क्या नींबू खाने से शुगर लेवल कम होता है?

गर्मियों के मौसम में नींबू अमृत के तरह काम करता है। नींबू की शिकंजी एक ऐसा घरेलू रामबाण है जो गर्मी की कई परेशानियों से राहत दिलाता है और सबका पसंदीदा पेय या ड्रिंक है। नींबू अपने विभिन्न लाभों के कारण हर भारतीय घर में काफ़ी इस्तेमाल किया जाने वाला फल है। यह आपको ना सिर्फ हाईड्रेटेड रखता है पर अपने कूलिंग इफेक्ट की वजह से कई लाभ देता है। इसमें से एक है डायबिटीज़ में शुगर लेवल को नियंत्रित रखना। आइए इस ब्लॉग में जानते हैं कि क्या नींबू खाने से शुगर लेवल कम होते हैं।

नींबू का वानस्पतिक नाम साइट्रस लिमोन है जो रुटेसी परिवार से आता है। नींबू का खट्टा स्वाद पेय पदार्थों और व्यंजनों को अच्छा स्वाद देता है। यह कई स्वास्थ्य और त्वचा की स्थितियों के लिए पारंपरिक उपचार के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।

यह विटामिन सी और साइट्रिक एसिड से भरपूर है जो हृदय, पाचन, वज़न घटाने, त्वचा आदि के लिए अच्छा है।

नींबू उत्तर-पूर्वी भारत में सबसे ज़्यादा उगाया जाता है और मध्यम आकार का झाड़ीदार पेड़ होता है। नींबू के रस के अलावा इसका छिलका, गूदा और पत्ते भी कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं।

नींबू का पोषण मूल्यनींबू का पोषण मूल्य

जैसा कि हम सभी जानते हैं साइट्रिक एसिड इसे एक अनोखा खट्टा स्वाद देता है। इसे साइट्रस फल भी कहा जाता है जो विटामिन सी और फाइबर से भरपूर होता है। इसके अलावा इसमें कई अन्य पोषक तत्व पाए जाते है। नींबू के पोषण संबंधी तथ्य निम्नलिखित हैं:

100 ग्राम नींबू में मौजूद कई पोषक तत्वों और उनकी मात्रा नीचे टेबल में दी गई है:

आइए जानते हैं 100 ग्राम बादाम में मौजूद पोषक तत्वों और उनकी मात्रा के बारे में:

नींबू का पोषण मूल्य
पोषक तत्व मात्रा
कैलोरी 31
प्रोटीन 1 ग्राम
फैट 0 ग्राम
कार्ब 10 ग्राम
पानी 89%
फाइबर 3 ग्राम
शुगर 3 ग्राम

इन प्रमुख पोषक तत्वों के अलावा, इसमें कई विटामिन, खनिज और पौधों के यौगिक या प्लांट कंपाउंड भी होते हैं। यह है:

  • विटामिन सी
  • विटामिन बी 6
  • पोटैशियम
  • एंटीऑक्सिडेंट: हेस्पेरिडिन, डायोसमिन, एरियोसिट्रिन
  • साइट्रिक एसिड
  • लाइमोनीन

नींबू में पेक्टिन फाइबर होता है जो एक घुलनशील फाइबर होता है। यह ब्लड शुगर लेवल को कम करता है और पाचन तंत्र की मदद करता है।

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नींबू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड

डायबिटीज़ रोगियों के लिए नींबू सबसे सुरक्षित फलों में से एक है। इसमें शून्य (0.6) ग्लाइसेमिक लोड और ज़ीरो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। इसका मतलब है कि ब्लड शुगर लेवल पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। किसी भी खाद्य पदार्थ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स और लोड यह निर्धारित करता है कि वह खाना आपका शुगर लेवल कितना बढ़ाता है। अधिक जीआई और जीएल वाला भोजन शुगर लेवल में अचानक स्पाइक करता हैं वहीं कम जीआई और जीएल का आपके ब्लड शुगर लेवल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

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नींबू और डायबिटीज़

नींबू का कोई जीआई या जीएल नहीं होता है, इसलिए इसका शुगर स्पाइक्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। डायबिटीज़ रोगी अपने ब्लड शुगर लेवल के बढ़ने की चिंता किए बिना नींबू खा सकते हैं। यह रेशेदार या फाइबरयुक्त भोजन भी है जो भोजन से चीनी के टूटने को धीमा कर देता है, जिससे चीनी रक्तप्रवाह में धीरे-धीरे प्रवेश करती है। नतीजतन, यह ब्लड शुगर लेवल को बहुत अच्छी तरह से नियंत्रित करता है।

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क्या डायबिटीज़ रोगी नींबू खा सकते हैं?

हाँ! नींबू डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए सबसे सुरक्षित खाद्य पदार्थों में से एक है। इसका जीआई और जीएल शून्य है इसलिए यह शुगर लेवल को नहीं बढ़ाता है। शुगर लेवल पर इसका शून्य प्रभाव पड़ता है। साथ ही, इसका पेक्टिन फाइबर भोजन से शुगर के धीमे अवशोषण को बढ़ावा देता है जो धीरे-धीरे शरीर में ग्लूकोज़ को रिलीज करता है और शुगर स्पाइक्स नहीं होने देता।

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डायबिटीज़ में नींबू के फ़ायदे 

आइए जानते हैं नींबू के वो कौन-कौन से लाभ है जो इसे डायबिटीज़ के लिए एक सुरक्षित फल बनाते है और क्या क्या हेल्थ बेनेफिट्स देते है।

कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स

नींबू एक कम ग्लाइसेमिक भोजन है जो तेजी से ब्लड शुगर के स्पाइक्स का कारण नहीं बनता है। इसलिए, यह डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए फायदेमंद है क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है।

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विटामिन सी से भरपूर

नींबू विटामिन सी से भरपूर होता है, एक एंटीऑक्सिडेंट जो शरीर को मुक्त कणों या फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करता है।

यह डायबिटीज़ रोगियों के लिए फ़ायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि नींबू उनमें फ्री रेडिकल्स से होने वाले कोंपलिकेशन के खतरे को कम करता है। फ्री रेडिकल्स डायबिटीज़ से जुड़ी कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं जैसे दिल की बीमारिया, किडनी समस्याएं, नर्व डेमेज, कैंसर आदि।

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पेक्टिन का अच्छा स्रोतडायबिटीज़ में नींबू के फ़ायदे 

नींबू में पेक्टिन होता है। यह एक फाइबर है जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। उच्च कोलेस्ट्रॉल डायबिटीज़ के लिए एक जोखिम कारक है, इसलिए नींबू का सेवन इस जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।

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पोटेशियम में उच्च

नींबू पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत है, एक आवश्यक खनिज जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है। हाई ब्लड प्रेशर डायबिटीज़ की एक सामान्य जटिलता है, इसलिए नींबू का सेवन इस जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।

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एंटीऑक्सीडेंट में उच्च

नींबू में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो शरीर में इंफ़्लेमेशन को कम करने में मदद कर सकते हैं और डायबिटीज़ और इसकी कई जटिलताओं को सुधारने में लाभ पहुंचा सकते हैं।

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पाचन में सुधार 

नींबू पित्त के उत्पादन को प्रोत्साहित करने में मदद कर सकता है, जो पाचन में सुधार कर सकता है और कब्ज को रोक सकता है। पाचन से संबंधित समस्याएं डायबिटीज़ वाले लोगों में आम है।

इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार

नींबू में मौजूद उच्च विटामिन सी इंसुलिन संवेदनशीलता या इंसुलिन सेंसीटिविटी में सुधार करने में मदद कर सकती है। जिससे डायबिटिक लोगों के लिए ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

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क्या नींबू का रस डायबिटीज़ के लिए अच्छा है?क्या नींबू का रस डायबिटीज़ के लिए अच्छा है?

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि डायबिटीज़ वाले लोगों में नींबू का रस ब्लड शुगर लेवल को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।

ऐसा इसलिए है क्योंकि रस में साइट्रिक एसिड और फ्लेवोनोइड्स इंसुलिन संवेदनशीलता और ग्लूकोज मेटाबोलिज़्म में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, नींबू का रस विटामिन सी से भरपूर होता है, जो शरीर में एंटीऑक्सीडेंट के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है। यह डायबिटिक लोगों में ऑक्सीडेटिव तनाव के रिस्क को कम करने में सहायक हो सकता है।

एक अध्ययन से पता चला है कि उच्च कार्ब भोजन में नींबू का रस मिलाने से ब्लड शुगर लेवल में अचानक वृद्धि को कम करने में मदद मिल सकती है।

यह नींबू के रस में विटामिन सी और पॉलीफेनोल यौगिकों की प्रचुरता के कारण हो सकता है, जो इंसुलिन संवेदनशीलता और ग्लूकोज मेटाबोलिज़्म की शरीर की क्षमता को बढ़ा सकता है।

नींबू पानी पीने से भी हाइड्रेशन बढ़ाने में मदद मिल सकती है जो डायबिटीज़ रोगियों के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त, नींबू के रस की अम्लीय प्रकृति या एसीडीक नेचर  ब्लडस्ट्रीम में शर्करा के अवशोषण को धीमा करने में भी मदद कर सकती है।

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डायबिटीज़ रोगी कैसे नींबू को करें अपनी डाइट में शामिल

नींबू एक डाइबीटिक फ़्रेंडली डाइट का हिस्सा है जो डायबिटीज़ में शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। आइए जानें एक डायबिटीज़ रोगी कैसे नींबू को अपनी डाइट में शामिल कर सकता है:

  • सलाद ड्रेसिंग, सॉस और मैरिनेट करने के लिए कम कैलोरी के इस ऑप्शन यानि नींबू का प्रयोग करें।
  • एक्स्ट्रा टेस्ट के लिए बिना कैलोरी बढ़ाए खाने में लेमन जेस्ट मिलाएं।
  • किसी मीठी रेसिपी को संतुलित करने के लिए थोड़ा सा नींबू का रस मिला सकते हैं।
  • व्यंजनों में नींबू को प्राकृतिक परिरक्षक या नेचुरल प्रेज़रवेटिव के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे अतिरिक्त चीनी की आवश्यकता कम हो जाती है।
  • एक ताज़ा और कम कैलोरी वाले पेय के रूप में नींबू पानी या शिकंजी का सेवन करें। ध्यान रहें इसमें चीनी ना मिलाएं।
  • सोडियम सेवन से बचने के लिए नमक के बजाय नींबू का उपयोग करें जिससे स्वाद के साथ साथ वह हेल्दी बना रहे।
  • कम कार्ब सलाद की ड्रेसिंग के लिए नींबू का रस, जैतून का तेल और हर्ब्स जैसे तुलसी आदि का उपयोग करें।
  • अपने अचार का साइट्रस स्वाद या खट्टा स्वाद बढ़ाने के लिए उसमें नींबू को एक नेचुरल प्रेज़रवेटिव के रूप में उपयोग करें।
  • भोजन के बीच तालू साफ करने के लिए नींबू के टुकड़े पर एक चुटकी नमक लगा कर चाटें।

हालांकि नींबू डायबिटीज़ डाइट के लिए हेल्दी और सुरक्षित भोजन है पर उसे किसी हाई कार्ब या हाई शुगर खाने के साथ खाने से पहले ध्यान रखें। इसके अलावा अपने डॉक्टर या डाइटीशीयन से सलाह लें।

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नींबू के अन्य स्वास्थ्य लाभ

अपने पौष्टिक गुणों के कारण नींबू के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह विटामिन सी, फाइबर, साइट्रिक एसिड, पौधों के यौगिकों, आवश्यक तेलों और खनिजों में प्रचुर होता है। नींबू के निम्नलिखित स्वास्थ्य लाभ हैं:

दिल की सेहत के लिए अच्छा है

यह नींबू के सबसे महत्वपूर्ण फायदों में से एक है। यह स्ट्रोक और हृदय रोग के जोखिम को कम करके हृदय स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है। नींबू में विटामिन सी की दैनिक आवश्यकता का लगभग 50% होता है। नींबू में फाइबर भी अधिक होता है, जो खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करता है और रक्त को धमनियों के माध्यम से बहने को आसान बनाता है। यह हृदय के स्वास्थ्य में भी सुधार करता है और धमनियों में रुकावट के जोखिम को कम करता है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस होता है। नींबू में पोटैशियम होता है, जो हृदय स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है। नींबू में हेस्पेरिडिन, डायोसमिन और एरियोसिट्रिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो हृदय रोग के जोखिम कारकों को कम करते हैं और धमनियों को स्वस्थ रखते हैं।

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रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है

विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्यूनिटी बढ़ाने वाला प्रमुख पोषक तत्व है। चूंकि नींबू अन्य प्रमुख पोषक तत्वों के साथ विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है, यह प्रतिरक्षा या इम्यूनिटी को बढ़ाता है। एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण से लड़ने में मदद करती है और शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती है। इसके अलावा इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट सामान्य सर्दी, फ्लू और संक्रमण जैसी बीमारियों की रोकथाम में भी सहायता करते हैं।

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एंटीऑक्सीडेन्ट से भरपूर 

यह विभिन्न पुरानी व गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करता है। नींबू में हेस्पेरिडिन, डायोसमिन और एरियोसिट्रिन जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो संचार प्रणाली, हृदय स्वास्थ्य और अन्य स्वास्थ्य लाभों में मदद करते हैं।

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पाचन के लिए अच्छा है

सिर्फ मॉडर्न साइंस ही नहीं लेकिन हम सभी नींबू के इस गुण से परिचित हैं। पेट से जुड़ी कई समस्याओं के लिए नींबू का उपयोग सालों से हर घर में होता आया है। नींबू पाचन में सहायता करते हुए गैस्ट्रिक समस्याओं, कब्ज और बेचैनी से राहत देता है। इसका रस, जिसमें साइट्रिक एसिड होता है, हार्टबर्न और पेट में दर्द से राहत देता है। इसका गूदेदार हिस्सा पेक्टिन फाइबर से भरपूर होता है, जो पाचन में मदद करता है। यह विभिन्न प्रकार के पाचन संबंधी समस्याओं के लिए एक “गो-टू” पारंपरिक दवा है जो दादी नानी के नुस्खों में बताई गई है।

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एनीमिया में सुधार करता है

आपको जानकर हैरानी होगी क्योंकि नींबू में आयरन नहीं होता है लेकिन यह एनीमिया को दूर करने में मदद करता है। इसकी वजह है विटामिन सी और साइट्रिक एसिड। ये घटक भोजन से आयरन के अवशोषण को बढ़ाने में मदद करते हैं जिससे आयरन की कमी को कम करने में मदद मिलती है।

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गुर्दे की पथरी को कम करता है

कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि नींबू गुर्दे की पथरी या किडनी स्टोन को कम करने में मदद करता है। नींबू के रस में साइट्रिक एसिड यूरिनरी साइट्रेट के निर्माण के लिए जिम्मेदार होता है। यह क्रिस्टल के विकास को कम करता है, जिससे गुर्दे की पथरी को रोका जा सकता है।

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रक्तचाप/उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है

हालांकि इस पर अधिक शोध की आवश्यकता है, लेकिन कई अध्ययनों के अनुसार नींबू का सेवन उच्च रक्तचाप की संभावना को कम करता है। जो लोग टहलने जाते हैं और नींबू का सेवन करते हैं उनमें उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर होने का रिस्क कम होता है।

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वज़न प्रबंधन

यह एक सामान्य लाभ है जो सभी जानते हैं। जो कोई भी अपना वज़न कम करना चाहता है उसे नींबू के वज़न घटाने वाले गुणों के बारे में जरूर पता होना चाहिए। एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का गूदा और रस और थोड़ा सा शहद वज़न कम करने में मदद करता है। नींबू के सेवन से वज़न कम करने में पेक्टिन फाइबर भी मददगार है। यह फाइबर आपको कम खाने में ही पेट भरा महसूस कराता है जिससे आपको बार बार खाने की इच्छा नहीं होती और आपका वज़न नियंत्रित रहता है।

कैंसर से बचाता है

नींबू एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को कम करने में मदद करता है। इसमें लिमोनेन और नारिनजेनिन यौगिक भी होते हैं जो अपने कैंसर रोधी गुणों के कारण कैंसर के खतरे को कम करते हैं।

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त्वचा के लिए अच्छा है

नींबू एक गोरे रंग के लिए प्राकृतिक ब्लीच का काम करता है। नींबू में विटामिन सी त्वचा के स्वास्थ्य के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है और यही कारण है कि कई कॉस्मेटिक उत्पाद विटामिन सी और नींबू को प्रमुख सामग्री के रूप में उपयोग करते हैं। विटामिन सी कोलेजन के निर्माण में मदद करता है जो त्वचा को चमक, गोरापन, मजबूती, और झुर्रियों से बचाने वाला लाभ देता है।

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गले के संक्रमण और सामान्य सर्दी में मदद करता है

यह गले की खराश और सामान्य सर्दी के लिए एक प्राकृतिक घरेलू उपचार है। नींबू के रस को गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से सर्दी-जुकाम और गले के संक्रमण में आराम मिलता है।

मसूढ़ों और दांतों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है

विटामिन सी मसूड़ों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह रक्तस्राव और मसूड़ों की सूजन को रोकता है। नींबू पूरे ओरल हेल्थ को फायदा पहुंचाता है और सांसों की बदबू की समस्या को भी दूर करता है।

नींबू को अपने खाने में शामिल करने के तरीके 

नींबू स्वादिष्ट पेय पदार्थों के लिए प्रमुख सामग्रियों में से एक है। यह शक्कर और शीतल पेय या कोल्ड ड्रिंक्स का एक स्वस्थ और बेहतर विकल्प है। नींबू का रस या नींबू पानी या  शिकंजी गर्मियों में एक ताज़ा पेय हैं। इसका इस्तेमाल कई तरह के व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। नींबू को कई तरह से खाया जा सकता है:

नींबू का रस: चीनी और नमक के साथ एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर निम्बू पानी के रूप में इसे पिया जा सकता है। यदि आप डायबिटिक हैं तो इसे बिना चीनी के साथ लें।

नींबू पानी: एक ताज़ा पेय के रूप में बर्फ के साथ नींबू पानी तैयार करें।

लेमन टी: यह हेल्दी ड्रिंक वज़न घटाने के लिए गर्म पेय के रूप में, सामान्य सर्दी का इलाज करने में और इम्यूनिटी बूस्टर के रूप उपयोग की जाती है।

  • सलाद, सब्जियां, चावल और अन्य खाद्य पदार्थों पर नींबू निचोड़ कर खाने से उसका स्वाद बढ़ जाता है।
  • इसका उपयोग मांस के मैरिनेशन में भी किया जा सकता है।

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नींबू के दुष्प्रभावनींबू के दुष्प्रभाव

हालांकि नींबू के ज़्यादा साइड इफेक्ट नहीं होते हैं, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने पर इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं।

  • चूंकि नींबू में साइट्रिक एसिड होता है, यह एसिड रिफ्लक्स और गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स पैदा कर सकता है। गैस्ट्रिक समस्या वाले लोगों को इसके अधिक सेवन से बचना चाहिए, खासकर खाली पेट।
  • जिन लोगों को अल्सर है उन्हें नींबू से बचना चाहिए।
  • यदि आप अपनी त्वचा पर नींबू का उपयोग करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपको इसके एसिड से एलर्जी नहीं है। यह संवेदनशील त्वचा या सेंसीटिव स्किन को परेशान कर सकता है और चकत्ते या रेशेज़ कर सकता है।

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निष्कर्ष

नींबू का रस, जिसे निम्बू पानी या शिकंजी के नाम से भी जाना जाता है, एक लोकप्रिय भारतीय पेय है। यह कई स्वास्थ्य लाभों के साथ एक ठंडा और ताज़ा पेय है। नींबू का इस्तेमाल कई तरह की डिशेज़ में फ्लेवर के लिए किया जाता है। नींबू दिल के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है, इम्यूनिटी को बढ़ाता है, कैंसर और गुर्दे की पथरी के खतरे को कम करता है, त्वचा और मसूड़ों के लिए अच्छा है, पाचन में सहायता करता है और वज़न घटाने में सहायता करता है। इसके इतने फ़ायदे इसे स्वास्थ्यप्रद विकल्पों में से एक बनाते हैं। इसका खट्टा स्वाद आपको हमेशा आकर्षित करता है और हेल्दी फूड में मिला कर खाने पर आपकी भूख भी बढ़ाता है। हालांकि कुछ लोगों के लिए इसके ज़्यादा सेवन के नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं जैसे ऐसिड रिफलक्स या पेट में जलन आदि।

सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न – Frequently Asked Questions

क्या नींबू त्वचा के लिए अच्छा है?

नींबू विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है जो त्वचा के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक तत्वों में से एक है। यह रंग में सुधार करता है और प्राकृतिक ब्लीच के रूप में कार्य करता है। इसलिए इसका इस्तेमाल तरह-तरह के उबटन और फेस पैक में किया जाता है। विटामिन सी कोलेजन गठन को भी प्रेरित करता है जो एक फर्म और रिंकल फ्री त्वचा देता है। कई सौंदर्य उत्पाद मुख्य सामग्री के रूप में विटामिन सी और नींबू का उपयोग करते हैं। नींबू के छिलकों को सूखा कर पीस कर कई फेस पैक में इस्तेमाल किया जाता है। हालाँकि, सुनिश्चित करें कि आपकी त्वचा नींबू के प्रति संवेदनशील या एलर्जिक नहीं हो, और इसे सीधे अपनी त्वचा पर लगाने से बचें।

क्या नींबू डायबिटीज़ में मदद करता है?

नींबू ब्लड शुगर लेवल को नहीं बढ़ाता है और डायबिटीज़ रोगियों के लिए एक स्वस्थ आहार विकल्प है। नींबू में शून्य ग्लाइसेमिक लोड और ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो चीनी के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है और खाने के बाद शुगर स्पाइक्स नहीं करता। इसके अलावा, इसमें पेक्टिन फाइबर होता है जो एक घुलनशील फाइबर है और खाने से शुगर के अवशोषण को धीमा करता है जिससे ब्लड में ग्लुकोज़ धीरे-धीरे रीलीज़ होता है।

क्या मैं रोज नींबू पानी पी सकता हूँ?

हाँ! एक गिलास नींबू पानी में ढेर सारे स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाता है, आपके हाई ब्लड प्रेशर को कम करता है, आपके दिल की रक्षा करता है, गुर्दे की पथरी को रोकता है, आपको चमकती त्वचा देता है, वज़न घटाने में सहायता करता है और आपके ओरल हेल्थ में सुधार करता है। इसे मूड बूस्टर और स्ट्रेस रिलीवर भी माना जाता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण कई पुरानी बीमारियों की रोकथाम में सहायता करते हैं। यह विभिन्न प्रकार के गैस्ट्रिक समस्याओं जैसे बेचैनी, कब्ज, गैस, पेट दर्द आदि में भी मदद करता है। लेकिन इसका अधिक सेवन न करें।

 

क्या नींबू किडनी स्टोन को कम करने में मदद करता है?

कुछ अध्ययनों के अनुसार नींबू गुर्दे की पथरी या किडनी स्टोन को कम करने में मदद कर सकता है। नींबू के रस में साइट्रिक एसिड यूरिनरी साइट्रेट के निर्माण के लिए जिम्मेदार होता है। यह क्रिस्टल के बनने और जमने को कम करता है, जिससे किडनी स्टोन को रोका जा सकता है। नतीजतन, नींबू पानी पीने से गुर्दे की पथरी को रोकने में मदद मिलती है।

 

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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