Last updated on जनवरी 10th, 2024
एक कप चाय से दिन की शुरुआत करना सबको पसंद है, खासकर भारत में चाय दिनचर्या का एक अहम हिस्सा है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यह हमारे देश का पसंदीदा पेय है। चाय सिर्फ आपके आलस को ही दूर नहीं भगाती बल्कि कई स्वास्थ्य लाभ भी देती है।
लेकिन क्या शुगर में चाय पी सकते हैं (Sugar me Chai Pi Sakte Hai)? क्या चाय पीने से शुगर बढ़ता है? आइए इस ब्लॉग में जानते हैं डायबिटीज़ में चाय के नुकसान और फायदे। साथ-साथ इस पर भी बात करेंगें कि शुगर में चाय पीना चाहिए कि नहीं?
चाय क्या है? – What is Tea?
चाय एक ऐसा पेय है जो चाय के पौधे की पत्तियों को उबलते पानी में डालकर बनाया जाता है। चाय का वानस्पतिक नाम कैमेलिया साइनेंसिस है।
यह एक सदाबहार झाड़ी है जो कैमेलिया जीनस और थेएसी परिवार के अंतर्गत आती है। यह प्रजाति भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्वी एशिया की मूल निवासी है।
दूध वाली कड़क चाय हो, अदरक चाय, मसाला टी या इलायची की चाय, भारत में यह आपको हर कोने में मिल जाएगी। चाय के हर्बल रूप को भी काफ़ी उपयोग किया जाता है जिसके अलग-अलग हेल्थ बेनीफिट होते हैं।
चाय के कई प्रकार हैं जैसे ग्रीन टी, ब्लैक टी, ऊलोंग टी, केमओमाइल टी, रूईबॉस टी, जिंजर टी इत्यादि। जब बात आती है कि शुगर में चाय पीनी चाहिए या नहीं तो कुछ प्रकार की चाय हैं जो आपके शुगर लेवल को सही बनाए रख सकती हैं।
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चाय और डायबिटीज़– Tea & Diabetes in Hindi
डायबिटीज़ एक ऐसी अवस्था है जिसमें ब्लड में शुगर लेवल बढ़ जाता है। इसे रोकने के लिए व्यक्ति को अपने खान-पान पर बहुत ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
मरीजों को हाई-कैलोरी और हाई-शुगर पेय से बचने की ज़रूरत होती है जैसे कोल्ड ड्रिंक, जूस, सोडा, मीठे पेय आदि।
लेकिन क्या शुगर में चाय पीना चाहिए? जवाब है नहीं, लेकिन शुगर के मरीज बिना चीनी की चाय को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसके कई हेल्थ बेनीफिट होते हैं। इसके अलावा अलग-अलग प्रकार की चाय के अलग-अलग हेल्थ बेनीफिट होते हैं।
शुगर के मरीजों लिए चाय निम्नलिखित रूप से लाभकारी है:
- बिना चीनी की चाय एक कार्ब-फ्री (लो-कार्ब) पेय है जो आपके शुगर लेवल को प्रभावित नहीं करता।
- ब्लैक टी, ग्रीन टी और ओलोंग टी जैसी चाय में पॉलीफेनोल्स होते हैं जो इंसुलिन एक्टिविटी को बढ़ा सकते हैं।
- पॉलीफेनोल्स में एंटी-ऑक्सीडेटिव गुण पाए जाते हैं जो ईनफ्लेमेशन और कार्सिनोजेन्स से बचाने में मदद कर सकते हैं और टाइप 2 डायबिटीज़ और कैंसर से भी बचाते हैं।
- यह टाइप 2 डायबिटीज़ के विकास को रोकती है।
- चाय में प्रचुर मात्रा में कैफीन होता हैं जो टाइप 2 डायबिटीज़ पर लाभकारी एंटीडायबिटिक प्रभाव डालते हैं। इसमें एंटीऑक्सिडेंट प्रभाव वाले कम्पाउन्ड थिएफ्लेविन और थायरुबिगिन्स होते हैं जो डायबिटीज़ को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
- बिना चीनी वाली चाय पीने से आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद मिल सकती है। ब्लड शुगर मेनेज करने के लिए हाइड्रेटेड रहना जरूरी है।
- चाय इंसुलिन रेज़िस्टेंस में सुधार करती है।
- चाय की कुछ किस्मों में ऐसे प्लांट कम्पाउन्ड होते हैं जो नर्व डेमेज को रोकते हैं और शुगर लेवल को कम करते हैं जो शुगर के मरीजों के लिए के लिए चाय को फायदेमंद बनाते हैं।
- चाय में पाया जाने वाला थीनाइन कम्पाउन्ड तनाव (स्ट्रेस) को कम करने में मदद करता है जो शुगर लेवल को कंट्रोल रखता है।
चाय के फायदे – Chai Peene ke Fayde
चाय में मौजूद कुछ कम्पाउन्ड डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए फायदेमंद होते हैं। चाय के कई अन्य निम्नलिखित स्वास्थ्य लाभ है:
- इसमें पाया जाने वाला थीनाइन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखता है।
- इसमें एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो कई गंभीर बीमारियों जैसे हृदय संबंधित बीमारियाँ, डायबिटीज़, कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं।
- यह ब्लड क्लोटिंग को रोकती है।
- कैंसर के विकास के रिस्क को कम करती है।
- ग्रीन टी वज़न कम करने में मदद करती है।
- स्ट्रेस कम करने में मदद करती है।
- एनर्जी देती है और आलस दूर करती है।
- बिना चीनी की चाय हाईड्रेटेड रखती है जो पूरे शरीर की स्वस्थ कार्यप्रणाली के लिए ज़रूरी है।
डायबिटीज़ के मरीजों के लिए सबसे अच्छी चाय – Best Tea for Diabetics in Hindi
कई शोध के अनुसार कुछ प्रकार की चाय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होने के साथ यह ब्लड शुगर लेवल को कम करती हैं और इंसुलिन सेंसटिविटी को बढ़ाती हैं। यह मधुमेह के मरीजों के लिए फायदेमंद होती है।
चाय के कुछ हेल्दी विकल्प हैं:
1. ग्रीन टी – Green Tea in Hindi
यह सबसे ज़्यादा लोकप्रिय चाय में से एक है। ज्यादातर लोग इसे सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए पीते हैं। ग्रीन टी वज़न कम करने के लिए काफ़ी प्रभावी होती है। एक कप ग्रीन टी में 28mg कैफीन होता है। ग्रीन टी और ग्रीन टी का अर्क शुगर लेवल को कम करने में मदद करने के साथ टाइप 2 डायबिटीज़ और मोटापे को रोकने में मदद कर सकती है।
मोटापा टाइप 2 डायबिटीज़ के रिस्क को बढ़ाता है इसलिए ग्रीन टी पीना टाइप 2 डायबिटीज़ के रिस्क को कम करता है। इसके अलावा इसमें एपिगैलोकैटेचिन गैलेट (ईजीसीजी) नामक एक शक्तिशाली यौगिक होता है जो मसल्स कोशिकाओं में ग्लुकोज़ के अवशोषण को बढ़ाता है जिससे मोटापे का इलाज करने में सहायता मिलती है।
एक कप ग्रीन टी में 0 कार्बोहाइड्रेट, 0 ग्राम चीनी या फैट और मात्र 2.4 कैलोरी होती है जो किसी भी तरह शुगर लेवल को प्रभावित नहीं करती।
2. ब्लैक टी – Black Tea in Hindi
वैसे तो ब्लैक टी ग्रीन टी प्लांट से ही आती है बस इसे प्रोसेस करने का तरीका अलग होता है। इसमें कई एंटीडायबिटिक गुण पाए जाते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार ब्लैक टी इंसुलिन रेज़िस्टेंस में सुधार करती है और इंसुलिन की तरह काम करती है।
इसके अलावा यह इंफ़्लेमेशन को भी कम करती है। इसी के साथ स्वस्थ व शुगर के मरीज दोनों लोगों में खाने के बाद ब्लैक टी पीने से शुगर लेवल में काफ़ी कमी देखी जाती है।
3. अदरक की चाय – Ginger Tea in Hindi
अदरक शरीर में ग्लाइसेमिक नियंत्रण को प्रभावित करता है जो कार्बोहाइड्रेट मेटाबोलिज़्म प्रोसेस में शामिल एंजाइमों को रोककर इंसुलिन सेंसटिविटी को बढ़ाता है।
इस प्रकार यह तीखी अदरक की चाय टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीजों में शुगर लेवल व HbA1C को कम करने में मदद करती है।
4. पुदीना चाय – Peppermint Tea in Hindi
पुदीना आपको ठंडक देता है जो आपके दिमाग को शांत करता है। मधुमेह के मरीजों में स्ट्रेस शुगर लेवल को बहुत ज़्यादा प्रभावित करता है। पुदीने की ठंडक की वजह से A1C के साथ शुगर लेवल में सुधार होता है।
5. केमोमाइल टी – Chamomile Tea in Hindi
यह बेहतर नींद के लिए लाभकारी होती है। कम नींद आपके इंसुलिन उत्पादन और एक्टिविटी को कम करती है जिससे शुगर लेवल बढ़ सकता है। केमोमाइल टी ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करती है।
एक अध्ययन के अनुसार 8 हफ्ते तक दिन में 3 बार इस चाय को पीने से ग्लाइसेमीक कंट्रोल और एंटीऑक्सीडेंट लेवल में सुधार देखा गया। इस चाय से आपको नींद अच्छी आती है और साथ ही डिप्रेशन के लक्षणों में कमी आती है।
6. दालचीनी की चाय – Cinnamon Tea in Hindi
दालचीनी शुगर के मरीजों में शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए काफ़ी उपयोगी मानी जाती है। इसे नेचुरल स्वीटनर की तरह भी उपयोग किया जाता है। दालचीनी की चाय ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद कर सकती है।
7. हिबिस्कस टी – Hibiscus Tea in Hindi
हिबिस्कस चाय इंसुलिन रेज़िस्टेंस को कम करने में मदद कर सकती है। शुगर के मरीजों में से लगभग दो-तिहाई लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी होती है ऐसे में एक अध्ययन के अनुसार काली चाय की तुलना में एक महीने के लिए दिन में दो बार हिबिस्कस चाय पीने से शुगर के मरीजों में सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर में कमी देखी गई।
8. लेमन टी – Lemon Tea in Hindi
लेमन या नींबू में विटामिन सी होता है जो एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट होता है। इसके अलावा यह इम्यूनिटी व पाचन तंत्र दोनों के लिए फायदेमंद होता है। यह सभी गुण मिलकर शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने व ग्लाइसेमीक कंट्रोल को बढ़ाने में मदद करता हैं। यह मधुमेह से जुड़ी समस्याओं, हृदय संबंधी बीमारियों के रिस्क को कम करती है।
9. रूईबॉस टी – Rooibos Tea in Hindi
इसे साउथ अफ्रीका में उगाया जाता है। इसमें कई एंटी-डायबिटिक प्रॉपर्टी होती है। रूइबोस वसा(फैट) कोशिका निर्माण को रोकने में मदद कर सकता है जो मोटापे से बचाता है। मोटापा टाइप 2 डायबिटीज़ के विकास का प्रमुख कारण है। इसके अतिरिक्त इसमें एक कम्पाउन्ड एसपेथेलिन पाया जाता है जिसमें ग्लुकोज़ लोवरिंग प्रॉपर्टीज़ होती है।
10. हल्दी की चाय – Turmeric Tea in Hindi
हल्दी में कई एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइनफ्लेमेट्री गुण होते हैं जो कई हेल्थ बेनीफिट देती है। इसमें पाए जाने वाले कम्पाउन्ड कुरकुमिन में ब्लड शुगर कम करने वाले गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा कुरकुमिन इंसुलिन सेंसटिविटी में सुधार करता है और ऊतकों(टिश्यू) में ग्लुकोज़ अपटेक को बढ़ाता है। यह ब्लड लिपिड लेवल्स को भी कम करता है।
विशेष: हर नुक्कड़ पर मिलने वाली दूध की चाय एक स्वस्थ विकल्प नहीं है। यह शुगर में चाय के नुकसान को बढ़ा सकती है। इसमें मौजूद दूध में हाई कैलोरी और हाई कार्ब होता है जो शुगर के मरीजों में शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। साथ ही इसमें मिलाई जाने वाली चीनी आपके शुगर कंट्रोल पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इसलिए शुगर के मरीजों के लिए बिना दूध वाली व हर्बल चाय सबसे बेहतरीन विकल्प है जिससे कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं और शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है।
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चाय के साइड इफ़ेक्ट्स – Chai Peene ke Nuksan
- चाय या हर्बल चाय को बिना चीनी के पीना चाहिए इससे लाभ होता है लेकिन उसमें चीनी या शहद मिलाने से बचें। मीठी या दूध वाली चाय आपके शुगर लेवल को बढ़ा सकती है।
- किसी भी तरह की पैक्ड टी पीने से बचें। इसमें एडेड शुगर और प्रीज़रवेटिव हो सकते हैं।
- कई प्रकार की हर्बल चाय शुगर की कुछ दवाओं के साथ रिएक्शन कर सकती है इसलिए पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
- भारत में अधिकतर दूध वाली चाय पी जाती है जो आपके शुगर लेवल को प्रभावित करने के साथ एसिडिटी की समस्या पैदा कर सकती है इसलिए बिना दूध और चीनी की चाय सुरक्षित होती है।
निष्कर्ष
बिना चीनी और दूध की चाय में बहुत सारे एंटी डायबिटिक, एंटी-इनफ्लेमेट्री गुण होने के साथ कई प्लांट कम्पाउन्ड और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो आपकी डायबिटीज़ को कंट्रोल में रखने के साथ ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है, दिल की बीमारियों के रिस्क को कम करता है व ब्लड क्लाट को रोकता है।
चाय और हर्बल इन्फ्यूजन लोकप्रिय पेय पदार्थ हैं जो संभावित रूप से टाइप 2 डायबिटीज़ वाले लोगों को लाभ पहुंचा सकते हैं। सभी प्रकार की चाय जैसे ग्रीन टी, ब्लैक टी, कैमोमाइल, हल्दी, लेमन, दालचीनी, हिबिस्कस, पुदीना, रूईबॉस आदि टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीजों के लिए लाभकारी प्रभाव डाल सकती हैं जिनमें कई एंटीडायबिटिक प्रभाव वाले यौगिक भी होते हैं।
टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीजों को अपनी चाय या हर्बल चाय को चीनी या शहद से मीठा करने से बचना चाहिए। इसके अलावा किसी हर्बल चाय को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर परामर्श करें कि इसमें मौजूद कोई कम्पाउन्ड आपकी दावा के साथ रिएक्ट ना करता हो।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
हर्बल टी में कई प्रकार के प्लांट कम्पाउन्ड होते हैं जिनमें से कुछ शुगर की दवाओं के साथ रिएक्शन कर सकते हैं। इसलिए किसी भी हर्बल चाय को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से पहले डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें
बिना चीनी की और हर्बल चाय पीने से शुगर के मरीज कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। क्या शुगर में चाय पीना चाहिए या नहीं इस सवाल के जवाब में शुगर के मरीज अपनी दैनिक डाइट में ग्रीन टी, ब्लैक टी, अदरक की चाय, केमोमाइल टी, हिबिस्कस टी, पुदीना चाय, रूईबॉस टी, दालचीनी चाय, हल्दी की चाय, लेमन टी इत्यादि को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
हममें से ज़्यादातर लोग अपने दिन की शुरुआत दूध वाली चाय से करते है जो अनहेल्दी है। दूध वाली चाय से ब्लोटिंग, एसिडिटी, कब्ज़, डीहाइड्रेशन, नींद की कमी, असामान्य ब्लड प्रेशर, सरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए हर्बल चाय एक बेहतर विकल्प है
चाय में उपयोग किये जाने वाले दूध में कुछ IGF मॉलिक्यूल्स होते हैं जो शुगर बढ़ाते हैं। इसके अलावा दूध वाली चाय में काफ़ी कैलोरी और कार्ब होते हैं जो आपके शुगर लेवल के लिए सही नहीं है। उसके बाद अगर आप इसमें और शुगर मिलाते हैं तो यह मधुमेह के मरीजों में शुगर लेवल बढ़ा देती है। इसलिए डायबिटीज में चाय के नुकसान हो सकते हैं तो आपको दूध वाली चाय से बचना चाहिए।
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