम डिज़ाइन के साथ आता है।
कलरश्योर टेक्निक ब्लड शुगर लेवल की रीडिंग को समझना आसान बनाती है। ब्लड में शुगर के लेवल के आधार पर स्क्रीन का रंग बदलता है।
- नीला रंग का मतलब है कि शुगर का लेवल सेफ लेवल से नीचे है।
- हरा रंग नॉर्मल लेवल है।
- लाल रंग ब्लड का मतलब ब्लड शुगर लेवल हाई है।
रंग-आधारित शुगर टेस्ट मशीन की विशेषताएं
- किट 10 लैंसेट और 10 स्ट्रिप्स के साथ आती है।
- डिस्प्ले बहुत स्पष्ट और बड़े अंकों का इस्तेमाल करता है।
- डेट और टाइम के साथ रिजल्ट शो करता है।
- डिवाइस 5 सेकंड के अंदर रिजल्ट देता है।
- ब्लड की बहुत कम 0.4 माइक्रोलीटर की जरूरत होती है।
- शुगर के लेवल को न्यूनतम 20 मिलीग्राम/डीएल और अधिकतम मान 600 मिलीग्राम/डीएल मापता है।
- डेटा ट्रांसफर के लिए ब्लूटूथ और यूएसबी कनेक्टिविटी मौजूद है।
- 500 पिछले रिजल्ट स्टोर कर सकते हैं।
- यह काफी किफायती है।
वन टच सेलेक्ट वेरियो फ्लेक्स ग्लूकोमीटर के फायदे और नुकसान-
फायदे | नुकसान |
0.4 माइक्रोलीटर ब्लड की जरूरत होती है | रिचार्जेबल नहीं है |
ब्लड ग्लूकोज मापने की वाइड रेंज(अधिक) | इसमें पोर्ट लाइट शामिल नहीं है (कम रोशनी में कठिन टेस्ट) |
ब्लूटूथ और यूएसबी कनेक्टिविटी | डिवाइस के साथ कोई ऑटोमैटिक सिंक नहीं |
अन्य डिवाइस पर डेटा ट्रांसफर किया जा सकता है | केवल इसकी ही टेस्ट स्ट्रिप्स का इस्तेमाल किया जा सकता है |
डेट और टाइम के साथ रिजल्ट | |
500 रिजल्टकी स्टोरेज | |
5 सेकंड का क्विक रिजल्ट टाइम | |
क्लियर और सिंपल डिस्प्ले | |
नए यूजर के लिए आसान सेटअप | |
बेहतर समझ के लिए कलरफुल इंडिकेटर्स के साथ आता है | |
स्लिम और कॉम्पैक्ट डिज़ाइन | |
पॉजिटिविटी को बढ़ावा देने के लिए मज़ेदार स्माइली फेस | |
फिटबिट के साथ कनेक्टिविटी |
11.ट्रूवर्थ G30 ग्लूकोमीटर (Truworth G-30 Glucometer)
यह सबसे छोटी ब्लड शुगर टेस्ट वाली मशीनों में से एक है। ट्रूवर्थ खाली पेट और खाने के बाद में ब्लड शुगर के सटीक लेवल को मापने में सक्षम है। यह इस्तेमाल में आसान डिवाइस है। डिवाइस से रिजल्ट क्लाउड पर ट्रांसफर किए जा सकते हैं। ट्रूवर्थ जी-30 ग्लूकोमीटर अलग रंगों में उपलब्ध है।
ट्रूवर्थ जी-30 ग्लूकोमीटर की विशेषताएं – क्लाउड-बेस्ड टॉप ग्लूकोमीटर
- 10 स्ट्रिप्स और 10 लैंसेट के साथ किट आती है
- टेस्ट के लिए केवल 0.5 माइक्रोलीटर ब्लड की जरूरत होती है
- 5 सेकंड में रिजल्ट देता है
- यह 450 पिछले रिजल्ट स्टोर कर सकता है
- यह 7, 14, 21,28, 60 और 90 दिनों में एवरेज रिजल्ट दिखा सकता है
- यूएसबी पोर्ट कनेक्टिविटी से डेटा और रिजल्ट रिकॉर्ड ट्रांसफर कर सकते हैं।
- ग्लूकोफोन ऐप की मदद से आप रिजल्ट को डिवाइस से क्लाउड स्टोरेज में ट्रांसफर कर सकते हैं।
ट्रूवर्थ जी-30 ग्लूकोमीटर के फायदे और नुकसान
फायदा | नुकसान |
ब्लड की बहुत छोटी बूंद की जरूरत है | गलत रीडिंग आ सकती हैं |
क्विक मीजरिंग टाइम | लो-एक्यूरेसी |
450 तक रिजल्ट स्टोरेज क्षमता | नहीं |
कई दिनों तक एवरेज रिजल्ट | एडवांस्ड कनेक्टिविटी का
ना होना |
यूएसबी से डेटा ट्रांसफर हो सकता है | गंभीर रूप से हाई या लो शुगर लेवल के लिए कोई अलर्ट नहीं |
रिजल्ट को क्लाउड स्टोरेज में ट्रांसफर कर सकता है | |
हेल्थ कोच एसिस्टेंस प्रोवाइड करता है | |
लाइफ टाइम वारंटी के साथ आता है | |
बड़ा एलईडी डिस्प्ले | |
रात के समय इस्तेमाल के लिए बैकलाइट | |
भोजन से पहले और बाद की रीडिंग को अलग कर सकते हैं | |
4 अलग-अलग अलार्म सेटिंग्स देता है |
डायबिटीज टेस्ट मशीन के इस्तेमाल के लिए नॉर्मल गाइडलाइन
- भारत में ग्लूकोमीटर खरीदने से पहले। कृपया दी गई वारंटी पीरियड चेक करें
- एक बार इस्तेमाल के बाद लैंसेट सुई को डिस्पोज करें
- ब्लड निकालते समय उंगली को साफ करने के लिए स्वाब(पोछने का साफ कपड़ा) का इस्तेमाल करें।
- पहले ब्लड का सैंपल लेने से बचें क्योंकि स्वाब अल्कोहल ब्लड के साथ रिएक्ट करता है और गलत रिजल्ट दे सकता है।
- डिवाइस खरीदने से पहले मीजरिंग टाइम चेक कर लें
- कृपया डिवाइस खरीदने से पहले बैटरी लाइफ के बारे में जानकारी कर लें।
- टेस्ट स्ट्रिप्स का इस्तेमाल करने से पहले उनकी एक्सपायरी के बारे में जान लें। टेस्ट स्ट्रिप्स पैकेज खुलने के 6 महीने के भीतर एक्सपायर हो जाती हैं।
डेली ब्लड ग्लूकोज टेस्ट-
- किसी भी इफेक्टिव डायबिटीज केयर प्लान का एक प्रमुख तत्व है।
- प्रॉपर ग्लूकोज कंट्रोल डिसाइड करता है।
- स्पाइक या क्रैश की ओर ले जाने वाले पैटर्न का पता लगाता है।
- यह डिसाइड करता है कि फैक्टर्स (स्ट्रेस, एक्सरसाइज) ग्लूकोज लेवल को कैसे प्रभावित करते हैं।
- डायबिटीज की दवाओं की इफिशिएंसी की जाँच करें।
भारत में शुगर मशीन की कीमत-
भारत में कई ग्लूकोमीटर बाजार में मौजूद हैं और सबकी प्राइज अलग-अलग है। यहां ग्लूकोमीटर की प्राइज के बेस पर एक लिस्ट तैयार की गई है जिससे आपको अपने बजट के हिसाब से एक सही ग्लूकोमीटर चुनने में मदद मिलेगी।
ग्लूकोमीटर (शुगर मशीन) | भारत में औसत ग्लूकोमीटर कीमत |
वन-टच सेलेक्ट प्लस सिंपल ग्लूकोमीटर (10 स्ट्रिप्स) | ₹875 |
एक्यू-चेक इंस्टेंट एस ग्लूकोमीटर (10 स्ट्रिप्स) | ₹715 |
एक्यू-चेक एक्टिव ग्लूकोमीटर (10 स्ट्रिप्स) | ₹890 |
डॉ. मोरपेन बीजी-03 ग्लूको वन ग्लूकोमीटर (50 स्ट्रिप्स) | ₹770 |
एक्यूश्योर सिंपल ग्लूकोमीटर (25 स्ट्रिप्स) | ₹550 |
बीटो स्मार्टफोन ग्लूकोमीटर (50 स्ट्रिप्स) | ₹750 |
एक्यूश्योर गोल्ड ग्लूकोमीटर (25 स्ट्रिप्स) | ₹1020 |
कंटूर प्लस ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम (25 स्ट्रिप्स) | ₹720 |
वन टच सेलेक्ट वेरियो फ्लेक्स ग्लूकोमीटर (10 स्ट्रिप्स) | ₹1075 |
ट्रूवर्थ जी30 ग्लूकोमीटर (25 स्ट्रिप्स) | ₹1120 |
डॉ. ट्रस्ट ग्लूकोमीटर (10 स्ट्रिप्स) | ₹750 |
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ग्लूकोमीटर स्ट्रिप्स की कीमत
शुगर टेस्ट स्ट्रिप्स ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम का एक जरूरी पार्ट हैं। जब टेस्ट स्ट्रिप्स की बात आती है तो आपको भारत में कई ऑप्शन मिलेंगे, हर एक की अपनी कीमत होती है। आपके बजट के हिसाब से सही विकल्प ढूंढने में आपकी सहायता के लिए हमने भारत में ग्लूकोमीटर स्ट्रिप्स की कीमत की एक लिस्ट तैयार की है-
ग्लूकोमीटर
(केवल स्ट्रिप्स) |
भारत में औसत ग्लूकोमीटर स्ट्रिप्स की कीमत |
वन-टच सिलेक्ट प्लस सिंपल (50 स्ट्रिप्स) | ₹1080 |
एक्यू-चेक इंस्टेंट एस (50 स्ट्रिप्स) | ₹910 |
एक्यू-चेक एक्टिव (50 स्ट्रिप्स) | ₹850 |
डॉ. मोरपेन बीजी-03 ग्लूको वन (50 स्ट्रिप्स) | ₹720 |
एक्यूश्योर सरल (50 स्ट्रिप्स) | ₹680 |
बीटो स्मार्टफोन (50 स्ट्रिप्स) | ₹590 |
एक्यूश्योर गोल्ड (50 स्ट्रिप्स) | ₹850 |
कंटूर प्लस (50 स्ट्रिप्स) | ₹950 |
वन टच सेलेक्ट वेरियो फ्लेक्स (50 स्ट्रिप्स) | ₹1080 |
ट्रूवर्थ जी30 (50 स्ट्रिप्स) | ₹1180 |
डॉ. ट्रस्ट ग्लूकोमीटर | ₹800 |
कंक्लूशन (निष्कर्ष)
डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति के जीवन में ग्लूकोमीटर एक जरूरी डिवाइस है। यह उन्हें डेली बेस पर अपने रेगुलर शुगर लेवल को जानने में मदद करता है। इससे उन्हें अपने भोजन, डाइट प्लान और दवा के बारे में डिसीजन लेने में भी मदद मिलती है। ग्लूकोमीटर ब्लड शुगर लेवल के आधार पर डायबिटीज पीड़ित की हेल्थ कंडीशन भी बताता है। इनका इस्तेमाल करना आसान है और पैथ लैब या डॉक्टरों के पास जाने में लगने वाले समय की बचत होती है।
इस प्रकार आपकी जरूरतों के हिसाब से बेस्ट ग्लूकोमीटर चुनना आप पर डिपेंड करता है।
आपकी खोज को आसान करने के लिए Breathe Well-being के एक्सपर्ट्स ने काफी रिसर्च के बाद आपके ब्लड शुगर लेवल की मॉनिटरिंग के लिए बेस्ट ग्लूकोमीटर की पहचान की। रजिस्टर्ड डायबिटीज एजुकेटर के साथ बात करने या ब्रीद वेल-बीइंग जैसी डायबिटीज रिवर्सल प्लान की मदद लेने से डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को फिर से मोटिवेशन में मदद मिलती है।
Breathe Well-being का डायबिटीज रिवर्सल प्रोग्राम डायबिटीज के लिए एक हॉलिस्टिक केयर प्रोग्राम है। ब्रीद वेल-बीइंग डाइट, फिटनेस या एक्सरसाइज और स्ट्रेस कम करने के तरीकों पर काम करके हेल्दी ग्लूकोज लेवल को सही बनाए रखा जा सकता है। कृपया जल्दी करें और हमारी वेबसाइट पर जाकर हमारे कॉस्ट-इफेक्टिव पैकेज से लाभ प्राप्त करें।
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सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न – Frequently Asked Questions
ग्लूकोमीटर सुई का इस्तेमाल कैसे करें?
ग्लूकोमीटर चलाते समय सुई का इस्तेमाल सावधानी से किया जाना चाहिए-
- साफ हाथों से शुरुआत करें।
- लैंसेट को लांसिंग डिवाइस में लोड करें।
- यदि जरूरी हो तो डेप्थ सेटिंग एडजस्ट करें।
- डिवाइस को अपनी चुनी हुई उंगली के किनारे पर रखें।
- पिन करने लिए रिलीज बटन को सावधानी से दबाएं।
- ग्लूकोज टेस्ट के लिए धीरे से ब्लड एकत्र करें।
सबसे अच्छी शुगर टेस्ट मशीन कंपनी कौन सी है?
बेस्ट शुगर टेस्ट मशीन कंपनी एक्यूरेसी, यूजरफ्रेंडली और पर्सनल प्रिफरेंस जैसे कई फैक्टर्स पर डिपेंड करती है। कुछ बढ़िया ब्रांड में एक्यू-चेक, वन टच, डॉ. मोरपेन, और एक्यूश्योर शामिल हैं। आपकी जरूरतों के हिसाब से और हेल्थ केयर एक्सपर्ट की सलाह के बाद इस्तेमाल करें।
एक्यूश्योर ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल कैसे करें?
डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए अच्छी ब्लड शुगर मॉनिटरिंग जरूरी है। एक्यूश्योर ग्लूकोमीटर इस्तेमाल करने वाले के हिसाब से आसान स्टेप के साथ इस प्रॉसेस को सरल बनाता है। जिससे सही रिजल्ट मिलते हैं। इसका इस्तेमाल कैसे करें? इसके बारे में यहां एक गाइडेंस दी गई है-
- हाथ धोएं और अच्छी तरह सुखा लें।
- एक ताज़ा एक्यूश्योर टेस्ट स्ट्रिप डालें।
- एक्यूश्योर लैंसेट को उंगली में पिन(चुभाएं) करें।
- स्ट्रिप के सही एरिया पर ब्लड की एक छोटी बूंद लगाएं।
- ग्लूकोमीटर द्वारा आपके ब्लड ग्लूकोज रिजल्ट दिखने का वेट करें
ग्लूकोमीटर में लैंसेट क्या है?
लैंसेट एक छोटा, डिस्पोजेबल डिवाइस है जिसका इस्तेमाल ग्लूकोमीटर के साथ स्किन (स्पेशली उंगलियों) पर एक छोटा ब्लड सैंपल लेने के लिए किया जाता है। इस ब्लड सैंपल को व्यक्ति के ब्लड ग्लूकोज लेवल को मापने के लिए ग्लूकोमीटर में एक टेस्ट स्ट्रिप पर लगाया जाता है जो डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए जरूरी है।
ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल किस लिए किया जाता है?
ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल ब्लड शुगर लेवल जानने के लिए किया जाता है जो डायबिटीज वाले व्यक्तियों के लिए जरूरी जानकारी देता है। रेगुलर तरीके से ब्लड शुगर की मॉनिटरिंग करके मरीज़ अपने डाइट, दवा और ओवरऑल डायबिटीज मैनेजमेंट के बारे में जानकारी ले सकते हैं। जिससे एक हेल्दी लाइफस्टाइल बनाए रखने में मदद मिलती है।
डॉ. मोरपेन ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल कैसे करें?
दूसरे ग्लूकोमीटर की तरह डॉ. मोरपेन ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल करना भी आसान है और इसमें ज्यादा टेक्निकल होने की जरूरत नहीं होती है। ग्लूकोमीटर का सही इस्तेमाल करने के लिए-
- अपने हाथों को अच्छी तरह साफ करें।
- मीटर में एक टेस्ट स्ट्रिप डालें।
- अपनी उंगलियों पर पिन (चुभन) करने के लिए डॉ. मोरपेन लैंसेट को सेट करें।
- ब्लड का सैंपल लेने के लिए टेस्ट स्ट्रिप के किनारे को छुएं।
- मीटर द्वारा आपके ब्लड शुगर लेवल दिखाए जाने तक इंतज़ार करें
एक्यू-चेक ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल कैसे करें?
डायबिटिक मैनेजमेंट में जरूरी ब्लड ग्लूकोज टेस्ट शामिल है। एक्यू-चेक एक्टिव मीटर 4 सीधे स्टेप में तुरंत, सही रिजल्ट बताता है-
- ग्लूकोज टेस्ट स्ट्रिप डालें।
- अपनी उंगली से ब्लड की बूंद लेने के लिए लैंसेट का इस्तेमाल करें।
- ब्लड की बूंद को धीरे से टेस्ट स्ट्रिप के ग्रीन एरिया पर रखें।
- ब्लड ग्लूकोज रीडिंग की जाँच करें
वन टच ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल कैसे करें?
वन टच ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल करने के लिए हाथ धोने और मीटर में एक टेस्ट स्ट्रिप डालने से शुरुआत करें।
दिए गए लैंसेट से उंगलियों को साफ करें, स्ट्रिप पर ब्लड की बूंद डालें और रिजल्ट का इंतजार करें। सही रीडिंग रिकॉर्ड करने के लिए डिवाइस के दिए गए इंस्ट्रक्शन को फॉलो करें।
ग्लूकोमीटर कैसे काम करता है?
ग्लूकोमीटर में एक उंगली की नोक से ब्लड के एक छोटे सैंपल का इस्तेमाल करके ब्लड शुगर लेवल को नापा जाता है। टेस्ट स्ट्रिप (जिसमें ग्लूकोज के साथ रिएक्ट करने वाले केमिकल होते हैं) को मीटर में डाला जाता है। जब ब्लड लगाया जाता है तो स्ट्रिप पर एक एंजाइम ग्लूकोज के साथ मिलता है जिससे एक इलेक्ट्रिकल करेंट निकलता है जिसे मीटर ब्लड शुगर रीडिंग में बदल देता है।
ग्लूकोमीटर रीडिंग अधिक क्यों होती है?
कई फैक्टर्स हाई-ग्लूकोमीटर रीडिंग का कारण बन सकते हैं, जिनमें अनकंट्रोल डायबिटीज, गलत टेस्ट टेक्निक, एक्सपायर टेस्ट स्ट्रिप्स, स्ट्रेस, बीमारी और कुछ दवाएं शामिल हैं। मूल कारण की पहचान करना काफी कठिन है। हेल्थ केयर एक्सपर्ट से सलाह करना और सटीक रिजल्ट के लिए जरूरी टेस्ट इंस्ट्रक्शन को फॉलो करना जरूरी है।
भारत में सबसे अच्छा ग्लूकोमीटर कौन सा है?
एक्यू-चेक अपनी एक्यूरेसी, डॉक्टर द्वारा ट्रस्टेड और अन्य ब्रांडों की तुलना में सबसे कम एरर रेट के कारण भारत में बेस्ट ग्लूकोमीटर के रूप में जाना जाता है। सटीक ब्लड ग्लूकोज रीडिंग देने के कारण डॉक्टर अक्सर मरीजों को एक्यू-चेक की सलाह देते हैं। जिससे यह डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए एक ट्रस्टेड चॉइस बन जाता है।
लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि आपकी जरूरतों के हिसाब से सबसे बढ़िया ग्लूकोमीटर वह हो सकता है जिसे आपके हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर या ब्रीद वेल-बीइंग में हेल्थ कोच द्वारा बताया गया हो।
कौन सा ग्लूकोमीटर सबसे अच्छा है और सटीक रिजल्ट देता है?
एक्यू-चेक ग्लूकोमीटर अपनी एक्यूरेसी, एक्सटेंसिव मॉडल रेंज, यूजरफ्रेंडली डिजाइन, फास्ट रिजल्ट और रिलायबल कस्टमर सपोर्ट के लिए सबसे पसंदीदा शुगर टेस्ट मशीन है।
एक्यू-चेक गाइड उन्नत 10/10 सटीकता नियम को लागू करता है, यह सुनिश्चित करता है कि लगभग 95% ग्लूकोज रीडिंग 100 मिलीग्राम / डीएल से नीचे ब्लड ग्लूकोज के लेवल के लिए लैब संदर्भ मूल्य की 10 मिलीग्राम / डीएल सीमा के भीतर हैं। सटीकता के प्रति यह प्रतिबद्धता एक्यू-चेक को ब्लड शुगर की मॉनिटरिंग के लिए एक विश्वसनीय विकल्प के रूप में अलग करती है।
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