Last updated on नवम्बर 11th, 2023
डायबिटीज़ में ब्लड शुगर लेवल को मेनेज करना बहुत ज़रूरी होता है। ऐसे में ऐसी कई चीजें हैं जिन्हें खाने से आप अपनी डायबिटीज़ को कंट्रोल कर सकते हैं। क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसे पत्ते हैं जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने और डायबिटीज़ मेनेजमेंट में बहुत लाभकारी होते हैं?
डायबिटीज़ ऐसी मेटाबोलिक स्थिति है जिसमें यदि बढ़े हुए शुगर लेवल को समय पर नियंत्रित ना किया जाए तो यह आपके शरीर के कई अंगों को प्रभावित करने लगता है। ऐसे लोगों को हृदय व किडनी की बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार, वर्ष 2030 तक, विश्व स्तर पर होने वाली मृत्यु में डायबिटीज़ सातवे नंबर पर ज़िम्मेदार होगी। डायबिटीज़ को नियंत्रित करने के लिए दवाओं के साथ एक अच्छी डाइट की भी ज़रूरत होती है। प्रकृति में कई हरी पत्तियां हैं जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करती हैं।
यदि आपको डायबिटीज़ है तो आपकी पहली प्राथमिकता अपने शुगर लेवल को बनाए रखना है। अनियंत्रित शुगर लेवल आपकी इम्यूनिटी, न्यूरॉलॉजिकल और सर्कुलेट्री सिस्टम को प्रभावित कर सकता है। डायबिटीज़ मेनेजमेंट आपको डायबिटीज़ से होने वाली कई स्वास्थ्य समस्याओं और कोंपलिकेशन से बचा सकता है। इसलिए डॉक्टर की दवाओं के साथ पारंपरिक व प्राकृतिक चिकित्सा का उपयोग करके अपने शुगर लेवल को मेनेज करना चाहिए। कुछ ऐसी ओषधीय पत्तियां है जिनको डाइट में शामिल करने से आप अपने शुगर लेवल नियंत्रित कर सकते हैं।
शुगर लेवल घटाने में सहायक पत्तियां
प्रकृति हमें कई ऐसे तोहफे देती है जो हमारे स्वास्थ्य को अच्छा करने में मदद करती है। आइए जानें ऐसी 5 पत्तियों के बारे में जो शुगर लेवल कम करती है:
आम के पत्तियों के सेवन से करें शुगर लेवल कण्ट्रोल
‘मैंगो लीफ एक्सट्रैक्ट (मैंगिफेरिन) में एंजाइम अल्फा ग्लूकोसिडेज़ को बाधित करने की क्षमता होती है, जो आंत में कार्बोहाइड्रेट मेटाबोलिज़्म को कम करने में मदद करता है। इस प्रकार यह शुगर लेवल को कम करने में मदद करते हैं। आम के पत्तों में इंसुलिन उत्पादन और ग्लूकोज के डिस्ट्रीब्यूशन में सुधार करने की क्षमता होती है। वे ब्लड शुगर लेवल को स्टेबल करने में मदद कर सकते हैं। पेक्टिन, विटामिन सी और फाइबर से भरपूर, आम के पत्ते हाई ब्लड शुगर के साथ-साथ उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं। हालांकि यह एक यह थोड़ा आश्चर्यजनक हैं क्योंकि इसी पेड़ का फल “आम” डायबिटीज़ रोगियों के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता।
- अध्ययनों से पता चलता है कि आम (मैंगीफेरा इंडिका) के पत्ते वसा के चयापचय या फैट मेटाबोलिज़्म पर प्रभाव डाल सकते हैं। हाई ट्राइग्लिसराइड लेवल इंसुलिन रेज़िस्टेंस और टाइप 2 डायबिटीज़ से जुड़ा हुआ है। इन अध्ययनों में आम के पत्तों के अर्क के उपयोग से ट्राइग्लिसराइड और ब्लड शुगर लेवल के स्तर कम हुए।
- अध्ययनों से यह भी संकेत मिलता है कि आम के पत्तों में मैंगिफेरिन, इरिफ्लोफेनोन 3-C-β-D-ग्लूकोसाइड, फेनोलिक, और फ्लेवोनोइड यौगिकों जैसे फाइटोकेमिकल्स की उपस्थिति पत्तियों को एंटीडायबिटिक गुण प्रदान करती है। इन गुणों में शामिल है खाने के बाद ब्लड ग्लूकोज लेवल में कमी, ग्लूकोज सहिष्णुता (ग्लुकोज़ टोलेरेन्स) में वृद्धि , बेहतर लिपिड प्रोफाइल, और अग्न्याशय बीटा कोशिकाओं को कम नुकसान। इसलिए, डायबिटीज़ और इससे जुड़ी जटिलताओं को मेनेज करने में आम के पत्ते का अर्क उपयोगी हो सकता है।
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डायबिटीज़ में आम के पत्तों का उपयोग कैसे करें?
हालांकि आम के पत्तों को ताजा और कच्चा खाया जा सकता है, फ़िर भी आम के पत्तों का सेवन करने का सबसे आम तरीका चाय या काढ़ा बनाकर है।
- 10 से 15 कोमल आम के पत्तों को चुनकर अच्छी तरह धोकर धूल और अन्य अशुद्धियों को हटा दें।
- पत्तियों को ⅔ कप (150 मिली) पानी में उबालें।
- उबले हुए काढ़े को रात भर ठंडा होने के लिए छोड़ दें।
- इसे सुबह खाली पेट पिएं।
नीम के पत्ते के प्रयोग से ब्लड शुगर लेवल करें कण्ट्रोल
Azadirachta Indica को आमतौर पर नीम के नाम से जाना जाता है। इन औषधीय पत्तों में एंटीफंगल और एंटीबेक्टेरियल गुण होते हैं। एनसीबीआई के शोध में यह साबित हुआ है कि नीम की पत्तियां डायबिटीज़ को भी नियंत्रित कर सकती हैं। नीम की पत्तियों को चबाकर सुबह-सुबह इसके अर्क का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ते हैं और अग्न्याशय ठीक से काम करता है। इसके कारण नेचुरल तरीके से इंसुलिन का उत्पादन होता है। नीम की पत्तियों में कई ऐसे यौगिक पाए गए हैं जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
नीम के पत्ते भले ही कड़वे हों लेकिन सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। नीम के पत्तों का नियमित सेवन आपके ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है। यह उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) या उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर वाले लोगों के लिए भी अच्छा है। नीम के रस का नियमित सेवन किया जा सकता है या बस मुट्ठी भर पत्तियों को चबा कर इसके फ़ायदे लिए जा सकते हैं। लेकिन सावधान रहें और इसे ज़्यादा न खाएं क्योंकि कुछ मामलों में यह शुगर लेवल को बहुत ज़्यादा कम कर सकते हैं। इसलिए अपने ब्लड शुगर लेवल को मॉनिटर करते रहें।
आप अपनी जीवनशैली और आराम के हिसाब से नीम की पत्तियों का सेवन कर सकते हैं। नीम की पत्तियों को सुबह-सुबह खाली पेट खाना फायदेमंद होता है।
नीम के पत्तों का आप कई तरह से सेवन कर सकते हैं जैसे
कच्चे नीम के पत्ते
यदि आप नीम के पत्तों की कड़वाहट को सहन कर सकते हैं, तो उनके औषधीय गुणों को प्राप्त करने के लिए कच्चे नीम के पत्तों को चबाना सबसे अच्छा है। खाने से पहले उन्हें अच्छी तरह से साफ कर लें।
नीम की पत्तियों का पानी
नीम की कुछ पत्तियों को पानी में तब तक उबालें जब तक कि पत्तियां नरम न होने लगें और पानी धीरे-धीरे गहरे हरे रंग का हो जाए। इस पानी को छान कर किसी बर्तन में रख लें। इस अर्क को दिन में कम से कम दो बार पिएं।
नीम की पत्तियों का चूर्ण
1 चम्मच नीम पाउडर को पानी में मिलाकर लंच और डिनर से आधा घंटा पहले सेवन करें।
डायबिटीज़ या मधुमेह के प्रभावी नियंत्रण और वज़न घटाने के लिए इसे सुबह खाली पेट या भोजन से पहले दिन में एक या दो बार खाएं।
मेथी या कसूरी मेथी की पत्तियां डायबिटीज कण्ट्रोल में कारगर साबित होती हैं
मेथी लगभग हर भारतीय रसोई में पाई जाने वाली एक अद्भुत जड़ी-बूटी है। मेथी के बीज न केवल एक स्वाद देने वाले एजेंट के रूप में काम करते हैं, बल्कि इसके लाभ इसके स्वाद से भी कई गुना ज़्यादा होते हैं। सर्दियों में, भारत में मेथी के पत्ते अच्छी मात्रा में उपलब्ध होते हैं और लोग इस थोड़ी कड़वी लेकिन स्वादिष्ट साग को खाना बहुत पसंद करते हैं।
मेथी के बीजों का उपयोग डायबिटीज़ के लिए भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा उपचार में किया जाता रहा है क्योंकि इनमें म्यूसिलेजिनस फाइबर, अमीनो एसिड, सैपोनिन और अल्कलॉइड सहित कई प्रकार के लाभकारी पोषक तत्व होते हैं। इसी तरह इसकी पत्तियां भी डायबिटीज़ के लिए उतनी ही फायदेमंद होती हैं।
ये फोलिक एसिड, राइबोफ्लेविन, कॉपर, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज, विटामिन ए, बी6, सी, के जैसे कई पोषक तत्वों के स्रोत हैं। मेथी के पत्ते आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर होते हैं, इसलिए स्वास्थ्य के लिए इनका सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है। अगर आप इनके पत्ते या बीज खाते हैं तो यह ब्लड शुगर लेवल को कम करने में काफी हद तक मदद करते हैं। यह ग्लूकोज सहिष्णुता या ग्लुकोज़ टोलेरेन्स में सुधार करने में मदद करते हैं।
अध्ययनों से पता चला है कि मेथी पाचन को धीमा कर के शुगर लेवल को कम करने में सहायता करती है। ऐसा कहा जाता है कि यह ब्लड में शुगर के अवशोषण की दर को धीमा करके डायबिटिक लोगों में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करती है। यह डायबिटीज़ मरीज़ों के सेवन के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। मेथी के बीज में अच्छी मात्रा में घुलनशील फाइबर होते हैं जो आंतों के भीतर चीनी के अवशोषण में देरी करके खाने के बाद के शुगर स्पाइक्स को नियंत्रित करते हैं। यहां तक कि इसमें 4-हाइड्रॉक्सील्यूसिन नामक एक एमिनोएल्केनोइक एसिड भी होता है जिसमें एंटीडायबिटिक गुण होते हैं। अमीनो एसिड की उपस्थिति के कारण यह इंसुलिन सेंसीटिविटी को बढ़ाता है। इसमें 2-ऑक्सोग्लुटारेट अणु भी होते हैं जो इंसुलिन उत्तेजक या इंसुलिन स्टिमुलेटर के रूप में जाना जाता है। मेथी को आप साग के रूप में, मेथी के पराँठे के रूप में और कसूरी मेथी को कई सब्जियों में स्वाद बढ़ाने के लिए डाल कर अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
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अश्वगंधा के पत्तों से मधुमेह को दे मात
आयुर्वेदिक चिकित्सा में इस्तेमाल होने वाली एक लोकप्रिय जड़ी बूटी, अश्वगंधा – जिसे भारतीय जिनसेंग के रूप में भी जाना जाता है – डायबिटीज़ के लिए बेहद फायदेमंद है, आयुर्वेद विशेषज्ञों का दावा है यह टाइप 2 डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है।
अश्वगंधा विशेष रूप से फास्टिंग के दौरान और भोजन के बाद इंसुलिन सिंथेसिस और सेंसीटिविटी को बढ़ाकर ब्लड शुगर को सामान्य स्तर तक कम करने के लिए जाना जाता है। अश्वगंधा डायबिटीज़ मरीज़ों के लिए बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि यह इंसुलिन रीलीज़ को बढ़ाता है। इसके अलावा यह इंसुलिन के लिए मांसपेशियों की कोशिकाओं की संवेदनशीलता या मसल सेल सेंसीटिविटी को बढ़ाता है। इसका उपयोग जड़ और पत्ती के अर्क के रूप में किया जा सकता है।
अश्वगंधा का सेवन कैसे करें
अगर आप अश्वगंधा के पत्तों का उपयोग कर रहे हैं, तो उन्हें धूप में सूखने के लिए रख दें। फिर उन्हें पीसकर पाउडर बना लें। अब चूर्ण को गुनगुने पानी में मिलाकर पिएं, यह डायबिटीज़ रोगियों के लिए फायदेमंद साबित होगा। इसके अलावा बाजार में भी इसका पाउडर व गोलियां आती है जिसे आप ले सकते हैं।
अश्वगंधा में कई मेक्रो और माइक्रो न्यूट्रीएंट्स होते है। ये अमीनो एसिड, पेप्टाइड्स, लिपिड और न्यूक्लिक एसिड को बनाने के लिए ज़रूरी है। इसके अलावा, आयुर्वेद के अनुसार, अश्वगंधा बायोएक्टिव रसायनों से भरपूर होता है।
तनाव से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं वाले व्यक्ति भी अश्वगंधा का उपयोग अपने फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल को मेनेज और सुधार सकते हैं। इसके अलावा, डायबिटिक और नॉन-डायबिटिक दोनों रोगियों में, अश्वगंधा खाने से इंसुलिन स्राव और संवेदनशीलता बढ़ जाती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है।
करी पत्तें के सेवन से पाएं मधुमेह से मुक्ति
करी पत्ते का नियमित सेवन हाई ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए एक प्रभावी उपाय है। करी पत्ते कई एंटीऑक्सिडेंट, विशेष रूप से फ्लेवोनोइड्स से भरपूर होते हैं। ये फ्लेवोनोइड्स शरीर के अंदर ग्लूकोज़ में स्टार्च के मेटाबोलिज़्म को रोकते हैं और इस प्रकार ब्लड शुगर कंट्रोल में मदद करते हैं।
करी पत्ता फाइबर का भंडार होता है और दक्षिण भारतीय व्यंजनों में बहुत अधिक उपयोग किया जाता है। यह डायबिटीज़ के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। करी पत्ते फाइबर से भरपूर होते हैं और फाइबर पाचन की दर को कम करता है और इसलिए ब्लड शुगर को नियंत्रित रखते हुए यह तेजी से मेटाबोलाइज नहीं होता है। यह इंसुलिन गतिविधि को बढ़ाता है। इसलिए रोज सुबह कुछ करी पत्तों को जरूर चबाना चाहिए।
इन पत्तियों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण भी होते हैं। करी पत्ते स्वाभाविक रूप से इंसुलिन गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं, जो हाई ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, करी पत्ते के नियमित सेवन से उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावी ढंग से कम किया जा सकता है जो डायबिटीज़ के दुष्प्रभावों में से एक है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार करी पत्ते में एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण होते हैं जो चूहों में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित कर सकते हैं।
इंसुलिन जो अग्न्याशय द्वारा स्रावित होता है ब्लड में शुगर को तोड़ने में मदद करता है। । जब शरीर इंसुलिन स्रावित करना बंद कर देता है या चीनी को तोड़ने में असमर्थ होता है, तो इसके परिणामस्वरूप डायबिटीज़ होती है। करी पत्ता इंसुलिन का उपयोग करने में मदद करता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है।
फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ डायबिटिक लोगों के लिए फायदेमंद होते हैं और शरीर में शुगर के अवशोषण को धीमा करने में मदद कर सकते हैं, जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहते हैं। करी पत्ता फाइबर से भरपूर होता है इसलिए डायबिटीज़ में फायदा पहुंचाता है।
इन्हें आसानी से सब्जी, सलाद, सूप, स्टॉज में मिला कर खाया जा सकता है या चटनी या हर्बल चाय के रूप में सेवन किया जा सकता है।
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सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न – Frequently Asked Questions
क्या अश्वगंधा शुगर को ठीक करता है?
अश्वगंधा फास्टिंग व भोजन के बाद दोनों स्थितियों में इंसुलिन सेंसीटिविटी को बढ़ाने में मदद करता है। इससे शुगर लेवल हर स्थिति में कंट्रोल रहते हैं। इसके अलावा अश्वगंधा इंसुलिन के रीलीज़ होने में भी मदद करती है जिससे शुगर स्पाइक को रोकने में मदद मिलती है। यह इंसुलिन के लिए मांसपेशियों की कोशिकाओं की संवेदनशीलता को बढ़ाती है जिससे मसल सेल अच्छे से ग्लुकोज़ का उपयोग कर पाती हैं।
डायबिटीज़ रोगी को प्रतिदिन कितनी अश्वगंधा की पत्तियों का सेवन करना चाहिए?
इसकी खुराक या मात्रा स्वास्थ्य की स्थिति, उम्र और आयुर्वेदिक चिकित्सक या एक्सपर्ट द्वारा सुझाए गए अनुसार होनी चाहिए। यह आमतौर पर वयस्कों के लिए 3 ग्राम, दिन में 2 से 3 बार लिया जाता है। इसका सेवन गर्म दूध के साथ किया जा सकता है और इसे सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले लेना चाहिए।
क्या करी पत्ता डायबिटीज़ के लिए अच्छा है?
करी पत्ता हृदय रोग, संक्रमण और इंफ़्लेमेशन जैसी स्वास्थ्य स्थितियों को मेनेज करने के लिए जाना जाता है, लेकिन साथ ही यह डायबिटीज़ मेनेजमेंट में भी प्रभावी होता है। बीटा-कैरोटीन और विटामिन सी जैसे एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर, करी पत्ते में अधिकांश बीमारियों को दूर रखने की क्षमता होती है, विशेष रूप से टाइप -2 डायबिटीज़ और हृदय रोग।
एक दिन में नीम की कितनी पत्तियां ली जा सकती हैं?
प्रतिदिन 3-5 नीम की पत्तियों का सेवन करने से आपको डायबिटीज़ को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
नीम की पत्तियों के अधिक सेवन के क्या नुकसान हैं?
कुछ मामलों में, नीम के पत्तों के अधिक सेवन से आपके ब्लड शुगर लेवल बहुत कम हो सकते है। इसलिए, इनके सेवन के दौरान अपने शुगर लेवल को रेगुलर मॉनीटर करते रहें।
क्या आम के पत्ते डायबिटीज़ को ठीक कर सकते हैं?
आम के पत्ते डायबिटीज़ का इलाज नहीं कर सकते हैं लेकिन वे डायबिटीज़ मेनेजमेंट में मदद कर सकते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि आम के पत्ते ट्राइग्लिसराइड और ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकते हैं। इसके अलावा, मैंगिफेरिन जैसे फाइटोकेमिकल्स की उपस्थिति पत्तियों को एंटीडायबिटिक गुणों के साथ प्रदान करती है जैसे कि खाने के बाद के रक्त शर्करा के स्तर में कमी, ग्लूकोज सहिष्णुता में वृद्धि, लिपिड प्रोफाइल में सुधार, और अग्न्याशय की बीटा कोशिकाओं को कम नुकसान।
क्या मेथी के पत्ते ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकते हैं?
मेथी दाना पानी डायबिटीज़ वाले लोगों में ब्लड शुगर को कम करने की क्षमता रखता है। इसमें फाइबर होता है जो पाचन प्रक्रिया को धीमा करने में मदद करता है, और कार्बोहाइड्रेट और चीनी के अवशोषण को नियंत्रित करता है। मेथी का पानी आपके शरीर द्वारा चीनी का उपयोग करने के तरीके को बेहतर बनाने में भी मदद करता है|
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